विधानसभा चुनाव राउंड-अप: वरिष्ठ नेता और पूर्व क़ानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि अस्तित्व की चुनौती का सामना कर रही है कांग्रेस. उत्तर प्रदेश में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि केंद्र ने प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद भी वादा पूरा नहीं किया, इसके लिए भाजपा को दंडित किया जाए. भाजपा विधायक ने उत्तराखंड में पार्टी इकाई के अध्यक्ष मदन कौशिक पर हराने की साज़िश का आरोप लगाया. गोवा में टीएमसी-एमजीपी गठबंधन और कांग्रेस-जीएफपी गठबंधन ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया.
नई दिल्ली/चंडीगढ़/लखनऊ/देहरादून/पणजी: पंजाब से ताल्लुक रखने वाले पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने राज्य विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. अश्विनी कुमार नेता होने के साथ एक वकील भी हैं, जो पंजाब का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्यसभा सदस्य भी रहे हैं.
69 वर्षीय कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को मंगलवार सुबह इस्तीफा भेजा और कहा कि वह पार्टी से बाहर रहकर देश के लिए बेहतर तरीके से कार्य कर सकते हैं.
उन्होंने अपने त्याग-पत्र में कहा, ‘मैं 46 वर्षों के लंबे जुड़ाव के बाद पार्टी से अलग हो रहा हूं और आशा करता हूं कि ऐसे परिवर्तनकारी नेतृत्व से प्रेरित होकर जनता के लिए अतिसक्रियता से काम करता रहूंगा, जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दी गई उदारवादी लोकतंत्र की उच्च प्रतिबद्धता की परिकल्पना आधारित हो.’
उन्होंने अतीत में मिली जिम्मेदारियों के लिए कांग्रेस अध्यक्ष का आभार प्रकट किया और उनकी अच्छी सेहत की कामना की.
वरिष्ठ वकील मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में कानून मंत्री थे. वह 2002 से 2016 तक तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे. वह अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल भी रह चुके हैं.
Former Union Law Minister Ashwani Kumar resigns from Congress pic.twitter.com/BwUuqhqSH6
— ANI (@ANI) February 15, 2022
कुमार ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को होने वाले मतदान से कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस से इस्तीफा दिया है.
इससे पहले गत 25 जनवरी को पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे. आरपीएन सिंह करीब 32 साल तक कांग्रेस में रहे और विधायक से लेकर सांसद और केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय किया था.
कुशीनगर जिले के पडरौना राजघराने से ताल्लुक रखने वाले आरपीएन सिंह का पूरा नाम कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह है. उन्होंने पडरौना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 1996, 2002 और वर्ष 2007 में जीत दर्ज की थी.
इसके बाद वह कुशीनगर से 2009 के लोकसभा चुनाव में जीतकर वह सांसद बने और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में गृह राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी. हालांकि, इसके बाद के चुनावों में उन्हें लगातार हार का ही सामना करना पड़ा.
अश्विनी कुमार का नाम अब कांग्रेस छोड़ने वाले उन प्रमुख युवा नेताओं की फेहरिस्त में जुड़ गया है, जो कभी कांग्रेस में महत्वपूर्ण भूमिका में माने जाते थे. इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए तो गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन्हो फलेरियो, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, सुष्मिता देव और अशोक तंवर जैसे कुछ नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया.
पिछले दो वर्षों के दौरान कांग्रेस से इसके युवा चेहरों सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है. इन नेताओं में प्रियंका चतुर्वेदी और ललितेशपति त्रिपाठी जैसे नेता भी शामिल हैं. कुमार के बाहर निकलने का संकेत है कि वरिष्ठ नेताओं का भी अब पार्टी की स्थिति से मोहभंग हो रहा है.
प्रेरक नेतृत्व का अभाव, अस्तित्व की चुनौती का सामना कर रही है कांग्रेस: अश्विनी कुमार
इस्तीफा देने के बाद पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने मंगलवार को कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी जमीनी हकीकत से दूर जा चुकी है और वह अब राष्ट्रीय मिजाज को प्रदर्शित नहीं करती.
