पेप्सिको इंडिया को आलू की एक किस्म पर मिला पेटेंट अधिकार निरस्त

पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकारों के संरक्षण प्राधिकरण ने पेप्सिको इंक के लोकप्रिय आलू चिप्स उत्पाद लेज़ के लिए विशेष तौर से उगाई जाने वाली आलू की एक किस्म के पेटेंट को रद्द करने का आदेश जारी किया है. 2019 में पेप्सिको ने गुजरात के कुछ किसानों पर आलू की किस्म ‘एफसी5’ की खेती करने के लिए मुक़दमा दायर किया था, जिस पर विवाद होने के बाद कंपनी ने वापस ले लिया था.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकारों के संरक्षण प्राधिकरण ने पेप्सिको इंक के लोकप्रिय आलू चिप्स उत्पाद लेज़ के लिए विशेष तौर से उगाई जाने वाली आलू की एक किस्म के पेटेंट को रद्द करने का आदेश जारी किया है. 2019 में पेप्सिको ने गुजरात के कुछ किसानों पर आलू की किस्म ‘एफसी5’ की खेती करने के लिए मुक़दमा दायर किया था, जिस पर विवाद होने के बाद कंपनी ने वापस ले लिया था.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकारों के संरक्षण (पीपीवीएफआर) प्राधिकरण द्वारा बीते तीन दिसंबर को जारी एक आदेश के अनुसार, भारत ने पेप्सिको इंक (PepsiCo Inc) के लोकप्रिय आलू चिप्स उत्पाद लेज़ (Lay’s) के लिए विशेष तौर से उगाई जाने वाली आलू की एक किस्म के पेटेंट को रद्द कर दिया है.

पेप्सिको इंडिया को आलू की किस्म ‘एफसी5’ (FC5) के लिए पेटेंट अधिकार मिले थे. पेप्सोको इंडिया ने इस फैसले पर कहा कि वह पीपीवीएफआर प्राधिकरण द्वारा पारित आदेश की समीक्षा कर रही है.

पीपीवीएफआर एक सांविधिक निकाय है, जिसकी स्थापना पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकार अधिनियम, 2001 के तहत की गई है.

प्राधिकरण का यह निर्णय दरअसल कृषि कार्यकर्ता कविता कुरुगांति द्वारा दायर की गई याचिका पर आया है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि पेप्सिको इंडिया को गलत जानकारी के आधार पर पंजीकरण प्रमाण पत्र दिया गया था.

कृषि कार्यकर्ता कविता ने यह भी कहा था कि पेप्सिको इंडिया को आलू की किस्म पर दिया गया बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर- पेटेंट ) पंजीकरण के लिए निर्धारित प्रावधानों के अनुसार नहीं था और जनहित के खिलाफ था.

पीपीवीएफआर ने भी कृषि कार्यकर्ता की याचिका पर सहमति जताई और कहा कि पंजीकरण आवेदक द्वारा दी गई ‘गलत जानकारी’ पर आधारित था.

प्राधिकरण ने अपने 79 पृष्ठ के फैसले में कहा, ‘एफसी5 वाले आलू की किस्म के संबंध में पेप्सिको के पक्ष में रजिस्ट्रार द्वारा एक फरवरी 2016 को दिया गया पंजीकरण प्रमाण पत्र तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है.’

अपने निर्णय में प्राधिकरण ने रजिस्ट्रार के प्रमाण पत्र जारी करने पर हैरानी जताई है.

मालूम हो कि 2019 में पेप्सिको ने गुजरात में स्थित कुछ भारतीय किसानों पर आलू की किस्म एफसी5 की खेती करने के लिए मुकदमा दायर किया था, जिसमें आलू के चिप्स जैसे स्नैक्स बनाने के लिए नमी की मात्रा कम होती है.

उसी वर्ष मुकदमों को वापस लेते हुए न्यूयॉर्क स्थित कंपनी ने कहा था कि वह इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाना चाहती है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पेप्सिको ने कहा है कि उसने आलू की एफसी5 किस्म विकसित की है और 2016 में इस विशेषता को पंजीकृत (पेटेंट) कराया था.

कंपनी, जिसने 1989 में भारत में अपना पहला आलू चिप्स संयंत्र स्थापित किया, किसानों के एक समूह को एफसी5 बीज किस्म की आपूर्ति करती है, जो बदले में कंपनी को एक निश्चित मूल्य पर अपनी उपज बेचते हैं.

पीपीवीएफआर प्राधिकरण के फैसले की सराहना करते हुए गुजरात के आलू किसानों ने इसे उत्पादकों की जीत बताया है.

2019 में पेप्सिको के द्वारा दायर किए गए मुकदमे का सामने करने वाले गुजरात के किसानों में से एक बिपिन पटेल ने कहा, ‘आदेश भारत के किसानों के लिए एक बड़ी जीत है और किसी भी फसल की खेती करने के उनके अधिकार की पुष्टि करता है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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