सपा नेताओं के यहां आयकर विभाग की छापेमारी से संबंधित एक कथित वीडियो सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने यह स्पष्टीकरण दिया है. इस वीडियो में वह कहते सुने जा सकते हैं कि छापेमारी करनी थी तो छह महीने पहले हो जानी चाहिए थी. वे एक दिन में अपराधी नहीं बन गए होंगे. पहले कहां थे अधिकारी? इससे उनके लोगों में गु़स्सा पैदा होगा और वे सरकार के ख़िलाफ़ वोट करेंगे.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने बीते रविवार को कहा कि वह सपा नेताओं के खिलाफ आयकर विभाग की तलाशी का समर्थन करते हैं, लेकिन उनका मानना है कि यह कार्रवाई पहले की जा सकती थी.
निषाद ने यह बात तब कही जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उनके दो कथित वीडियो चलाए और आरोप लगाया कि उन्हें ‘दिल्ली से फोन आने के बाद’ अपना रुख बदलना पड़ा. बीते 18 दिसंबर का सपा के कुछ पदाधिकारियों के यहां आयकर विभाग ने छापेमारी की थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले से जुड़े एक वीडियो में निषाद द्वारा आयकर छापों पर सवाल उठाते हुए और यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘यह (समय) निश्चित रूप से सही नहीं है. छापेमारी करनी थी तो छह महीने पहले हो जानी चाहिए थी. वे एक दिन में अपराधी नहीं बन गए होंगे. अगर किसी के पास काला धन होता तो वह सालों पुराना होता है. पहले कहां थे अधिकारी? इससे उनके लोगों में गुस्सा पैदा होगा और वे सरकार के खिलाफ वोट करेंगे.’
I support the I-T raids that were held against some people today. We support the government for taking such an action against corrupt people. Atrocities were meted out to Nishads under the same people: Sanjay Nishad, President, Nishad Party https://t.co/219qfLSLhx pic.twitter.com/11waZgFg2e
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 18, 2021
दूसरे कथित वीडियो में निषाद नजर आ रहे हैं, ‘मैं आज की गई छापेमारी का समर्थन करता हूं. ऐसे भ्रष्ट लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए. ये वही लोग हैं, जो निषाद समुदाय पर अत्याचार करते हैं. हम की गई कार्रवाई पर सरकार का समर्थन करते हैं. एक चैनल ने मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया था.’
इन वीडियो के सामने आने के बाद इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए निषाद ने कहा, ‘मैंने कहा था कि मैं समर्थन में हूं और इसका विरोध भी करता हूं. अगर कोई अपराधी है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. मुझे लगता है कि कुछ अधिकारी गलत हैं, उन्हें पहले ये सब करना चाहिए था. मेरी भाषा थोड़ी अलग थी. मैंने टाइमिंग पर सवाल उठाया था. मैं वही कह रहा था.’
मालूम हो कि बीते 18 दिसंबर को लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी सहयोगी जैनेंद्र यादव और आरसीएल समूह के प्रमोटर मनोज यादव के आवासों की आयकर विभाग ने तलाशी ली थी. विभाग ने सपा के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय के आवास पर भी छापेमारी की थी.
आयकर विभाग की इस छापेमारी पर अखिलेश यादव ने बीते 18 दिसंबर को ट्वीट कर कहा था, ‘भाजपा का हार का डर जितना बढ़ता जाएगा. विपक्षियों पर छापों का दौर भी उतना बढ़ता जाएगा. फिर भी सपा का रथ और हर कार्यक्रम बदस्तूर चलता जाएगा. अब तो जनता पूरी तरह भाजपा के खिलाफ विपक्ष के साथ खड़ी है. अब क्या 2022 के लिए भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता के यहां छापे डालेगी.’