संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता की आड़ में धार्मिक कट्टरता बढ़ रही है: आरएसएस

अहमदाबाद में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक में प्रस्तुत की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में विभाजनकारी तत्वों के बढ़ने की चुनौती भी ख़तरनाक है. हिंदू समाज में ही विभिन्न विभाजनकारी प्रवृत्तियों को उभारकर समाज को कमज़ोर करने का प्रयास किया जा रहा है.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत. (फोटो: पीटीआई)

अहमदाबाद में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक में प्रस्तुत की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में विभाजनकारी तत्वों के बढ़ने की चुनौती भी ख़तरनाक है. हिंदू समाज में ही विभिन्न विभाजनकारी प्रवृत्तियों को उभारकर समाज को कमज़ोर करने का प्रयास किया जा रहा है.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत. (फोटो: पीटीआई)

अहमदाबाद: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि देश में संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता की आड़ में धार्मिक कट्टरता और सांप्रदायिक उन्माद फैलाया जा रहा है. साथ ही रिपोर्ट में अपने ‘दुर्भावनापूर्ण’ एजेंडे को आगे बढ़ाने के वास्ते सरकारी तंत्र में प्रवेश करने के लिए एक विशेष समुदाय की ‘योजनाओं’ के खिलाफ भी आगाह किया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में विभाजनकारी तत्वों के बढ़ने की चुनौती भी खतरनाक है. इसमें कहा गया कि ‘जैसे-जैसे जनगणना वर्ष नजदीक आ रहा है, इस तरह का प्रचार करके एक समूह को उकसाने के भी मामले आए हैं कि ‘वे हिंदू नहीं हैं.’

आरएसएस ने शुक्रवार से शुरू हुई अहमदाबाद में संघ के शीर्ष निकाय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक तीन दिवसीय बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा है, ‘हिंदू समाज में ही विभिन्न विभाजनकारी प्रवृत्तियों को उभारकर समाज को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है.’

धार्मिक कट्टरता को एक गंभीर चुनौती बताते हुए आरएसएस ने हाल में कर्नाटक में हिजाब विवाद के दौरान और केरल में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं की हत्या का उल्लेख किया. रिपोर्ट में कहा गया, ‘देश में बढ़ती धार्मिक कट्टरता के विकराल रूप ने कई जगहों पर फिर सिर उठाया है. केरल, कर्नाटक में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्याएं इस खतरे का एक उदाहरण हैं.’

रिपोर्ट में कहा गया, ‘सांप्रदायिक उन्माद, प्रदर्शन, सामाजिक अनुशासन का उल्लंघन, संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता की आड़ में परंपराओं का उल्लंघन, मामूली घटनाओं को भड़काकर हिंसा भड़काना, अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने जैसे कृत्यों का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है.’

आरएसएस की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सरकारी तंत्र में प्रवेश करने के लिए एक विशेष समुदाय की विस्तृत योजनाएं प्रतीत होती हैं.’ साथ ही कहा गया, ‘दीर्घावधि के लक्ष्य के साथ एक गहरी साजिश’ के रूप में ‘संख्या के बल पर, किसी भी मार्ग को अपनाने की तैयारी की जा रही है.’

आरएसएस ने कहा, ‘समाज की एकता, अखंडता और सद्भाव के सामने इस खतरे को सफलतापूर्वक हराने के लिए संगठित शक्ति, जागृति और सक्रियता के साथ सभी प्रयास करना वक्त की जरूरत है.’

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि विभिन्न प्रकार के झूठ फैलाकर हिंदुत्व पर अनुचित आरोप लगाने की साजिश की जा रही है.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा शहर के बाहरी इलाके पिराना में बैठक में जारी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘देश और विदेश में इन सभी को बौद्धिक आड़ में पेश करने के लिए दुर्भावनापूर्ण एजेंडा काम कर रहा है.’

रिपोर्ट में कहा गया, ‘इस पृष्ठभूमि में राष्ट्रीयता, हिंदुत्व, इसके इतिहास, सामाजिक दर्शन, सांस्कृतिक मूल्यों और परंपरा के बारे में सच्चाई और तथ्यों के आधार पर प्रभावी और मजबूत वैचारिक विमर्श स्थापित करना आवश्यक है.’

आरएसएस ने अपनी रिपोर्ट में हिंदुओं के ‘निरंतर और सुनियोजित’ धर्मांतरण के बारे में भी चिंता जताई.

रिपोर्ट में कहा गया, ‘पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश समेत देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदुओं के सुनियोजित धर्मांतरण के बारे में निरंतर सूचनाएं आई हैं. इस चुनौती का एक लंबा इतिहास है, लेकिन हाल में नए समूहों को परिवर्तित करने के विभिन्न नए तरीकों को अपनाया जा रहा है.’

रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा और पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को रोकने की घटना पर भी चिंता व्यक्त की गई.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, रिपोर्ट कहती है कि राजनीतिक क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा जरूरी है, लेकिन यह स्वस्थ भाव से और लोकतंत्र के दायरे में होनी चाहिए. जिससे वैचारिक मंथन को बढ़ावा और समाज के विकास को मजबूती मिले.

साथ ही रिपोर्ट में देश के प्रधानमंत्री के काफिले को किसान आंदोलन के नाम पर रास्ते में ही रोक लेने को सर्वाधिक निंदनीय घटना बताया है और कहा है कि यह सुरक्षा की दृष्टि से चुनौती है, साथ ही इस जघन्य घटना ने राजनीतिक मर्यादा, केंद्र-राज्य संबंध और संवैधानिक पद के प्रति भावना आदि पर सवाल खड़े किए हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq