उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 11 ज़िलों की 58 सीटों पर 60 फ़ीसदी मतदान

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि डबल इंजन की भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार भी हुआ डबल. प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘दंगावादी और माफ़ियावादी लोग’ राष्ट्र विरोधी तत्वों को अपना प्रस्तावक तक बना रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि उन पर ईडी और सीबीआई का दबाव नहीं चलता. मणिपुर चुनाव की तारीख़ों में बदलाव, अब 28 फरवरी और पांच मार्च को होगा मतदान. गोवा कांग्रेस नेता दिगंबर कामत ने कहा कि भाजपा जिसका दावा करती है, ‘खनन घोटाले’ पर पीएसी की ऐसी कोई रिपोर्ट है ही नहीं.

Kairana: Citizens wait to cast their vote outside a polling booth, during the first phase of Uttar Pradesh Assembly elections, in Kairana, Thursday, Feb. 10, 2022. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI02 10 2022 000267B)

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि डबल इंजन की भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार भी हुआ डबल. प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘दंगावादी और माफ़ियावादी लोग’ राष्ट्र विरोधी तत्वों को अपना प्रस्तावक तक बना रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि उन पर ईडी और सीबीआई का दबाव नहीं चलता. मणिपुर चुनाव की तारीख़ों में बदलाव, अब 28 फरवरी और पांच मार्च को होगा मतदान. गोवा कांग्रेस नेता दिगंबर कामत ने कहा कि भाजपा जिसका दावा करती है, ‘खनन घोटाले’ पर पीएसी की ऐसी कोई रिपोर्ट है ही नहीं.

उत्तर प्रदेश के सात चरणों के चुनाव में से पहले चरण के तहत कैराना के एक मतदान केंद्र पर वोट के लिए लाइन में लगे लोग. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ/देहरादून/चंडीगढ़/नई दिल्ली/इम्फाल/पणजी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में बृहस्पतिवार को 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर 60.17 प्रतिशत मतदान हुआ.

कोविड प्रोटोकॉल के कारण एक घंटे के विस्तार के बाद शाम छह बजे मतदान बंद हुआ. कुछ स्थानों पर ईवीएम में मामूली तकनीकी खराबी के साथ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ.

अपर मुख्य चुनाव अधिकारी (एसीईओ) बीडी राम तिवारी ने बताया, ‘कुछ जगहों पर ईवीएम में तकनीकी खराबी की खबरें आई हैं.’ उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद उन ईवीएम को बदला जा रहा था.

समाजवादी पार्टी के इस आरोप पर कि कैराना विधानसभा क्षेत्र के दुंदुखेड़ा गांव में मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करने दिया गया, तिवारी ने कहा कि संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को मामले को देखने के लिए कहा गया था.

निर्वाचन आयोग के मुताबिक आगरा में 60.33 फीसदी, अलीगढ़ में 60.49 फीसदी, बागपत में 61.35 फीसदी, बुलंदशहर में 60.52 फीसदी, गौतम बौद्ध नगर में 56.73 फीसदी, गाजियाबाद में 54.77 फीसदी, हापुड़ में 60.50 फीसदी, मथुरा में 63.28 फीसदी, मेरठ में 60.91 फीसदी, मुजफ्फरनगर में 65.34 प्रतिशत और शामली 69.42 प्रतिशत में मतदान हुआ.

समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग से कैराना विधानसभा के कुछ मतदान केंद्रों पर गरीब मतदाताओं को डरा-धमका कर वापस भेजे जाने की शिकायत की है. पार्टी ने चुनाव आयोग से कैराना विधानसभा के भी कुछ मतदान केंद्रों पर गरीब मतदाताओं को डरा-धमका कर वापस भेजे जाने की शिकायत की है.

पार्टी ने निर्वाचन आयोग और शामली के जिलाधिकारी को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘शामली जिले की कैराना-8 विधानसभा के ग्राम डुंडुखेड़ा के बूथ संख्या 347, 348, 349 और 350 पर गरीब वर्ग के मतदाताओं को डरा-धमका कर लाइनों से हटा वापस भेजा जा रहा है. तत्काल संज्ञान ले कार्रवाई कर सुचारू, भयमुक्त, निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करे चुनाव आयोग.’

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने इस बारे में बताया कि संबंधित जिलाधिकारी से इस मामले को देख कर समुचित कार्यवाही के लिए कहा गया है.

उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में तकनीकी खराबी की शिकायत की इसके बाद उन मशीनों को बदल दिया गया. उनके अनुसार शुरू में कुछ स्थानों पर वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी की शिकायतें मिलीं जिन्हें कुछ समय बाद दूर कर लिया गया.

पहले चरण में शामली, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा तथा आगरा जिलों में मतदान हुआ है.

गाजियाबाद से मिली एक रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा नेता वीके सिंह और कांग्रेस नेता राजन कांत के समर्थकों के बीच एक मामूली झड़प हुई. बाद में सुरक्षाकर्मियों ने हस्तक्षेप कर मामले को सुलझा लिया.

मथुरा से मिली खबर के अनुसार, सुबह घने कोहरे के कारण मतदान धीमा रहा लेकिन बाद में दिन में इसमें सुधार हुआ.

रालोद प्रमुख जयंत चौधरी चुनाव प्रचार के कारण समय पर मतदान करने के लिए मतदान केंद्र नहीं पहुंच सके, लेकिन उनकी पत्नी चारु चौधरी ने मथुरा में अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

मथुरा के जिला चुनाव अधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया, ‘चुनाव के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और कोविड-19 मानदंडों का सख्ती से पालन किया गया था.’ उन्होंने बताया कि गोवर्धन विधानसभा सीट के राधाकुंड क्षेत्र में कुछ विवाद था, लेकिन इसे उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी ने सुलझा लिया.

सपा-रालोद कार्यकर्ताओं पर हमले को लेकर माठ तहसील के सामने सपा-रालोद प्रत्याशी संजय लाठर और माठ थाना प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार सिंह के बीच तीखी नोकझोंक हुई.

माठ विधानसभा क्षेत्र से सपा-रालोद उम्मीदवार संजय लाठर ने कहा, ‘हम चुनाव आयोग और मथुरा के पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत दर्ज कराएंगे कि रालोद-सपा के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पीटा है.’

ठंड की वजह से शुरू में मतदान की गति कुछ धीमी रहीए लेकिन दिन चढ़ने के साथ इसमें काफी तेजी आई.

पहले चरण का चुनाव जाट बहुल क्षेत्र में हो रहा है. इस चरण में राज्य सरकार के मंत्रियों श्रीकांत शर्मा, सुरेश राणा, संदीप सिंह, कपिल देव अग्रवाल, अतुल गर्ग और चौधरी लक्ष्मी नारायण समेत कुल 623 उम्मीदवारों के सियासी भाग्य का फैसला होगा. इनमें 73 महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं.

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष, सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराने के लिए व्यापक इंतजाम एवं सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की है.

उनके मुताबिक कोविड-19 के मद्देनजर मतदान स्थलों पर थर्मल स्कैनर, हैंड सैनीटाइजर, ग्लव्स, फेस मास्क, फेस शील्ड, पीपीई किट, साबुन, पानी आदि की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था की गई है.

उन्होंने बताया कि पहले चरण में 2.28 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 1.24 करोड़ पुरुष, 1.04 करोड़ महिला तथा 1448 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं.

शुक्ला ने बताया कि पहले चरण के चुनाव के लिए कुल 10853 मतदान केंद्र और 26027 मतदेय स्थल बनाए गए हैं तथा मतदान पर सतर्क दृष्टि रखने के लिए 48 सामान्य प्रेक्षक, आठ पुलिस प्रेक्षक तथा 19 व्यय प्रेक्षक भी तैनात किए गए हैं.

उनका कहना था कि इसके अतिरिक्त 2175 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 284 जोनल मजिस्ट्रेट, 368 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तथा 2718 माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं.

वर्ष 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पहले चरण की 58 में से 53 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को दो-दो सीटें मिली थी. इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल का भी एक प्रत्याशी जीता था.

पिछले विधानसभा चुनाव में इन निर्वाचन क्षेत्रों में 63.47 फीसदी मतदान हुआ था.

सत्ता के लिए नहीं बल्कि बहन बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ रही हूं चुनाव: आशा सिंह

उन्नाव: पूर्व विधायक और बलात्कार के जुर्म में सजा काट रहे कुलदीप सिंह सेंगर से न्याय की लड़ाई जीत चुकीं जिले के मांखी गांव की पीड़िता की मां आशा सिंह कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं और उनका कहना है कि वह सत्ता सुख के लिए नहीं, बल्कि बहन बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए चुनाव लड़ रही हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

पीड़िताका कहना है कि वैसे तो प्रियंका दीदी (कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा) चाहती थीं कि वह (पीड़िता) चुनाव लड़े लेकिन उम्र कम होने की वजह से उसकी मां आशा सिंह चुनाव मैदान में हैं.

उन्नाव सदर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी आशा सिंह कहती हैं, ‘जैसा मेरी बेटी के साथ हुआ, ऐसा किसी और के साथ न हो.’ वह कहती हैं, ‘मेरा चुनाव लड़कर जीतने का उद्देश्य सत्ता सुख पाना नहीं हैं, बल्कि हर ऐसी पीड़ित बेटी-बहन की आवाज उठा कर उसे इंसाफ दिलाना हैं, जिसके साथ कुछ गलत हुआ हो.’

मां के साथ कंधे से कंधा मिला कर चुनाव प्रचार कर रही पीड़िता ने कहा, ‘अब हम दबकर नहीं बल्कि सिर उठाकर महिलाओं के साथ बदतमीजी करने वालों के खिलाफ लड़ेंगे. हम हर सताई हुई बहन बेटी की आवाज बनेंगे. मुझे उम्मीद हैं कि हमारे जिले की जनता हमारे साथ हुए जुल्म को समझेगी और हमारी मां को चुनाव जिता कर विधानसभा भेजेगी.’

उन्नाव सदर सीट पर कांग्रेस के अलावा भाजपा ने मौजूदा विधायक पंकज गुप्‍ता को, समाजवादी पार्टी ने अभिनव कुमार को और बसपा ने देवेंद्र सिंह को प्रत्‍याशी घोषित किया है.

आशा सिंह मांखी गांव की दुष्‍कर्म पीड़िता की मां है, जिन्‍होंने बेटी को न्‍याय दिलाने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी. मामले में बांगरमऊ से भाजपा के तत्कालीन विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को आजीवन कारावास की सजा हुई.

आशा कहती हैं, ‘‘हमें हर गांव और हर मोहल्ले से जनता विशेषकर महिलाओं का अपार समर्थन मिल रहा हैं और उम्मीद है कि इस बार उन्नाव सदर विधानसभा सीट से मैं चुनाव जीतूंगी.’’

आशा सिंह पढ़ी-लिखी नहीं हैं, इसलिए चुनाव प्रचार में उनकी पीड़िता बेटी और उसकी बहन भी उनके साथ रहती हैं.

मां के साथ चुनाव प्रचार में जुटी पीड़िता ने कहा, ‘हमारा दर्द प्रियंका दीदी ने समझा और राजनीति में आने का मौका देते हुए कहा कि अब और बेटियों के साथ यह न हों इसलिए मेरी मां को मैदान में उतारा.’

पीड़िता 11वीं कक्षा की छात्रा है. वह कहती है, ‘बहुत जुल्म सह लिया, मेरे साथ गलत करने वाले को जेल की सलाखों की पीछे पहुंचा दिया. अब कोई भी, चाहे कितनी ही ऊंची पहुंच वाला क्यों न हों, किसी भी बेटी के साथ कुछ गलत करने से पहले सोचेगा. क्यूंकि कानून के हाथ बहुत लंबे हैं और भगवान के घर भी देर हैं अंधेर नहीं.’

राजनीति में धनबल और बाहुबल हावी रहता है, ऐसे में क्‍या चुनावी रणनीति रहेगी, के सवाल पर प्रत्‍याशी की पीड़िता बेटी का कहना था, जिसके पास जो है, वह उसके आधार पर चुनाव लड़ेगा. हमारे पास जनता है, हम जनता के सहारे ही चुनाव लड़कर जीतेंगे. मुश्किलें आएंगी, लेकिन अकेले नहीं हैं. चुनाव जनता लड़ रही है, हम हर पीड़िता का दुख-दर्द समझेंगे.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ के नारे में एक लाइन और जोड़ी है, ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं और बहन-बेटियों को न्याय दिला सकती हूं.’

पीड़िता ने कहा, ‘मैं और मेरी बहन अलग-अलग टीम बनाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. और सुबह नौ बजे से शाम तक प्रचार करते हैं. हमें उम्मीद हैं कि हम चुनाव जीतेंगे.’

वह बताती हैं कि प्रियंका दीदी ने मध्य प्रदेश, दिल्ली से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की टीम भेजी हैं, जो हमारे साथ चुनाव प्रचार कर रही हैं, इसके अलावा स्थानीय महिलायें भी भारी संख्या में हमारी मां के लिए गांव गांव गली गली प्रचार कर रही हैं. सबका एक ही मकसद हैं कि भविष्य में किसी बहन बेटी के साथ ऐसी कोई घटना न हों जैसी मेरे साथ हुई हैं.

गौरतलब है कि चार जून 2017 को सेंगर से मिलने के लिए उनके घर के करीब रहने वाली एक किशोरी एक महिला के साथ नौकरी मांगने के लिए पहुंची थी. एक दिन उस किशोरी ने खुलासा किया कि विधायक ने उसके साथ बलात्कार किया था.

इस मामले में अदालत के आदेश के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया. मामला जब तूल पकड़ने लगा तो अप्रैल 2018 में जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के हवाले कर दी गई. बाद में भाजपा ने सेंगर को पार्टी से निकाल दिया.

दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने 19 दिसंबर 2019 को कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई. सेंगर के दोषी पाये जाने के बाद यूपी विधानसभा ने उसकी सदस्यता रद्द कर दी और बांगरमऊ विधानसभा सीट रिक्त घोषित कर दी थी. नवंबर 2020 में बांगरमऊ सीट पर उपचुनाव हुआ और भाजपा के श्रीकांत कटियार ने यह चुनाव जीता.

उन्नाव सदर सीट पर चौथे चरण में 23 फरवरी को वोट डाले जायेंगे.

डबल इंजन की भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार भी हुआ डबल: अखिलेश

बिजनौर: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य की कथित डबल इंजन सरकार के शासन में भ्रष्टाचार दोगुना हो गया है.

चुनाव प्रचार के दौरान जयंत चौधरी के साथ अखिलेश यादव. (फोटो साभार: ट्विटर)

उन्होंने वादा किया कि उत्तर प्रदेश में सपा गठबंधन की सरकार बनने पर किसानों को गन्ना मूल्य का समय से भुगतान करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का कोष बनाया जाएगा.

यादव ने बिजनौर में  अपने गठबंधन के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ संयुक्त रैली में आरोप लगाया, ‘उत्तर प्रदेश की डबल इंजन की सरकार में भ्रष्टाचार भी डबल हो गया है. इसलिए भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सपा गठबंधन को वोट दें ताकि बाबाजी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद अपने घर लौट जाएं.’

उन्होंने गन्ना किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा, ‘सत्ता में आने पर हम 10 हजार करोड़ रुपये का कोष बनाएंगे, ताकि किसानों को समय से गन्ने का भुगतान हो सके. गठबंधन की सरकार बनने पर किसानों का गन्ना मूल्य 15 दिन के अंदर चुकाया जाएगा.’

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा को अपने पिछले चुनाव घोषणा-पत्र में किए गए वादे पूरे नहीं करने के लिए दो मिनट का मौन रखना चाहिए.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास की बात करते हैं, लेकिन विकास के नाम पर उन्होंने किसानों के हाथ में टॉर्च और लाठी थमा दी है और उन्हें मजबूरन कड़ाके की सर्दी वाली रात में अवारा पशुओं से अपनी फसलों की रक्षा करनी पड़ रही है.

राष्ट्र विरोधी तत्वों को अपना प्रस्तावक तक बना रहे हैं ‘दंगावादी और माफियावादी लोग’: मोदी

सहारनपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी (सपा) को ‘घोर परिवारवादी, दंगावादी और माफियावादी’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह लोग अब चुनाव में ‘राष्ट्र विरोधियों’ को अपना प्रस्तावक तक बना रहे हैं.

सहारनपुर में बृहस्पतिवार को एक चुनावी सभा को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)

मोदी ने सहारनपुर में एक चुनावी रैली में मुजफ्फरनगर और सहारनपुर दंगों का जिक्र करते हुए कहा, ‘मुजफ्फरनगर में जो हुआ वह तो कलंक था ही, यहां सहारनपुर में जो कुछ हुआ था वह भी खौफनाक था. तब राजनीतिक संरक्षण में लोगों को कैसे निशाना बनाया जाता है, सहारनपुर का दंगा इसका प्रमाण है.’

उन्होंने कहा, ‘ऐसी ही करतूतों के कारण 2017 में आप लोगों ने दंगावादियों को सबक सिखाया और उत्तर प्रदेश को दंगा मुक्त करने में योगी जी को सफलता मिली, लेकिन आप यह मत समझना कि यह दंगावादी और परिवारवादी सुधर गए हैं.’

उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘सहारनपुर के दंगों के बड़े गुनहगार को अब इन माफियावादियों ने इस चुनाव में अपना साथी बना लिया है. यह सिर्फ सहारनपुर की ही बात नहीं है, पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इन लोगों ने चुन-चुन कर अपराधियों को मैदान में उतारा है. हालत तो यह है कि ये लोग अब राष्ट्र विरोधियों को अपना प्रस्तावक तक बना रहे हैं. इनका इरादा आप जरूर समझिए.’

मोदी ने दावा किया, ‘योगी जी की सरकार ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की, उन्हें जेल भेजा इसलिए उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचा है. ये लोग उत्तर प्रदेश के लोगों से बदला लेना चाहते हैं. जो लोग उस समय दंगाइयों को कोस रहे थे, वे इस चुनाव में दंगाइयों से गले मिल रहे हैं.’

प्रधानमंत्री ने जिले की मुस्लिम महिलाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ‘उनकी सरकार ने मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने के लिए कानून बनाया, जिसके बाद मुस्लिम बहन बेटियां खुलकर भाजपा का समर्थन करने लगीं तो वोटों के कुछ ठेकेदारों की नींद हराम हो गई.उन्हें लगा कि इन बेटियों को रोकना होगा, क्योंकि अगर यह मोदी की तरफ चली जाएंगी तो घर में ही उनका राज आ जाएगा, इसलिए उन मुस्लिम बहन बेटियों का हक और उनकी विकास की आकांक्षाओं को रोकने के लिए नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं.’

मोदी ने विपक्षी दलों खासकर समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘यह मैं इसलिए कह रहा हूं कि यह घोर परिवारवादी लोग सरकार में होते तो शायद कोरोना की वैक्सीन रास्ते में ही कहीं बिक गई होती और आप कोरोना के भय से आतंकित होकर जीवन मृत्यु की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर हो जाते.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहली बार किसी रैली स्थल पर पहुंचकर संबोधन दे रहे थे. इससे पहले उन्हें बिजनौर में रैली को संबोधित करना था, लेकिन खराब मौसम के कारण हुआ रैली स्थल पर नहीं पहुंच सके थे और वर्चुअल संवाद किया था.

योगी को दूसरों को ठंडा करने की बात करने के बजाय रोजगार पैदा करने चाहिए: प्रियंका

नोएडा/रामपुर: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना की और कहा कि राज्य की भाजपा नीत सरकार को दूसरों को ठंडा करने के बारे में बोलने के बजाय रोजगार के अवसर पैदा करने चाहिए.

बृहस्पतिवार को रामपुर में कांग्रेस प्रत्याशी नवाब काज़िम अली ख़ान के लिए चुनाव प्रचार करतीं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी. (फोटो: पीटीआई)

रामपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव एवं पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर गलत नीतियों के जरिए व्यापार और व्यवसाय को बर्बाद करने का भी आरोप लगाया.

प्रियंका ने आदित्यनाथ पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा, ‘वे कहा करते हैं, ‘गरमी निकाल देंगे’,‘चरबी निकाल देंगे’. क्या ये मुद्दे लोगों को परेशान कर रहे हैं? मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि जब वे पांच साल से सत्ता में हैं, (नौकरियों के लिए) रिक्तियां क्यों नहीं निकाल रहे हैं और रोजगार के अवसर क्यों नहीं पैदा कर रहे हैं ?’

उन्होंने मतदाताओं से नेताओं के भाषण सुनने और यह समझने की अपील की कि क्या वे लोगों के विकास एवं कल्याण के बारे में बातें कर रहे हैं , या अपने बारे में.

प्रियंका ने कहा, ‘सरकार ने क्या किया है, इसने पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम) अपने दोस्तों को बेच डाले. नौकरियां पीएसयू से आती हैं. सभी छोटे एवं मझोले व्यवसाय और विनिर्माण इकाइयां रोजगार सृजन करती हैं, लेकिन सरकार ने नोटबंदी के जरिए इस क्षेत्र को कमजोर कर दिया.’

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की आर्थिक नीतियों ने आम आदमी पर चोट की, जबकि काला धन रखने वाले वाले अच्छा जीवन जी रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी शुरुआती बिंदु था, जहां से छोटे एवं मझोले कारोबारियों की बर्बादी शुरू हुई थी. इसके बाद आप पर जीएसटी (माल एवं सेवा कर) थोप दिया गया और फिर आप कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुए. भाजपा की केंद्र और राज्य, दोनों जगहों पर सरकारें हैं लेकिन उन्होंने आपको बचाने या आपको मजबूत करने के लिए कुछ नहीं किया. ’

राज्य में दूसरे चरण के विधानसभा चुनाव के तहत 14 फरवरी को पश्चिमी यूपी में रामपुर जिले की चार विधानसभा सीटों, चमरौआ, बिलासपुर, मिलक और रामपुर (सदर) में मतदान होगा.

चूक गए तो उत्तर प्रदेश को कश्मीर, बंगाल और केरल बनते देर नहीं लगेगी: योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के मतदाताओं को आगाह करते हुए दावा किया कि उनके शासन में दंगाइयों और आतंकवादियों पर अंकुश लगा है. उन्होंने कहा, ‘अगर इस बार मतदाता चूक गए तो उत्तर प्रदेश को कश्मीर, बंगाल और केरल बनते देर नहीं लगेगी.’

योगी आदित्यनाथ. (फोटो: पीटीआई)

योगी ने अपने टि्वटर हैंडल के जरिये साझा किए गए एक वीडियो में कहा, ‘आज मुझे कोई चिंता है तो केवल एक है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रदेश में जिन-जिन दंगाइयों और आतताइयों पर अंकुश लगा है, वे सब मचल रहे हैं. आतंकी बार-बार धमका रहे हैं कि एक बार सरकार आने दीजिए. आप सावधान रहिए. आप चूके, तो पांच साल की मेहनत पर पानी फिर जाएगा और इस बार उत्तर प्रदेश को कश्मीर, बंगाल और केरल बनते देर नहीं लगेगी.’

