अपनी ग़लतियां स्वीकार करने के बजाय नेहरू पर दोषारोपण कर रही है भाजपा सरकार: मनमोहन सिंह

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: यूपी और बिहार के ‘भइया’ को राज्य में घुसने नहीं देंगे संबंधी टिप्पणी पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के ख़िलाफ़ बिहार की अदालत में शिकायत दाख़िल, विभिन्न दलों ने की निंदा. यूपी में मैनपुरी की करहल सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को चुनौती दे रहे भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल के क़ाफ़िले पर हमला मामले में केस दर्ज. यूपी के चौथे चरण चुनाव में आपराधिक छवि के 27 प्रतिशत उम्मीदवार.

/
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह. (फोटो: पीटीआई)

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: यूपी और बिहार के ‘भइया’ को राज्य में घुसने नहीं देंगे संबंधी टिप्पणी पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के ख़िलाफ़ बिहार की अदालत में शिकायत दाख़िल, विभिन्न दलों ने की निंदा. यूपी में मैनपुरी की करहल सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को चुनौती दे रहे भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल के क़ाफ़िले पर हमला मामले में केस दर्ज. यूपी के चौथे चरण चुनाव में आपराधिक छवि के 27 प्रतिशत उम्मीदवार.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह. (फोटो: पीटीआई)

चंडीगढ़/लखनऊ/देहरादून: पूर्व प्रधानमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पिछले सात साल से अधिक समय से सत्ता में है, लेकिन लोगों की समस्याओं के लिए वह अब भी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहरा रही है.

89 वर्षीय सिंह ने किसान आंदोलन, विदेश नीति, महंगाई और बेरोजगारी समेत कई मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा का राष्ट्रवाद ब्रितानी नीति ‘फूट डालो और राज करो’ पर आधारित है.

पंजाब विधानसभा के लिए 20 फरवरी को होने वाले चुनाव से पहले सिंह ने पंजाबी भाषा में एक वीडियो संदेश के जरिये यह टिप्पणी की, जिसे कांग्रेस ने चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन में दिखाया.

सिंह ने कहा कि सरकार विदेश नीति के मामले में ‘बुरी तरह असफल’ साबित हुई है.

मनमोहन सिंह ने कहा, ‘उन्हें (भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार) आर्थिक नीति की कोई समझ नहीं है. यह मुद्दा देश तक सीमित नहीं है. यह सरकार विदेश नीति में भी विफल रही है. चीन हमारी सीमा पर बैठा है और इसे (घुसपैठ) दबाने के प्रयास किए जा रहे हैं.’

कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि उसका शासन केवल विज्ञापनों में ही दिखाई देता है. वहीं सिंह ने कहा, ‘सच्चाई हमेशा किसी न किसी तरह सामने आ ही जाती है. बड़ी-बड़ी बातें करना बहुत आसान होता है, लेकिन उन चीजों को हकीकत में लाना बहुत कठिन है.’

उन्होंने कहा, ‘पड़ोसी देशों के साथ भी हमारे संबंध खराब हो रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि सरकार को देश के संविधान पर भरोसा नहीं है और ‘संस्थाओं को लगातार कमजोर किया जा रहा है.’

सिंह ने कहा, ‘आज, स्थिति बहुत चिंताजनक है. कोरोना वायरस महामारी के बीच केंद्र सरकार की अदूरदर्शी नीतियों के कारण लोग गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती मुद्रास्फीति और बेरोजगारी से परेशान हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री समझ गए होंगे कि नेताओं को जबरन गले लगाने, झूलों पर खेलने या बिन बुलाए बिरयानी खाने से विदेश नीति का संचालन नहीं किया जा सकता है.’

सिंह ने कहा, ‘देश एक ओर महंगाई और बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है, तो दूसरी ओर पिछले साढ़े सात साल से सत्ता पर काबिज मौजूदा सरकार अपनी गलतियां स्वीकार करने और उनमें सुधार करने के बजाय लोगों की समस्याओं के लिए अब भी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहरा रही है.’

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. सिंह ने कहा, ‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री के पद की एक विशेष गरिमा होती है और और इतिहास को दोष देने से किसी के पाप कम नहीं हो सकते. मैं 10 साल तक प्रधानमंत्री रहा तो मैंने अपने काम से बात की. मैंने कभी भी देश को दुनिया के सामने प्रतिष्ठा खोने नहीं दिया. मैंने भारत के गौरव को कभी कम नहीं किया.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे कम से कम इस बात का संतोष है कि मुझ पर कमजोर, खामोश और भ्रष्ट होने के झूठे आरोपों के बाद भाजपा और उसकी ‘बी’ और ‘सी’ टीमों का देश के सामने पर्दाफाश हो रहा है.’

