रूस-यूक्रेन युद्ध: खारकीव में रूसी सेना ने रॉकेट से हमला किया, कई लोगों की मौत

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के कार्यालय ने कहा कि बातचीत शुरू होने पर वह रूस से तत्काल संघर्षविराम की मांग करेगा. वहीं, पश्चिमी देशों द्वारा रूस के विनिमय योग्य मुद्रा भंडार पर रोक लगाने के बाद रूसी मुद्रा में गिरावट आई है. साथ ही मॉस्को से लेकर साइबेरिया तक इस युद्ध के ख़िलाफ़ हज़ारों रूसी नागरिकों ने प्रदर्शन किया.

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कीव की सड़क पर यूक्रेनी सेना का एक वाहन. (फोटो: रॉयटर्स)

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के कार्यालय ने कहा कि बातचीत शुरू होने पर वह रूस से तत्काल संघर्षविराम की मांग करेगा. वहीं, पश्चिमी देशों द्वारा रूस के विनिमय योग्य मुद्रा भंडार पर रोक लगाने के बाद रूसी मुद्रा में गिरावट आई है. साथ ही मॉस्को से लेकर साइबेरिया तक इस युद्ध के ख़िलाफ़ हज़ारों रूसी नागरिकों ने प्रदर्शन किया.

खारकीव में तैनात एक यूक्रेनियन सैनिक. (फोटो: रॉयटर्स)

खारकीव/कीव/मॉस्को/वाशिंगटन/हेग/नई दिल्ली/विएना/जेनेवा: यूक्रेन के गृह मंत्रालय के सलाहकार एंटन हेराशचेंको ने बताया कि सोमवार सुबह यूक्रेन के खारकीव शहर में रूसी सेना के रॉकेट हमलों में दर्जनों लोग मारे गए.

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘खारकीव पर ग्रैड्स (रॉकेट) द्वारा बड़े पैमाने पर गोलीबारी की गई. दर्जनों की मौत और सैकड़ों घायल.’

अल जज़ीरा के अनुसार, हेराशचेंको हेराशेंको की टिप्पणी पर मॉस्को की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं मिली और न ही अल जज़ीरा स्वतंत्र रूप से इस दावे को सत्यापित कर सका.

हालांकि, अल जज़ीरा संवाददाता जोनाह हल ने पश्चिमी यूक्रेन के ल्वीव शहर से रिपोर्टिंग करते हुए बताया कि घनी आबादी वाले नागरिक क्षेत्रों पर घातक रूसी हमलों की खबरें परेशान करने वाली हैं.

उन्होंने कहा, ‘[सोशल मीडिया पर प्रसारित] बहुत सारी तस्वीरें हैं जो दिखा रहे हैं कि विस्फोट हुए हैं और उनसे ऐसा भी लगता है कि ग्रैड रॉकेट फायरिंग का इस्तेमाल किया गया है, साथ ही, हवा में बम गिराए गए हैं. इसके अलावा और बहुत सारे [वीडियो ] फ्लैश हैं जो सेकेंडरी विस्फोटों और इन सबके बीच क्लस्टर युद्ध सामग्री के इस्तेमाल का इशारा कर रहे हैं.’

इससे पहले राजधानी कीव में एक अपेक्षाकृत शांत माहौल था, जहां सोमवार को सुपरमार्केट फिर से खोल दिए गए थे और निवासियों को शनिवार को कर्फ्यू लागू होने के बाद पहली बार शेल्टर स्थलों और घरों से बाहर निकलने की अनुमति दी गई थी.

उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने सोमवार को कहा कि बेलारूस की सीमा पर रूस के साथ बातचीत के लिए उसका एक प्रतिनिधिमंडल पहुंच गया है. यह स्पष्ट नहीं है कि क्या इस बातचीत से युद्ध का कोई समाधान होगा.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के कार्यालय ने कहा कि वह रूस से तत्काल संघर्षविराम की मांग करेगा. तत्काल यह स्पष्ट नहीं है कि यूक्रेन में अपने युद्ध से या वार्ता से रूस अंततः क्या चाहता है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा है कि रूस के हमले में यूक्रेन के 16 बच्चों की मौत हो गई है और 45 अन्य घायल हो गए हैं.

राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने सोमवार को एक वीडियो संदेश में कहा, ‘कब्जा करने वालों द्वारा किए गए हर अपराध, गोलाबारी हमारे भागीदारों और हमें और भी करीब लाती है.’

उन्होंने रूस पर पश्चिम देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की सराहना करते हुए कहा कि इन से रूसी मुद्रा गिरी है. ज़ेलेंस्की ने यूरोपीय संघ से सदस्यता के लिए त्वरित विशेष मार्ग प्रशस्त करने को कहा.

ज़ेलेंस्की ने दावा किया कि 4,500 से अधिक रूसी सैनिक मारे गए हैं. उन्होंने रूसी सैनिकों से हथियार डाल देने और चले जाने का आह्वान किया. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, ‘आप कमांडरों पर भरोसा मत करो, अपने दुष्प्रचार पर भरोसा मत करो, बस अपनी जान बचाओ.’

बताया गया है कि रूसी सैनिक लगभग 30 लाख की आबादी वाले शहर कीव के करीब आ गए हैं और खारकीव में सड़कों पर लड़ाई छिड़ गई. दक्षिण में सामरिक बंदरगाह हमलावरों के दबाव में आ रही हैं.

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के मुताबिक, यूक्रेनी बलों ने कड़ा प्रतिरोध किया जिससे हमला धीमा होता प्रकट हो रहा है. मगर अमेरिका के एक अधिकारी ने चेताया है कि शक्तिशाली रूसी बल इससे सबक सीखेंगे और अपनी रणनीति बनाएंगे जिससे हमला जारी रहेगा.

भयभीत निवासियों ने घरों में, भूमिगत गैराज में और सबवे स्टेशों में आसरा लिया है. द्वितीय विश्व युद्ध में बची 87 वर्षीय यहूदी महिला फैना बिस्ट्रिट्स्का ने कहा, ‘काश मैं इसे देखने के लिए जीवित नहीं होती.’

अधिकारियों ने बताया कि यूक्रेन सैन्य अनुभव रखने वाले और देश के लिए लड़ने की चाहत रखने वाले कैदियों को भी रिहा कर रहा है.

एपी के मुताबिक, रूस की सेना ने कहा है कि यूक्रेन की राजधानी के लोग अगर शहर छोड़ना चाहते हैं तो वे सुरक्षित गलियारे का इस्तेमाल कर सकते हैं.

रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनशनकोव ने सोमवार को कहा कि कीव के निवासी उस राजमार्ग का इस्तेमाल कर सकते हैं जो वैलसिलकिव की ओर जाता है जो यूक्रेन की राजधानी के दक्षिण पश्चिम में स्थित है.

यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा है कि वे राजधानी के अलग अलग इलाकों में रूस की सेना के साथ छोटे-छोटे समूहों में लड़ रहे हैं.

कोनशेनकोव ने आरोप लगाया कि यूक्रेन के ‘राष्ट्रवादी’ शहर के निवासियों को ढाल बनाकर सैन्य उपकरण तैनात कर रहे हैं. इन आरोपों को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका है.

कोनशेनकोव ने यह भी ऐलान किया है कि रूस के सैनिकों ने ज़पोरिझझिया परमाणु संयंत्र का नियंत्रण हासिल कर दिया है. उन्होंने कहा कि संयंत्र सुरक्षित है और क्षेत्र में विकिरण का स्तर सामान्य बना हुआ है.

उधर, अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के अधिकारियों ने कहा है कि यूक्रेन के प्रतिरोध, ईंधन की कमी और साजो-सामान से संबंधित अन्य परेशानियों से रूसी सैनिकों की रफ्तार धीमी पड़ी है और यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली कमजोर है लेकिन अब भी काम कर रही है.

अमेरिका ने स्टिंगर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को सीधे यूक्रेन भेजने को पहली बार मंजूरी दी है. इनका उपयोग हेलीकॉप्टरों और अन्य विमानों को मार गिराने के लिए किया जा सकता है. निर्णय की पुष्टि अमेरिकी अधिकारियों ने की है.