योगी ने कहा, ‘आपका वोट मेरी पांच वर्ष की तपस्या पर आपका आशीर्वाद तो है ही लेकिन यह भी ध्यान रहे कि ये वोट आने वाले वर्षों में आपके भयमुक्त और सुरक्षित जीवन की गारंटी बनेगा.’

योगी ने कहा, ‘पिछले पांच वर्षों के दौरान आपने किसी घोटाले के आरोप नहीं सुने. मैं एक योगी हूं और मेरे भगवे पर कोई दो पैसे के भ्रष्टाचार का दाग नहीं लगा सकता, लेकिन इस बात के लिए भी मैं आपसे अपना वोट नहीं मांगूंगा. यह मुझे शोभा नहीं देता. मुझे सबसे बड़ा संतोष इस बात का है कि आज हमारा उत्तर प्रदेश गुंडों, बदमाशों, दंगाइयों, उगाही गिरोह, पेशेवर अपराधियों और माफियाओं के आतंक से मुक्त है.’

भाजपा में शामिल हुए ‘द ग्रेट खली’

विश्व कुश्ती मनोरंजन में अपने प्रदर्शन से लोगों का दिल जीतने वाले और ‘द ग्रेट खली’ के नाम से मशहूर दलीप सिंह राणा ने बृहस्पतिवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली.

पंजाब पुलिस के अधिकारी रह चुके खली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों से प्रभावित होकर उन्होंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया.

उन्होंने केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और भाजपा महासचिव अरुण सिंह की मौजूदगी में राजधानी दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में भाजपा का दामन थामा.

खली ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन किया था. बाद में सरकार ने तीनों कानूनों को रद्द कर दिया था.

जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि खली राष्ट्रवादी सोच के व्यक्ति हैं और वह कहीं भी रहें, उनका दिल भारत के लिए धड़कता है.

खली ने कहा कि मोदी के रूप में भारत को एक अच्छा प्रधानमंत्री मिला है. उन्होंने कहा कि देश के विकास की प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए वह भाजपा में शामिल हुए हैं.

टिकट कटने के बाद भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह विकासशील इंसान पार्टी में शामिल

बलिया: इधर, भाजपा के विधायक रहे सुरेंद्र सिंह बृहस्पतिवार को बिहार के मंत्री मुकेश सहनी नीत विकासशील इंसान पार्टी में शामिल हो गए.

सुरेंद्र सिंह.(फोटो: एएनआई)

सिंह ने टिकट नहीं मिलने के बाद भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्याग-पत्र दे दिया था.

अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले जिले के बैरिया क्षेत्र के विधायक सिंह ने बृहस्पतिवार को विकासशील इंसान पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली.

उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजा राम बिंद उनके आवास पर आए तथा उन्होंने उन्हें अपने दल का उम्मीदवार घोषित कर दिया.

उन्होंने बताया कि वह विकासशील इंसान पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर बैरिया सीट से चुनाव लड़ेंगे.

कांग्रेस ने 33 उम्मीदवार और घोषित किए, योगी के खिलाफ चेतना पांडेय को उतारा

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को 33 और उम्मीदवार घोषित किए, जिनमें 15 महिलाएं शामिल हैं.

पार्टी ने गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अपनी स्थानीय नेता चेतना पांडेय को उम्मीदवार बनाया है.

यह राज्य में कांग्रेस उम्मीदवारों की नौवीं सूची है. कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अब तक करीब 400 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है, जिनमें से 40 फीसदीीी टिकट महिलाओं को दिया गया है.

कांग्रेस की नौवीं सूची के मुताबिक, गोरखपुर ग्रामीण से देवेंद्र निषाद, जौनपुर से फैसल तबरेज हसन, मुगलसराय से छब्बू पटेल, वाराणसी कैंट से राजेश मिश्रा और वाराणसी दक्षिण से मुदिता कपूर को टिकट दिया गया है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सात चरणों में होगा. पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को और सातवें एवं अंतिम चरण का मतदान सात मार्च को होगा. परिणाम 10 मार्च को घोषित होंगे.


उत्तराखंड विधानसभा चुनाव


मुझ पर ईडी और सीबीआई का दबाव नहीं चलता: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उनकी बात नहीं सुनने के आरोप पर बृहस्पतिवार को पलटवार करते हुए कहा कि इसका मतलब यह है कि उन पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का दबाव नहीं चलता.

उत्तराखंड के मंगलौर में बृहस्पतिवार को एक चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई)

हरिद्वार जिले के मंगलौर में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन के पक्ष में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बुधवार को एक साक्षात्कार में कहा कि राहुल सुनता नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘इस लाइन का मतलब आपको मैं बताता हूं. इसका मतलब है कि राहुल पर ईडी और सीबीआई का दवाब नहीं चलता, यह मेरी नहीं सुनता. इस पर मैं जितना भी दबाव डाल दूं, यह पीछे नहीं हटता.’

इस संबंध में गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री सोचते हैं कि सबको उनसे डर लगता है, लेकिन उन्हें उनसे डर नहीं लगता. उन्होंने कहा, ‘उल्टा उनके अहंकार को देखकर मुझे हंसी आती है.’

देश को अरबपतियों और गरीबों के दो हिस्सों में बांट कर ‘दो हिंदुस्तान’ बनाने के अपने आरोप को दोहराते हुए कांग्रेस नेता ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी और गलत जीएसटी जैसे फैसलों को लागू कर छोटे व्यापारियों, दुकानदारों, किसानों और मजदूरों को बर्बाद कर दिया.

उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या नोटबंदी से देश में काला धन समाप्त हो गया? कांग्रेस नेता ने कहा, ‘यह कालाधन सफेद हो गया और भाजपा को मिल गया.’

