भारत में कोविड से मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा ‘संदिग्ध’: पी. चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि एक प्रतिष्ठित जर्नल का अनुमान है कि भारत में एक जून, 2020 से एक जुलाई, 2021 के बीच कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 32 लाख है. यह आंकड़ा आधिकारिक आंकड़े चार लाख के मुकाबले आठ गुना अधिक है.

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पी. चिदंबरम. (फोटो: रॉयटर्स)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि एक प्रतिष्ठित जर्नल का अनुमान है कि भारत में एक जून, 2020 से एक जुलाई, 2021 के बीच कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 32 लाख है. यह आंकड़ा आधिकारिक आंकड़े चार लाख के मुकाबले आठ गुना अधिक है.

पी. चिदंबरम. (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने एक प्रतिष्ठित जर्नल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को दावा किया कि देश में कोविड-19 से मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा ‘संदिग्ध’ है.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘एक प्रतिष्ठित जर्नल का अनुमान है कि भारत में एक जून, 2020 से एक जुलाई, 2021 के बीच कोविड से मरने वालों की संख्या 32 लाख है. यह आंकड़ा आधिकारिक आंकड़े चार लाख के मुकाबले आठ गुना अधिक है.’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘निश्चित तौर पर इनमें से 27 लाख मौतें पिछले साल अप्रैल, मई और जून में हुई होंगी.’ उन्होंने दावा किया कि आधिकारिक आंकड़ा संदिग्ध है.

चिदंबरम ने कहा, ‘भारत में 6,38,365 गांव हैं. सरकार के आंकड़े बताते हैं कि प्रति गांव मौतों की औसत संख्या एक से कम थी! अविश्वसनीय! कस्बों और शहरों में मौतों की संख्या जोड़ें. आधिकारिक संख्या संदिग्ध है.’

मालूम हो कि कांग्रेस देश में कोविड-19 के कारण बहुत अधिक मौतों का आरोप लगा रही है और मांग कर रही है कि मौतों का एक नया सर्वेक्षण किया जाना चाहिए.

पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस ने कहा था कि केंद्र सरकार को कोरोना महामारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों का सही आंकड़ा पता करने के लिए ‘कोविड आयोग’ का गठन करना चाहिए और प्रभावित परिवारों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि देने के उद्देश्य से एक ‘कोविड मुआवजा कोष’ भी बनाना चाहिए.

बीते फरवरी माह में सिटिजंस फॉर जस्टिस एंड पीस और स्वतंत्र विशेषज्ञों द्वारा एकत्र डेटा के हवाले से बताया गया था कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के चार ज़िलों, ख़ासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 2019 के मुकाबले महामारी के दौरान मौत के आंकड़ों में 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

अध्ययन के अनसार, यदि इन क्षेत्रों की तरह ही पूरे प्रदेश में मृत्यु दर में इसी तेजी के साथ वृद्धि हुई है तो पूरे राज्य में महामारी के दौरान 14 लाख के आसपास लोगों की मौत संभव है, जो संभवतर: राज्य सरकार द्वारा दिए कोविड-19 मृतकों के आंकड़े- 23,000 से लगभग 60 गुना अधिक है.

अलग-अलग स्वतंत्र रिपोर्ट और अध्ययनों से पता चलता है कि भारत में कोविड-19 से हुई मौतों की संख्या को या तो बहुत ही कम बताया गया है, या उसे दर्ज ही नहीं किया गया है.

बीते जनवरी माह में टोरंटो विश्वविद्यालय के नेतृत्व में शोधकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय दल के सर्वेक्षण में पाया गया कि कोविड-19 से पिछले साल सितंबर तक करीब 32 लाख लोगों की मौत हुई होगी, जो आधिकारिक रूप से दर्ज आंकड़ों से छह-सात गुना अधिक है. सर्वेक्षण में तकरीबन 1.4 लाख वयस्कों को शामिल किया गया था.

अध्ययन में दो सरकारी डेटा स्रोतों के जरिये भारत सरकार के प्रशासनिक आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है. इसमें आईआईएम अहमदाबाद और चुनाव सर्वेक्षण एजेंसी सी-वोटर भी शामिल थे.

साइंस (Science) नामक पत्रिका में बीते छह जनवरी प्रकाशित हुए अध्ययन में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मार्च 2020 से जुलाई 2021 तक राष्ट्रीय स्तर पर किए गए एक सर्वेक्षण का उपयोग किया गया. सर्वेक्षण में 1,37,289 वयस्कों को शामिल किया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)