कर्नाटक हिजाब विवाद: ‘यह हमारी लड़ाई है और अपनी लड़ाई हम ख़ुद लड़ लेंगे’

कर्नाटक के विभिन्न स्कूल-कॉलेजों में हिजाब को प्रतिबंधित करने को लेकर चल रहे विवाद और अदालती बहस के बीच मुस्लिम छात्राओं का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते इस तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं.

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(फाइल फोटो: पीटीआई)

कर्नाटक के विभिन्न स्कूल-कॉलेजों में हिजाब को प्रतिबंधित करने को लेकर चल रहे विवाद और अदालती बहस के बीच मुस्लिम छात्राओं का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते इस तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं.

16 फरवरी 2022 को उडुपी के पीयू कॉलेज में प्रवेश न मिलने के बाद परिसर से निकलती छात्राएं. (फोटो: पीटीआई)

उडुपी: कर्नाटक के उडुपी जिले के कई कॉलेजों में मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने से रोका गया है, यह विवाद सुलझने के बजाय दिन- प्रतिदिन बढ़ता दिखाई दे रहा है. अदालत में सुनवाई चल रही है, जिस बीच तरह तरह की कहानियां और राजनीतिक पहलू भी निकलकर सामने आ रहे हैं.

मामले की शुरुआत 27 दिसंबर 2021 को हुई थी, जब उडुपी स्थित गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी (पीयू) कॉलेज फॉर गर्ल्स की आठ छात्राओं द्वारा स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाया गया कि मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा रही है.

मामले को लेकर सरगर्मी तब बढ़ गई जब 15 जनवरी को मुस्लिम लड़कियों के द्वारा गवर्नमेंट पीयू कॉलेज फॉर गर्ल्स कॉलेज में हिजाब और बुर्का पहनकर प्ले कार्ड के साथ अपनी मांग को रखा गया.

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर द वायर  ने छात्राओं से बात की. इनमें से एक अस्मिया हैं. 17 साल की अस्मिया आरएन शेट्टी पीयू कॉलेज कुंडापुर की 12वीं कक्षा की छात्रा हैं. अस्मिया कहती हैं, ‘लोगों को कोरोना का डर है इसलिए लोग मास्क पहनते हैं, हमें खुदा का डर है इसलिए हम हिजाब पहनते हैं, और हमें हिजाब पहनने से कोई रोक नहीं सकता’.

अस्मिया के कॉलेज में हिजाब को लेकर टोकाटाकी 4 फरवरी को शुरू हुई. अस्मिया ने बताया, ‘4 फरवरी को अचानक हमारे पीटी सर ने सभी मुस्लिम लड़कियों को रूम नंबर 401 में बुलाया, वहां प्रिंसिपल नवीन कुमार शेट्टी आए और कहा कि आप लोग हिजाब पहनकर कक्षा में नहीं बैठ सकती.’

उन्होंने आगे कहा, ‘लड़कियों द्वारा जब प्रिंसिपल से इसकी वजह पूछी गई तब वह खामोश रहे और बोले कि कल अपने पेरेंट्स को लेकर आना तब बात करेंगे.’ इसके बाद से अस्मिया और उनकी साथियों को अलग कमरे में बैठाया गया और उन्हें कक्षा में जाने की अनुमति नहीं दी गई.

अगले दिन जब लड़कियां अपने परिजनों के साथ कॉलेज पहुंची तब हिजाब पहनी हुई मुस्लिम लड़कियों के लिए कॉलेज के दरवाजे बंद थे, उन्हें गेट पर ही रोक लिया गया था.

वहीं दूसरी तरफ कथित तौर पर बजरंग दल और आरएसएस के समर्थक हिंदू लड़कों के द्वारा गले में भगवा गमछा डालकर जय श्रीराम का नारा लगाया जाता रहा. यह हंगामा सुबह 9:30 बजे से करीब एक घंटे तक चला जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने 15 फरवरी तक के लिए कॉलेज बंद कर दिया.

16 फरवरी को अस्मिया का कॉलेज में परीक्षा थी, अस्मिया और उनकी साथी जिसके लिए नहीं गईं क्योंकि कॉलेज प्रशासन के द्वारा पहले से ही नोटिस जारी कर दिया गया था कि हिजाब पहनकर परीक्षा देने आने की अनुमति नहीं है.

अस्मिया ने बताया, ‘चार फरवरी से पहले कभी किसी ने उन्हें हिजाब पहनने के लिए नहीं रोका था, उस दिन अचानक हमें हिजाब पहनने के लिए रोक दिया गया.’

