पंजाब चुनाव से पहले ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुख्यमंत्री के भतीजे को गिरफ़्तार किया

ईडी ने पिछले साल नवंबर में अवैध रेत खनन के एक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था. यह मामला शहीद भगत सिंह नगर थाने में 2018 में दर्ज एफ़आईआर पर आधारित है, जिसमें भारतीय दंड संहिता और खान एवं खनिज अधिनियम, 1957 के तहत आरोप लगाए गए थे.

Jalandhar: Bhupinder Singh Honey, nephew of Punjab CM Charanjit Singh Channi, being brought at the Civil Hospital for medical examination, after his arrest by the ED in a money laundering case, in Jalandhar, Friday, Feb 4, 2022. (PTI Photo) (PTI02 04 2022 000040B)

ईडी ने पिछले साल नवंबर में अवैध रेत खनन के एक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था. यह मामला शहीद भगत सिंह नगर थाने में 2018 में दर्ज एफ़आईआर पर आधारित है, जिसमें भारतीय दंड संहिता और खान एवं खनिज अधिनियम, 1957 के तहत आरोप लगाए गए थे.

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी को मेडिकल जांच के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया था. उन्हें जालंधर में ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पंजाब में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के रिश्तेदार भूपिंदर सिंह हनी को सीमावर्ती राज्य में कथित अवैध रेत खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि हनी को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत बृहस्पतिवार को देर रात गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी से पहले हनी से एजेंसी के जालंधर स्थित कार्यालय में कई घंटे तक पूछताछ हुई थी.

सूत्रों ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान हनी जवाब देने में टालमटोल कर रहे थे, इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया. ईडी हनी को शुक्रवार को मोहाली में विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश करेगा और उसकी रिमांड की मांग करेगा.

हनी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की पत्नी की बहन के बेटे हैं. इस घटनाक्रम पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि उन्हें ‘कानून के अपना काम करने’ पर कोई आपत्ति नहीं है.

हालांकि समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि लोगों को धमकाने और ‘विपक्षी नेताओं पर दबाव बनाने’ के लिए एजेंसियों के ‘इस्तेमाल’ का यह एक और उदाहरण था. चुनाव के दौरान इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.’

एजेंसी ने 18 जनवरी को उनके परिसरों पर छापा मारा था और लगभग आठ करोड़ रुपये नकद और ‘आपत्तिजनक’ दस्तावेज जब्त करने का दावा किया था. कुछ अन्य लोगों के यहां भी छापेमारी की गई.

यह घटनाक्रम ऐसे वक्त में हुआ है जब कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी राज्य में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करने की संभावना जताई थी.

गांधी के रविवार को लुधियाना में अपनी डिजिटल रैली के दौरान यह घोषणा करने की उम्मीद है और चन्नी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार में सबसे आगे बताया जा रहा है.

पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों पर 20 फरवरी को मतदान होना है. मतगणना 10 मार्च को की जाएगी

पिछले महीने छापेमारी के बाद ईडी के सूत्रों ने दावा किया था कि एजेंसी ने 10 करोड़ रुपये से अधिक नकद राशि और कई दस्तावेज बरामद किए थे, जिनमें से आठ करोड़ रुपये और अधिकतर कागजात अकेले हनी से जुड़े परिसरों से जब्त किए गए थे. संदीप कुमार नामक व्यक्ति से जुड़े परिसर से लगभग दो करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए.

ईडी ने तब एक बयान जारी कर कहा था कि छापेमारी जिनके यहां की गई, उनमें कुदरतदीप सिंह, पिंजौर रॉयल्टी कंपनी और उसके सहयोगी/शेयरधारक कंवरमहीप सिंह, मनप्रीत सिंह, सुनील कुमार जोशी, जगवीर इंदर सिंह, रणदीप सिंह, प्रोवाइडर्स ओवरसीज कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और हनी और संदीप कुमार सहित इसके अन्य निदेशक, शेयरधारक शामिल हैं. छापे मोहाली, लुधियाना, रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब तथा पठानकोट में मारे गए थे.