गांधी ने कहा कि मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण उत्तराखंड सहित पूरा देश बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है. ​उन्होंने कहा कि देश को रोजगार अरबपति नहीं बल्कि छोटे व्यापारी, दुकानदार और किसान देते हैं जिन्हें केंद्र सरकार ने बर्बाद कर दिया.

राहुल गांधी ने कोरोना महामारी से निपटने में विफल रहने का भी आरोप लगाया और कहा कि जहां दूसरे देशों ने अपने नागरिकों से इससे सावधान रहने को कहा, जबकि मोदी ने लोगों से थाली बजाने और मोबाइल फोन की रोशनी जलाने को कहा.

उन्होंने कहा, ‘जब आपके माता-पिता और बच्चों को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की जरूरत थी तो आपकी सरकार कहां थी?’

गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के समय केंद्र सरकार ने मजदूरों को सड़कों पर बेसहारा छोड़ दिया जबकि कांग्रेस द्वारा उनके लिए ​की गईं बसों की व्यवस्था को भी भाजपा की सरकारों ने लेने से मना कर दिया.

कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र सरकार ने हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार का वादा किया था, लेकिन उसने उनका भी रोजगार छीन लिया, जिनके पास रोजगार था.

उन्होंने दावा किया कि संप्रग सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला था, लेकिन मोदी सरकार ने पिछले सात सालों में 23 करोड़ लोगों को दोबारा गरीबी में धकेल दिया.

गांधी ने उत्तराखंड में पांच साल में तीन मुख्यमंत्री बदलने का मुद्दा भी उठाया और आरोप लगाया कि उनके ‘भ्रष्ट और चोर’ होने के कारण उन्हें हटाया गया.

मोदी को प्रधानमंत्री नहीं बल्कि ‘राजा’ बताते हुए कांग्रेस नेता ने उनकी आलोचना करते हुए कहा कि वह यह सोचते हैं कि पिछले 70 साल में किसी ने कोई काम नहीं किया और केवल उनके आने के बाद से ही देश जागा है.

उन्होंने जनता से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि यह उनकी अपनी सरकार होगी, जहां हर वर्ग का ध्यान रखा जाएगा.

मोदी ने कांग्रेस पर वोट के लिए जनरल रावत के ‘कट आउट’ के इस्तेमाल करने आरोप लगाया

श्रीनगर (उत्तराखंड): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर आरोप लगाया कि जब जनरल बिपिन रावत जीवित थे तो उसने उन्हें अपशब्द कहे और अब वह उनके कट आउटों का इस्तेमााल वोट के लिए कर रही है.

उत्तराखंड में 14 फरवरी को होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के श्रीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि यह वही कांग्रेस है जिसने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे थे.

उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में तो इनके नेताओं ने बाकायदा टीवी पर जाकर सेना से सबूत मांगे थे.’

प्रधानमंत्री ने लोगों को याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने तो देश के पूर्व रक्षा प्रमुख जनरल रावत को ‘सड़क का गुंडा’ भी कहा था. उन्होंने कहा कि देश के शहीदों के लिए यह कांग्रेस की नफरत ही दिखाता है.

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ‘वन रैंक, वन पेंशन’ के मुददे पर लगातार झूठ बोलती रही, लेकिन अब वह जनरल रावत के कट आउट और फोटो लगाकर वोट मांग रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘कुर्सी के लिए कोई इस सीमा तक जा सकता है, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज अगर वोट के लिए ये लोग (कांग्रेस) जनरल रावत का सियासी इस्तेमाल करना चाह रहे हैं तो उन्हें जवाब देने की जिम्मेदारी उत्तराखंड के लोगों की है.’

जनरल बिपिन रावत का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी याद उन्हें भावुक कर रही है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने दिखाया कि उत्तराखंड के लोगों के पास न केवल पहाड़ जैसा साहस होता है बल्कि हिमालय जैसी ऊंची सोच भी होती है, कांग्रेस की सोच को केवल ‘सत्ता के सुख तक सीमित’ बताते हुए उन्होंने कहा कि वह बलिदान और देशसेवा का मूल्य कभी नहीं समझ सकती.


मणिपुर विधानसभा चुनाव


ड्रग माफियाओं के खिलाफ अभियान के लिए चर्चित पूर्व पुलिस अधिकारी चुनाव मैदान में

मणिपुर के ड्रग माफियाओं के खिलाफ अभियान के लिए चर्चित पूर्व पुलिस अधिकारी थौनाओजम बृंदा अपने राज्य को नशा मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की अपनी लड़ाई जारी रखने के वास्ते राजनीतिक मैदान में उतर गई हैं.

पूर्व पुलिस अधिकारी टी. बृंदा जदयू की ओर से चुनाव लड़ रही हैं. (फोटो साभार: ट्विटर/@reagan_moirangt)

पिछले साल अक्टूबर में उन्होंने अपने चुनाव लड़ने की योजना को सार्वजनिक किया था. बृंदा ने कहा था कि उन्होंने मौजूदा व्यवस्था को बदलने के लिए राजनीति में जाने का फैसला किया है.

बृंदा ने कहा था, ‘मैं लगातार हो रहे राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से सही तरीके से अपना काम नहीं कर पा रही हूं मेरा विजन युवाओं और गरीब लोगों के लिए काम कर उनका उत्थान करना है.’

चार साल पहले बृंदा उस वक्त सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने कई ड्रग-कार्टेल का भंडाफोड़ किया था और वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित हुई थीं.

उन्होंने मणिपुर विधानसभा के लिए 27 फरवरी और तीन मार्च को दो चरणों में होने वाले चुनाव में इंफाल पूर्वी जिले के याइसकुल निर्वाचन क्षेत्र से जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा करके हलचल मचा दी है.

