उत्तर प्रदेश चुनाव: 49 सीटों पर पांच हज़ार से भी कम रहा जीत-हार के बीच का अंतर

भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों को ही छह-छह सीटें एक हज़ार से भी कम मतों के अंतर से गंवानी पड़ी हैं. कुल डेढ़ दर्जन सीटों पर जीत-हार के बीच का अंतर हज़ार से भी कम रहा, जबकि ग्यारह सीटों पर जीत-हार के बीच 500 से भी कम वोटों का अंतर रहा.

(फोटो: पीटीआई)

भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों को ही छह-छह सीटें एक हज़ार से भी कम मतों के अंतर से गंवानी पड़ी हैं. कुल डेढ़ दर्जन सीटों पर जीत-हार के बीच का अंतर हज़ार से भी कम रहा, जबकि ग्यारह सीटों पर जीत-हार के बीच 500 से भी कम वोटों का अंतर रहा.

(फोटो: पीटीआई/सोशल मीडिया)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों में कुल 49 सीटें ऐसी रहीं जहां हार-जीत का अंतर 5000 मतों से कम रहा.

गुरुवार को घोषित चुनावी नतीजों में समाजवादी पार्टी (सपा) को 25 सीटों पर 5,000 से कम वोटों से हार मिली, जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को तीन सीटों पर नजदीकी अंतर से हार का सामना करना पड़ा.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 18 सीटों पर 5,000 से कम वोटों से हारी, जबकि उसकी सहयोगी निषाद पार्टी को दो तथा अपना दल (सोनेलाल) को एक सीट पर बहुत कम वोटों से पराजय का सामना करना पड़ा.

जीत-हार के बीच सबसे कम अंतर धामपुर सीट पर रहा, जहां भाजपा प्रत्याशी अशोक कुमार राणा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा उम्मीदवार नईम उल हसन को मात्र 203 मतों से हराया.

इसके बाद कुर्सी सीट से भाजपा प्रत्याशी साकेंद्र वर्मा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के राकेश वर्मा को महज 217 मतों से पराजित किया.

सपा को अलीगंज, औराई, बहराइच, छिबरामऊ, इटावा, फरीदपुर, जलालाबाद, बिंदकी, जलेसर, कटरा, मधुबन, मानिकपुर, मड़ियाहूं, मोहम्मदी, मुरादाबाद नगर, नकुड़, फूलपुर, सलोन, शाहगंज, श्रावस्ती, सीतापुर, सुल्तानपुर और तिर्वा सीटों पर 5,000 से कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा. इनमें से छह सीटों पर हार का अंतर 1,000 से भी कम था.

सपा के गठबंधन सहयोगी रालोद को बड़ौत सीट 315 मतों से, नहटौर सीट 258 मतों से और बिजनौर सीट 1,445 मतों से गंवानी पड़ी.

भाजपा की बात करें तो उसे 18 सीटों पर 5,000 से कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा. चांदपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार कमलेश सैनी को सपा उम्मीदवार स्वामी ओमवेश ने मात्र 234 मतों से हराया. भाजपा को रामनगर सीट केवल 261 और इसौली सीट मात्र 269 मतों के अंतर से गंवानी पड़ी.

इसके अलावा भाजपा को बस्ती सदर, भदोही, बिसौली, दिबियापुर, डुमरियागंज, गाजीपुर, इटवा, जसराना, किठौर, मेजा, पटियाली, फरेंदा, रानीगंज, सरेनी और जैदपुर सीटों पर 5,000 से कम वोटों से पराजय मिली. इनमें से छह सीटें ऐसी हैं जहां पर भाजपा को 1,000 से भी कम मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा.

भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी को हंडिया सीट से सपा के हाथों 3,543 मतों से और कालपी सीट से सपा के ही खिलाफ 2,816 मतों से पराजय का सामना करना पड़ा. भाजपा के एक अन्य सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) के प्रत्याशी को बछरावां सीट से सपा उम्मीदवार ने 2,812 मतों से पराजित किया.

वहीं, दर्जन भर सीटों पर इतना कांटे का मुकाबला हुआ कि जीत-हार का फैसला 500 से भी कम मतों के अंतर से हुआ.

चुनावी नतीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि 11 सीटों पर जीत और हार का अंतर 500 मतों का रहा जबकि डेढ़ दर्जन सीटें ऐसी रहीं जहां हार और जीत का फैसला एक हजार से भी कम मतों से हुआ.

भाजपा गठबंधन के उम्मीदवारों ने सात सीटों पर सपा गठबंधन के प्रत्याशियों को 500 से भी कम मतों के अंतर से शिकस्त दी, वहीं सपा गठबंधन के उम्मीदवारों ने इसी तरह चार सीटों पर भाजपा गठबंधन के उम्मीदवारों को पराजित किया.

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में आठ सीटों पर जीत और हार का फासला एक हजार से कम मतों का था. इनमें से पांच सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों को जबकि दो सीटों पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और एक सीट पर सपा के उम्मीदवार को जीत मिली थी.

