कर्नाटक सीएम ने कहा- हलाल मीट के ख़िलाफ़ लोगों की आपत्तियों पर सरकार विचार करेगी

कर्नाटक में कई दक्षिणपंथी समूहों ने हलाल मीट के बहिष्कार की अपील की है. ‘उगादी’ के बाद राज्य के विभिन्न समुदाय मांसाहारी भोज का आयोजन करते हैं. उगादी को हिंदू नववर्ष माना जाता है, इसके अगले दिन मांस चढ़ाने की परंपरा है. लेकिन, सोशल मीडिया पर कुछ दक्षिणपंथी संगठनों की तरफ से हलाल मीट न खरीदने की अपील की जा रही है.

बसवराज बोम्मई. (फोटो: पीटीआई)

कर्नाटक में कई दक्षिणपंथी समूहों ने हलाल मीट के बहिष्कार की अपील की है. ‘उगादी’ के बाद राज्य के विभिन्न समुदाय मांसाहारी भोज का आयोजन करते हैं. उगादी को हिंदू नववर्ष माना जाता है, इसके अगले दिन मांस चढ़ाने की परंपरा है. लेकिन, सोशल मीडिया पर कुछ दक्षिणपंथी संगठनों की तरफ से हलाल मीट न खरीदने की अपील की जा रही है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने तो हलाल मीट को ‘आर्थिक जिहाद’ करार दे दिया है.

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई. (फोटो: पीटीआई)

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार हलाल मांस को लेकर उठाई गई ‘गंभीर आपत्तियों’ पर विचार करेगी. कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने इस तरह के मांस के बहिष्कार की अपील की है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक उनकी सरकार का सवाल है तो उसमें केवल विकास को पंख दिए गए हैं और कोई दक्षिणपंथ या वामपंथ नहीं है.

हलाल मामले पर सरकार के रुख को लेकर पूछे गए सवाल पर बोम्मई ने कहा, ‘यह (हलाल मामला) अभी-अभी शुरू हुआ है. हमें इसका संपूर्णता से अध्ययन करना होगा, क्योंकि इसका नियमों से कोई लेना-देना नहीं है. यह एक प्रथा है जो जारी है. अब इसके संबंध में गंभीर आपत्तियां उठी हैं. हम इन्हें देखेंगे. ‘

हिंदू संगठनों द्वारा हलाल मांस के बहिष्कार को लेकर अभियान चलाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस मसले पर अपना रुख बाद में बताएगी.

उन्होंने कहा कि हमें पता है कि किस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करनी है और किस पर नहीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि जरूरत नहीं पड़ी, तो सरकार कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करेगी.

‘वर्षादोदाकु’ के पहले कई दक्षिणपंथी समूहों ने हलाल मांस के बहिष्कार की अपील की है. ‘उगादी’ के बाद इस दिन राज्य के विभिन्न समुदाय मांसाहारी भोज का आयोजन करते हैं.

एनबीटी की खबर के मुताबिक, उगादी को हिंदू नववर्ष माना जाता है, इसके अगले दिन मांस चढ़ाने की परंपरा है. लेकिन, सोशल मीडिया पर कुछ दक्षिणपंथी संगठनों की तरफ से हलाल मीट न खरीदने की अपील की जा रही है. इसमें उगादी पर्व यानी हिंदू नव वर्ष पर हलाल मीट का इस्तेमाल न करने को कहा जा रहा है. उगादी के अगले दिन हिंदू समुदाय के बीच भगवान को मांस की भेंट चढ़ाई जाती है. इसके बाद मांस के पकवान बनाए जाते हैं और नये साल का जश्न मनाया जाता है.

वहीं, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री बोम्मई से यह पूछे जाने पर कि क्या इस मुद्दे के चलते विवाद या अशांति के हालात बन सकते हैं, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इन सभी घटनाओं के बाद भी राज्य में कानून व्यवस्था बरकरार है. विभिन्न संगठन अपने-अपने अभियान चला रहे हैं, हम जानते हैं कि किन पर प्रतिक्रिया देनी है और किन पर नहीं? जहां जरूरत होगी, हम जवाब देंगे. जब जरूरत नहीं होती है, हम (प्रतिक्रिया) नहीं देते हैं.’

इस बीच, जेडी(एस) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी ने मुद्दे पर सरकार की चुप्पी को लेकर हमला किया है. उन्होंने कहा कि राज्य में इससे पहले कभी किसी धर्म के बीच ऐसा विभाजन नहीं दिखा, पहले एक सौहार्द्रपूर्ण संबंध हुआ करता था.

उन्होंने कहा, ‘ग्रामीण इलाकों में जो मांसाहारी भोजन करने वाले लोग हैं वे यह नहीं देखते कि यह हलाल मांस है या नहीं. इतने सालों तक यह कोई मुद्दा नहीं था और अब यह क्यों उठ खड़ा हुआ है.’

इस बीच, विभिन्न धर्मगुरुओं ने बुधवार को उडुपी के पेजावर मठ के संत से मुलाकात की और उन हालातों पर ध्यान देने को कहा जहां मुस्लिम व्यापारियों को निशाना बनाया जा रहा है.

बता दें कि इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने मंगलवार को हलाल भोजन को ‘आर्थिक जिहाद’ करार दिया था.

रवि ने कहा था, ‘हलाल एक आर्थिक जिहाद है. इसका मतलब है कि इसे जिहाद की तरह इस्तेमाल किया जाता है ताकि मुसलमान दूसरों के साथ व्यापार नहीं कर सकें. यह लागू हो गया है. जब वे सोचते हैं कि हलाल मीट का इस्तेमाल होना चाहिए, तो ऐसा कहने में क्या गलत है कि इसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.’

उन्होंने कहा था कि हलाल मांस उनके खुदा को चढ़ाया जाता है, इसलिए उन्हें (मुसलमान) पसंद होता है, लेकिन हिंदुओं के लिए यह किसी का बचा हुआ (जूठन) है.

उन्होंने साथ ही कहा था कि हलाल को सुनियोजित तरीके से तैयार किया गया है ताकि यह केवल मुसलमालों से खरीदा जाए, न कि दूसरों से.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)