वर्ष 2021 में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद से इस्तीफा देने वाली बृंदा ने बताया कि चुनावी राजनीति में उनके प्रवेश की मुख्य वजह राज्य और उसके युवाओं को भ्रष्टाचार और नशीली दवाओं (दुर्व्यवहार) के ‘आतंकवाद’ से मुक्ति की तात्कालिकता है.

उन्होंने हालांकि अपने करियर के शुरुआती वर्षों में राजनीति में शामिल होने के बारे में कभी नहीं सोचा था, लेकिन न केवल उनके क्षेत्र से, बल्कि पूरे राज्य से समर्थन मिलने के कारण चुनावी राजनीति में आने का फैसला किया.

बृंदा 2012 बैच की मणिपुर पुलिस सेवा कैडर की अधिकारी थीं. वह जून 2018 में एक मादक पदार्थों की हाई प्रोफाइल खेप पकड़ने के बाद सार्वजनिक तौर पर सुर्खियों में आई थीं. उनके नेतृत्व में चलाये गए अभियान में चंदेल स्वायत्त जिला परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष लुखाउसी जू और छह अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

जब उन्होंने चंदेल में लुखाउसी जू को 20 जून, 2018 को उनके आधिकारिक आवास पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में 27 करोड़ रुपये की कीमत के ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था, तब वह भाजपा के सदस्य थे.

उसके बाद मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने उन्हें मादक पदार्थ और नकदी जब्त करने के मामले में उनके सराहनीय प्रयास को लेकर उन्हें पुलिस पदक से सम्मानित किया था.

इस मामले के संबंध में बृंदा ने मणिपुर हाईकोर्ट में दाखिल किए गए 16 पेज के हलफनामे का हिस्सा रहे दस्तावेजों में कहा था कि खासतौर पर लुखाउसी को बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया था.

राज्य पुलिस द्वारा चार्जशीट दायर किए जाने के चार दिन बाद विशेष नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अदालत ने लुखाउसी को जमानत दे दी, जिसके बाद वह फरार हो गया. हालांकि, फरवरी 2020 में उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, लेकिन एनडीपीएसए अदालत ने 21 मई 2021 को फिर से जमानत दे दी.

बता दें कि वह राज्य के नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बॉर्डर ब्यूरो (एनएबी) की पहली अधिकारी थीं, जिन्हें राज्य वीरता पुरस्कार दिया गया था.

सीमावर्ती राज्य में ड्रग्स की तस्करी और बिक्री के खिलाफ उनके निरंतर प्रयास के लिए अगस्त 2018 में भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया था और उन्हें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर भी पदोन्नत किया गया था.

हालांकि, 2018 के हाईप्रोफाइल ड्रग्स मामले में एडीसी के पूर्व अध्यक्ष चंदेल लुखाउसी जू को मणिपुर की विशेष नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) अदालत द्वारा बरी करने के बाद विरोधस्वरूप बृंदा ने यह वीरता पदक लौटा दिया था.

विधानसभा चुनाव की तारीखों में बदलाव, अब 28 फरवरी और पांच मार्च को होगा मतदान

निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को मणिपुर में दो चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों में फेरबदल किया तथा अब वहां 28 फरवरी और 5 मार्च को मतदान होगा.

इससे पहले 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होना था.

निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा कि यह फैसला सूचनाओं, अभ्यावेदन, पूर्व की नजीर, साजो-सामान, जमीनी स्थितियों और इस मामले में सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर आधारित है.

आयोग ने हाल में पंजाब में भी विधानसभा चुनावों की तारीख में बदलाव करते हुए इसे 14 फरवरी से 20 फरवरी कर दिया था. यह फैसला राज्य सरकार और विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा की गई मांग के बाद किया गया था.

भाजपा ऐसे वादे नहीं करेगी, जिन्हें पूरा न किया जा सके: केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एक ‘अनोखा’ घोषणा-पत्र तैयार कर रही है और पार्टी ऐसा कोई भी वादा नहीं करेगी, जिसे पूरा न किया जा सके.

उत्तर-पूर्वी राज्य में भाजपा के चुनाव प्रभारी यादव ने बताया कि भगवा पार्टी ने विभिन्न हितधारकों से चर्चा की है और घोषणापत्र तैयार करने के लिए एक समिति बनाई है.

यादव ने कहा, ‘हम जल्द एक अनोखे घोषणा-पत्र के साथ आएंगे. इसका मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति भी बनाई गई है. पार्टी ऐसा कोई भी वादा नहीं करेगी, जिस पर अमल न किया जा सके.’

भाजपा के मणिपुर के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार चुने जाने के सवाल पर यादव ने कहा कि एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार पिछले पांच वर्षों से राज्य पर ‘सफलतापूर्वक’ शासन कर रही है और पार्टी ‘उन्हीं के दूरदर्शी नेतृत्व में चुनाव लड़ने’ जा रही है.

यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘भाजपा मणिपुर विधानसभा की दो-तिहाई सीटें जीतेगी. पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा.’


गोवा विधानसभा चुनाव


भाजपा जिसका दावा करती है, ‘खनन घोटाले’ पर पीएसी की कोई रिपोर्ट है ही नहीं: कामत

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि लोक लेखा समिति (पीएसी) की ऐसी कोई रिपोर्ट मौजूद ही नहीं है, जिसने कथित तौर पर राज्य में 35,000 करोड़ रुपये के खनन घोटाले की ओर इशारा किया है.

दिगंबर कामत. (फोटो साभार: फेसबुक)

भाजपा ने कामत पर राज्य के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है. तत्कालीन विपक्ष के नेता मनोहर पर्रिकर ने पीएसी रिपोर्ट का हवाला दिया था, जिसमें कथित तौर पर कामत को घोटाले में आरोपी के रूप में नामित किया गया था.