चन्नी ने संवाददाताओं से कहा था कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रिश्तेदारों के यहां राज्य में जिस तरह से छापे मारे गए थे, उसी तरह ईडी पंजाब में उन पर, उनके मंत्रियों और कांग्रेस पार्टी के सदस्यों पर ‘दबाव’ डालने के लिए ‘वही तरीका’ आजमा रहा है.

ईडी ने पिछले साल नवंबर में पीएमएलए के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था. यह मामला शहीद भगत सिंह (एसबीएस) नगर पुलिस थाना में 2018 में दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें भारतीय दंड संहिता और खान एवं खनिज (विकास का नियमन) अधिनियम, 1957 के तहत आरोप लगाए गए थे.

प्राथमिकी में ईडी ने कहा था कि एसबीएस नगर थाना अंतर्गत राहोन में अवैध रेत खनन के संबंध में मिली एक शिकायत के आधार पर खनन विभाग, नागरिक प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की एक टीम ने सात मार्च, 2018 को मलिकपुर खनन स्थल पर ‘औचक निरीक्षण’ किया था.

इसके बाद मलिकपुर में खनन कार्य रोक दिया गया. ईडी ने प्राथमिकी का हवाला देते हुए कहा कि बुर्जतहल दास, बरसल, लालेवाल, मंडला और खोसा में भी अवैध खनन गतिविधियां हुईं.

मोदी सरकार ने किसान आंदोलन का बदला लेने के लिए पंजाब पर ‘हमला’ किया: कांग्रेस

कांग्रेस ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के रिश्तेदार को गिरफ्तार किए जाने के बाद शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसान आंदोलन का बदला लेने के लिए पंजाब पर ‘हमला’ किया है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ‘चोर दरवाज़े’ से मदद करने के लिए यह कदम उठाया गया है.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘पंजाब चुनाव से 15 दिन पहले मोदी सरकार की ‘राजनीतिक नौटंकी’ फिर शुरू! भाजपा का ‘इलेक्शन डिपार्टमेंट’ – ईडी मैदान में उतरा.’

उन्होंने कहा, ‘चुनाव को भटकाने का भाजपाई प्रयोग… छह साल पुराने केस में मुख्यमंत्री चन्नी पर और 33 साल पुराने मामले में नवजोत सिंह सिद्धू पर हमला किए जा रहे हैं, केजरीवाल का साथ निभा रहे हैं.’

कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘क्रॉनोलॉजी समझें – पंजाब के लोग अब किसान आंदोलन के पक्ष में खड़े होने की कीमत चुका रहे हैं… मोदी जी हार की हताशा में फर्जी छापे-गिरफ़्तारी करवा रहे है.’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह हमला मुख्यमंत्री चन्नी पर नहीं, पंजाब पर है, किसान आंदोलन का समर्थन करने की सजा है, यह बदला है कल किसानों द्वारा भाजपा को चुनावों में ‘दंड’ दिए जाने के आह्वान का.’

उन्होंने कहा, ‘ये हमला है ताकि ‘छोटे मोदी’ – केजरीवाल की पार्टी को ‘चोर दरवाज़े’ से मदद की जा सके. केजरीवाल ने कृषि के काले क़ानून अधिसूचित किये थे, अब अहसान लौटाया जा रहा है.’

उन्होंने कहा, भाजपा और उसके सहयोगियों को इस चुनाव में पंजाब के लोग खाता तक नहीं खोलने देने का मन बना चुके हैं. भाजपा की ईडी (इलेक्शन डिपार्टमेंट) चाहे कितना फर्जीवाड़ा और षड्यंत्र कर ले, वो पंजाबियों के आशीर्वाद से पंजाब में कांग्रेस की सत्ता वापसी रोक नहीं सकती.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)