कीव की सड़क पर यूक्रेनी सेना का एक वाहन. (फोटो: रॉयटर्स)

जर्मनी ने पुरानी नीति में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए यूक्रेन की सैन्य मदद का फैसला किया

उधर, जर्मनी ने दुनिया को स्तब्ध करते हुए यूक्रेन को टैंक रोधी हथियार और जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें देने का फैसला किया है.

इसके साथ ही उसने युद्धग्रस्त क्षेत्र में हथियार का निर्यात नहीं करने की द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से चली आ रही अपनी विदेश नीति में ऐतिहासिक बदलाव का संकेत दिया है.

एपी के अनुसार, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने रविवार को संसद के विशेष सत्र में दिए भाषण में कहा, ‘यह नई वास्तविकता है.’ उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद जर्मनी द्वारा नाटकीय रूप से पहले की तुलना में अलग प्रतिक्रिया की जरूरत है.

बुंडस्टाग (जर्मन संसद) में शॉल्त्स ने कहा, ‘राष्ट्रपति (व्लादिमीर) पुतिन द्वारा गत बृहस्पतिवार को यूक्रेन पर किए गए हमले ने नई वास्तविकता उत्पन्न कर दी है… और यह वास्तविकता स्पष्ट उत्तर की मांग करती है, हमने एक उत्तर दिया है.’

उन्होंने कहा कि जर्मनी यूक्रेन को टैंक रोधी हथियार और जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें भेज रहा है.

जर्मन चांसलर ने कहा कि देश(जर्मनी) अपने सैन्य बलों के लिए 100 अरब यूरो का विशेष कोष बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है और वह रक्षा पर खर्च बढ़ाकर जीडीपी का दो प्रतिशत करेगा.

पुतिन के परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखने के आदेश से तनाव बढ़ा

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखने के आदेश ने यूक्रेन को लेकर तनाव बढ़ा दिया है.

इसी के बाद अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों ने कहा कि वे यूक्रेन को अधिक स्टिंगर मिसाइल और लड़ाकू विमानों समेत हथियारों की आपूर्ति बढ़ा रही हैं.

मालूम हो कि रविवार को शीत युद्ध के बाद लंबे समय से दबे डर को सामने लाते हुए पुतिन ने रूस के परमाणु हथियारों को इस्तेमाल के लिए तैयार रखने का आदेश दिया था.

उन्होंने कहा था कि नाटो ने रूस के प्रति ‘आक्रामक बयान’ दिए थे और रूस पर लगाए कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का हवाला दिया.

नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने सीएनएन को बताया कि पुतिन का रूस के परमाणु बलों को अलर्ट रहने की बात कहना खतरनाक है.

गौरतलब है कि आर्थिक प्रतिबंधों के अलावा यूरोपीय संघ ने रूस की एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने पर सहमति व्यक्त की है.

इसके अलावा यूक्रेन भेजने के लिए हथियारों पर करोड़ों यूरो खर्च किए हैं और साथ-साथ क्रेमलिन समर्थक मीडिया संस्थान को निशाना बनाया है जो आक्रमण के बारे में दुष्प्रचार फैला रहे हैं.

यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि आयोग ‘पहली बार’ किसी तीसरे पक्ष के हथियारों की खरीद और वितरण के लिए वित्त पोषण करना चाहता है.

उधर, स्पेन के विदेश मंत्री ने कहा कि देश के परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश ‘पुतिन की पूर्ण तर्कहीनता का एक और संकेत’ है.

एपी के मुताबिक, जोस मैनुएल अल्बेर्स ने सोमवार स्पेन के राष्ट्रीय रेडियो से कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि यह सिर्फ शब्द हों लेकिन इस धमकी का इस्तेमाल करना दिखता है कि पुतिन की तर्कहीनता अकल्पनीय स्तर तक पहुंच गई है.

अल्बेर्स ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या स्पेन, अन्य यूरोपीय संघ के सदस्यों की तरह, यूक्रेन को हथियार या अन्य सैन्य सहायता भेजने के लिए तैयार है?

स्पेन की सरकार ने सप्ताहांत में 20 टन मानवीय सहायता और सैन्य रक्षात्मक उपकरण यूक्रेन भेजे थे.

यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश नीति प्रमुख जे.बोरोल ने एक निजी रेडियो स्टेशन से कहा कि पुतिन का निर्देश ‘गैर जिम्मेदाराना’ है. उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक है.

इसी बीच, रूस के कई मीडिया संस्थानों की वेबसाइट सोमवार को हैक कर ली गईं और उनके मुख्य पन्ने पर यूक्रेन पर हमले की निंदा का संदेश पोस्ट कर दिया गया.

सरकारी एजेंसी ‘तास’, क्रेमलिन समर्थक अखबार ‘इज़वेस्तिया’ , समेत कई अन्य संस्थानों की वेबसाइट को सोमवार को हैक कर लिया गया.

एपी के अनुसार, रूस की सेना ने कहा है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निर्देश के मुताबिक परमाणु रोधी बलों को ‘हाई अलर्ट’ पर कर दिया गया है.

रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने पुतिन को बताया है कि रूस के सभी परमाणु बलों के कमांड पोस्ट में अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया गया है.

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘हाई अलर्ट’ की स्थिति रूसी परमाणु बलों के सभी घटकों पर लागू होती है जिसमें रणनीतिक मिसाइल बल, उत्तरी और प्रशांत बेडे भी शामिल हैं.

इसके साथ ही, क्रेमलिन ने इस बात से इनकार किया है कि रूसी सेना ने यूक्रेन में आबादी वाले क्षेत्रों को निशाना बनाया है. हालांकि इस बात के कई सूबत हैं कि रूसी हमलों में आवासीय इमारतें, स्कूल और अस्पताल क्षतिग्रस्त हुए हैं.

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने सोमवार को आरोप लगाया कि दक्षिणपंथी यूक्रेनी राष्ट्रवादी समूहों के सदस्यों द्वारा नागरिकों को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने और आबादी वाले क्षेत्रों में सैन्य उपकरण तैनात करने की वजह से नागरिक हताहत हुए हैं.

वहीं, रूस की जांच एजेंसी ने कहा है कि वह यूक्रेन के बलों द्वारा रूस के युद्ध बंदियों को प्रताड़ित करने के आरोपों की जांच कर रही है.

मुख्य राज्य आपराधिक जांच एजेंसी ‘इन्वेस्टिगेटिव कमेटी’ ने सोमवार को कहा कि वह रूस के युद्ध बंदियों को प्रताड़ित करने वाले लोगों का पता लगाएगी.

इससे पहले, रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल कोनशेनकोव ने इस घटना की ओर इशारा किया था, जिसमें यूक्रेन के बलों ने रूस के कैदियों को कथित रूप से प्रताड़ित किया है और अपराधियों का पता लगाकर उन्हें कानून के दायरे में लाने का संकल्प लिया था.

रूस में आर्थिक परेशानियां बढ़ने के संकेत, देश में युद्ध-विरोधी प्रदर्शन जारी

यूरोपीय देशों के प्रतिबंधों से इस तरह के कुछ संकेत हैं जिससे लगता है कि रूस की अर्थव्यवस्था को शुरुआती आर्थिक क्षति पहुंची है. रूबल सोमवार तड़के अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ.

रूस से आई वीडियो में दिख रहा है कि रूस के लोग एटीएम से नकदी निकालने के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं जबकि रूस के केंद्रीय बैंक ने बयान जारी कर शांति की अपील की है.

इस तरह की भी खबरें हैं कि जिन लोगों के अंतरराष्ट्रीय खाते हैं, उनसे वीज़ा और मास्टरकार्ड स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं.

रूस के सेंट्रल बैंक ने गिरते रूबल को संभालने के लिए एक हताशा भरी कोशिश के तहत अपनी प्रमुख दर को 9.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है.

पश्चिमी देशों द्वारा रूस के विनिमय योग्य मुद्रा भंडार पर रोक लगाने के बाद मुद्रा की गिरावट थामने के लिए सेंट्रल बैंक ने यह कदम उठाया.

पश्चिमी देशों द्वारा ‘स्विफ्ट’ वैश्विक भुगतान प्रणाली से रूसी बैंकों को बाहर करने के बाद सोमवार तड़के अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रूबल लगभग 26 प्रतिशत टूट गया था.

