पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा में दिए भाषण में कहा कि भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई अस्सी और बीस प्रतिशत की लड़ाई हमारे गणतंत्र को सौ फीसदी बर्बाद कर रही है.
नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने गुरुवार शाम आरोप लगाया कि उन्हें लोकसभा में उनका भाषण पूरा करने के लिए तय समय नहीं दिया गया.
बजट सत्र के दौरान गुरुवार को टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी बात रखनी थी. उन्होंने एक ट्वीट में बताया था कि उनका संबोधन शाम छह बजकर चालीस मिनट से शुरू होगा.
Such fear, such shamelesness. I had only paragraph left to finish, my alloted time of 13 mins was NOT over pic.twitter.com/Xy9PX7BHYE
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) February 3, 2022
भाषण के बाद सदन के बाहर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘यह हमारे लोकतंत्र, हमारे गणतंत्र के लिए दुख का दिन है कि एक चुने हुए प्रतिनिधि को अपनी बात पूरी करने के लिए लोकसभा स्पीकर द्वारा आवंटित समय नहीं दिया गया. इसलिए मैं यहां बाहर खड़ी हूं जिससे मैं अपना भाषण पूरा कर सकूं. मेरे पास एक पैराग्राफ बचा है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘यहां दो बातें हैं, सबसे पहले तो मैं यह पूछना चाहती हूं कि क्या अध्यक्ष की कुर्सी बैठे हुए व्यक्ति को मुझे यह बताने का कोई अधिकार है कि मुझे अपना भाषण कैसे देना चाहिए! वो मुझसे कहती हैं कि इतने गुस्से से मत बोलिए. हम गुस्से से बोलें या प्यार से बोलें ये मेरा मसला है, मेरी टोन है. अगर सरकार कुछ कर रही है और हमें अपने बैठकर गुस्से को भी नियंत्रण में रखना पड़ रहा है, तो मैं समझती हूं कुछ बाकी ही नहीं रहा है!’
उन्होंने जोड़ा, ‘पहली बात तो ये उनका मसला ही नहीं था. दूसरा, मुझे मेरा तयशुदा तीस मिनट का समय नहीं दिया गया. अगर आप देखेंगे तो मालूम चलेगा कि मैंने तेरह मिनट तक नहीं बोला था. मेरी बात का आखिरी पैराग्राफ बाकी था जो बहुत महत्वपूर्ण था. ये विपक्ष के बारे में ही था और विपक्ष से यही कहने के लिए था कि यही वजह है कि सबको मिलकर साथ आना चाहिए. बिहार से लेकर केरल तक दो सौ सीट ऐसी हैं, भाजपा अपनी पूरी ताकत के साथ भी जिनमें से पचास नहीं पा सकती. तो हम, जो विपक्ष में हैं पश्चिम और उत्तर में साथ आएं तो इनका खेल ख़त्म हो जाएगा. चुने हुए प्रतिनिधियों को, लोगों को आवाज को इस तरह कुचलना बंद होगा.’
पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से सांसद महुआ ने आगे कहा, ‘वो सुबह हम ही से आएगी, उसे हम ही लाएंगे. बस बहुत दया, क्षमा और सहनशीलता हो चुकी, अब शेर बनना ही होगा. हम सब काफी हैं, विपक्ष में तीन (पूर्व) मुख्यमंत्री हैं, दस (पूर्व) कैबिनेट मंत्री हैं. जितने लोग विपक्ष में बैठे हैं वे सब सत्ता में रह चुके हैं.
LS Speaker had alloted AT LEAST 13 mins to me, when confronted in his chamber he claimed he was not in chair hence cant be blamed.
When further cornered he said “It was my greatness that I even allowed you 13 mins in 1st place.”
Unbelievable.— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) February 3, 2022
इसके बाद एक ट्वीट में महुआ ने बताया कि जब उन्होंने इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को उनके चेंबर में जाकर बताया तब उन्होंने कहा कि वो आसन पर नहीं थे, इसलिए उन्हें कोई इल्ज़ाम नहीं दिया जा सकता.
महुआ ने लिखा, ‘जब और सवाल किए गए तब उन्होंने कहा कि ‘यह उनकी महानता थी कि उन्होंने मुझे तेरह मिनट का समय दिया.’
उल्लेखनीय है कि मोइत्रा के भाषण के समय रमा देवी पीठासीन थीं.
इससे पहले अपने भाषण में महुआ ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. अपने भाषण में मोइत्रा ने दावा किया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में स्वतंत्रता सेनानियों का उल्लेख केवल एक दिखावा था, क्योंकि नेताजी ने कहा था कि भारत की सरकार को सभी धर्मों के प्रति बिल्कुल तटस्थ और निष्पक्ष रवैया रखना चाहिए.
यह कहते हुए उन्होंने पूछा, ‘क्या नेताजी हरिद्वार धर्म संसद को मंजूरी देते, जिसमें मुस्लिम नरसंहार का आह्वान किया गया था?’
महुआ ने कहा कि नेताजी हमेशा धर्मनिरपेक्षता के लिए खड़े थे. उन्होंने मोदी सरकार द्वारा बोस की तारीफ करते हुए टीपू सुल्तान को बदनाम करने पर तंज़ करते हुए कहा कि नेताजी की इंडियन नेशनल आर्मी का प्रतीक चिह्न टीपू सुल्तान का शेर था. वही टीपू सुल्तान है, जिसे सरकार पाठ्यपुस्तकों से मिटा रही है.
उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा, उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को पदच्युत करने की भी मांग उठाई. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार भविष्य के भारत से डरी हुई है.
मोइत्रा ने कहा कि सरकार पर एक ऐसे भारत से डर रही है जो अपनी भारतीयता को लेकर सहज है. उन्होंने कहा, ‘हमारा संविधान एक ज़िंदा संविधान है, यह तब तक सांस लेता है जब तक हम इसमें जान फूंकने को तैयार हैं. वरना यह सिर्फ काले-सफ़ेद कागज का एक टुकड़ा है, जिसे किसी भी बहुसंख्यक सरकार द्वारा स्लेटी किया जा सकता है.’
ट्विटर पर साझा किया गया वीडियो दिखाता है कि महुआ दस मिनट तक लगातार बोलती रहीं थी, इसके बाद उन्हें टोका गया.
उन्होंने कहा, ‘यह सरकार इतिहास बदलना चाहती है. वह भविष्य से डरती है और वर्तमान पर अविश्वास करती है.’
महुआ ने आगे कहा कि आपने हमारे अन्नदाता पर विश्वास नहीं किया जिन्होंने बार-बार कहा था कि कृषि कानून न लाएं. मुझे लगता है कि आपको 700 से ज्यादा किसानों की मौत का कोई पछतावा नहीं था. जैसे ही चुनाव नजदीक होते हैं, आप पगड़ी पहन लेते हैं और गठबंधन की पेशकश करते हैं, लेकिन इस बार चौधरी भूलेंगे नहीं.
अपने बात खत्म करते-करते हुए महुआ ने कहा, ‘मुस्लिमों को आज किराए पर घर नहीं मिल रहे हैं. उन पर कोरोना फैलाने का आरोप लगाया जाता है, आर्थिक बहिष्कार किया जाता है. तय जगहों पर इबादत से रोका जाता है. सरकार की 80% और 20% की यह लड़ाई हमारे गणतंत्र को सौ फीसदी बर्बाद कर रही है.’