उत्तर प्रदेश: योगी आदित्यनाथ की रैली स्थल के समीप ही किसानों ने आवारा पशु छोड़े

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रैली स्थल के पास यह घटना हुई. बताया जा रहा है कि किसानों ने ऐसा यह बताने के लिए किया कि उनके इलाके में आवारा पशुओं का संकट बना हुआ है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रैली स्थल के पास यह घटना हुई. बताया जा रहा है कि किसानों ने ऐसा यह बताने के लिए किया कि उनके इलाके में आवारा पशुओं का संकट बना हुआ है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में किसानों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की जा रही रैली के आयोजन स्थल के पास ही सैकड़ों मवेशियों को एक खुले मैदान में छोड़ दिया. ऐसा उन्होंने यह बताने के लिए किया कि उनके इलाके में आवारा मवेशियों (पशुओं) का संकट बना हुआ है.

किसान नेता रमनदीप सिंह मान द्वारा ट्वीट किए गए एक वीडियो में सैकड़ों आवारा पशुओं को एक खुले मैदान में घूमते देखा जा सकता है.

मान ने ट्वीट किया, ‘बाराबंकी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम से पहले किसानों ने खेतों से खदेड़कर सैकड़ों सांड रैली स्थल में छोड़ दिए, किसानों से तो इन छुट्टा जानवरों का इलाज निकला नहीं और 5 साल यूपी सरकार ने भी कोई इलाज नहीं निकाला. अब (हमें) देखना यह था कि कार्यक्रम से पहले भाजपा वाले क्या इलाज निकालते हैं!’

मान ने अब अपना यह ट्वीट डिलीट कर दिया है.

एनडीटीवी के मुताबिक, इस संबंध में मुख्यमंत्री या बाराबंकी प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

वहीं, योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक वीडियो क्लिप ट्विटर पर शेयर की, जिसमें पिछले हफ्ते मोदी राज्य में भाजपा की सरकार वापस बनने पर आवारा पशुओं की समस्या को हल करने का आश्वासन देते दिखाई दे रहे हैं.

 

बीते 20 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने एक रैली में कहा था कि उन्होंने समस्या का समाधान खोज लिया है. किसानों की दिक्कतों को हम गंभीरता से ले रहे हैं. 10 मार्च को आचार संहिता समाप्त होने के बाद योगी जी के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद हम उन सारी नई योजनाओं को लागू कर देंगे.

एनडीटीवी के मुताबिक, उन्होंने कहा था कि एक नई व्यवस्था के तहत जो पशु दूध नहीं देते हैं, आप उनके गोबर से आय अर्जित कर सकते हैं.

बहरहाल, विपक्षी कांग्रेस ने एक ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री के ट्वीट के खिलाफ हमला बोला है. कांग्रेस ने भाजपा सरकार द्वारा पांच साल तक इस मामले की अनदेखी करने को लेकर उसकी आलोचना की है.

उसने कहा कि योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावों से ठीक पहले आवारा पशुओं का संकट याद करने का समय मिला है.

कांग्रेस ने ट्वीट किया कि 5 सालों में उत्तर प्रदेश में जितने भाजपा के सदस्य नहीं बने होंगे, उससे 5 गुना ज्यादा तो भाजपा की सरकार ने सांड इकट्ठे कर दिए. चुनाव आते ही अब कह रहे हैं कि ‘छुट्टा जानवरों’ का इंतजाम करेंगे.

 

बता दें कि 2019 में योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के बजट में गोशाला निर्माण के लिए फंड आवंटित किया था और जिला प्रशासन व नगरीय निकायों को कहा था कि वे गोशालाओं के लिए प्रबंध करें.

राज्य सरकार ने एक आदेश भी जारी किया था, जिसके तहत कंपनियां अपने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सीबिलिटी (सीएसआर) फंड का इस्तेमाल ग्रामीण इलाकों में त्यागी हुईं या खुल्ला छोड़ दी गईं गायों के लिए सुविधा प्रदान करने में कर सकती हैं.

लेकिन कई रिपोर्ट बताती हैं कि आवारा मवेशियों की समस्या उत्तर प्रदेश में अब भी बनी हुई है, जिसने किसानों की रातों की नींद उड़ा रखी है.

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