त्रिपुराः सुप्रीम कोर्ट ने एचडब्ल्यू न्यूज़, दो पत्रकारों के ख़िलाफ़ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाई

त्रिपुरा में हुई हिंसा के संबंध में मस्जिदों पर हमले और तोड़फोड़ के मामलों को कवर कर रहीं एचडब्ल्यू न्यूज़ नेटवर्क की इन दो महिला पत्रकारों के ख़िलाफ़ एक स्थानीय विहिप नेता की शिकायत पर 14 नवंबर को एफ़आईआर दर्ज की गई थी. शिकायत में दावा किया गया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों से मिलने के दौरान पत्रकारों ने हिंदू समुदाय और त्रिपुरा सरकार के ख़िलाफ़ भड़काऊ बातें कही थीं.

//
पत्रकार स्वर्णा झा और समृद्धि सकुनिया (फोटो साभारः ट्विटर)

त्रिपुरा में हुई हिंसा के संबंध में मस्जिदों पर हमले और तोड़फोड़ के मामलों को कवर कर रहीं एचडब्ल्यू न्यूज़ नेटवर्क की इन दो महिला पत्रकारों के ख़िलाफ़ एक स्थानीय विहिप नेता की शिकायत पर 14 नवंबर को एफ़आईआर दर्ज की गई थी. शिकायत में दावा किया गया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों से मिलने के दौरान पत्रकारों ने हिंदू समुदाय और त्रिपुरा सरकार के ख़िलाफ़ भड़काऊ बातें कही थीं.

पत्रकार स्वर्णा झा और समृद्धि सकुनिया (फोटो साभारः ट्विटर)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एचडब्ल्यू न्यूज नेटवर्क और इसकी दो पत्रकारों समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा के खिलाफ सभी आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है.

सकुनिया और झा पर राज्य में सांप्रदायिक हिंसा की रिपोर्टिंग को लेकर त्रिपुरा पुलिस ने दुश्मनी और आपराधिक साजिश को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पीठ ने पत्रकारों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए उनकी याचिका पर राज्य सरकार से बुधवार को जवाब मांगा.

सकुनिया और झा को 14 नवंबर को त्रिपुरा पुलिस ने असम से गिरफ्तार किया था. इसके एक दिन बाद असम की स्थानीय अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी.

बता दें कि दोनों पत्रकार राज्य में हिंसा के संबंध में मस्जिदों पर हमले और तोड़फोड़ के मामलों की रिपोर्टिंग कर रहे थे.

उनके खिलाफ यह एफआईआर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के स्थानीय नेता कंचन दास की शिकायत पर 14 नवंबर को दर्ज की गई थी.
रिपोर्ट में आपराधिक साजिश, शांतिभंग करने की मंशा से जानबूझकर अपमान करना और विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने संबंधी आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

रिपोर्टों के मुताबिक, दास की शिकायत में दावा किया गया है कि दोनों रिपोर्टर ने पॉल बाजार इलाके में मुस्लिम समुदायर के लोगों से मुलाकात के दौरान हिंदू समुदाय और त्रिपुरा पुलिस के खिलाफ कथित तौर पर भड़काऊ बयान दिया था.

शिकायत में यह भी कहा गया है कि दोनों ने इसी इलाके में मस्जिद जलाने के लिए विहिप और बजरंग दल को जिम्मेदार ठहराया है.

दास ने यह भी कहा कि ये पत्रकार त्रिपुरा में सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने और विहिप एवं त्रिपुरा सरकार को बदनाम करने के लिए आपराधिक साजिश रचने का हिस्सा थे.

एचडब्ल्यू न्यूज नेटवर्क और इसके पत्रकारों के खिलाफ केस को सांप्रदायिक हिंसा को लेकर जानकारी पर नकेल कसने के त्रिपुरा सरकार और पुलिस के व्यापक प्रयासों के हिस्से के तौर पर गया था.

देशभर के कई मीडिया संगठनों ने सकुनिया और झा के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए त्रिपुरा सरकार से निर्बाध रूप से रिपोर्टिंग करने देने को कहा.

पुलिस ने उन कार्यकर्ताओं और वकीलों के खिलाफ भी कार्रवाई की है, जिन्होंने राज्य की मस्जिदों में कथित तोड़फोड़ को लेकर रिपोर्टें प्रकाशित की हैं.

पुलिस ने त्रिपुरा में हिंसा को लेकर जानकारी पोस्ट करने के लिए दो वकीलों औऱ 102 ट्विटर यूजर्स के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के खिलाफ आरोप दायर किए गए.

ये दोनों वकील उस फैक्ट फाइंडिंग टीम का हिस्सा थे, जिन्होंने त्रिपुरा में हिंसा को लेकर रिपोर्ट तैयार की.

अंसार इंदौरी नेशनल कन्फेडेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स के सचिव हैं जबकि मुकेश यूनियन फॉर सिविल लिबर्टिज के लिए काम करते हैं.

दोनों वकीलों पर आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 153ए (विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देना), 153बी (राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने से संबंधित), 469 (सम्मान को चोट पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (किसी दस्तावेज या अभिलेख के फर्जी होने की बात जानते हुए भी उसे असल के रूप में उपयोग में लाना), 503 (आपराधिक रूप से धमकाना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) के तहत आरोप लगाए गए हैं.

ये अधिवक्ता चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम का हिस्सा थे, जिन्होंने राज्य में मुस्लिम विरोधी हिंसा की रिपोर्टों के बाद क्षेत्र में तनाव के माहौल का दस्तावेजीकरण करने के लिए 29-30 अक्टूबर को राज्य का दौरा किया था.

‘ह्यूमैनिटी अंडर अटैक इन त्रिपुराः मुस्लिम लाइव्ज मैटर’ नाम की रिपोर्ट में कम से कम 12 मस्जिदों, मुस्लिम परिवारों की नौ दुकानें और तीन घरों में तोड़फोड़ के ब्योरे को शामिल किया गया है.

बता दें कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर त्रिपुरा में 51 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq