कांग्रेस ने अयोध्या में भाजपा नेताओं पर ‘ज़मीन की लूट’ का आरोप लगाया, योगी ने जांच के आदेश दिए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के आसपास  कुछ नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ज़मीन की कथित तौर पर ख़रीद करने के मामले में जांच का आदेश दिया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के कई नेताओं तथा उत्तर प्रदेश शासन के कुछ अधिकारियों ने ज़मीनों को औने-पौने दाम पर ख़रीदा है.

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अयोध्या में स्थापित श्रीराम की एक प्रतिमा. (प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के आसपास  कुछ नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ज़मीन की कथित तौर पर ख़रीद करने के मामले में जांच का आदेश दिया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के कई नेताओं तथा उत्तर प्रदेश शासन के कुछ अधिकारियों ने ज़मीनों को औने-पौने दाम पर ख़रीदा है.

(फोटो: पीटीआई)

लखनऊ/नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के आसपास की जमीन की कथित तौर पर खरीद करने के मामले में जांच का आदेश दिया है. राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार रात यह जानकारी दी.

इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के कई नेताओं तथा उत्तर प्रदेश शासन के कुछ अधिकारियों ने राम मंदिर के आसपास की जमीनों को औने-पौने दाम पर खरीदा है तथा जमीन की यह ‘लूट’ साल 2019 में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद की गई है.

इस मामले पर लखनऊ में अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने बताया, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व विभाग को मामले की गहनता से जांच करने को कहा है.’

उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अयोध्या में जमीन की कथित खरीद से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘हिंदू सत्य के रास्ते पर चलता है, हिंदुत्ववादी धर्म की आड़ में लूटता है.’

पार्टी महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘चंदे की लूट’ और ‘जमीन की लूट’ पर जवाब देना चाहिए तथा पूरे प्रकरण की जांच करानी चाहिए.

उन्होंने दिल्ली में संसद परिसर के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में उत्तर प्रदेश में भाजपा के कुछ विधायकों और स्थानीय प्रशासन के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के नाम का उल्लेख किया और दावा किया कि भाजपा के लोगों ने ‘रामद्रोह’ किया है जिसके लिए वे ‘पाप और शाप’ के भागी हैं.

सुरजेवाला ने कहा, ‘पहले मंदिर के नाम पर चंदे की लूट की गई और अब संपत्ति बनाने की लूट हो रही है. साफ है कि भाजपाई अब रामद्रोह कर रहे हैं. जमीन की सीधे लूट मची हुई है. एक तरफ आस्था का दीया जलाया गया और दूसरी तरफ भाजपा के लोगों द्वारा जमीन की लूट मचाई गई है.’

उन्होंने दावा किया, ‘अब नया खुलासा हुआ है कि निर्माणधीन राम मंदिर के निकट की जमीनें भाजपा के विधायकों, महापौर, ओबीसी आयोग के सदस्य और प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा औने-पैमाने दाम पर खरीद ली गई हैं. यहां तक कि दलितों की जमीनों को भी हड़प लिया गया है. राम मंदिर मामले को लेकर न्यायालय का फैसला आने के बाद यह सब किया गया.’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘भगवान श्रीराम आस्था, विश्वास, मर्यादा और सनातन के प्रतीक हैं. लेकिन भाजपा के लोग उनके नाम पर भी लूट का धंधा चला रहे हैं. प्रधानमंत्री जी बताएं कि आप अपना मुंह कब खोलेंगे? प्रधानमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि (वह) चंदे की लूट और जमीन की लूट की जांच कब कराएंगे?’

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में इस मुद्दे को उठाया. इसे भूमि धोखाधड़ी (Land Fraud) कहते हुए आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने जांच की मांग की.

वहीं, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने भी जांच की मांग करते हुए कहा कि रिपोर्ट में जिन लोगों का उल्लेख किया गया है वे उच्च पदों पर हैं.