पिछले चुनाव में सबसे कांटे का मुकाबला डुमरियागंज सीट पर हुआ था. यहां भाजपा के राघवेंद्र प्रताप सिंह ने सपा की सैयदा खातून को 171 मतों से पराजित किया था. इस बार भी यहां मुकाबला कांटे का रहा, लेकिन अबकी बार बाजी सैयदा खातून ने मारी. उन्होंने राघवेंद्र सिंह को 771 मतों से हराया.

इस बार के चुनाव में सबसे कांटे का मुकाबला बिजनौर जिले की तीन और बाराबंकी की दो विधानसभा सीटों पर हुआ. बिजनौर जिले की धामपुर विधानसभा सीट पर जबरदस्त टक्कर हुई. बेहद करीबी मुकाबले में यहां भाजपा के अशोक कुमार राणा ने सपा के नईम उल हसन को सिर्फ 203 मतों से पराजित किया.

बिजनौर की चांदपुर सीट पर भी जबदरस्त मुकाबला देखने को मिला लेकिन जीत अंतत: सपा के स्वामी ओमवेश को मिली. उन्होंने भाजपा के कमलेश सैनी को 234 मतों से हराया. इसी जिले की नहटौर सीट पर दिलचस्प मुकाबला हुआ और कई दौर की उठापटक के बाद आखिरकार भाजपा के ओमकुमार ने रालोद के मुंशीराम को 258 मतों से हराया.

बाराबंकी जिले की कुर्सी विधानसभा सीट पर भी बेहद कांटे का मुकाबला हुआ. भाजपा के सकेंद्र प्रताप ने यहां सपा के राकेश कुमार वर्मा को 217 मतों से पराजित किया.

बाराबंकी जिले की रामनगर सीट पर सपा के फरीद किदवई ने भाजपा के शदकुमार अवस्थी को 261 मतों से पराजित किया.

सुल्तानपुर जिले की इसौली विधानसभा सीट पर भी कांटे का मुकाबला हुआ. यहां से सपा के ताहीर खान ने भाजपा के ओम प्रकाश पांडे को 269 मतों से हराया.

रामपुर जिले की बिलासपुर विधानसभा सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला. यहां हुई कांटे की टक्कर के बाद भाजपा के बलदेव सिंह औलख को जीत मिली. उन्होंने सपा के अमरजीत सिंह को 307 मतों से शिकस्त दी.

बागपत जिले की बड़ौत सीट पर भी मुकाबला कड़ा हुआ. अंतत: जीत भाजपा के कृष्णपाल मलिक की हुई. उन्होंने रालोद के उम्मीदवार जयवीर को 315 मतों से हराया.

सहारनपुर जिले की नकुड़ विधानसभा में भी भाजपा और सपा के बीच जबरदस्त टक्कर हुई. यहां से भाजपा के मुकेश चौधरी ने सपा के धरम सिंह सैनी को 315 मतों से पराजित किया. सैनी मुख्यमंत्री योगी की सरकार में मंत्री थे और चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर वह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे.

गोंडा जिले की कटरा विधानसभा सीट पर भी कांटे की टक्कर हुई. यहां भाजपा के वीर विक्रम सिंह ने सपा के राजेश यादव को 357 मतों से मात दी, वहीं औरैया जिले की दिबियापुर सीट पर सपा के प्रदीप कुमार यादव ने भाजपा के लखन सिंह राजपूत को 473 मतों से हराया.

जौनपुर जिले की शाहगंज सीट पर निषाद पार्टी के रमेश निर्बल ने सपा के विधायक और कद्दावर नेता शैलेंद्र यादव ललाई को 719 मतों से हराया.

मुरादाबाद जिले की मुरादाबाद नगर सीट से भाजपा के रितेश कुमार गुप्ता ने सपा के युसूफ अंसारी को 782 वोटों से हराया, जबकि फिरोजाबाद जिले की जसराणा सीट पर हुई जबरदस्त टक्कर में जीत सपा के सचिन यादव के खाते में गई. उन्होंने भाजपा के मानवेंद्र सिंह को 836 मतों से हराया.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में सात चरणों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों में भाजपा ने एक बार फिर पूर्ण बहुमत हासिल किया. उसे कुल 255 सीटें हासिल हुईं जबकि उसके सहयोगी दलों अपना दल (सोनेलाल) को 12 और निषाद पार्टी को छह सीटों पर जीत मिली. इस तरह भाजपा गठबंधन को कुल 273 सीटों पर विजय हासिल हुई. जबकि बहुमत के लिए 202 सीटों की जरूरत थी.

सपा को 111 सीटें मिली, जबकि उसके सहयोगी रालोद को आठ और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को छह सीटों पर कामयाबी मिली. इस तरह सपा गठबंधन के खाते में 125 सीटें आईं.

वहीं, कांग्रेस और कुंडा के रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को दो-दो तथा बहुजन समाज पार्टी को एक सीट पर जीत मिली.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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