उन्होंने समाचार एजेंसी ‘पीटीआई/भाषा’ को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा कि वह पार्टी के भीतर धैर्य रखने की पराकाष्ठा तक पहुंच गए थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में प्रेरक नेतृत्व का आभाव है और वह अस्तित्व की चुनौती का सामना कर रही है.
Congress is not the party that it was…We don't have a transformative and inspiring leadership to lead the party… I have neither quit politics nor public service, I'll continue to discharge my obligations to the nation: Ashwani Kumar on resigning from Congress pic.twitter.com/UlXXtqpvjf
— ANI (@ANI) February 15, 2022
कुमार ने दावा किया कि कांग्रेस अपने पतन ओर बढ़ रही है, लेकिन वह आत्मावलोकन करने के लिए तैयार नहीं है.
इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने और गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण दिए जाने को लेकर छिड़े विवाद पर दुख जताते हुए कुमार ने कहा कि यह घटनाक्रम तुच्छ रवैये को प्रदर्शित करता है, जिसकी कांग्रेस से उम्मीद नहीं की जाती.
यह पूछे जाने पर कि क्या पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिनों पहले उनके कांग्रेस छोड़ने का कोई विशेष कारण है, इस पर उन्होंने कहा, ‘पंजाब में राजनीतिक विमर्श कभी इतने निचले स्तर का नहीं था. मुख्यमंत्री पद को लेकर सरेआम लड़ाई कांग्रेस के लिए खराब स्थिति रही और इस घटनाक्रम ने हम सभी को तुच्छ साबित किया. ऐसा लगा कि कुछ लोगों को छोड़कर बाकी सभी लोग अप्रासंगिक हैं या सम्मान के हकदार नहीं है.’
उन्होंने दावा किया, ‘अमरिंदर सिंह को अपमानित किया गया और इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, जो अशुभ संकेत था. वह इससे कहीं बेहतर के हकदार थे. पंजाब की अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति को देखते हुए यह जरूरी है कि एक प्रगतिशील और परस्पर सहमति वाली राजनीति हो तथा तुच्छ व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों को खत्म किया जाए.’
भविष्य की योजना के बारे में पूछे जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैंने अभी किसी पार्टी में शामिल होने के बारे में नहीं सोचा है, लेकिन मेरा इरादा यह जरूर है कि जनता और देश के लिए काम करने में सक्रिय बना रहूं. भविष्य के आगोश में क्या है, इस बारे में अभी से कुछ कहा नहीं जा सकता.’
पंजाब विधानसभा चुनाव के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘पंजाब के चुनाव परिणाम बहुत सारे लोगों को चौंकाएंगे. मुझे लगता है कि आम आदमी पार्टी पंजाब में बहुत आसानी से अगली सरकार बना लेगी और भगवंत मान राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे. पंजाब सनसनीखेज राजनीतिक बदलाव के लिए तैयार है.’’
कुमार ने यह भी कहा कि उनका कांग्रेस के ‘जी-23’ समूह से कोई लेना-देना नहीं है.
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी कहते हैं कि भाजपा का मुकाबला करने से डरने वाले लोग कांग्रेस छोड़ रहे हैं, इस पर कुमार ने कहा, ‘पार्टी छोड़ने को मजबूर नेताओं में कमी निकालने से बेहतर यह होगा कि पार्टी नेतृत्व अपना आत्मावलोकन करे.’
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर अस्तित्व की चुनौती का सामना कर रही है. पार्टी जमीनी हकीकत से दूर हो चुकी है और अब राष्ट्रीय मिजाज को प्रदर्शित नहीं करती.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘क्षेत्रीय पार्टियों ने लोगों खासकर युवाओं की नब्ज को पकड़ा है. कांग्रेस अब वस्तुत: तीन राज्यों की पार्टी रह गई है. क्षेत्रीय पार्टियां भविष्य में साझा न्यूनतम कार्यक्रम के आधार पर एकजुट हो सकती हैं, लेकिन इनमें से कोई अकेले भाजपा की राजनीतिक स्थिति को चुनौती नहीं दे सकती.’
अश्विनी कुमार में पार्टी की विचारधारा के प्रति समर्पण का अभाव था: कांग्रेस
कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार के इस्तीफे के बाद मंगलवार को कहा कि उनके भीतर पार्टी की विचारधारा के प्रति समर्पण का अभाव था.
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, ‘कोई पार्टी छोड़ता है तो बुरा लगता है. हम एक वैचारिक लड़ाई लड़ रहे हैं. जिनमें विचाराधारा की प्रतिबद्धता की कमी होती है, वो छोड़कर चले जाते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘उनमें (अश्विनी कुमार) कांग्रेस की विचारधारा के प्रति समर्पण का अभाव था. वह वैचारिक रूप से कांग्रेस की नीयत, नीति और नेतृत्व के प्रति समर्पित नहीं थे.’
निर्वाचन आयोग सिद्धू को चुनाव प्रचार करने से रोके: भाजपा
भाजपा ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया कि पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को चुनाव प्रचार करने से रोक दिया जाए.
आयोग से सिद्धू और उनकी पार्टी पर आपराधिक मामला दर्ज करने का अनुरोध करते हुए भाजपा ने आरोप लगाया कि सिद्धू अपने बयानों से समाज में नफरत और भेदभाव को बढ़ावा दे रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी समेत भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन लेकर निर्वाचन आयोग पहुंचा और कहा कि सिद्धू ने पंजाबियों को विभाजित करने के उद्देश्य से ‘अपमानजनक’ संदर्भ में ब्राह्मणों का अपमान किया.
भाजपा ने कहा कि सिद्धू ने हाल ही में राज्य के मुसलमानों से अपील की थी कि उनके वोटों का बंटवारा नहीं होना चाहिए. नकवी ने कहा कि कांग्रेस नेता की टिप्पणी आदर्श आचार संहिता और भारतीय दंड संहिता का उल्लंघन है.
उन्होंने उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों पर मुस्लिम महिलाओं को मतदान से रोकने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया और चुनाव आयोग से इस पर गौर करने के लिए कहा.
प्रियंका ने कहा, भाजपा व आप एक ही सिक्के के दो पहलू
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने मंगलवार को पंजाब में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया और कहा कि पहले भाजपा गुजरात मॉडल का प्रचार करती थी और अब आप नेता अरविंद केजरीवाल अपने दिल्ली मॉडल का प्रचार कर हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल की तरह यह मॉडल भी ‘नाकाम’ है.
प्रियंका ने अपने जनसंपर्क अभियान के तहत रूपनगर जिले में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ ट्रैक्टर की सवारी भी की. उन्होंने बाद में एक जनसभा को संबोधित किया और भाजपा तथा आम आदमी पार्टी को ‘एक ही सिक्के के दो पहलू’ करार दिया.
उन्होंने कहा कि आप और भाजपा दोनों जनता को मूर्ख बनाने के लिए राजनीति के एक नए ‘ब्रांड’ का वादा कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से ‘निकली’ है और उसकी विचारधारा भाजपा के समान है.
प्रियंका ने पंजाब की मुख्य विपक्षी पार्टी आप पर दिल्ली में कुछ नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि उसकी सरकार ‘नाकाम’ रही है.
उन्होंने कहा कि लोगों को आप द्वारा बताए जा रहे शासन के ‘दिल्ली मॉडल’ से सतर्क रहना चाहिए और इससे पहले भाजपा 2014 में अपने गुजरात मॉडल का प्रदर्शन करते हुए केंद्र की सत्ता में आई थी, लेकिन अब वास्तविकता सबके सामने है.
उन्होंने कहा कि लोगों ने गुजरात मॉडल की वास्तविकता देख ली और अब आप दिल्ली मॉडल का प्रदर्शन कर रही है.
कांग्रेस नेता ने लोगों से कहा, ‘दिल्ली में, स्वास्थ्य और शिक्षण संस्थानों में सुधार या रोजगार के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है. इन बातों को समझिए.’
केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘उन्हें समझाएं कि मंच पर (प्रचार के दौरान) बनावटी पगड़ी पहनकर कोई भी सरदार नहीं बन जाता है. उन्हें समझाएं कि असली सरदार कौन हैं.’
उन्होंने चन्नी की ओर इशारा करते हुए लोगों से कहा, ‘यहां अपनी सरकार बनाइए. ‘आप’ आपको कोई नयी राजनीति नहीं देगी और न ही नरेंद्र मोदी. नयी राजनीति यहां है.’
राज्य की कांग्रेस सरकार की सराहना करते हुए प्रियंका ने कहा कि चन्नी ने ‘पंजाब के लोगों के लिए’ अपने 111 दिनों के छोटे कार्यकाल में कई साहसी फैसले लिए.
उन्होंने कहा, ‘जो लोग बाहर से आते हैं और आपसे पंजाबियत की बात करते हैं, उन्हें बताइए कि पंजाबियत का क्या मतलब है.’
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद भी वादा पूरा नहीं हुआ, भाजपा को दंडित किया जाए: एसकेएम
लखीमपुर खीरी: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बावजूद केंद्र सरकार ने किसानों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए काम नहीं किया और उसने उत्तर प्रदेश के लोगों से इसके लिए ‘भाजपा को दंडित करने’ की अपील की.
लखीमपुर में एक प्रेस वार्ता में किसान नेता शिवकुमार शर्मा ‘काकाजी’ ने कहा कि सरकार ने किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित कई आश्वासन दिए थे, लेकिन वह इन्हें पूरा करने में विफल रही है.
शर्मा ने कहा, ‘जो वादे किए गए थे उनमें प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज सभी मामले वापस लिया जाना, आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा देना, किसानों को बिजली संबंधी विधेयकों के दायरे से बाहर रखना शामिल है.’
उनके साथ भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी थे.
उन्होंने कहा, ‘पराली जलाने पर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान हैए लेकिन सजा के प्रावधान को हटाने का आश्वासन दिया गया था और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा एमएसपी की गारंटी देने के लिए कानून बनाने का था लेकिन उसके लिए भी अबतक कोई समिति नहीं बनाई गई है.’
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 19 नवंबर 2021 को घोषणा की थी कि एमएसपी के लिए एक समिति बनाई जाएगी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि हालांकि कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने पिछले सत्र में संसद में बयान दिया था कि सरकार चुनाव आयोग से इसके लिए अनुमति मांग रही है.
शर्मा ने दावा किया, ‘प्रधानमंत्री की घोषणा के आधार पर समिति बनाई जा सकती थी और चुनाव आयोग पर इसका कोई असर नहीं होता.’
उन्होंने कहा कि इसी तरह सभी पांच बिंदुओं पर सरकार द्वारा काम किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जिसके कारण किसान मोर्चा ने 31 जनवरी को पूरे देश में ‘विश्वासघात दिवस’ मनाया था और उसके बाद उसने अपने ‘मिशन यूपी’ के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में जाने का फैसला किया जहां चुनाव हो रहे हैं.
शर्मा ने कहा, ‘हम किसी से यह नहीं कहते कि किसे वोट देना है लेकिन भाजपा को दंडित करना है. किसान जानता है कि किसे वोट देना है. कौन सरकार बनाएगा यह तय करना हमारा काम नहीं है. हम सरकार को उसी अनुपात में समर्थन देंगे जिस अनुपात में सरकार हमारा समर्थन करती है.’
संयुक्त किसान मोर्चा की लखीमपुर खीरी में प्रेस वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत दे दी है.
आशीष अक्टूबर 2021 में तिकुनिया में हुई हिंसा के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या एसयूवी से कुचलकर करने के मामले में मुख्य आरोपी हैं. इस हिंसा में कुल आठ लोगों की मौत हुई थी.
शाहजहांपुर में समाजवादी पार्टी के बूथ एजेंट की गोली मारकर हत्या
शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के तिलहर निर्वाचन क्षेत्र में मतदान के दौरान हुए विवाद के बाद मंगलवार सुबह समाजवादी पार्टी (सपा) के बूथ एजेंट की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस दौरान एक ग्रामीण भी गंभीर रूप से घायल हो गया जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जिले में सोमवार को दूसरे चरण का मतदान हुआ था.
पुलिस अधीक्षक (नगर) संजय कुमार ने बताया कि विक्रमपुर चकोरा गांव में समाजवादी पार्टी के बूथ एजेंट सुधीर कुमार (20 वर्ष) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना उस समय हुई जब सुनील कुमार मंगलवार सुबह शौच के लिए जा रहे थे. घटना में एक ग्रामीण भी गंभीर रूप से घायल हो गया.
उन्होंने बताया कि सोमवार को हुए मतदान के दौरान गांव के ही कुछ लोगों से सुनील कुमार का विवाद हो गया था. एसपी ने बताया कि मामले में सोमवार देर रात निगोही थाना के प्रभारी दिलीप कुमार को पुलिस लाइन भेज दिया गया और क्षेत्र में तनाव के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस तथा पीएसी को तैनात कर दिया गया है तथा वह खुद निगोही क्षेत्र में बराबर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. घटना में कई लोग घायल भी हुए थे.
वहीं, निर्वाचन क्षेत्र में एक अन्य घटना में सोमवार शाम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रत्याशी सलोना कुशवाहा के समर्थक आकाश तिवारी अपने समर्थकों के साथ जा रहे थे कि तभी सपा प्रत्याशी रोशनलाल वर्मा अपने समर्थकों के साथ आ गए और आकाश तिवारी तथा समर्थकों की बुरी तरह पिटाई की, जिसमें आधा दर्जन लोग घायल हो गए.
सूत्रों ने बताया कि बाद में कुशवाहा थाने पहुंच गईं और पुलिस थाना के बाहर शाहजहांपुर-पीलीभीत मार्ग पर जाम लगा दिया, जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज करके मार्ग खुलवाया.
पुलिस ने तिवारी की शिकायत पर सपा प्रत्याशी रोशनलाल वर्मा उनके पुत्र मनोज वर्मा तथा सचिन वर्मा एवं 60 से अधिक समर्थकों के विरुद्ध हत्या के प्रयास एवं अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया है.
सत्ता में आए तो गरीबों को पांच साल तक मुफ्त राशन, एक किलोग्राम घी देंगे: अखिलेश यादव
रायबरेली: उत्तर प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा चुनाव के बाद राशन नहीं दिए जाने का दावा करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो पांच साल तक गरीबों को मुफ्त राशन के अलावा स्वास्थ्य बेहतर करने के लिए एक किलोग्राम घी भी दिया जाएगा.
अखिलेश यादव ने कहा, ‘इस समय गरीबों को जो राशन मिल रहा है, वह केवल चुनाव तक मिलने वाला है. चुनाव के बाद यह नहीं मिलेगा. पहले इसे नवंबर तक दिया जाना था, लेकिन जब उत्तर प्रदेश चुनाव की घोषणा की गई, तो उन्होंने कहा कि मुफ्त राशन मार्च तक मिलेगा. दिल्ली के बजट में राशन का पैसा नहीं रखा है, क्योंकि वह जानते हैं कि मार्च में चुनाव खत्म हो जाएगा.’
अखिलेश ने कहा, ‘समाजवादियों ने पहले भी राशन दिया था. जब तक सपा की सरकार है, हम अपने गरीबों को राशन देंगे. इसके साथ ही हम एक साल में सरसों का तेल के साथ-साथ दो सिलेंडर भी देंगे और गरीबों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए उन्हें एक किलोग्राम घी भी दिया जाएगा.’
यादव ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा वितरित किए जा रहे राशन की गुणवत्ता खराब थी और नमक में कांच के कण पाए जाने की भी खबरें आई थीं. उन्होंने पूछा कि क्या नमक गुजरात से नहीं आ रहा है.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 11 लाख सरकारी रिक्तियां हैं और सपा सरकार उन पदों को भरकर युवाओं को रोजगार देगी.
राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार के तहत कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘हिरासत में सबसे ज्यादा मौतें भाजपा सरकार के दौरान हुई हैं. इस डबल इंजन वाली सरकार में भ्रष्टाचार भी दोगुना हो गया है.’ अखिलेश ने मतदाताओं से रायबरेली के सपा के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने की भी अपील की.
हमारा विश्वास ‘सबका साथ-सबका विकास’, उनका नारा सैफई खानदान का विकास: योगी
कन्नौज: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सपा पर हमला करते हुए कहा कि हमारा विश्वास ‘सबका साथ-सबका विकास’ जबकि उनका (सपा प्रमुख अखिलेश यादव) नारा है, ‘सबका साथ, सिर्फ सैफई खानदान का विकास’.
कन्नौज के बोर्डिंग मैदान में मंगलवार को आयोजित जनसभा में योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘कोरोना काल में विपक्ष ने कुछ नहीं किया, विपत्ति में सपा, बसपा और कांग्रेस साथ नहीं थी, लेकिन हमारी सरकार ने कोरोना काल मे सबको टीके की मुफ्त खुराक लगवाई और किसी का चूल्हा बुझने नहीं दिया.’
उन्होंने दावा किया, ‘पहले सुरक्षा का माहौल नहीं था, गरीब की संपत्ति लूटी जाती थी, लेकिन हमारी सरकार में माफियाओं और गुंडों को जेल भेजा गया और बहन बेटियों को सुरक्षित किया.’
योगी ने कहा कि कहीं भी आस्था से खिलवाड़ नहीं होने दिया और अब प्रदेश में कहीं कर्फ्यू नहीं लगता, बल्कि कर्फ्यू की जगह कांवड़ यात्रा निकल रही है और हर जगह हर हर बम बम गूंज रहा है.
मुख्यमंत्री ने भाजपा शासन में कानून व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि देश में अराजकता के लिए अब कोई जगह नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कन्नौज सीट से भाजपा प्रत्याशी असीम अरुण (पूर्व आईपीएस) की तारीफ की और जिले की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों को चुनाव जिताने की अपील की.
सोशल मीडिया पर योगी की आपत्तिजनक तस्वीर साझा करने पर पार्षद के खिलाफ प्राथमिकी
गाजियाबाद: सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आपत्तिजनक तस्वीर साझा करने के आरोप में यहां एक नगर पार्षद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.
पुलिस ने बताया कि पसौंडा गांव के लोगों ने यह शिकायत दर्ज कराई है. इसके अनुसार, गाजियाबाद नगर निगम के वार्ड 66 के पार्षद मुस्तकीम चौधरी ने कथित तौर पर आदित्यनाथ की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की थी, जिसमें उन्हें दाढ़ी वाले व्यक्ति के रूप में और (मुस्लिम) टोपी पहने दिखाया गया था.
शिकायत में कहा गया है कि तस्वीर के साथ आपत्तिजनक कैप्शन भी लिखा गया है. चौधरी ने नगर निगम का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा था. हालांकि, जीत के बाद वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे.
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया है.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव
भाजपा विधायक ने उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष पर हराने की साजिश का आरोप लगाया
उत्तराखंड में भाजपा के एक विधायक का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर उन्हें चुनाव में हराने की साजिश रचे जाने का आरोप लगा रहे हैं.
प्रदेश में 70 विधानसभा क्षेत्रों के लिए सोमवार को हुए मतदान के बाद वायरल इस वीडियो में लक्सर से विधायक संजय गुप्ता ने प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक को ‘गद्दार’ बताया है और पार्टी नेतृत्व से उन्हें बाहर करने का भी आग्रह किया है.
खुद को भाजपा का वफादार सिपाही बताते हुए गुप्ता ने आरोप लगाया कि कौशिक ने कई सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को हराने की साजिश रची.
उन्होंने कहा कि कौशिक के नामित सभासदों और नजदीकी कार्यकर्ताओं ने इस चुनाव में बसपा के प्रत्याशी के पक्ष में काम किया और उन्हें हराने की साजिश की.
गुप्ता ने कहा, ‘मैं अपने नेतृत्व से हाथ जोड़कर क्षमा मांगते हुए निवेदन करना चाहता हूं कि ऐसे प्रदेश अध्यक्ष को ऐसी राष्ट्रवादी पार्टी में रहने का कोई अधिकार नहीं है. वह ‘गद्दार’ आदमी है और उन्हें तत्काल पार्टी से निकाल दिया जाना चाहिए तभी हमारे जैसे कार्यकर्ता इस पार्टी में सुरक्षित रह सकेंगे.’
हरिद्वार जिले की लक्सर विधानसभा सीट पर गुप्ता का मुकाबला पूर्व विधायक और बसपा प्रत्याशी मोहम्मद शहजाद से था और माना जाता है कि शहजाद और कौशिक की मित्रता बरसों पुरानी है.
इस बारे में संपर्क किए जाने पर प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन ने कहा कि पार्टी ने इस वीडियो का संज्ञान ले लिया है और इसकी सत्यता की जांच कराई जा रही है.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में पार्टी द्वारा संबंधित विधायक से भी बातचीत कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया जाएगा और इसी के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
भाजपा 60 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को दावा किया कि राज्य में भाजपा इस बार 60 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगी. धामी ने विजय चिह्न ‘वी’ बनाते हुए दावा किया कि राज्य में भाजपा ही अगली सरकार बनाएगी.
राज्य की सभी 70 विधानसभा सीटों पर सोमवार को हुए मतदान के एक दिन बाद धामी ने देहरादून स्थित राज्य पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘आप 10 मार्च आने दीजिए. आप देखेंगे कि हम 60 (का आंकड़ा) पार कर लेंगे.’
राज्य में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 57 सीटों पर जीत दर्ज की थी और इस बार उसने चुनाव में ‘अबकी बार, साठ पार’ का नारा दिया था. चुनाव परिणाम 10 मार्च को आएंगे.
हाल में वायरल की गई एक कथित खनन वीडियो के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की पिछली सरकारों ने प्रदेश में खनन का दोहन किया और खनन माफियाओं को प्रोत्साहन दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता यह देख रही है कि किसने क्या किया.
मुख्यमंत्री धामी काफी देर तक ढोल की थापों के बीच मुस्कराते और बार-बार ‘वी’ का विजय चिह्न दिखाते रहे. उनके साथ भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता रविंद्र जुगरान, राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी थे.
उत्तराखंड में कांग्रेस को करीब 48 सीटें मिलने की संभावना: हरीश रावत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने उत्तराखंड में अपनी पार्टी की जीत की उम्मीद जताते हुए मंगलवार को दावा किया कि राज्य की जनता ने परिवर्तन के लिए वोट दिया है और कांग्रेस को करीब 48 सीटें मिलेंगी.
पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘मतदान के बाद मैं यह कह सकता हूं कि कांग्रेस की जीत सुनिश्चित है. उत्तराखंड की जनता ने परिवर्तन के लिए वोट दिया है. चुनावों में कुछ सामान्य संकेत होते हैं जिनसे यह स्पष्ट है कि कांग्रेस के पक्ष में लोगों ने मतदान किया है और उत्तराखंड में अब कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है.’
उन्होंने दावा किया, ‘हमारा अपना गणित कहता है कि कांग्रेस को 48 के आसपास सीटें मिलना चहिए. पिछले पांच साल उत्तराखंड के लिए बहुत कष्ट वाले रहे हैं. लोगों के स्वाभिमान पर चोट हुई है. ऐसे में यह लगता है कि लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया है.’
रावत ने यह उम्मीद भी जताई कि लोगों ने मतदान करते समय इस बात को भी ध्यान रखा होगा कि साल 2016 जैसी स्थिति पैदा न हो जब कांग्रेस के कई विधायकों के बगावत करने के बाद उनके (रावत) नेतृत्व वाली सरकार संकट में आ गई थी और कुछ महीने तक राजनीतिक अस्थिरता रही थी.
उन्होंने कहा, ‘हमें आशा है कि उत्तराखंड की जनता ने इस बात को ध्यान में रखा है कि 2016 वाली स्थिति पैदा नहीं हो.’
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की जीत के बाद वह मुख्यमंत्री बनेंगे, रावत ने जोर देकर कहा, ‘यह निर्णय सोनिया गांधी के हाथ में है. हमने इस बात को स्पष्ट किया है जो भी कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला होगा, वह सबको स्वीकार्य होगा.’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो सबसे पहले, घोषणा-पत्र में किए गए वादों को पूरा करने और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए काम आरंभ होगा.
उन्होंने कहा, ‘सरकार बनते ही हम अर्थव्यवस्था को सुधारने और संसाधन जुटाने के लिए काम करेंगे. हम जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए वादों पर अमल करेंगे.’
गोवा विधानसभा चुनाव
गोवा में टीएमसी 12 और एमजीपी सात सीटें जीतेगी: किरण कंडोलकर
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने दावा किया है कि वह गोवा में 12 सीटें जीतेगी और उसकी सहयोगी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) सात सीटों पर विजयी रहेगी. 40 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 21 सीटों की जरूरत होती है.
राज्य की सभी 40 सीटों के लिए सोमवार शाम को मतदान खत्म हो गया है और नतीजे 10 मार्च को आएंगे.
चुनाव से पहले ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी ने गोवा की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी एमजीपी के साथ गठबंधन किया था.
सोमवार शाम को मतदान संपन्न होने के बाद टीएमसी के गोवा प्रदेश प्रमुख किरण कंडोलकर ने दावा किया कि उनकी पार्टी एकमात्र राजनीतिक दल है, जिसने राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को कड़ी टक्कर दी.
उन्होंने कहा, ‘टीएमसी राज्य में कम से कम 12 सीटें जीतेगी. हमारी सहयोगी एमजीपी सात सीटें पर विजय रहेगी.’
कंडोलकर ने कहा कि उनकी पार्टी को बहुमत से कुछ कम सीटें मिल सकती हैं, लेकिन उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वे सदन में बहुमत साबित करने में सक्षम रहेंगे.
उन्होंने इस आशंका को खारिज कर दिया कि चुनाव परिणाम आने के बाद एमजीपी, टीएमसी से नाता तोड़ सकती है.
कंडोलकर ने कहा कि यह गलत धारणा बनाई जा रही है कि चुनाव परिणाम आने के बाद टीएमसी गोवा छोड़ देगी.
उन्होंने कहा, ‘मैं मानता हूं कि फिलहाल गोवा में हमारे पास जमीनी स्तर का कोई कार्यकर्ता नहीं है, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान हम सभी 40 विधानसभा क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब रहे.’
कांग्रेस-जीएफपी गठबंधन को मिलेगा बहुमत, भाजपा इकाई अंक में सिमट जाएगी: चोडनकर
कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के साथ उसका गठबंधन 40 सदस्यीय विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल करेगा और भाजपा को 10 से भी कम सीटें मिलेंगी.
गोवा विधानसभा चुनाव में सोमवार को 78.94 प्रतिशत मतदान हुआ. मतों की गिनती 10 मार्च को होगी.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने कहा कि लोग ‘भाजपा के खिलाफ’ बड़ी संख्या में मतदान करने बाहर निकले. उन्होंने दावा किया, ‘कांग्रेस-जीएफपी गठबंधन सदन में 21 सीटों का बहुमत का आंकड़ा आसानी से पार कर लेगा, जबकि भाजपा को 10 से कम सीटें मिलेंगी.’
मंगलवार को कांग्रेस ने यहां अपने प्रत्याशियों के साथ उनके निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत की समीक्षा करने के लिए एक बैठक की. पार्टी के गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने कहा कि जीएफपी प्रमुख विजय सरदेसाई भी इस बैठक में मौजूद थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)