मध्य प्रदेशः हिंदू दक्षिणपंथी समूहों ने थानों में अर्ज़ी देकर लाउडस्पीकर से अज़ान पर आपत्ति जताई

रतलाम ज़िले के रावटी का मामला. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में एक शख़्स लाउडस्पीकर से अज़ान पर आपत्ति जताते हुए कहते दिखता है कि उन्होंने मस्जिद के सामने वाली इमारत पर लाउडस्पीकर लगा दिए हैं और जब जब अज़ान बजेगी, लाउडस्पीकर से तेज़ संगीत बजाया जाएगा.

मध्य प्रदेश के रतलाम में अजान पर आपत्ति जताता हिंदू जागरण मंच का सदस्य (फोटोः स्क्रीनग्रैब)

रतलाम ज़िले के रावटी का मामला. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में एक शख़्स लाउडस्पीकर से अज़ान पर आपत्ति जताते हुए कहते दिखता है कि उन्होंने मस्जिद के सामने वाली इमारत पर लाउडस्पीकर लगा दिए हैं और जब जब अज़ान बजेगी, लाउडस्पीकर से तेज़ संगीत बजाया जाएगा.

मध्य प्रदेश के रतलाम में अज़ान पर आपत्ति जताता हिंदू जागरण मंच का सदस्य (फोटोः स्क्रीनग्रैब)

भोपालः इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें दक्षिणपंथी समूह से जुड़ा एक शख्स कुछ लोगों के साथ मस्जिद के बाहर खड़ा है और मस्जिद में लाउडस्पीकर से की जाने वाली अज़ान को लेकर आपत्ति जता रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार, यह वीडियो मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के रावटी का है.

इस 30 सेकेंड के वीडियो में एक शख्स कहता दिख रहा है, ‘रावटी की मस्जिद में अज़ान को लेकर पुलिस में अर्जी देने के बाद भी लाउडस्पीकर से अज़ान बजाई गई. हमने इसका उपाय किया है. हमने मस्जिद के सामने वाली इमारत में लाउडस्पीकर लगाए हैं, जब जब अज़ान बजेगी, हम लाउडस्पीकर से तेज म्यूजिक बजाएंगे. इस वीडियो को वायरल कीजिए, ये संदेश पूरे हिंदुस्तान में जाना चाहिए.’

बताया जा रहा है कि इस वीडियो को 31 जनवरी को शूट किया गया था. इस वायरल वीडियो में यह युवा कह रहा है कि उन्होंने अज़ान को लेकर पुलिस को आवेदन (मेमो) दिया था लेकिन उसे अनसुना कर दिया गया, जिस वजह से उन्हें अज़ान का जवाब देने के लिए मस्जिद के सामने लाउडस्पीकर लगाने पड़े.

यह वीडियो आरएसएस से जुड़े हिंदू जागरण मंच द्वारा लाउडस्पीकर्स से अज़ान पर रोक लगाने की मांग को लेकर 29 जनवरी को रतलाम जिले के रावटी पुलिस थाने को आवेदन देने के दो दिन बाद का है.

यह वीडियो रातों-रात वायरल हो गया था. इसके अगले दिन रतलाम पुलिस गांव पहुंची और मुस्लिमों से मस्जिद की छत पर लगाए गए लाउडस्पीकर की आवाज कम करने का आग्रह किया. उसी समय पुलिस ने मस्जिद के सामने वाली इमारत पर स्थानीय लोगों द्वारा लगाए गए लाउडस्पीकर भी हटा दिए.

रावटी पुलिस स्टेशन के टाउन इंस्पेक्टर राम सिंह ने द वायर  को बताया, ‘हमने ग्रामीणों से बात की है और दोनों समुदायों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया. मामला शांतिपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है इसलिए इस विवादित वीडियो को बनाने वाले युवक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.’

हिंदू जागरण मंच के मालवा प्रांत प्रमुख आशीष बसु ने द वायर  को बताया, ‘रावटी कोई एकमात्र पुलिस थाना नहीं है, जहां मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग को लेकर पुलिस को आवेदन किए गए. 29 जनवरी से दो फरवरी 2022 के बीच हिंदू जागरण मंच ने मध्य प्रदेश के मालवा इलाके के 15 जिलों के सभी 310 पुलिस थानों में दो पेज का आवेदन दिया है.’

बता दें कि अज़ान दिन में निर्धारित समय पर मुअज्जिन द्वारा पढ़ी जाने वाली इस्लामी प्रार्थना है. भारत में मस्जिद में दिन में पांच बार अज़ान पढ़ी जाती है.

इस बीच मालवा इलाके में इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं, जहां हिंदू जागरण मंच के पचास से अधिक लोगों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर रतलाम, खंडवा, बड़वानी, धार और उज्जैन के थानों में अर्जी देते हुए पुलिस से मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है.