पूर्व प्रधानमंत्री ने पिछले महीने फिरोजपुर में एक पुल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला फंस जाने संबंधी सुरक्षा चूक का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा के नाम पर (पंजाब के) मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और राज्य के लोगों को बदनाम करने की कोशिश की गई.’

उन्होंने कहा, ‘किसान आंदोलन के दौरान भी पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने का प्रयास किया गया.’

सिंह ने कहा कि दुनिया पंजाब के लोगों की बहादुरी, देशभक्ति और बलिदान को सलाम करती है, लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार इन सब के बारे में बात नहीं करती.

उन्होंने कहा, ‘पंजाब से संबंध रखने वाले एक सच्चा भारतीय होने के नाते, ये सभी बातें मुझे बहुत दुखी करती हैं.’

उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों के सामने कई चुनौतियां हैं और उनसे प्रभावी तरीके से निपटना बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब के विकास और उसकी खेती तथा बेरोजगारी से जुड़े मामलों से निपटना आवश्यक है.

उन्होंने पंजाब के लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील करते हुए कहा, ‘और यह काम केवल कांग्रेस कर सकती है.’

डॉ. सिंह ने कहा, ‘हमने राजनीतिक लाभ के लिए कभी देश को नहीं बांटा. हमने सच पर पर्दा डालने की कभी कोशिश नहीं की. हमने कभी भी देश की प्रतिष्ठा या प्रधानमंत्री के पद को कमतर नहीं किया. आज लोगों को बांटा जा रहा है. इस सरकार का नकली राष्ट्रवाद खोखला और खतरनाक है. उनका राष्ट्रवाद अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति पर आधारित है. संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है.’

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन लोगों को अर्थव्यवस्था की कोई समझ नहीं है और अर्थव्यवस्था स्वस्थ स्थिति में नहीं है. उन्होंने कहा, ‘आज पूरे देश में बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है. किसान, कारोबारी, विद्यार्थी, महिलाएं सभी दुखी हैं.’

उन्होंने कहा, ‘देश में सामाजिक असमानता बढ़ रही है, लोगों पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है, जबकि उनकी आमदनी घट रही है.’

उन्होंने कहा कि अमीर और अमीर होते जा रहे हैं, वहीं गरीब और गरीब हो रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘लेकिन यह सरकार आंकड़ों में हेराफेरी कर दिखा रही है कि सब कुछ ठीक है.’

सिंह ने कहा कि इस सरकार की नीति के साथ-साथ उसकी नीयत में भी खामी है. उन्होंने कहा, ‘हर नीति में स्वार्थ है, उनकी नीयत में नफरत और विभाजन है. लोगों को जाति और क्षेत्र के नाम पर बांटा जा रहा है.’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और भारतीयों की प्रतिष्ठा बढ़ी. उन्होंने कहा कि देश को कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में किए गए अच्छे काम याद हैं.

उन्होंने कहा कि आज देश एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है और उन्हें पांच राज्यों में चुनावों के दौरान लोगों के बीच रहने की उम्मीद थी, लेकिन कोविड की स्थिति के बीच डॉक्टरों की राय पर गौर करते हुए उन्होंने अपने वीडियो संदेश के जरिये लोगों तक पहुंचने का विचार किया.

यूपी और बिहार के ‘भइया’ संबंधी टि​प्पणी: पंजाब के मुख्यमंत्री के खिलाफ कोर्ट में शिकायत

मुजफ्फरपुर: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की उत्तर प्रदेश और बिहार के ‘भइया’ संबंधी कथित ‘अपमानजनक’ टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को यहां एक अदालत में उनके खिलाफ एक शिकायत दी गई.

चरणजीत सिंह चन्नी. (फोटो: पीटीआई)

सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, मुजफ्फरपुर की अदालत में याचिका दायर की गई. हाशमी ने दावा किया है कि इस टिप्पणी के जरिये ‘पंजाब में रहने वाले बिहार के लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया गया है.’

कांग्रेस नेता ने हाल में पंजाब में एक जनसभा में कहा था कि यूपी और बिहार के ‘भइया’ को उनके राज्य में ‘शासन’ नहीं करने दिया जाएगा.

