कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने ख़ुद को पद्म भूषण सम्मान मिलने की घोषणा के बाद उनके भविष्य की राजनीतिक योजनाओं को लेकर चल रहीं अटकलों को लेकर यह टिप्पणी की है. माकपा के वरिष्ठ नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य द्वारा पद्म भूषण सम्मान को अस्वीकार किए जाने को लेकर आज़ाद पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि वह आज़ाद रहना चाहते हैं, ग़ुलाम नहीं.
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पद्म भूषण सम्मान की घोषणा के बाद उनके भविष्य की राजनीतिक योजनाओं को लेकर चल रहीं अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि कुछ लोग भ्रम पैदा करने के लिए ‘शरारतपूर्ण दुष्प्रचार’ कर रहे हैं.
दरअसल, पद्म भूषण सम्मान की घोषणा होने के बाद कुछ खबरों में दावा किया गया कि आजाद ने अपना ट्विटर प्रोफाइल बदल लिया है.
Some mischievous propoganda being circulated by some people to create confusion.
Nothing has been removed or added to my twitter profile.
The profile is as it was earlier.
— Ghulam Nabi Azad (@ghulamnazad) January 25, 2022
उन्होंने बीते 25 जनवरी की देर रात ट्वीट कर कहा, ‘भ्रम पैदा करने के लिए कुछ लोगों द्वारा शरारतपूर्ण दुष्प्रचार किया जा रहा है. मेरे ट्विटर प्रोफाइल से न कुछ हटा है और न ही कुछ जोड़ा गया है. प्रोफाइल आज भी वही है, जैसा पहले थी.’
आजाद के ट्विटर प्रोफाइल में कुछ नहीं लिखा हुआ है. इसमें कांग्रेस का भी कोई उल्लेख नहीं है.
सरकार की ओर से बीते 25 जनवरी को पद्म सम्मानों की घोषणा की गई. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद को सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से नवाजा जाएगा.
राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष आजाद कांग्रेस के उस ‘जी-23’ का हिस्सा हैं, जिसने 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस के संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन और जमीन पर सक्रिय अध्यक्ष की मांग की थी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने की घोषणा के बाद कपिल सिब्बल और इस समूह के कई नेताओं ने आजाद को पद्म भूषण सम्मान की बधाई दी तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने 25 जनवरी की रात आजाद पर कटाक्ष किया.
Right thing to do. He wants to be Azad not Ghulam. https://t.co/iMWF00S9Ib
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 25, 2022
रमेश ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के वरिष्ठ नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य की ओर से पद्म भूषण सम्मान को अस्वीकार किए जाने को लेकर आजाद पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, ‘यही सही चीज थी करने के लिए. वह आजाद रहना चाहते हैं, गुलाम नहीं.’
बुद्धदेव भट्टाचार्य ने एक बयान में कहा था, ‘मैं इस पुरस्कार के बारे में कुछ नहीं जानता. इस बारे में मुझे किसी ने कुछ नहीं बताया. अगर उन्होंने मुझे पद्म भूषण देने का फैसला किया है, तो मैं इसे स्वीकार करने से इनकार करता हूं.’
खराब स्वास्थ्य के कारण सक्रिय राजनीति से पीछे हटे भट्टाचार्य नरेंद्र मोदी सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हालांकि, वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, जो जी-23 में भी शामिल हैं, ने बुधवार को कहा कि यह विडंबना है कि कांग्रेस को आजाद की सेवाओं की जरूरत नहीं है, जब राष्ट्र सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को मान्यता देता है.
Ghulam Nabi Azad conferred Padam Bhushan
Congratulations bhaijan
Ironic that the Congress doesn’t need his services when the nation recognises his contributions to public life
— Kapil Sibal (@KapilSibal) January 26, 2022
सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है. बधाई हो भाईजान. यह विडंबना है कि कांग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है, जबकि राष्ट्र सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को स्वीकार करता है.’
उधर, सिब्बल के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा, ‘मैं गुलाम नबी आजाद जी को कई वर्षों से जानता हूं. यह एक प्रतिष्ठित नेता, सज्जन व्यक्ति और घोर राष्ट्रवादी को दिया गया सम्मान है, जिसके वह हकदार हैं. आजाद जी को पद्म भूषण प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार.’
I've known @ghulamnazad Ji for many years. This is a well-deserved recognition for the distinguished politician, gentleman & a staunch nationalist.
My gratitude to Adarniya PM Shri @narendramodi ji for the decision to confer Padma Bhushan on Azad ji https://t.co/wYTJKXJrWZ
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) January 26, 2022
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्च सदन में कांग्रेस नेता के लिए अपने विदाई भाषण के दौरान आजाद की प्रशंसा की थी.
शिवसेना ने आजाद को पद्म भूषण दिए जाने को लेकर उपजे विवाद को गलत बताया
इधर, गुलाम नबी आजाद को लेकर जयराम रमेश द्वारा परोक्ष रूप से की गई टिप्पणी और उनकी ही पार्टी (कांग्रेस) के नेताओं के एक वर्ग द्वारा निशाना बनाने की कोशिश की शिवसेना ने आलोचना की है.
शिवसेना की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्विटर पर कहा कि राष्ट्रीय सम्मान अस्वीकार करने पर किसी को आजाद बताना और स्वीकार करने पर गुलाम बताना, प्रदर्शित करता है कि राष्ट्रीय सम्मान के प्रति किसी के विचार कितने सतही हैं.
Calling someone Azad for declining a national honour&Ghulam for accepting it,shows how shallow one’s thought is towards a national honour. This isn’t the first nor the last time that opposition leaders will be acknowledged for their work, please maintain that spirit&dignity
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) January 26, 2022
कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हो चुकी चतुर्वेदी ने कहा, ‘यह न तो पहली बार और न ही आखिरी बार है कि विपक्षी नेताओं को उनके कार्य को लेकर मान्यता दी जाएगी, कृपया गरिमा बनाए रखें.’
कांग्रेस की पूर्व नेता सुष्मिता देव ने भी रमेश पर प्रहार किया और हैरानी जताते हुए सवाल किया कि क्या असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को पद्म भूषण या पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न ने भी उन दोनों को गुलाम बना दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)