हाल ही में रिलीज़ हुई अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म ‘झुंड’ की निर्माताओं में से एक सविता राज हिरेमठ ने सवाल किया है कि फिल्मों को कर मुक्त यानी टैक्स फ्री किए जाने के लिए सरकार के चयन के क्या मापदंड हैं. उन्होंने कई राज्यों द्वारा द कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री किए जाने के आलोक में कहा कि अगर यह एक महत्वपूर्ण फिल्म है, तो ‘झुंड’ भी कम नहीं है.
मुंबई: अभिनेता अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म ‘झुंड’ की निर्माताओं में से एक सविता राज हिरेमठ ने फिल्मों को कर मुक्त किए जाने के मापदंडों पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि वह ‘हैरान’ हैं कि उनकी फिल्म को कर मुक्त क्यों नहीं किया गया.
सविता ने कहा कि उनकी फिल्म ‘झुंड’ को न केवल दर्शकों ने पसंद किया बल्कि जिस विषय पर यह फिल्म बनाई गई है वह विषय देश के विकास से महत्वपूर्ण रूप से जुड़ा हुआ है.
चार मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई ‘झुंड’ को दर्शकों और फिल्म समीक्षकों की शानदार प्रतिक्रिया मिली है. फिल्म में अमिताभ बच्चन को नागपुर के एक सेवानिवृत्त खेल शिक्षक विजय बरसे के रूप में दिखाया गया, जिन्होंने झुग्गी बस्ती में रहने वाले बच्चों और युवाओं को फुटबॉल खेलने के लिए प्रेरित किया.
‘झुंड’ फिल्मकार नागराज मंजुले की पहली हिंदी फिल्म है. मंजुले सामाजिक विषयों पर फिल्म बनाने के लिए जाने जाते हैं.
‘झुंड’ की रिलीज के एक सप्ताह बाद फिल्मकार विवेक रंजन अग्निहोत्री की ‘द कश्मीर फाइल्स’ सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. ‘द कश्मीर फाइल्स’ 1990 के दशक में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है.
‘द कश्मीर फाइल्स’ को केंद्र सरकार से पूरा समर्थन मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं ने फिल्म की सराहना की है.
दरअसल, ‘द कश्मीर फाइल्स’ को उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, कर्नाटक, त्रिपुरा और गोवा में कर मुक्त कर दिया गया है. फिल्म में अनुपम खेर, दर्शन कुमार, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी ने अहम किरदार निभाए हैं.
सविता ने शुक्रवार को फेसबुक पर लिखा कि जहां ‘द कश्मीर फाइल्स’ एक महत्वपूर्ण फिल्म है, वहीं ‘झुंड’ भी कम नहीं है.
उन्होंने फेसबुक पर लिखा, ‘मैंने हाल में ‘कश्मीर फाइल्स’ देखी और कश्मीरी पंडितों के पलायन की कहानी के रूप में यह दिल दहला देने वाली फिल्म है और यह एक ऐसी कहानी है जिसे बताए जाने की जरूरत है. यह कश्मीरी पंडितों के लिए एक अच्छी आवाज है.’
सविता ने कहा, ‘लेकिन मैं ‘झुंड’ की निर्माता के रूप में हैरान हूं. आखिरकार, ‘झुंड’ भी एक महत्वपूर्ण फिल्म है और इसमें एक महत्वपूर्ण कहानी और एक बड़ा संदेश है जिसे दर्शकों से जबरदस्त प्रशंसा और फिल्म समीक्षकों की भी सराहना मिल रही है.’
उन्होंने आगे लिखा है कि ‘झुंड’ न केवल जातिगत असमानता और आर्थिक असमानता की बात करती है, बल्कि समाज के निचले तबके को अपनी सफलता की कहानी खोजने का तरीका भी दिखाती है.
उन्होंने कहा कि वह यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि सरकार के लिए एक फिल्म का चयन करने और उसे मनोरंजन कर से मुक्त करने के लिए क्या मापदंड हैं.
बता दें कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ से हफ्ते भर पहले रिलीज हुई अमिताभ बच्चन के मुख्य किरदार वाली ‘झुंड’ दो हफ्तों में अब तक करीब 15 करोड़ रुपये ही कमा सकी है, जबकि ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने आठ दिनों में ही 115 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर ली है. कर मुक्त होने से ‘द कश्मीर फाइल्स’ को कमाई के मामले में लाभ हुआ है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)