हाशमी ने चन्नी के खिलाफ आईपीसी की धारा 294, 294ए, 504 और 511 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पुलिस को निर्देश देने का अनुरोध किया है.

याचिका पर नियत समय पर सुनवाई किए जाने की संभावना है.

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एक चुनावी रैली के दौरान लोगों से उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली के ‘भइया’ को राज्य में प्रवेश नहीं करने देने की बात कहकर विवाद खड़ा कर दिया है.

उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के संदर्भ में ‘भइया’ शब्द को आम तौर पर आपत्तिजनक माना जाता है. सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में बीते 15 फरवरी को रूपनगर में एक रोड शो के दौरान चन्नी की टिप्पणी पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा को ताली बजाते हुए देखा गया था.

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘प्रियंका गांधी पंजाब की बहू हैं. उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली के भइया, जो पंजाब में राज करना चाहते हैं, हम उन्हें राज्य में घुसने नहीं देंगे.’

बताया जा रहा है कि उनकी यह टिप्पणी संभवत: आम आदमी पार्टी के नेताओं को निशाना बनाने के लिए थी, जो 117 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में प्रबल दावेदार के रूप में उभरे हैं.

इसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी की आलोचना की है. आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के अपने समकक्ष की टिप्पणी को ‘बेहद शर्मनाक’ करार दिया.

चन्नी के बयान के बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा था, ‘हम किसी भी व्यक्ति या किसी विशेष समुदाय के खिलाफ की गई गलत टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं.’

केजरीवाल ने कहा कि चन्नी ने पूर्व में उनकी त्वचा के रंग को लेकर ताना मारते हुए उन्हें ‘काला’ कहा था. जब भगवंत मान ने कहा कि प्रियंका गांधी भी उत्तर प्रदेश से जुड़ी हैं तो केजरीवाल ने कहा कि वह भी ‘भइया’ हैं.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता तेजस्वी सूर्या ने ट्विटर पर चन्नी का वीडियो साझा किया और इसे लेकर प्रियंका गांधी पर निशाना साधा.

सूर्या ने कहा, ‘प्रियंका गांधी जी उत्तर प्रदेश में आकर अपने को उत्तर प्रदेश की बेटी बताती हैं और पंजाब में उत्तर प्रदेश-बिहार के लोगों के अपमान पर ताली बजाती हैं, ये ही इनका दोहरा चरित्र है और चेहरा भी.’

चन्नी के ‘भइया’ वाले बयान को नीतीश कुमार ने बताया ‘बकवास’

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के ‘भइया’ वाले बयान को लेकर बृहस्पतिवार को उनकी आलोचना की. कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि चन्नी को इसकी कोई जानकारी नहीं है कि बिहार के लोगों ने पंजाब की कितनी सेवा की है.

कुमार ने कहा, ‘यह सब बकवास है. मैं चकित हूं कि लोग ऐसी चीजें कैसे कह सकते हैं. क्या उन्हें (चन्नी) यह पता नहीं है कि बिहार के कितने लोग वहां (पंजाब में) रहते हैं और उन्होंने उस क्षेत्र की कितनी सेवा की है.’

नीतीश कुमार की सहयोगी पार्टी भाजपा ने, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा पर चन्नी के इस बयान को प्रोत्साहन देने का आरोप लगाया है. इस बाबत पूछे गए सवाल का कुमार ने कोई जवाब नहीं दिया.

जनता दल (यूनाइडेट) ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा उत्तर प्रदेश एवं बिहार के लोगों के संदर्भ में कथित तौर पर की गई टिप्पणी को ‘शर्मनाक और निंदनीय’ करार देते हुए बीते बुधवार को कहा था कि इसके लिए कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए.

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने चन्नी की टिप्पणी को अप्रिय और शर्मनाक करार देते हुए बुधवार को कहा था कि भारतीय जनता पार्टी लोगों को जोड़ती है, जबकि कांग्रेस उन्हें विभाजित करती है.

बहरहाल इस बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए बृ​हस्पतिवार को मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मेरा बयान केवल कुछ व्यक्तियों पर राज्य में व्यवधान पैदा करने के लिए दिया गया था, लेकिन इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. यूपी और बिहार के मेरे भाइयों और बहनों ने पंजाब के निर्माण में योगदान दिया है. हम पीढ़ियों से साथ हैं और मैं अपने परिवार के सदस्यों की तरह उन सभी से प्यार करता हूं और उनका सम्मान करता हूं.’

