उत्तर प्रदेश में अयोध्या ज़िले की गोसाईगंज सीट से भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी के ख़िलाफ़ 1992 में अयोध्या के साकेत डिग्री कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य यदुवंश राम त्रिपाठी ने फ़र्ज़ी मार्कशीट जमा कर प्रवेश लेने के संबंध में मामला दर्ज कराया था. बीते अक्टूबर महीने में तक़रीबन 29 साल बाद फैसला सुनाते हुए अदालत ने उन्हें धोखाधड़ी को लेकर कारावास और जुर्माने की सज़ा सुनाई थी.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की गोसाईगंज सीट से भाजपा विधायक इंद्र प्रताप उर्फ खब्बू तिवारी को कॉलेज में दाखिले के लिए फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल करने के एक मामले में कारावास और जुर्माने की सजा सुनाए जाने के बाद सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया है.
बीते अक्टूबर माह में भाजपा विधायक तिवारी को 29 साल पुराने एक मामले में दोषी ठहराया गया था और अब उन्हें अयोग्य घोषित किया गया है. उनकी अयोग्यता उनके पांच साल के कार्यकाल के समाप्त होने से कुछ महीने पहले आई है.
अयोध्या की सांसद/विधायक अदालत की विशेष न्यायाधीश पूजा सिंह ने बीते 18 अक्टूबर को फैसला सुनाया, जिसके बाद तिवारी को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया.
उत्तर प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने सात दिसंबर को जारी अधिसूचना में बताया कि गोसाईगंज सीट से भाजपा विधायक इंद्र प्रताप को भारतीय दंड विधान की धारा 420 (बेईमानी), 468 (कूटरचित दस्तावेज़ों को छल करने के लिए इस्तेमाल करना) और 471 (कपट) के तहत दर्ज मुकदमे में 18 अक्टूबर को फैजाबाद की अपर सत्र अदालत ने क्रमश: तीन वर्ष के कारावास और छह हजार रुपये जुर्माने, पांच साल की सजा और आठ हजार रुपये अर्थदंड तथा दो वर्ष के कारावास और पांच हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.
उन्होंने बताया कि सजा सुनाए जाने की वजह से उच्चतम न्यायालय के 10 जुलाई 2013 के निर्णय के अनुसार, विधायक इंद्र प्रताप उर्फ खब्बू तिवारी 18 अक्टूबर 2021 से विधानसभा सदन की सदस्यता से अयोग्य माने जाएंगे. इस तरह अब उनकी विधानसभा सीट उसी तारीख से रिक्त हो गई है.
भाजपा विधायक खब्बू तिवारी के खिलाफ 1992 में अयोध्या के साकेत डिग्री कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य यदुवंश राम त्रिपाठी ने राम जन्मभूमि थाने में मामला दर्ज कराया था.
प्राथमिकी के अनुसार, स्नातक के दूसरे वर्ष में अनुत्तीर्ण हुए तिवारी ने 1990 में फर्जी मार्कशीट जमा कर अगली कक्षा में प्रवेश लिया था. इस मामले में 13 साल बाद आरोप-पत्र दाखिल किया गया था.
इस दौरान कई मूल दस्तावेज रिकॉर्ड से गायब हो गए और सुनवाई के दौरान वादी यदुवंश राम त्रिपाठी की भी मौत हो गई थी. साकेत कॉलेज के तत्कालीन डीन महेंद्र कुमार अग्रवाल और अन्य गवाहों ने तिवारी के खिलाफ गवाही दी थी.
प्रोफेसर यदुवंश राम त्रिपाठी ने 18 फरवरी, 1992 को भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू, फूलचंद यादव और कृपा निधान तिवारी के खिलाफ फर्जी मार्कशीट के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश लेने की एफआईआर दर्ज करवाई थी.
सभी लोगों के खिलाफ धारा 419, 420 समेत आईपीसी की अन्य धाराओं में आरोप-पत्र अदालत में प्रस्तुत किया गया था. निचली अदालत ने साल 2018 में मामले को सुनवाई के लिए सेशन कोर्ट को सौंप दिया था.
एफआईआर में आरोप लगाया था कि इंद्र प्रताप तिवारी ने 1990 में बीएससी प्रथम वर्ष की मार्कशीट में फर्जीवाड़ा करके बीएससी द्वितीय वर्ष में प्रवेश लिया. फूलचंद यादव (पूर्व अध्यक्ष साकेत महाविद्यालय) ने 1986 में बीएससी प्रथम वर्ष की मार्कशीट में फर्जीवाड़ा करके बीएससी द्वितीय वर्ष में प्रवेश लिया. वहीं कृपा निधान तिवारी (संरक्षक चाणक्य परिषद) ने 1989 में बीए तृतीय वर्ष की मार्कशीट में फर्जीवाड़ा करके एलएलबी में प्रवेश लिया था.
इंद्र प्रताप तिवारी की बाहुबली विधायक एवं ब्राह्मण नेता के रूप में प्रदेश भर में पहचान है. इंद्र प्रताप तिवारी सपा व बसपा से भी विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)