अस्मिया. (फोटो: शिवम चतुर्वेदी)

अस्मिया का यह भी  कहना है कि अगर हिंदू लड़के भगवा गमछा डालकर आना चाहते हैं तो हमें कोई दिक्कत नहीं है, पर हमें हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए.

अस्मिया का आरोप है कि कॉलेज के प्रिंसिपल नवीन कुमार शेट्टी उडुपी एजुकेशन सोसाइटी के चेयरमैन बीएम सुकुमार शेट्टी के दबाव में ऐसा कर रहे हैं. मालूम कि बीएम सुकुमार शेट्टी भारतीय जनता पार्टी से बुंदूर (उडुपी) से विधायक भी हैं.

हिजाब को लेकर आपत्ति अब उडुपी और पास के कई जिलों के स्कूल और कॉलेजों में शुरू हो गई है. कुंडापुर के गवर्नमेंट पीयू कॉलेज की दो मुस्लिम छात्राओं- अमीरा और आफरीन (बदले हुए नाम) ने इस सिलसिले में द वायर से बात की. ये दोनों दोस्त हैं और 12वीं कक्षा में पढ़ती हैं. भविष्य में वे शिक्षक बनना चाहती हैं.

अमीरा ने बताया कि 1 फरवरी को सभी कक्षाओं में नोटिस जारी किया गया कि कक्षा में हिजाब पहनकर बैठने की अनुमति नहीं है. जब मुस्लिम छात्राओं ने इस नोटिस को लेकर कॉलेज के प्रिंसिपल रामकृष्णा बिजी से बात की तो उन्होंने कहा कि हमें ऊपर से आदेश मिले हैं आप सब लोगों से हम गुजारिश करते हैं कि इसका पालन करें.

प्रिंसिपल ने लड़कियों को समझाते हुए अगले दिन अभिभावकों को लाने की बात कही.

स्कूल प्रशासन का कहना है कि स्कूल में पहले कोई भी लड़की हिजाब नहीं पहनती थी, लेकिन उनके इस दावे के विपरीत आफरीन अपने कॉलेज फंक्शन की एक फोटो दिखाती हैं, जिसमें उनकी सीनियर हिजाब पहने हुए बैठी थीं. हालांकि उन्होंने इसे प्रकाशित करने की अनुमति नहीं दी.

साथ ही अमीरा ने बताया कि जब उनके परिजन कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए आए थे तब प्रिंसिपल से पूछा गया था कि क्या कॉलेज में लड़कियां हिजाब पहन सकती हैं या नहीं, तब प्रिंसिपल द्वारा परिजनों को इस बात के लिए आश्वस्त किया गया था कि हिजाब को लेकर स्कूल प्रशासन द्वारा कोई रोका-टोकी नहीं की जाएगी.

अमीरा कहती हैं कि कॉलेज के हिंदू लड़कों द्वारा भगवा गमछा गले में डालकर लड़कियों को चिढ़ाने का काम किया गया और जय श्रीराम के नारे लगाए गए.

इन छात्राओं का दावा है कि उनके कॉलेज के हाईस्कूल के पीटी टीचर प्रकाश शेट्टी ने लड़कों को भगवा गमछा डालकर आने के लिए प्रोत्साहित किया था. अमीरा के अनुसार, शेट्टी द्वारा कहा गया था कि ‘जब तक मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनकर आएंगी तब तक सभी हिंदू लड़के भगवा गमछा गले में डालकर आएं.’

अमीरा और आफरीन यह भी कहती हैं कि उन्हें परिवार वालों की तरफ से कभी भी हिजाब पहनने के लिए दबाव नहीं बनाया गया.

अमीरा और आफरीन का कहना है कि हिजाब हमारा अधिकार है और हमें हिजाब पहनने से कोई रोक नहीं सकता अगर हिजाब पहनने की वजह से हमें कॉलेज नहीं आने दिया जाएगा तब हम कॉलेज छोड़ देंगे, और किसी ऐसे कॉलेज में जाएंगे जहां पर हिजाब पर पाबंदी न हो.

इसी बीच अनीशा (बदला हुआ नाम) से भी बातचीत हुई. अनीशा भंडारकर कॉलेज ऑफ साइंस एंड आर्ट्स में बीएससी (बायोलॉजी) फर्स्ट ईयर की छात्रा हैं. अनीशा का सपना है कि वह आगे चलकर डॉक्टर बने.

