कोविड-19: इलाहाबाद हाईकोर्ट जज ने पीएम मोदी से कहा- यूपी चुनाव रोकने पर विचार करें

इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने देश के विभिन्‍न राज्‍यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए 25 दिसंबर से प्रदेशव्यापी रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू लागू किए जाने के निर्देश दिए हैं. रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू प्रदेश में रात्रि 11 बजे से सुबह पांच बजे तक प्रभावी रहेगा.

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(फोटो: राॅयटर्स)

इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने देश के विभिन्‍न राज्‍यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए 25 दिसंबर से प्रदेशव्यापी रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू लागू किए जाने के निर्देश दिए हैं. रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू प्रदेश में रात्रि 11 बजे से सुबह पांच बजे तक प्रभावी रहेगा.

(फोटो: राॅयटर्स)

इलाहाबाद/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश ने कोविड-19 की तीसरी लहर की बढ़ती आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार और भारत निर्वाचन आयोग से चुनावी रैलियों पर रोक लगाने तथा चुनावों को टालने पर विचार करने का आग्रह बृहस्पतिवार को किया.

जस्टिस शेखर कुमार यादव ने एक मामले में याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कहा, ‘कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के मरीजों की संख्या बढ़ रही है और तीसरी लहर आने की आशंका है.’

उन्होंने कहा कि इस भयावह महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, जर्मनी जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है.

अदालत ने कहा, ‘दूसरी लहर में हमने देखा कि लाखों की संख्या में लोग संक्रमित हुए और लोगों की मृत्यु हुई.’

उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के कारण बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए और उनकी मृत्यु हुई.

जस्टिस यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से स्थिति से निपटने के लिए नियम बनाने का आग्रह करते हुए अपने आदेश में कहा, ‘आज फिर यूपी में विधानसभा के चुनाव नजदीक हैं, जिसके लिए पार्टियां रैलियां और बैठकें कर रही हैं तथा लाखों की भीड़ इकट्ठा कर रही हैं. इन कार्यक्रमों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना संभव नहीं है. अगर इसे समय रहते रोका नहीं गया तो परिणाम दूसरी लहर से भी ज्यादा भयावह होगा.’

अदालत ने निर्वाचन आयुक्त से इस प्रकार की रैलियों, सभाओं पर तत्काल रोक लगाने और राजनीतिक दलों को चैनल और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार करने का आदेश देने का अनुरोध किया.

अदालत ने कहा, ‘यदि संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनावों को एक-दो महीने के लिए टाल दिया जाए, क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी और जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में मौलिक अधिकार के रूप में प्राप्त है.’

अदालत ने कोविड टीकाकरण अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए उनसे अनुरोध किया कि भयावह महामारी की स्थिति को देखते हुए कड़े कदम उठाएं और रैलियां, सभाएं रोकने एवं आसन्न चुनावों को टालने पर विचार करें क्योंकि ‘जान है तो जहान है.’

जस्टिस यादव ने कहा, ‘हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने इतनी बड़ी आबादी वाले देश में कोरोना मुक्त टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया है. यह काबिले तारीफ है और कोर्ट इसकी तारीफ करता है.’

अदालत ने संजय यादव नाम के एक व्यक्ति की जमानत याचिका मंजूर करते हुए उक्त टिप्पणियां कीं.

यूपी में 25 दिसंबर से रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक कोरोना कर्फ्यू

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने देश के विभिन्‍न राज्‍यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए शनिवार (25 दिसंबर) से प्रदेश व्यापी रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू लागू किए जाने के निर्देश दिए हैं. रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू प्रदेश में रात्रि 11 बजे से सुबह पांच बजे तक प्रभावी रहेगा.

अपर मुख्‍य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने शुक्रवार को जारी एक बयान में बताया कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने उच्‍चस्‍तरीय टीम को निर्देश दिया है कि देश के विभिन्न राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, ऐसे में कुछ कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि शनिवार 25 दिसंबर से प्रदेशव्यापी रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू प्रभावी किया जाए और हर दिन रात्रि 11 बजे से प्रात: पांच बजे तक रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू लागू होगा.

उन्होंने कहा कि शादी-विवाह आदि सार्वजनिक आयोजनों में कोविड प्रोटोकॉल के साथ अधिकतम 200 लोगों के भागीदारी की अनुमति हो और आयोजनकर्ता इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को देगा.

बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने यह भी हिदायत दी कि बाजारों में ‘मास्क नहीं तो सामान नहीं’ के संदेश के साथ व्यापारियों को जागरूक करें और बिना मास्क कोई भी दुकानदार ग्राहक को सामान न दे.

बयान के अनुसार, सड़कों या बाजारों में हर किसी के लिए मास्क अनिवार्य किया जाए और पुलिस बल लगातार गश्त करे.

यह भी कहा गया है कि देश के किसी भी राज्य से अथवा विदेश से उत्तर प्रदेश की सीमा में आने वाले हर एक व्यक्ति की जांच एवं उसके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखी जाए और बस, रेलवे और हवाई अड्डे पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए.

इसमें कहा गया है कि निगरानी समितियों ने कोरोना प्रबंधन में सराहनीय कार्य किया है. उन्होंने कहा कि तीसरी लहर के दृष्टिगत गांवों और शहरी वार्डों में निगरानी समितियों को पुन: सक्रिय किया जाए.

उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले हर एक व्यक्ति की जांच कराएं और उनके स्वास्थ्य पर सतत नजर रखी जाए. आवश्यकतानुसार लोगों को क्वारंटीन किया जाए, अस्पतालों में भर्ती कराया जाए.

उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के दृष्टिगत हमने पूर्व में व्यवस्थित तैयारियां की हैं, जिनका पुनर्परीक्षण कर लिया जाए. प्रदेश के सभी शासकीय या निजी चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध चिकित्सकीय सुविधाओं की बारीकी से परख कर ली जाए. औद्योगिक इकाइयों में कोविड-19 हेल्प डेस्क और डे केयर सेंटर फिर सक्रिय करें.’

अधिकारियों ने जानकारी दी कि कोविड-19 से बचाव के लिए ‘ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट’ (यानी मरीज की जांच, उसके स्वास्थ्य पर नजर रखना और उसका इलाज) और टीकाकरण की नीति के सही क्रियान्वयन से प्रदेश में स्थिति नियंत्रित है और बीते 24 घंटे में हुई एक लाख 91 हजार 428 नमूनों की जांच में कुल 49 नये संक्रमितों की पुष्टि हुई. इसी अवधि में 12 लोग उपचारित होकर कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त भी हुए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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