पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम में बीते कई चुनाव नतीजों की तरह कांग्रेस बुरी तरह पिछड़ी है. पंजाब में जहां वह सत्ता से बेदख़ल हो गई, वहीं यूपी में प्रियंका गांधी के प्रयासों को मतदाताओं ने ख़ारिज कर दिया. अब शीर्ष कांग्रेसी नेता हमेशा की तरह हार से सबक़ लेने की बात कहते नज़र आ रहे हैं.
नई दिल्ली: आठ साल पहले 2014 में शुरू हुआ कांग्रेस का बुरा दौर किसी काले साये की तरह उसका पीछा नहीं छोड़ रहा है. वह लाख प्रयासों के बाद भी जनता के बीच खोया अपना जनाधार वापस पाने में सफल नहीं हो पा रही है.
हालिया संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी यही दोहराया गया है.
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में स्वयं गांधी परिवार की सदस्य और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, बावजूद इसके कांग्रेस की सीट संख्या भी घट गई और साथ ही मत प्रतिशत भी लुढ़क गया. यहां तक कि प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी भारी मतों से चुनाव हार गए.
इन पांच राज्यों में से जिस एकमात्र राज्य में कांग्रेस की सरकार थी, वहां भी उसके नेताओं के बीच की अंदरूनी कलह उसे ले डूबी है.
गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में भी उसके लिए नतीजे निराशाजनक रहे. यहां तक कि पंजाब में उसके मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जिन दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़े थे, उन दोनों ही सीटों पर वे हार गए.
पंजाब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को भी हार का सामना करना पड़ा. उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी चुनाव हार गए.
साल दर साल कांग्रेस के साथ यह कहानी दोहराई जा रही है और हार के बाद उसके नेताओं के बयान भी लगभग समान ही होते हैं कि वे हर बार हुई हारों से सबक लेने की बात कहते नज़र आते हैं.
वर्तमान हार पर भी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि विनम्रतापूर्वक जनता का फैसला स्वीकार करते हैं, इससे सबक लेंगे.
उन्होंने कहा है, ‘जनता के फैसले को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं. जनादेश जीतने वालों को शुभकामनाएं. मैं सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए धन्यवाद देता हूं. हम इससे सीखेंगे और भारत के लोगों के हित के लिए काम करते रहेंगे.’
Humbly accept the people’s verdict. Best wishes to those who have won the mandate.
My gratitude to all Congress workers and volunteers for their hard work and dedication.
We will learn from this and keep working for the interests of the people of India.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 10, 2022
वहीं, प्रियंका गांधी ने ट्वीट के माध्यम से कहा है, ‘लोकतंत्र में जनता का मत सर्वोपरि है. हमारे कार्यकर्ताओं और नेताओं ने मेहनत की, संगठन बनाया, जनता के मुद्दों पर संघर्ष किया. लेकिन, हम अपनी मेहनत को वोट में तब्दील करने में कामयाब नहीं हुए. कांग्रेस पार्टी सकारात्मक एजेंडे पर चलकर उप्र की बेहतरी व जनता की भलाई के लिए संघर्षशील विपक्ष का कर्तव्य पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाती रहेगी.’
लोकतंत्र में जनता का मत सर्वोपरि है। हमारे कार्यकर्ताओं और नेताओं ने मेहनत की, संगठन बनाया, जनता के मुद्दों पर संघर्ष किया। लेकिन, हम अपनी मेहनत को वोट में तब्दील करने में कामयाब नहीं हुए।
कांग्रेस पार्टी सकारात्मक एजेंडे पर चलकर उप्र की बेहतरी व जनता की भलाई के लिए…1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 10, 2022
वहीं, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि इस जनादेश से सबक लेकर आत्मचिंतन करेंगे. साथ ही, उन्होंने इस हार पर आत्मचिंतन करने के लिए जल्द ही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाए जाने की बात कही है.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर गुरुवार को सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी इस जनादेश से सबक लेगी और आत्मचिंतन करते हुए नए बदलाव एवं रणनीति के साथ सामने आएगी.
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जल्द ही कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाने का फैसला किया है. इस बैठक में चुनावी हार के कारणों में मंथन होगा.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पंजाब में कांग्रेस ने एक साधारण पृष्ठभूमि वाले चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन अमरिंदर सिंह के करीब साढ़े चार साल के शासन को लेकर जो सत्ता विरोधी लहर थी, उससे पार्टी को नुकसान हुआ.
सुरजेवाला ने कहा, ‘पंजाब में लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया है. हम विजेता को बधाई देते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हम उत्तर प्रदेश, उत्तरराखंड, मणिपुर और गोवा में बेहतर चुनाव लड़े लेकिन जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए. हमें सीख लेनी है और कड़ी मेहनत करनी है. हम जातिवाद और धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति से इतर जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़े, लेकिन भावनात्मक मुद्दे जनता से जुड़े मुद्दों पर हावी हो गए.’
