तक़रीबन 20,000 करोड़ रुपये की लागत के साथ मौजूदा समय में चार परियोजनाएं- नया संसद भवन, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास, तीन कॉमन केंद्रीय सचिवालय इमारतें और उपराष्ट्रपति का आवास निर्माणाधीन हैं.
नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को राज्यसभा को बताया कि राजपथ के पास विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास पर 418.70 करोड़ रुपये अब तक खर्च किए गए हैं.
आवासन एवं शहरी विकास राज्य मंत्री कौशल किशोर ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राजपथ के पास विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि परियोजना के प्रमुख कार्यों में पैदल चलने वालों के लिए कुछ अंडर पास, जन सुविधाएं, पार्किंग, लॉनों का पुनर्विकास, जल निकायों का पुनरुद्धार, चलने का रास्ता, प्रकाश व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरे लगाना, सिंचाई व्यवस्था आदि हैं.
मंत्री ने बताया, ‘अब तक राजपथ के पास विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास पर 418.70 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. परियोजना का पहला चरण 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.’
इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड पुनर्विकसित राजपथ पर आयोजित की गई थी क्योंकि इसके लिए आवश्यक खंड को पहले सेंट्रल विस्टा एवेन्यू पुनर्विकास परियोजना के तहत पूरा किया गया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक अन्य सवाल- क्या नए संसद भवन की मेगा सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना की अनुमानित लागत में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है? मंत्रालय ने इसका ‘नहीं’ में उत्तर दिया और कहा कि नया संसद भवन अक्टूबर 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा.
मालूम हो कि पिछले दो दिसंबर को केंद्र सरकार ने बताया था कि बहुचरणीय सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना में अब तक 1,289 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि खर्च की जा चुकी है.
केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में लोकसभा को बताया था कि राजपथ के पास विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास का कार्य दिसंबर 2021 तक पूरा होने का अनुमान है और इसकी अनुमानित लागत 608 करोड़ रुपये है.
मंत्रालय ने बताया था कि संसद की नई इमारत का निर्माण कार्य 35 फीसदी तक हुआ है और इसे अक्टूबर 2022 तक पूरा किया जाना है. इसके लिए आवंटित 971 करोड़ रुपये में से अब तक 340 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
राज्यमंत्री कौशल किशोर ने कहा था, ‘सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास कार्य को इस महीने पूरा किया जाना था, लेकिन अभी तक यह 60 फीसदी ही पूरा हो पाया है. इसके 608 करोड़ रुपये के कुल बजट में से अब तक 190.76 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.’
मालूम हो कि अनुमानित रूप से कुल 20,000 करोड़ रुपये की लागत के साथ मौजूदा समय में सिर्फ चार परियोजनाएं नया संसद भवन, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास, तीन कॉमन केंद्रीय सचिवालय इमारतें और उपराष्ट्रपति का आवास ही निर्माणाधीन हैं.
सितंबर 2019 में घोषित सेंट्रल विस्टा पुनरुद्धार परियोजना में 900 से 1,200 सांसदों के बैठने की क्षमता वाले एक नए त्रिकोणीय संसद भवन की परिकल्पना की गई है, जिसका निर्माण अगस्त, 2022 तक किया जाना है, जब देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा.
यह योजना लुटियंस दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे दायरे में फैली हुई है. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के मुताबिक नई इमारत संसद भवन संपदा की प्लॉट संख्या 118 पर बनेगी.
नई इमारत में ज्यादा सांसदों के लिए जगह होगी, क्योंकि परिसीमन के बाद लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की संख्या बढ़ सकती है. इसमें करीब 1400 सांसदों के बैठने की जगह होगी. लोकसभा के लिए 888 (वर्तमान में 543) और राज्यसभा के लिए 384 ( वर्तमान में 245) सीट होगी.
राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की दूरी तक फैली परियोजना के तहत 2024 तक एक सार्वजनिक केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)