सिर्फ विज्ञापनों में दिखता है मोदी का शासन: प्रियंका गांधी

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उसका शासन केवल विज्ञापनों में ही दिखाई देता है.

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी पर राजनीतिक लाभ के लिए धर्म और भावनाओं का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया.

कांग्रेस महासचिव ने पंजाब के पठानकोट में संवाददाताओं से कहा, ‘मोदी जी का शासन सिर्फ विज्ञापनों में है, देश में कोई शासन नहीं है. अगर शासन होता तो रोजगार होता और महंगाई नहीं होती. अगर शासन होता तो रोजगार पैदा करने वाले सार्वजनिक उपक्रम उनके मित्रों को नहीं बेच दिए जाते.’

उन्होंने पठानकोट में एक रैली को भी संबोधित किया.

उन्होंने कहा कि देश में गरीबों, छोटे व्यापारियों और छोटे उद्यमियों को विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने सवाल किया कि उन लोगों की चिंता कौन कर रहा है.

प्रियंका ने कहा, ‘शासन कहां है?’ उन्होंने कहा कि प्रचार पर 2,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.

भाजपा और आप पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘दोनों राजनीति करने के लिए धर्म, भावनाओं का इस्तेमाल करते हैं. वे विकास नहीं कर रहे हैं.’

उन्होंने रैली में प्रधानमंत्री मोदी और आप नेता अरविंद केजरीवाल दोनों पर हमला बोला.

उन्होंने कहा, ‘जब मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पंजाबियत के बारे में बोलते सुना, तो मुझे हंसी आ गई. मैंने सोचा, वे कैसे पंजाबियत को समझेंगे? इसे समझने के लिए, इसे जीना होगा. पंजाबियत एक भावना है.’

प्रियंका ने कहा, ‘जो लोग आपके सामने पंजाब और पंजाबियत की चर्चा करते हैं, उनमें से एक अपने अरबपति मित्रों के सामने झुक गए हैं और दूसरे केजरीवाल हैं. राजनीति और सत्ता के लिए वह किसी के भी आगे झुक सकते हैं. यही सच्चाई है.’

उल्लेखनीय है कि 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा के लिए 20 फरवरी को मतदान होना है. मतों की गिनती 10 मार्च को होगी.

कांग्रेस ने एक क्षेत्र के लोगों को दूसरे क्षेत्र के लोगों से लड़ाया: प्रधानमंत्री मोदी

अबोहर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘यूपी, बिहार और दिल्ली वाले भैया’ टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर प्रहार करते हुए कहा कि इस तरह की ‘विभाजनकारी सोच’ वाले लोगों को राज्य में शासन करने का कोई हक नहीं है.

नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)

पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले मोदी ने अबोहर में एक रैली को संबोधित करते हुए राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए भाजपा नीत गठबंधन को सत्ता में लाने की मतदाताओं से अपील की.

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा, ‘इसने हमेशा ही अपने फायदे के लिए एक क्षेत्र के लोगों को दूसरे क्षेत्र के लोगों से लड़वाया है.’

उन्होंने चन्नी की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि पूरे देश ने इसे देखा है.

मोदी ने कहा, ‘पंजाब के मुख्यमंत्री का बयान और उनके बगल में खड़ी नेता के ताली बजाने को पूरे देश ने देखा.’

उन्होंने कहा, ‘इस तरह के बयानों से वे किसका अपमान करने की कोशिश कर रहे हैं? यहां (पंजाब में) शायद ही कोई ऐसा गांव होगा, जहां यूपी या बिहार के हमारे बंधु कड़ी मेहनत नहीं कर रहे होंगे.’

प्रधानमंत्री ने बुधवार को मनाई गई गुरु रविदास जयंती का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं इन नेताओं से पूछना चाहता हूं कि संत रविदास का जन्म कहां हुआ था? क्या उनका जन्म पंजाब में हुआ था? उनका जन्म यूपी के वाराणसी में हुआ था और आप उत्तर प्रदेश के ‘भइया’ को यहां घुसने नहीं देंगे, क्य आप रविदासिया (गुरु रविदास के अनुयायी) को भगा देंगे? क्या आप संत रविदास का नाम भी मिटा देंगे? आप किस तरह की भाषा बोल रहे हैं?’

मोदी ने यह भी सवाल किया कि (सिखों के 10वें गुरु) गुरु गोविंद सिंह का जन्म कहां हुआ था?

उन्होंने कहा, ‘उनका जन्म बिहार के पटना साहिब में हुआ था और आप कहते हैं कि आप बिहार के लोगों को घुसने नहीं देंगे. तब आप गुरु गोविंद सिंह जी का अपमान करेंगे.’