राज्यसभा में खड़गे ने कहा, यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है. आपने आज के इंडियन एक्सप्रेस में देखा होगा, जिसमें बताया गया है कि विधायक और मेयर, कमिश्नर, एसडीएम, डीआईजी के रिश्तेदार और अन्य अधिकारियों ने अयोध्या में राम मंदिर के पास जमीन खरीदे हैं.

हालांकि, इस मुद्दे को उठाने के उनके अनुरोध को सभापति एम. वेंकैया नायडू ने ठुकरा दिया और कहा कि एक समाचार पत्र को पढ़ा नहीं जा सकता है और पूर्व सूचना देने की आवश्यकता है. खड़गे अड़े रहे और सभापति से इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए कहा.

नायडू ने कहा, ‘सदन की प्रक्रिया यह है कि अखबार नहीं पढ़े जा सकते. आपको नोटिस देना होगा.’

बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा कि वह इस मुद्दे को उठाना चाहते हैं, क्योंकि यह महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जैसे ही विपक्ष किसी मुद्दे को उठाने की कोशिश करता है, सदन को स्थगित करना अब एक प्रथा बन गई है.

उन्होंने कहा, ‘आज (बुधवार) भी मैं अयोध्या का मुद्दा उठा रहा था. जब मैंने सुबह अखबार पढ़ा. इसमें कम से कम 14 नाम हैं, जिनमें विधायक, महापौर, उपायुक्त, एसडीएम, संभागायुक्त और उनके रिश्तेदार शामिल हैं. हम इस मुद्दे को उठाना चाहते थे.’

उन्होंने आगे कहा, ‘अयोध्या में क्या हो रहा है. कितनी जमीन हड़प ली गई है, वो भी अनुसूचित जाति और गरीबों की. बड़े लोग इसमें शामिल हैं, क्योंकि अचल संपत्ति की कीमतें बढ़ रही हैं, इसलिए वे जमीन खरीद रहे हैं. मैं इस मुद्दे को उठाना चाहता था. जैसे ही मैं उठा, वंदे मातरम बज गया.’

आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता और अधिकारी अयोध्या में ‘भूमि धोखाधड़ी’ कर रहे हैं. उन्होंने भूमि सौदों की जांच के लिए उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय की देखरेख में एक एसआईटी गठित करने की मांग की.

सिंह ने कहा, ‘यह घोटाला शर्मनाक है. राम मंदिर निर्माण में हर व्यक्ति का योगदान है. महिलाएं अपने विश्वास के कारण अपने आभूषण बेचने की हद तक चली गई और सत्ता में बैठे लोगों ने उनके भरोसे और विश्वास का दुरुपयोग किया है.’

सीपीएम महासचिव येचुरी ने कहा, ‘इस मामले की ठीक से जांच होनी चाहिए और इस पर गौर किया जाना चाहिए क्योंकि जिन लोगों का उल्लेख किया गया है वे उच्च आधिकारिक पदों पर हैं. यह रिपोर्ट बताती है कि वहां जमीन की सट्टेबाजी हो रही है.’

मालूम हो कि इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के आसपास की जमीन की कथित तौर पर खरीद करने में स्थानीय विधायक, अयोध्या में कार्यरत नौकरशाहों के करीबी रिश्तेदार और यहां तक कि स्थानीय राजस्व अधिकारियों, जिनका काम भूमि लेन-देन को प्रमाणित करना होता है, ने भी ये जमीनें खरीदी हैं.

इस अखबार द्वारा खंगाले गए 14 मामलों के रिकॉर्ड बताते हैं कि राम मंदिर स्थान के पांच किलोमीटर के क्षेत्र में एक विधायक, महापौर और राज्य ओबीसी आयोग के सदस्य ने अपने नाम पर जमीन खरीदी है.

वहीं, संभागीय आयुक्त, उप-मंडल मजिस्ट्रेट, पुलिस उप महानिरीक्षक, पुलिस सर्किल ऑफिसर और राज्य सूचना आयुक्त के रिश्तेदारों ने भी जमीन खरीदी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)