कांग्रेस नेतृत्व ने पंजाब में अपनी हार की पटकथा ख़ुद लिख दी थी: वरिष्ठ नेता

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत की संभावनाएं उसी दिन कम होनी शुरू हो गई थी, जब कांग्रेस के कद्दावर नेता सुनील जाखड़ की जगह एक ऐसे बाहरी शख़्स नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी प्रभारी बनाया गया था, जो सिर्फ़ चार साल पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक के बाद एक बड़ी ग़लतियां कीं, जो चुनाव में उसकी क़रारी हार का कारण बनी.

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बलबीर सिंह सिद्धू. (फोटो साभार: फेसबुक)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत की संभावनाएं उसी दिन कम होनी शुरू हो गई थी, जब कांग्रेस के कद्दावर नेता सुनील जाखड़ की जगह एक ऐसे बाहरी शख़्स नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी प्रभारी बनाया गया था, जो सिर्फ़ चार साल पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक के बाद एक बड़ी ग़लतियां कीं, जो चुनाव में उसकी क़रारी हार का कारण बनी.

बलबीर सिंह सिद्धू. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्लीः पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद अब पार्टी की राज्य इकाई में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने रविवार को कहा कि पार्टी नेतृत्व ने ऐसे पलटू और अवसरवादियों को शक्तियां देकर अपनी हार की पटकथा खुद ही लिख दी थी, जिन्हें कांग्रेस के इतिहास और उसकी संस्कृति की कोई जानकारी नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘चुनाव में पार्टी की हार की संभावनाएं उसी दिन कम होनी शुरू हो गई थी, जब पार्टी के कद्दावर नेता सुनील जाखड़ की जगह एक ऐसे बाहरी शख्स नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी प्रभारी बनाया गया, जो सिर्फ चार साल पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे.’

उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक के बाद एक बड़ी गलतियां की, जो चुनाव में उसकी करारी हार का कारण बनीं.

बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा, ‘कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाना ताबूत में ठोंकी गई, वो आखिरी कील साबित हुई, जिससे आखिरकार पार्टी और सरकार पूरी तरह से ध्वस्त हो गई.’

उन्होंने कहा, ‘तीसरी गलती सुनील जाखड़ को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त नहीं करना रही. पार्टी विधायकों के भारी बहुमत के समर्थन के बावजूद ऐसा हुआ.’

उन्होंने कहा, ‘इसके बाद मुख्यमंत्री के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी की नियुक्ति की गई, जो असली कांग्रेसी नहीं हैं. उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने से पहले शिरोमणि अकाली दल और पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब में शामिल होकर अपनी किस्मत आजमाई थी. पार्टी और सरकार बाहरी लोगों को सौंप दी गई.’

बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि जिस तरह से पार्टी ने अमरीक सिंह ढिल्लों, जगमोहन सिंह कांग, अजैब सिंह भट्टी और केवल सिंह ढिल्लों जैसे वरिष्ठ और दिग्गज नेताओं को मनमाने ढंग से टिकट देने से इनकार किया, यह एक और घातक गलती थी.

उन्होंने कहा, ‘यह अजीब और आश्चर्यजनक था, ऐसा लग रहा था कि पार्टी खुद की बर्बादी का कारण बनने के लिए एक के बाद एक गलती दोहराने के लिए खुद के साथ ही प्रतिस्पर्धा कर रही है.’

मोहाली से तीन बार विधायक रह चुके बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि पंजाब कांग्रेस समिति (पीसीसी) के अध्यक्ष पद पर सिद्धू की नियुक्ति से पहले सभी की एकमत राय थी कि कांग्रेस 2022 में खुद को दोहराएगी.

उन्होंने कहा, ‘पीसीसी अध्यक्ष के रूप में सिद्धू का पद्भार संभालने के बाद से पार्टी की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी.’

पूर्व मंत्री ने कहा कि जिम्मेदारी लेने के बजाय इस हार के लिए जिम्मेदार लोग खुद का इस प्रकार महिमामंडन कर रहे हैं, जैसे कि उन्होंने परमवीर चक्र जीत लिया हो.

उन्होंने कहा कि जवाबदेही निर्धारित होनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को विधानसभा की 117 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 18 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि आम आदमी पार्टी 92 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.

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