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस रोक से रूस का विनियम योग्य मुद्रा भंडार कितना प्रभावित होगा, लेकिन यूरोपीय अधिकारियों का कहना है कि इससे रूस के 640 अरब अमेरिकी डॉलर के भंडार का आधा हिस्सा प्रभावित होगा.

इसके साथ ही, मॉस्को से लेकर साइबेरिया तक रूस के युद्ध विरोधी कार्यकर्ता यूक्रेन पर हमले के खिलाफ एक बार फिर से सड़कों पर उतर गए हैं. प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई जारी है और हर दिन सैकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है.

प्रदर्शनकारियों ने रविवार को शहर के केंद्रों में मार्च किया और वे ‘युद्ध नहीं’ के नारे लगा रहे थे.

रविवार को हुआ विरोध प्रदर्शन बृहस्पतिवार की अपेक्षा छोटा था. ओविडी-इन्फो संस्था के अनुसार, रविवार दोपहर तक पुलिस ने 32 शहरों में कम से कम 356 लोगों को गिरफ्तार किया.

एपी के अनुसार, सेंट पीटर्सबर्ग में रैली में शामिल हुए 48 वर्षीय दमित्री मालत्सेव ने कहा कि उनके दो बच्चे हैं और वह उन्हें खोना नहीं चाहतीं, क्योंकि जंग सभी के लिए त्रासदी होती है.

रूस में यूक्रेन की एम्बेसी पर फूल रखती एक महिला. (फोटो: रॉयटर्स)

रूस में हमले के खिलाफ प्रदर्शन बृहस्पतिवार को ही शुरू हो गए थे और तभी से रोज़ यह जारी हैं. रूस की पुलिस ने रैलियों पर कार्रवाई की है और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है.

क्रेमलिन ने प्रदर्शनों पर ध्यान नहीं देते हुए इस बात पर जोर दिया है कि रूस का एक ज्यादा बड़ा तबका यूक्रेन पर हमले के समर्थन में है.

हजारों लोगों ने हाल के दिनों में खुले पत्रों के जरिये युद्ध को लेकर विरोध जताया है और याचिकाओं पर हस्ताक्षर किए हैं जिनमें हमले की निंदा की गई है. मशहूर हस्तियां और प्रसिद्ध टीवी शख्सियतों ने भी युद्ध के खिलाफ आवाज़ उठाई है.

इसी दौरान रूसी सेना ने स्वीकार किया कि उनके सैनिक यूक्रेन में हताहत हुए हैं लेकिन उसने हताहतों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं दी.

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनशेनकोव ने कहा कि सैनिक मारे भी गए हैं और घायल भी हुए हैं.

आक्रमण को लेकर प्रदर्शन करने पर बेलारूस में 500 से अधिक लोग हिरासत में

यूक्रेन पर रूस के हमले के विरोध में प्रदर्शन करने पर बेलारूस में 500 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. बेलारूस के एक प्रमुख मानवाधिकार समूह ने यह जानकारी दी.

वियास्ना मानवाधिकार केंद्र ने रविवार को बेलारूस में हिरासत में लिए गए 530 लोगों के नाम जारी किए.

यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ बेलारूस में कम से कम 12 शहरों में प्रदर्शन हुए. देश की राजधानी मिन्स्क में प्रदर्शनकारियों ने यूक्रेन के झंडे लेकर शहर के विभिन्न हिस्सों में मार्च किया.

बेलारूस की सरकार ने संघर्ष में रूस का समर्थन किया है. इसी बीच अमेरिका के विदेश विभाग ने बेलारूस में अपने दूतावास को बंद कर दिया है.

विभाग ने यूक्रेन में युद्ध के कारण रूस में अमेरिकी दूतावास के गैर-आवश्यक कर्मचारियों को वापस आने की अनुमति दी है.

विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार को एक बयान में मिन्स्क में दूतावास में संचालन को स्थगित करने और मॉस्को से दूतावास कर्मियों के प्रस्थान की घोषणा की.

उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन में रूसी सैन्य बलों द्वारा किए गए अनुचित हमले की वजह से सामने आए सुरक्षा मुद्दों के कारण हमने ये कदम उठाए हैं.’

यूक्रेन ने रूस के खिलाफ संरा की शीर्ष अदालत में जनसंहार का मामला दर्ज कराया

यूक्रेन ने रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में मामला दर्ज कराया है. यूकेन ने रूस पर जनसंहार की योजना बनाने का आरोप लगाया है, साथ ही अदालत से युद्ध को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने और रूस को क्षतिपूर्ति देने संबंधी निर्देश देने का भी आग्रह किया है.

रविवार को दर्ज कराए गए मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण से मॉस्को से ‘सैन्य अभियानों को तत्काल बंद करते’ हुए ‘महत्वपूर्ण कदम’ उठाने संबंधी निर्देश देने का आग्रह किया गया है. यूक्रेन पर रूस ने 24 फरवरी को हमला किया था.

शिकायत में कहा गया है कि रूस ने पूर्वी यूक्रेन के लुहांस्क और दोनेत्स्क क्षेत्रों में जनसंहार के झूठे आरोप लगाते हुए आक्रमण किया और अब वह यूक्रेन में जनसंहार की योजना बना रहा है.

अदालत ने एक बयान में कहा, ‘यूक्रेन इस बात से इनकार करता है कि पूर्वी क्षेत्रों में जनसंहार हुआ है और कहता है कि उसने यह साबित करने के लिए मामला दर्ज कराया है कि रूस के पास किसी भी कथित नरसंहार को रोकने और दंडित करने के उद्देश्य से यूक्रेन में और यूक्रेन के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई कानूनी आधार नहीं है.’

अदालत इस मामले पर सुनवायी शीघ्र करेगी. यह अदालत देशों के बीच कानून आदि से जुड़े मतभेद मामलों की सुनवाई करती है.

देश की रक्षा के लिए तैयार यूक्रेन के खिलाड़ी, रूस पर प्रतिबंध की मांग की

यूक्रेन के स्केलेटन राइडर व्लादिस्लाव हेरासकेविच इस महीने बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक के दौरान ‘यूक्रेन में युद्ध नहीं’ के संदेश के साथ उतरे थे.

रविवार को अपने देश की राजधानी से लगभग 150 किमी (90 मील) दूर हेरासकेविच हथियारों के साथ मौजूद थे जिससे कि जरूरत पड़ने पर अपने देश की रक्षा कर सकें.

एपी को फोन पर दिए साक्षात्कार में हेरासकेविच ने कहा, ‘मैं छात्र हूं. मुझे इस तरह की चीजों का अनुभव नहीं है. लेकिन मैं मजबूती के साथ खड़ा रहने और किसी भी तरह से मदद करने को तैयार हूं.’

हेरासकेविच यूक्रेन के उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने ओलंपिक और पैरालंपिक अधिकारियों को खुला पत्र लिखकर रूस और बेलारूस की ओलंपिक और पैरालंपिक समितियों को तुरंत निलंबित करने की मांग की है. लगभग दो दर्जन देशों के खिलाड़ियों के भी इस पत्र पर हस्ताक्षर हैं.

भारत के बेंगलुरु में रूस के खिलाफ हुआ एक प्रदर्शन. (फोटो: पीटीआई)

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाक और अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) के उनके समकक्ष एंड्रयू पार्सन्स को लिखे पत्र में कहा गया, ‘रूस का यूक्रेन पर हमला, जिसे बेलारूस का समर्थन हासिल है, ओलंपिक तथा पैरालंपिक चार्टर का स्पष्ट उल्लंघन है- ऐसा उल्लंघन जिसके लिए कड़ी सजा दी जानी चाहिए.’

इस पत्र पर चार बार की ओलंपियन ब्रिटेन की पाउला रेडक्लिफ, छह बार की ओलंपियन कनाडा की क्लारा ह्यूज, दो बार की पैरालंपियन ग्रेटा नीमान्स और कनाडा की ओलंपिक चैंपियन बेकी स्कॉट ने भी हस्ताक्षर किए हैं.

इस पत्र में यूक्रेन के 34 खिलाड़ियों के हस्ताक्षर हैं और कई हस्ताक्षर पूरे खेल महासंघ की ओर से किए गए हैं. पत्र में कहा गया है कि यूक्रेन के और अधिक खिलाड़ी इस पर हस्ताक्षर करते लेकिन यूक्रेन के सभी खिलाड़ियों से बात करना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि वे बम धमाकों से बचने के लिए सुरक्षित स्थान ढूंढ रहे हैं.

पत्र में कहा गया, ‘अगर आईओसी और आईपीसी कड़ी कार्रवाई से इनकार करता है तो आप स्पष्ट तौर पर रूस और बेलारूस की अंतरराष्ट्रीय कानूनों और आपके अपने चार्टर का उल्लंघन करने के लिए हौसलाअफजाई करते हो.’

रूस के हमले के बाद पांच लाख से अधिक लोगों ने यूक्रेन छोड़ा: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने सोमवार को कहा कि पिछले सप्ताह रूस द्वारा आक्रमण किए जाने के बाद पांच लाख से ज्यादा लोगों ने यूक्रेन छोड़ दिया है.

पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया और मोल्दोवा की सीमाओं की जांच चौकियों पर कारों और बसों की लंबी लाइनों को देखा गया. कई लोगों ने पैदल ही सीमाओं को पार किया.

कई सौ शरणार्थी हंगरी के सीमावर्ती गांव बेरेगसुरनी में एक अस्थायी केंद्र में ठहरे हुए थे, जहां वे पारगमन केंद्रों की ओर जाने के लिए वाहनों की प्रतीक्षा कर रहे थे.

पूर्वी यूरोप के अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों की तरह, बेरेगसुरनी में एक केंद्र में कई शरणार्थी भारत, नाइजीरिया और अन्य अफ्रीकी देशों से हैं, और वे यूक्रेन में काम कर रहे थे या पढ़ाई कर रहे थे.

पश्चिमी यूक्रेन के टेरनोपिल में पढ़ने वाला 22 वर्षीय एक भारतीय मेडिकल छात्र मसरूर अहमद 18 अन्य भारतीय छात्रों के साथ हंगरी की सीमा पर आया था. उन्होंने कहा कि उन्हें राजधानी बुडापेस्ट पहुंचने की उम्मीद है, जहां भारत सरकार ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए उड़ानों का संचालन किया है.

उन्होंने कहा कि टेरनोपिल में अभी युद्ध की शुरुआत नहीं हुई है, लेकिन ‘वहां भी किसी वक्त बमबारी हो सकती है.’

उन्होंने कहा, ‘हमें यकीन नहीं है, इसलिए हमने वह शहर छोड़ दिया.’

हंगरी ने यूक्रेन छोड़ने वाले सभी शरणार्थियों के लिए अपनी सीमाएं खोल दी हैं, जिसमें तीसरे देश के नागरिक भी शामिल हैं जो यूक्रेन में अपने प्रवास की बात साबित कर सकते हैं.

संयुक्‍त राष्ट्र के शरणार्थी मामलों के उच्चायोग (यूएनएचसीआर) प्रमुख फिलिपो ग्रांडी ने सोमवार को ट्वीट किया कि पांच लाख से अधिक शरणार्थी अब यूक्रेन से पड़ोसी देशों में आ गये हैं.

जिनेवा स्थित यूएनएचआरसी की प्रवक्ता शाबिया मंटू ने कहा कि यूक्रेन के 2,81,000 लोगों ने पोलैंड में प्रवेश किया है और हंगरी में 84,500 से अधिक, मोल्दोवा में लगभग 36,400, रोमानिया में 32,500 से अधिक लोगों तथा स्लोवाकिया में लगभग 30,000 लोग पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि कि शेष अन्य देशों में पहुंचे है.

यूक्रेन से सैकड़ों शरणार्थियों को लेकर एक और ट्रेन सोमवार तड़के दक्षिण-पूर्वी पोलैंड के प्रेजेमिस्ल शहर पहुंची.

पौलेंड के सीमा गार्ड ने कहा कि बृहस्पतिवार से अबतक यूक्रेन से करीब 2.13 लाख से लोग पोलैंड में प्रवेश कर चुके हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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