पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 209 करोड़ रुपये का चंदा भाजपा को मिला है, वहीं कांग्रेस को इससे महज़ दो करोड़ प्राप्त हुए. यह ट्रस्ट भारत के सबसे बड़े और धनी इलेक्टोरल ट्रस्टों में से एक है, जो 2013-14 से ही भाजपा के सबसे बड़े चंदा देने वालों में से एक है.
नई दिल्ली: पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट द्वारा राजनीतिक दलों को दिए गए कुल चंदे में से 85 फीसदी हिस्सा भाजपा को मिला है. जबकि इस ट्रस्ट द्वारा कांग्रेस को मिलने वाले चंदे में वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में 93 फीसदी की गिरावट आई है.
चुनाव आयोग को सौंपे गए अनुदान विवरण के मुताबिक, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट द्वारा वित्त वर्ष 2020-21 में 245.7 करोड़ रुपये का चंदा दिया गया था, जिसमें से 209 करोड़ रुपये भाजपा को मिला है. वहीं कांग्रेस को इसमें से महज दो करोड़ प्राप्त हुए, जो कि ट्रस्ट के कुल चंदे का 0.81 फीसदी है.
इससे पहले वित्त वर्ष 2019-20 में इस ट्रस्ट से कांग्रेस को 31 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे, जबकि इस दौरान भाजपा को ट्रस्ट 203 करोड़ रुपये का चंदा मिला था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019-20 में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने कुल मिलाकर 271 करोड़ रुपये का अनुदान दिया था. इस तरह पिछले वित्त वर्ष में ट्रस्ट द्वारा दिए गए अनुदान में नौ फीसदी की गिरावट आई है.
कांग्रेस की तरह ही आम आदमी पार्टी को भी इस ट्रस्ट से मिलने वाले चंदे में काफी गिरावट आई है. वित्त वर्ष 2019-20 में आप को इससे 11.2 करोड़ रुपये का चंदा मिला था, लेकिन 2020-21 में ये 84 फीसदी से अधिक घटकर 1.7 करोड़ रुपये हो गया.
प्रूडेंट ट्रस्ट सबसे धनी इलेक्टोरल ट्रस्ट है और यह 2013-14 से ही भाजपा के सबसे बड़े चंदा देने वालों में से एक है.
वित्त वर्ष 2020-21 के अनुदान रिपोर्ट के अनुसार, जनता दल (यूनाइटेड) को ट्रस्ट से 25 करोड़ रुपये मिले थे, जो कि भाजपा के बाद दूसरा सबसे बड़ा लाभार्थी रहा है.
इसके अलावा इस ट्रस्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को पांच करोड़ रुपये और राष्ट्रीय जनता दल को दो करोड़ रुपये का चंदा दिया था.
Out of 245.72 crore Prudent Electoral Trust got from 19 entities in FY 2021, 209 crore went to BJP, 2 crore to Congress and 34 crore to other regional parties.
100 crore came from Coimbatore based Future Gaming and Hotel Services, (Martin) ahead of assembly elections in TN. pic.twitter.com/O0UgSTfnNs
— Arvind Gunasekar (@arvindgunasekar) December 4, 2021
दिलचस्प बात यह है कि इसने इस वित्तीय वर्ष (2020-21) में शिवसेना, अकाली दल, समाजवादी पार्टी और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को कोई चंदा नहीं दिया, जबकि इन पार्टियों को इससे पिछले साल चंदा मिला था.
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट भारत के सबसे बड़े इलेक्टोरल ट्रस्टों में से एक है, जिसमें इलेक्टोरल ट्रस्टों को दिए जाने वाले सभी कॉरपोरेट चंदे का 90 प्रतिशत से अधिक राशि इसकी झोली में जाता है.
इसके प्रमुख अनुदानकर्ताओं में फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज, इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड, भारती एयरटेल, भारती इंफ्राटेल और फिलिप्स कार्बन ब्लैक शामिल हैं.
इसने फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज से 100 करोड़ रुपये, हल्दिया एनर्जी इंडिया लिमिटेड से 25 करोड़ रुपये, मेघा इंजीनियरिंग से 22 करोड़ रुपये, भारती एयरटेल से 15 करोड़ रुपये, भारती इंफ्राटेल से 10 करोड़ रुपये और फिलिप्स कार्बन ब्लैक और और टोरेंट समूह की कंपनियां से 20 करोड़ रुपये जुटाए थे.
पिछले पांच वर्षों में ट्रस्ट द्वारा दिए गए अनुदान के विश्लेषण से पता चलता है कि राजनीतिक दलों में भाजपा को सबसे अधिक अनुदान मिला है, जबकि कांग्रेस के हिस्से में काफी गिरावट आई है.
वित्त वर्ष 2018-19 में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने कुल 182 करोड़ रुपये का चंदा दिया था, जिसमें से भाजपा को 52 करोड़ और कांग्रेस को 39 करोड़ रुपये मिले थे.
इसी तरह वर्ष 2017-18 में ट्रस्ट ने कुल 169 करोड़ रुपये का चंदा दिया था, जिसमें से भाजपा को 144 करोड़ रुपये और कांग्रेस को मजह 10 करोड़ रुपये मिले थे.
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने वित्त वर्ष 2016-17 में 283 करोड़ रुपये का अनुदान दिया था, जिसमें से भाजपा को 252 करोड़ रुपये और कांग्रेस को सिर्फ 14 करोड़ रुपये मिले थे.