विपक्ष के नेता कामत ने राजधानी पणजी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य के खान और भूविज्ञान विभाग से उन्हें पीएसी रिपोर्ट की एक प्रति उपलब्ध कराने के लिए कहा था, लेकिन अवर सचिव (विधानमंडल) ने लिखित में उन्हें दिया है कि पीएसी की ऐसी कोई रिपोर्ट मौजूद नहीं है. यहां तक ​​कि इस मुद्दे पर एक मसौदा रिपोर्ट भी राज्य विधानसभा ने स्वीकार नहीं की थी.

वर्ष 2007 और 2012 के बीच गोवा के मुख्यमंत्री रहे कामत 14 फरवरी को दक्षिण गोवा जिले के मडगांव के अपने पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में राज्य विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.

कामत ने कहा कि भाजपा ने राज्य में सत्ता हासिल करने के लिए 2012 में एक ऐसी रिपोर्ट का हवाला दिया था, जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं था. उन्होंने दावा किया, ‘भाजपा अक्सर पीएसी की रिपोर्ट का हवाला देती रही है, जो मौजूद ही नहीं है.’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘भाजपा ने मुझ पर घोटाले में शामिल होने का झूठा आरोप लगाया. कांग्रेस से बदला लेने के लिए भाजपा ने पूरे खनन उद्योग को बंद कर दिया और लोगों को नुकसान उठाना पड़ा.’

कामत ने कहा, ‘लेकिन अगर कांग्रेस राज्य में सत्ता में लौटती है, तो हमारी सरकार सम्पूर्ण धोखाधड़ी की जांच करेगी और इसे जनता के सामने लाएगी.’

जुलाई 2013 में खान और भूविज्ञान विभाग द्वारा एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें केंद्र द्वारा नियुक्त शाह आयोग सहित विभिन्न समितियों द्वारा इंगित किए गए अवैध खनन में शामिल लोगों पर आपराधिक दायित्व तय करने की मांग की गई थी.

अपराध शाखा ने अगस्त 2013 में कामत, कुछ अधिकारियों, खनन फर्मों और विभिन्न (शाह आयोग और अन्य समितियों की) रिपोर्ट में नामित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

शिवसेना को ‘धरती पुत्र’ एजेंडे के सहारे तटीय राज्य में पैठ जमाने की उम्मीद

मापुसा: गोवा में एक बार फिर पैठ जमाने की कोशिशों में जुटी शिवसेना के एजेंडे में ‘धरती पुत्रों’ का मुद्दा प्रमुखता से शामिल है, जिन्हें पार्टी निजी क्षेत्र की 80 फीसदीी नौकरियां देने की मांग कर रही है.

पार्टी ने 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा के लिए 14 फरवरी को होने वाले चुनाव में दस उम्मीदवार उतारे हैं.

तटीय राज्य में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है, जिसके 13 प्रत्याशी मैदान में हैं. पर गठबंधन सहयोगी न तो प्रचार स्थलों पर और न ही पोस्टरों में शिवसेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ नजर आ रहे हैं.

महाराष्ट्र में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के हिस्से के रूप में दोनों पार्टियां कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करती हैं.

पार्टी उम्मीदवारों के प्रचार के लिए गोवा पहुंचे शिवसेना सचिव आदेश बांदेकर ने कहा, ‘हमारा एजेंडा ‘धरती पुत्रों’ के हक की आवाज बुलंद करना होगा, जैसा कि हमारे पार्टी प्रमुख दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र में किया था. आप स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि ‘धरती पुत्रों’ के एजेंडे को लागू नहीं किया जा रहा है.’

शिवसेना की गोवा इकाई के प्रमुख और मापुसा से पार्टी प्रत्याशी जितेश कामत ने कहा, ‘हम ‘धरती पुत्रों’ के लिए न्याय चाहते हैं. हमारा संकल्प है कि गोवा में निजी क्षेत्र की 80 फीसदीी नौकरियां राज्य के लोगों को मिलें.’

शिवसेना ने पहले गोवा चुनाव में 11 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन पणजी सीट से उसके प्रत्याशी ने दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर के समर्थन में नामांकन वापस ले लिया, जो भाजपा द्वारा टिकट न दिए जाने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में किस्मत आजमा रहे हैं.


पंजाब विधानसभा चुनाव


धूरी में मान के लिए वोट मांगेंगी अरविंद केजरीवाल की पत्नी और बेटी

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल की पत्नी और बेटी 20 फरवरी को होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी तथा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान के समर्थन में वोट मांगने के लिए शुक्रवार को धूरी सीट का दौरा करेंगी. मान धूरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं.

अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘कल बेटी के साथ अपने देवर भगवंत मान के लिए वोट मांगने धूरी जा रही हूं.’

उनके ट्वीट का जवाब देते हुए मान ने कहा, ‘भाभी जी, पंजाब में आपका स्वागत है… धूरी के लोग आपका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं….’ अमृतसर में पत्रकारों से बात करते हुए मान ने कहा कि वह खुश हैं कि वह (सुनीता केजरीवाल) धूरी आ रही हैं.

कांग्रेस ने मौजूदा विधायक दलवीर सिंह गोल्डी को मैदान में उतारा है, जबकि शिरोमणि अकाली दल ने धूरी विधानसभा सीट से प्रकाश चंद गर्ग को उम्मीदवार बनाया है.

धूरी संगरूर संसदीय सीट के विधानसभा क्षेत्रों में से एक है, जहां से मान दो बार सांसद रह चुके हैं. पंजाब की 117 विधानसभा सीटों के लिए 20 फरवरी को मतदान होगा और 10 मार्च को मतगणना होगी.

कांग्रेस ने राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा को विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किया

कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं राजीव शुक्ला और दीपेंद्र सिंह हुड्डा को पंजाब विधानसभा चुनाव में चुनाव अभियान प्रबंधन और समन्वय के लिए विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.

पार्टी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दोनों नेताओं की नियुक्ति की. ये दोनों नेता कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी के साथ समन्वय बनाकर काम करेंगे.

पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों के लिए 20 फरवरी को मतदान होगा. मतगणना 10 मार्च को होगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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