मोदी ने कहा कि वे कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को घुसने नहीं देंगे. उन्होंने कहा, ‘इस तरह की विभाजनकारी सोच वाले लोगों को एक क्षण के लिए भी पंजाब पर शासन करने का हक नहीं है.’

प्रधानमंत्री ने पंजाब में कांग्रेस सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि राज्य में हर कारोबार पर माफिया का कब्जा हो गया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की नीतियों के कारण पंजाब में कोई भी निवेश करने के लिए तैयार नहीं है.

मोदी ने कहा कि पूरे पंजाब में एक ही आवाज उठ रही है और वह आवाज है कि भाजपा नीत गठबंधन को जीत दिलाकर ‘डबल इंजन’ की सरकार बनाई जाए.


उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव


करहल से अखिलेश को चुनौती दे रहे भाजपा प्रत्याशी बघेल के काफिले पर हमला, केस दर्ज

मैनपुरी: केंद्रीय मंत्री एवं उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल के काफिले पर हमले के आरोप में दो अज्ञात तथा 20-25 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

एसपी सिंह बघेल. (फोटो साभार: फेसबुक)

पुलिस सूत्रों के मुताबिक बघेल की शिकायत पर पुलिस ने बीते बुधवार को उमाकांत यादव तथा बिट्टू नामक आरोपियों के खिलाफ नामजद तथा 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया.

इधर, लखनऊ में भाजपा ने इस मामले में मुख्य निर्वाचन अधिकारी से इस घटना की शिकायत की, जिसमें इस घटना के लिए सपा को जिम्मेदार ठहराया गया और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए समुचित सुरक्षा व्यवस्था की मांग की. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी करहल सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री बघेल ने वारदात के बारे में बताया कि वह बीते 15 फरवरी की शाम कबरई इलाके में अपना चुनाव प्रचार कर रहे थे, तभी अतीकुल्लापुर में सड़क किनारे खेतों में छिपे कुछ लोग लाठी-डंडे लेकर आए और उनके काफिले पर हमला कर दिया.

बघेल ने दावा किया कि एक व्यक्ति के पास तमंचा था और वह ‘अखिलेश यादव जिंदाबाद’ के नारे लगा रहा था.

उन्होंने बताया, ‘उसने अपना नाम उमाकांत यादव बताया और चिल्लाकर कहा कि तुम अखिलेश भैया के खिलाफ चुनाव लड़ने करहल आए हो जिन्होंने तुम्हें सांसद बनाया. उसने एक गोली भी चलाई, जो नजदीक से निकल गई.’

केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि हमलावरों ने घातक हथियारों से उनकी कार पर भी हमला किया. उन्होंने दावा किया कि इस दौरान वे चिल्लाते रहे कि कोई भी बचकर नहीं जाना चाहिए, आज चुनाव खत्म हो जाना चाहिए. उन्होंने यह भी दावा किया कि हमले के दौरान उन्हें हाथ में हल्की चोट भी लगी है.

बघेल के मुताबिक, उमाकांत ने अपने साथियों से उन्हें मार डालने को कहा और उसके साथी बिट्टू ने आगरा के निवासी उनके समर्थक संजय शर्मा पर गोली भी चलाई मगर वह बाल-बाल बच गए.

उन्होंने बताया कि उनके सुरक्षाकर्मियों ने हमलावरों को पकड़ने की कोशिश की मगर वे गोलियां चलाते हुए भाग गए. उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर अपर पुलिस अधीक्षक मधुवन कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे.

बघेल ने यह भी आरोप लगाया कि इससे पहले भी उनकी कुछ चुनावी सभाओं में सपा के लोगों ने बाधा डालने की कोशिश की थी और अपशब्द कहे थे.

उन्होंने बताया कि बीते 15 फरवरी को ही राज्यसभा सदस्य गीता शाक्य भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ गांवों में चुनाव प्रचार कर रही थीं, तब नगला भांट क्षेत्र में मनोज यादव नामक व्यक्ति तथा उसके साथियों ने उन पर हमला किया और उनकी गाड़ियां तोड़ दीं.

उन्होंने बताया कि इस मामले में मनोज यादव तथा 21 अन्य के खिलाफ भाजपा महिला मोर्चा की नेता सीमा चौहान की तहरीर पर मामला दर्ज किया गया है.

इस बीच, भाजपा के चुनाव सह प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल चुनाव आयोग से मिला.

