गुजरातः स्कूल में ‘मेरा आदर्श गोडसे’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन, अधिकारी निलंबित

वलसाड ज़िले का मामला. यह प्रतियोगिता 14 फरवरी को राज्य सरकार के युवा सेवा एवं सांस्कृतिक गतिविधि विभाग के तत्वावधान में ज़िलास्तरीय 'बाल प्रतिभा शोध स्पर्धा' के तहत एक स्कूल में हुई, जिसमें लगभग 25 सरकारी और निजी स्कूलों के कक्षा पांच से आठवीं तक के छात्रों ने भाग लिया था.

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(फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

वलसाड ज़िले का मामला. यह प्रतियोगिता 14 फरवरी को राज्य सरकार के युवा सेवा एवं सांस्कृतिक गतिविधि विभाग के तत्वावधान में ज़िलास्तरीय ‘बाल प्रतिभा शोध स्पर्धा’ के तहत एक स्कूल में हुई, जिसमें लगभग 25 सरकारी और निजी स्कूलों के कक्षा पांच से आठवीं तक के छात्रों ने भाग लिया था.

(फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्लीः गुजरात सरकार ने वलसाड जिले में स्कूली छात्रों के लिए ‘मेरा आदर्श नाथूराम गोडसे’ विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता कराने की रिपोर्टों के कुछ घंटों बाद बुधवार को एक युवा विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया.

रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रतियोगिता 14 फरवरी को राज्य सरकार के युवा सेवा एवं सांस्कृतिक गतिविधि विभाग के तत्वावधान में जिलास्तरीय बाल प्रतिभा शोध स्पर्धा के तहत कुसुम विद्यालय में हुई, जिसमें लगभग 25 सरकारी और निजी स्कूलों के कक्षा पांच से आठवीं तक की आयुवर्ग के छात्रों ने भाग लिया.

उसी दिन प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार भी दिए गए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वसलाड जिले के कलेक्टर क्षिप्रा आग्रे ने कहा, ‘गांधीनगर में सांस्कृतिक विभाग के उच्च अधिकारियों से आदेश मिलने के बाद हमने संबंधित अधिकारी नीताबेन गवली को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है.’

इस बीच जिस स्कूल में प्रतियोगिता आयोजित हुई थी, कुसुम विद्यालय के प्रबंधन ने कहा कि उन्होंने सिर्फ कार्यक्रम के लिए अपना परिसर मुहैया कराया था और उनके स्कूल के किसी शिक्षक या छात्र ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया था.

हालांकि, वाइब्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कुसुम विद्यालय के एक छात्र ने इस भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था और पुरस्कार भी जीता था.

हालांकि, उस छात्र ने किसी अन्य विषय में हिस्सा लिया था. भाषण के अलावा अन्य प्रतियोगिताओं में दोहा छंद चौपाई, लोक संगीत, लोकगीत, निबंध लेख, चरित्र भूमिकाएं, कोरल संगीत, भजन, लोकनृत्य, क्राफ्ट और अन्य प्रतियोगिताएं भी हुईं.

दूसरी तरफ, वलसाड जिला शिक्षा अधिकारी बीडी बरैया ने कहा कि सोशल मीडिया पर इस विषय पर प्रतियोगिता की वीडियो वायरल होने के बाद भी उन्हें इस तरह की किसी प्रतियोगिता की जानकारी नहीं थी.

बरैया ने कहा, ‘हमें कुसुम विद्यालय में इस तरह के कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं थी क्योंकि इसकी योजना और क्रियान्वयन जिला युवा विकास कार्यालय ने किया था. युवा विकास कार्यालय ने आठ फरवरी को जिले के सभी 25 सरकारी और निजी स्कूलों को एक पत्र भेजा था और 14 फरवरी को वलसाड में कुसुम विद्यालय में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में छात्रों को हिस्सा लेने को कहा था. यहां तक कि प्रतियोगिताओं के लिए जज भी युवा विकास कार्यालय की ओर से नियुक्त किए गए थे.’

वाइब्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, प्रतियोगिता के विषय की व्यापक निंदा के बाद कार्यक्रम के आयोजकों ने इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीतने वाले छात्र को ट्रॉफी वापस करने के निर्देश दिए थे.

जिस छात्र को पुरस्कार लौटाने के लिए कहा गया है, उसने गमगीन होते हुए कहा, ‘मैंने इसके लिए बहुत मेहनत की थी और मेरे शिक्षकों को भी मुझ पर विश्वास था. यह ठीक नहीं है.’

छात्र को भाषण के विषय ‘मेरा आदर्शः नाथूराम गोडसे’ के लिए उसकी वाकपटुता, विषय की जानकारी और जुनून के लिए प्रथम पुरस्कार दिया गया. यहां तक कि भाषण समाप्त होने के बाद छात्र को स्टैंडिंग ओवेशन भी दी गई थी.

यह भी सामने आया है कि जिस अधिकारी को सस्पेंड किया गया है, वह वही शख्स थी जिसने ‘ऑल आई वॉन्ट इज टू बी अ बर्ड एंड फ्लाई इन द स्काई’ और ‘आई विल बिकम अ साइंटिस्ट एंड नॉट गो टू अमेरिका’ जैसे अन्य विषयों के साथ इस विवादित विषय को हरी झंडी दिखाई थी.

बता दें कि 2014 में जबसे नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, उनके समर्थकों, भाजपा के नेताओं और आरएसएस से संबद्ध संगठनों के कार्यकर्ताओं ने खुलेआम महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे की प्रशंसा की है.

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