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘हम जनता के मुद्दों बेरोजगारी, महंगाई, अर्थव्यवस्था की स्थिति को उठाएंगे. हम हार के कारणों का गहन तरीके से आत्ममंथन और आत्मचिंतन करेंगे.’
उनके मुताबिक, सोनिया गांधी ने निर्णय लिया है कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाकर इन हार के कारणों में मंथन करेगी.
उन्होंने कहा, ‘हम हारे जरूर हैं, हम निराश जरूर हैं, लेकिन हताश नहीं हैं. हम लौटेंगे नए बदलाव और रणनीति के साथ लौटेंगे.’
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जो स्वयं विधानसभा चुनाव हार गए, उन्होंने खुद की हार स्वीकारते हुए पार्टी की पराजय की भी जिम्मेदारी स्वयं ली है.
उन्होंने कहा, ‘शायद हमारे प्रयासों में कुछ कमी रह गई जो हम उत्तराखंड के लोगों का विश्वास नहीं जीत सके. हम निश्चित थे कि लोग बदलाव के लिए वोट करेंगे लेकिन शायद हमारे प्रयास में ही कुछ कमी रह गई. मैं ये स्वीकार करता हूं और इस हार की जिम्मेदारी लेता हूं.’
उन्होंने आगे जोड़ा, ‘हमारी कैंपेन की रणनीति अपर्याप्त थी और अभियान समिति के अध्यक्ष के रूप में मैं यह बात स्वीकार करता हूं. लोगों ने बहुत अच्छा काम किया और मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं. मैं लोगों का विश्वास नहीं जीत सका लेकिन मैं अपनी बेटी और जीतने वाले सभी उम्मीदवारों को बधाई देना चाहता हूं.’
Our campaign strategy was insufficient & I accept it as chairman of Campaign Committee. People worked very well & I’d like to thank them. I couldn’t win people’s trust but I’d like to congratulate my daughter & all the winning candidates who won: Congress leader Harish Rawat pic.twitter.com/FRZOPjuvDD
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 10, 2022
उन्होंने भाजपा की जीत पर आश्चर्य भी जताया, उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए यह नतीजे बेहद चौंकाने वाले हैं. मैं समझ नहीं पता कि इतनी अधिक महंगाई के बावजूद अगर लोगों का यह जनादेश है तो लोक कल्याण और सामाजिक न्याय की परिभाषा क्या है? … इसके बाद लोगों का भाजपा जिंदाबाद कहना मेरी समझ से परे है.’
वहीं, गोवा की हार को लेकर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा है, ‘हम गोवा के लोगों का फैसला स्वीकार करते हैं. कई बाधाओं के बावजूद हमारे उम्मीदवार बहादुरी से लड़े… लोगों ने भाजपा को सत्ता सौंपी है. हम इसे स्वीकार करते हैं. कई विधानसभा क्षेत्रों में हम बहुत ही कम अंतर से हारे हैं.’
#GoaElectionResult2022 We accept the verdict of the people of Goa. Our candidates fought bravely, despite several obstacles… People have voted BJP to power and we accept that. In several constituencies, we lost with very small margins: Congress leader P Chidambaram pic.twitter.com/HLTKSE55JT
— ANI (@ANI) March 10, 2022
उन्होंने आगे कहा, ‘विभिन्न दलों के बीच वोटों के बंटवारे के चलते हमारा संख्या बल उम्मीदों से कम रहा. भाजपा को 33 फीसदी से कुछ ही ज्यादा वोट मिले हैं, बाकी वोट बंट गए.’
“The voice of the people is the voice of God …. Humbly accept the mandate of the people of Punjab …. Congratulations to Aap !!!.” tweets Punjab Congress chief Navjot Singh Sidhu.#PunjabElections2022
(File photo) pic.twitter.com/wK5kmOK010
— ANI (@ANI) March 10, 2022
वहीं, पंजाब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सिद्धू ने कहा, ‘जनता की आवाज, भगवान की आवाज है. पंजाब के लोगों का जनादेश विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं… आप को बधाई.’
Congress workers protest against EVM, outside party office in Delhi as counting for the #AssemblyElections continues. The party is trailing in all five states as per the latest official trends by the Election Commission. pic.twitter.com/8Ltemk5wrW
— ANI (@ANI) March 10, 2022
इस बीच, दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर से ऐसी भी तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें पार्टी कार्यकर्ता ईवीएम के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए देखे जा सकते हैं और पोस्टर बेनर लेकर पार्टी की असफलता को ईवीएम की खामी बता रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)