भाजपा ने आयोग को दी गई शिकायत में कहा है कि सपा चुनाव की निष्पक्षता को प्रभावित करने के लिए भाजपा के प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं पर हमले करा रही है.

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अखिलेश यादव के निर्देश पर ही ऐसी घटनाएं की जा रही हैं. इसमें दावा किया गया है कि सपा की ज़मीन खिसक चुकी है, इसलिए भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल पर हमला करवाया गया.

उन्होंने आयोग से सपा के गुंडों पर कार्रवाई करने, हर बूथ पर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में मतदान कराने और वोट डालने वाले हर व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करने तथा आपराधिक प्रवृत्ति के सभी लोगों को चिह्नित करके कार्रवाई की मांग की.

उन्होंने इसके अलावा मैनपुरी और इटावा समेत विभिन्न स्थानों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग भी की.

चौथे चरण में 27 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक छवि के

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण की जिन 59 सीटों पर मतदान हो रहा है, उन पर चुनाव लड़ रहे 27 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और 37 फीसद प्रत्याशी करोड़पति हैं.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच द्वारा विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत मैदान में उतरे 624 में से 621 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण करने के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 621 में से 167 (27 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं और इनमें से 129 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.

कांग्रेस ने 58 में से 31 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिन के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने 57 में से 30, बसपा ने 59 में से 26, भाजपा ने 57 में से 23 और आम आदमी पार्टी ने 45 में से 11 ऐसे प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है.

इनमें से पांच उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या से संबंधित मामले घोषित किए हैं. वहीं, 14 उम्मीदवारों ने हत्या के प्रयास के आरोप में खुद पर मुकदमा दर्ज होना बताया है.

रिपोर्ट के मुताबिक चौथे चरण में 621 में से 231 (37 प्रतिशत) उम्मीदवार करोड़पति हैं। भाजपा के 57 में से सबसे ज्यादा 50 प्रत्याशी करोड़पति हैं. इसके अलावा सपा के 57 में से 48, बसपा के 59 में से 44 और कांग्रेस के 58 में से 28 उम्मीदवार करोड़पति हैं.

प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 91 (15 प्रतिशत) महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं.


उत्तराखंड विधानसभा चुनाव


हरीश रावत ईवीएम में बंद जनादेश की प्रतीक्षा तक नहीं कर पा रहे: भाजपा

मुख्यमंत्री बनने या प्रदेश कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के हाल ही में आए एक बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने कहा कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ईवीएम में बंद जनादेश के बाहर आने तक की प्रतीक्षा नहीं कर पा रहे हैं.

(फोटो: पीटीआई)

हाल में रावत ने कहा था कि वह या तो मुख्यमंत्री बन सकते हैं या घर पर बैठ सकते हैं और इसके अलावा उनके पास कोई तीसरा विकल्प नहीं है.

गौरतलब है कि प्रदेश में 14 फरवरी को मतदान हुआ था, जबकि मतों की गिनती 10 मार्च को होगी.

प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा, ‘शहर बसा नहीं और कांग्रेस नेता ख़याली पुलाव खाने को तैयार हो गए हैं.’

उन्होंने कहा कि रावत तो अपनी पार्टी को चेतावनी तक दे चुके हैं कि मुख्यमंत्री न बनने पर वह जनता के बीच न रहकर घर बैठेंगे. उन्होंने कहा, ‘साफ है कि जन सरोकारों की बात कहने वाले हरीश रावत भी कुर्सी की ही लड़ाई लड़ रहे हैं.’

चौहान ने कहा कि सत्ता लोलुप कांग्रेस की हालत यह है कि अभी जनादेश ईवीएम में है और पार्टी में मुख्यमंत्री की कुर्सी की लडाई शुरू हो गई है.

रावत उत्तराखंड में कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष थे, लेकिन चुनाव से पहले अपने कुनबे में फूट से बचने के लिए पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया.

हालांकि, उनकी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा किसी से छिपी नहीं है और वह गाहे—बगाहे इसे बताते भी रहे हैं. हाल में एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में रावत ने कहा था कि वह ‘या तो मुख्यमंत्री बन सकते हैं या घर पर बैठ सकते हैं.’ उन्होंने कहा था कि इसके अलावा उनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं है.

रावत के बयान पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर निवर्तमान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रीतम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री पद की पसंद पार्टी आलाकमान का विशेषाधिकार है और उनका निर्णय सभी को स्वीकार्य होगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq