कर्नाटकः हिजाब पहनने वाली छात्राओं को विरोध के बीच ऑनलाइन क्लास लेने का विकल्प दिया

उडुपी के महिला पीयू कॉलेज की छह मुस्लिम छात्राओं का आरोप है कि उन्हें एक जनवरी से कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जा रही है. भाजपा विधायक के. रघुपति भट की अध्यक्षता वाली कॉलेज विकास समिति का कहना है कि जब तक मामले का समाधान नहीं निकल जाता, तब तक छात्राएं ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो सकती हैं.

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उडुपी के महिला कॉलेज की छह मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनने न देने के विरोध स्वरूप कक्षा के बाहर खड़ी हैं. (फोटो सभार: ट्विटर/@masood_manna)

उडुपी के महिला पीयू कॉलेज की छह मुस्लिम छात्राओं का आरोप है कि उन्हें एक जनवरी से कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जा रही है. भाजपा विधायक के. रघुपति भट की अध्यक्षता वाली कॉलेज विकास समिति का कहना है कि जब तक मामले का समाधान नहीं निकल जाता, तब तक छात्राएं ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो सकती हैं.

उडुपी के महिला कॉलेज की छह मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनने न देने के विरोध स्वरूप कक्षा के बाहर खड़ी हैं. (फाइल फोटो: ट्विटर/@masood_manna)

नई दिल्लीः कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में हिजाब पहनने की वजह से एक जनवरी से छह मुस्लिम छात्राओं को कक्षाओं में बैठने नहीं दिया जा रहा है लेकिन इस विवाद के बीच अब उन्हें ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने का विकल्प दिया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन मुस्लिम लड़कियों में से एक के पिता का कहना है, ‘अगर सरकार को लगता है कि हिजाब पहनना अपराध है और वे मेरी बेटी को अंतिम परीक्षा में बैठने नहीं देने चाहते तो उसे घर पर ही रहने दें. हम चाहते हैं कि हमारी बेटियां अच्छी तरह पढ़ें और जिंदगी में आगे बढ़े लेकिन उनसे उनके अधिकार क्यों छीने जा रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि यह हताशा में लिया गया फैसला है. कक्षा 12वीं में पढ़ने वाली इस छात्रा का कहना है, ‘हमारे धर्म का पालन करने के हमारे मौलिक अधिकारों की मांग करने के लिए हमसे अपराधियों की तरह व्यवहार किया जा रहा है. मेरे साथ पढ़ने वालों को मुझसे बात नहीं करने दी जा रही और कोई मुझसे बात करते पाया जाता है तो उन्हें रोका जा रहा है.’

बात दें कि आरोप है कि एक जनवरी से ही उडुपी के एक सरकारी कॉलेज की इन छह मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने की वजह से कक्षाओं में आने नहीं दिया जा रहा.

इस मामले ने उस समय जोर पकड़ा, जब पिछले हफ्ते सांप्रदायिक रूप से ध्रुवीकृत तटीय कर्नाटक के इस कॉलेज को कोरोना की वजह से प्रशासन ने बंद करने के आदेश दिए.

भाजपा विधायक के. रघुपति भट की अध्यक्षता वाली कॉलेज विकास समिति का कहना है कि जब तक इस मामले का समाधान नहीं निकल जाता, तब तक ये छात्राएं ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो सकती हैं.

कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा, ‘हमने इस मामले के लिए एक समिति का गठन करने का आदेश दिया है. हम एक कॉलेज के लिए इसमें बदलाव नहीं कर सकते. एक बार समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपने के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा. हमें राज्य के सभी स्कूलों और कॉलेजों को यथास्थिति बनाए रखने को कहा है.’

राज्य का स्नातक शिक्षा विभाग अपने कॉलेजों के लिए यूनिफॉर्म निर्धारित नहीं कर सकता और इस संबंध में अलग-अलग सरकारी कॉलेज के अपने नियम हैं.

उडुपी कॉलेज में छात्राओं का दावा है कि कुछ साल पहले तक कक्षाओं में हिजाब पहनने की मंजूरी थी. इनमें से एक छात्रा ने कहा, ‘लेकिन बीते कुछ साल में कॉलेज अधिकारियों ने इसका विरोध करना शुरू किया और हमसे कक्षाओं के भीतर इसे हटाने को कहा गया. हम कक्षा में भी हिजाब पहनना चाहते थे लेकिन हमसे बार-बार इसे न पहनने को कहा गया.’

कॉलेज प्रिंसिपल रुद्र गौड़ा ने कहा कि 1985 में कॉलेज की स्थापना के बाद से हिजाब पहनने का नियम लागू है.

उन्होंने कहा, ‘नियम के मुताबिक छात्राओं को अपने डेस्क तक पहुंचने तक हिजाब पहनने की मंजूरी है. कक्षा शुरू होने पर उन्हें हिजाब हटाना होगा. यह पूरा मामला पिछले साल दिसंबर के अंत में शुरू हुआ और हमें नहीं पता कि आखिर क्यों?’

बेंगलुरु की वकील मैत्रेयी कृष्णन ने कहा कि किसी भी संस्थान में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने को लेकर राज्य सरकार का कोई निर्देश नहीं है.

उन्होंने इस संबंध में केरल हाईकोर्ट के 2016 के एक आदेश का उल्लेख किया, जिसमें प्री मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट के लिए ड्रेस कोड को लेकर एक मामले पर फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा था कि हिजाब पर प्रतिबंध लगाना धार्मिक स्वतंत्रता पर संविधान के अनुच्छेद 25(1) का उल्लंघन करना है.

कृष्णन ने कहा, ‘हर धर्म में कुछ जरूरी अधिकार हैं और इनसे किसी को महरूम नहीं रखा जा सकता.’

उडुपी में शिक्षकों और स्थानीय नेताओं को लगता है कि यह मामला अब नियंत्रण से बाहर हो गया है. ये लोग चिंतित हैं कि यह विवाद जिले के अन्य स्कूल और कॉलेजों तक पहुंच सकता है.

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की छात्र इकाई कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) ने छात्राओं की मांग का समर्थन किया है लेकिन हिंदू जागरण वैदिक के महासचिव प्रकाश कुक्केहल्ली ने चेतावनी दी है कि अगर हिजाब को मंजूरी दी गई तो हिंदू छात्र भगवा शॉल के साथ कक्षा में शामिल होंगे.

उडुपी जिले में मुस्लिम समन्वय समिति के सचिव अब्दुल रहमान रजवी कलकत्ता ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि यह मुद्दा कैसे उठा लेकिन यह इसे नहीं सुलझाया गया तो यह अन्य स्कूलों और कॉलेजों में फैलकर शैक्षणिक संस्थानों के माहौल को खराब कर सकता है.’

भाजपा विधायक भट ने बुधवार को मुस्लिम नेताओं और प्रिंसिपल के साथ बैठक की और यह सुझाव दिया कि हिजाब के बिना कक्षाओं में भाग लेने के अनिच्छुक छात्र ऑनलाइन क्लास ले सकते हैं.

भट ने कहा, ‘ऐसे शैक्षणिक संस्थान है, जिनके अपने नियम हैं और इस कॉलेज के अपने नियम हैं. कागजी तौर पर कुछ नहीं है लेकिन इसका कई सालों से पालन हो रहा था.’

बता दें कि इस कॉलेज में लगभग 700 छात्र हैं, जिसमें 76 मुस्लिम हैं.

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