महाराष्ट्र: तस्वीरों में ‘नग्नता’ का हवाला देकर पुणे आर्ट गैलरी में प्रदर्शनी बंद की गई

पुणे के बालगंधर्व रंग मंदिर में फोटोग्राफर अक्षय माली की फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था. रंग मंदिर के प्रभारी सुनील माटे ने कहा कि हम ऐसी किसी भी प्रदर्शनी की अनुमति नहीं देते, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचती हो. वहीं माली ने कहा कि कला का कोई नियम या सीमा नहीं है, लेकिन इसे एक निश्चित ढांचे में सीमित करने का प्रयास किया जाता है.

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(फोटो साभार: विकीमीडिया)

पुणे के बालगंधर्व रंग मंदिर में फोटोग्राफर अक्षय माली की फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था. रंग मंदिर के प्रभारी सुनील माटे ने कहा कि हम ऐसी किसी भी प्रदर्शनी की अनुमति नहीं देते, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचती हो. वहीं माली ने कहा कि कला का कोई नियम या सीमा नहीं है, लेकिन इसे एक निश्चित ढांचे में सीमित करने का प्रयास किया जाता है.

(फोटो साभार: विकीमीडिया)

पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में एक आर्ट गैलरी में एक फोटोग्राफर के चित्र संग्रह की प्रदर्शनी पर प्रबंधन ने ‘नग्नता’ का हवाला देते हुए रोक लगा दी है.

बालगंधर्व रंग मंदिर में प्रदर्शनी का आयोजन हुआ था. उसके प्रभारी सुनील माटे ने कहा कि फोटोग्राफर अक्षय माली को प्रदर्शनी की विषय वस्तु के बारे में प्रबंधन को पहले ही बता देना चाहिए था.

उन्होंने कहा, ‘हम ऐसी किसी भी प्रदर्शनी की अनुमति नहीं देते, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचती हो. (आर्ट गैलरी में) ऐसी नग्नता उचित नहीं लगती.’

माटे ने कहा कि जब उन्हें तस्वीरों और उनकी विषय वस्तु के बारे में पता चला, तो कलाकार को तस्वीरें हटाने के लिए कहा गया.

माली की तस्वीरों की तीन दिवसीय प्रदर्शनी जेएम रोड स्थित आर्ट गैलरी में शुक्रवार (सात जनवरी) को लगी थी, लेकिन बीते आठ जनवरी को इसे हटाने को कहा गया.

फोटोग्राफर माली ने कहा, ‘प्रदर्शनी का विषय ‘इट्स मी’ था जिसमें कला की सीमाओं को तोड़ा गया था. प्रदर्शनी में प्रकृति के बीच खींची गईं मेरी और अन्य मॉडलों की निर्वस्त्र तस्वीरें थीं.’

उन्होंने कहा कि आठ जनवरी को आर्ट गैलरी के प्रबंधन के कुछ लोगों ने तस्वीरों पर आपत्ति जताई और उन्हें हटाने के लिए कहा.

माली ने कहा, ‘जब मैंने स्लॉट बुक किया था तो मैंने प्रबंधन को ‘न्यूड (नग्नता) थीम’ के बारे में नहीं बताया था. मैंने सिर्फ यह कहकर स्लॉट बुक किया था कि यह एक ऑनलाइन फोटोग्राफी प्रदर्शनी होगी.’

उन्होंने कहा, ‘यह पहली बार था, जब मैं किसी आर्ट गैलरी में अपनी तस्वीरें दिखा रहा था, लेकिन मेरी कलात्मक कृतियों को इस तरह के विरोध का सामना करना पड़ा. कला का कोई नियम या सीमा नहीं है, लेकिन इसे एक निश्चित ढांचे में सीमित करने का प्रयास किया जाता है.’