अनीशा ने बताया कि उनके कॉलेज में 3 फरवरी को हिजाब पहने हुए लड़कियों को कॉलेज में प्रवेश करने से अचानक मना कर दिया गया. उन्होंने कहा, ‘कॉलेज के प्रिंसिपल शंकर नारायण शेट्टी ने कहा कि हमें सरकार से आदेश मिला है की मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनकर कॉलेज में प्रवेश नहीं कर सकती हैं.’

मालूम हो कि 3 फरवरी को ही कॉलेज के अंदर हिंदू लड़के गले में भगवा गमछा डालकर आए थे. इन लड़कों का कहना था कि अगर हिजाब पहनकर मुस्लिम लड़कियां आएंगी तब हम भी भगवा गमछा डालकर आएंगे.

अनीशा के अनुसार, जब छात्राओं ने प्रिंसिपल से सरकार का नोटिस मांगा तो प्रिंसिपल ने दिखाने से मना कर दिया और ‘गेट लॉस्ट’ जैसे लहजे में बात करते हुए जाने को कहा.

अनीशा ने बताया, ‘प्रिंसिपल बहुत ही रूखे तरीके से बात कर रहे थे जैसे कि वह छात्राएं उनके कॉलेज की न हों. छात्राओं ने जब प्रिंसिपल से सवाल पूछे तब उनके पास कोई जवाब नहीं था और वह ‘शट योर माउथ’ कह कर आगे बढ़ गए.’

अनीशा ने बताया कि अगले दिन 4 फरवरी को वे और उनकी कई साथी अपने परिजनों को साथ लेकर कॉलेज पहुंचीं. उनके परिजनों को 9:30 बजे से 11:30 बजे तक कॉलेज प्रशासन ने बैठाए रखा और प्रिंसिपल उनसे मिलने नहीं आए जबकि वे उस समय अपने चेंबर में मौजूद थे.

अनीशा का आरोप है  कि प्रिंसिपल भारतीय जनता पार्टी के एमएलए एच. श्रीनिवास शेट्टी के दबाव में काम कर रहे हैं.

इस पूरे मामले को लेकर इन भंडारकर कॉलेज के प्रिंसिपल से बात करने की कई कोशिशें की गईं, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. इसी तरह गवर्नमेंट पीयू कॉलेज कुंडापुर के प्रिंसिपल रामकृष्णा बिजी ने भी कॉल का जवाब नहीं दिया.

कुंडापुर का आरएन शेट्टी कॉलेज. (फोटो: शिवम चतुर्वेदी)

आरएन शेट्टी पीयू कॉलेज, कुंडापुर के प्रिंसिपल नवीन कुमार शेट्टी ने द वायर  से बात करते हुआ कहा, ‘हिजाब पहनने का पहले कोई नियम नहीं था तो हम लोग पब्लिक इंटरेस्ट में मुस्लिम लड़कियों के लिए हिजाब की अनुमति दिया करते थे, लेकिन अब उसके खिलाफ एक बहुत बड़े तबके ने गले में भगवा गमछा डालकर आना शुरू कर दिया, जिसके बाद हमें भगवा गमछा और हिजाब दोनों को बैन करना पड़ा.’

नवीन कुमार शेट्टी का स्पष्ट कहना है कि वह और उनका कॉलेज प्रशासन किसी भी राजनीतिक पार्टी के दबाव में काम नहीं कर रहा है.

इसके अलावा 11 फरवरी को गवर्नमेंट पीयू कॉलेज, उडुपी के प्रिंसिपल रुद्रे गौड़ ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, ‘लड़कियां कॉलेज द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड का पालन कर रही थीं, जो कक्षाओं के अंदर हिजाब की अनुमति नहीं देता है लेकिन अचानक उनका व्यवहार बदल गया और उनका व्यवहार किसी अतिवादी संगठन से प्रभावित लगने लगा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हमने अपने स्तर पर उनके माता-पिता को बुलाकर उनके साथ चर्चा करके इस मुद्दे को सुलझाने की पूरी कोशिश की है.
कुछ हद तक उनके माता-पिता ड्रेस कोड के बारे में आश्वस्त हो गए, लेकिन बाद में सीएफआई नेताओं ने मेरे कक्ष में धावा बोल दिया, जिसके बाद हालात बिगड़ गए.’

जब छात्राओं से सीएफआई के बारे में पूछा तो उन्होंने साफ कहा, ‘हमें किसी का सहयोग नहीं मिल रहा है और न ही हमें किसी के सहयोग जरूरत है, यह लड़ाई हमारी है और हम अपनी लड़ाई हम खुद लड़ लेंगे.’

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं.)

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