इन मेमो को सौंपने से पहले हिंदू जागरण मंच के लोगों ने पुलिस और कार्यकर्ताओं के सामने ये दो पेज का मेमो पूरा पढ़ा.

द वायर  से बातचीत में धार जिले के पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने कहा, ‘यह मेरी जानकारी में आया है कि विभिन्न थानों में मेमो दिए गए हैं और चूंकि यह विवादित मामला है, हम इसके कानूनी पहलुओं को देख रहे हैं.’

इस दो पेज के मेमो में हिंदू जागरण मंच ने दावा किया है कि बिना किसी मंजूरी के दिन में पांच बार लाउडस्पीकर से अज़ान बजाई जाती है लेकिन त्योहारों के दौरान धार्मिक कार्यक्रमों और पंडाल लगाने के लिए हिंदुओं को विभिन्न कार्यालयों से मंजूरी लेनी होती है.

मेमो में सऊदी अरब के जून 2021 के एक फैसले का उल्लेख किया गया, जिसमें अत्यधिक शोर की शिकायतों के बाद मस्जिद की लाउडस्पीकर की आवाज को कम किया गया था.

हिंदू जागरण मंच द्वारा पुलिस को सौंपा गया मेमो

मेमो में कहा गया, ‘जब सऊदी अरब जैसे इस्लामिक देश में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लग सकता है तो यह भारत में क्यों नहीं हो सकता. इसे तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए.’

हिंदू जागरण मंच के अलावा 16 जनवरी को इंदौर के वकीलों के एक समूह ने जूनी थाने सहित शहर के विभिन्न पुलिस थानों को मेमो सौंपे, जिसमें मस्जिदों से लाउडस्पीकर को हटाने की मांग की गई.

24 जनवरी को दक्षिणपंथी समूहों के सदस्यों ने इसी तरह का मेमो इंदौर के रावजी बाजार पुलिस स्टेशन को भेजा, जिसमें दावा किया गया कि उन्हें अज़ान से समस्या हो रही है और अगर यह नहीं रुकी तो हिंदू न सिर्फ अज़ान के समय तेज आवाज में संगीत बजाएंगे बल्कि ‘इलाके के मुस्लिमों को प्रताड़ित भी करेंगे.’

जैसा कि इस वीडियो में देखा जा सकता है, दक्षिणपंथी समूह के एक सदस्य को रावजी बाजार पुलिस स्टेशन के टाउन इंस्पेक्टर से यह कहते सुना जा सकता है, ‘ये एक शुरुआत है, ये एक राष्ट्रीय मुद्दा बनने जा रहा है. इसको गंभीरता से लीजिए.’

इंदौर रावजी बाजार थाने की घटना के बारे में पूछने पर हिंदू जागरण मंच के आशीष बसु ने कहा, ‘वो मेमो विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने दिया था, हिंदू जागरण मंच ने नहीं दिया.’

हालांकि, मध्य प्रदेश के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के नेता राजेश तिवारी ने अज़ान के खिलाफ चलाए गए इस तरह के किसी भी अभियान से इनकार किया.

जब उनसे इंदौर रावजी घटना, जिसमें विहिप और बजरंग दल के लोगों को वीडियो में मेमो सौंपते देखा जा सकता है, के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैंने वीडियो नहीं देखा इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता.’

हालांकि, बसु ने यह खुलासा किया कि ऐसे समय में जब पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, अज़ान के खिलाफ अभियान शुरू क्यों किया गया. बसु ने कहा, ‘यह फैसला शीर्ष अधिकारियों की ओर से आया है. धार जिले के तुर्क बागरी गांव के मुस्लिमों ने धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान तेज संगीत बजने को लेकर पुलिस से शिकायत की थी, जिसके बाद पुलिस ने आयोजकों को धमकी दी थी.’

बसु के इस दावे कि अज़ान के खिलाफ हिंदू जागरण मंच का यह अभियान मौजूदा चुनावों से जुड़ा हुआ नहीं है, खंडन करते हुए इंदौर शहर के काजी इशरत अली ने कहा, ‘अज़ान के खिलाफ इस अभियान को पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और मध्य प्रदेश में आगामी पंचायती चुनाव से पहले सांप्रदायिक आग भड़काए रखने के इरादे से शुरू किया गया.’

उन्होंने कहा, ‘अज़ान मस्जिद से किया जाने वाला सिर्फ एक ऐलानभर है, जिससे लोगों को नमाज के बारे में याद दिलाया जाता है और यह दो से तीन मिनट में खत्म भी हो जाती है. इसके अलावा भारतीय संविधान का अनुच्छेद 25 हर नागरिक को अपनी पसंद के धर्म का पालन करने और उसका प्रचार करने का अधिकार देता है.’

बता दें कि 2011 की जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश में सात फीसदी से भी कम मुस्लिम आबादी है. इनमें से 80 फीसदी से अधिक आबादी राज्य के मालवा निमाड़ क्षेत्र में रहती है.