सरकार ने फिल्म प्रभाग, डीएफएफ, एनएफएआई, सीएफएसआई का एनएफडीसी में विलय किया

सरकारी आदेश में कहा गया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विभिन्न गतिविधियों के दोहराव को घटाने और सार्वजनिक संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से डॉक्यूमेंट्री और लघु फिल्म के निर्माण, फिल्म समारोहों के आयोजन और फिल्म के संरक्षण का कार्य राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) को हस्तांतरित कर दिया है.

(फोटो साभार: फेसबुक)

सरकारी आदेश में कहा गया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विभिन्न गतिविधियों के दोहराव को घटाने और सार्वजनिक संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से डॉक्यूमेंट्री और लघु फिल्म के निर्माण, फिल्म समारोहों के आयोजन और फिल्म के संरक्षण का काम राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) को हस्तांतरित कर दिया है.

(फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: सरकार ने 30 मार्च को चार फिल्म मीडिया इकाइयों- फिल्म प्रभाग, फिल्म समारोह निदेशालय (डीएफएफ), भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (एनएफएआई) और भारतीय बाल फिल्म सोसाइटी (सीएफएसआई)- के राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) में विलय की घोषणा की.

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने डॉक्यूमेंट्री और लघु फिल्म के निर्माण, फिल्म समारोहों के आयोजन और फिल्म के संरक्षण का कार्य एनएफडीसी को हस्तांतरित कर दिया है.

एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने विभिन्न गतिविधियों के दोहराव को घटाने और सार्वजनिक संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सार्वजनिक उपक्रम एनएफडीसी को डॉक्यूमेंट्री और लघु फिल्मों के निर्माण, फिल्म समारोहों के आयोजन और फिल्मों के संरक्षण का कार्य स्थानांतरित कर दिया.

सरकार ने इन सभी गतिविधियों के लिए 2026 की अवधि तक 1304.52 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन भी किया है, जिसे एनएफडीसी के जरिये लागू किया जाएगा.

मंत्रालय ने कहा, ‘एनएफडीसी को और मजबूत करने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि इन गतिविधियों से आने वाला राजस्व भी एनएफडीसी को मिलेगा. एनएफडीसी के तहत फिल्म मीडिया इकाइयों का विलय भारतीय सिनेमा के सभी विधाओं- फीचर फिल्मों, डॉक्यूमेंट्री, बच्चों की सामग्री, एनीमेशन और लघु फिल्मों का एक संतुलित और समन्वित विकास सुनिश्चित करेगा और मौजूदा बुनियादी ढांचे और जनशक्ति के बेहतर और कुशल उपयोग को बढ़ावा देगा.’

दिसंबर 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन चार फिल्म मीडिया इकाइयों को एनएफडीसी के साथ विलय करने का निर्णय लिया था. मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में चेन्नई और मुंबई में फिल्म उद्योग के साथ बातचीत में इन प्रमुख नीतिगत फैसलों को साझा किया था.

मंत्रालय के अनुसार, ‘फीचर फिल्मों के निर्माण का कार्य एनएफडीसी द्वारा पहले से ही किया जा रहा है. यह फीचर फिल्मों, डॉक्यूमेंट्री, बच्चों की फिल्मों और एनीमेशन फिल्मों सहित सभी शैलियों की फिल्मों के निर्माण, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समारोहों में भाग लेने और विभिन्न घरेलू समारोहों के आयोजन के माध्यम से फिल्मों का प्रचार; फिल्मी सामग्री का संरक्षण, फिल्मों का डिजिटलीकरण; वितरण आदि को एक मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करेगा.’

मंत्रालय ने बीते 30 मार्च को कहा, ‘हालांकि, इन इकाइयों के पास उपलब्ध संपत्ति का स्वामित्व भारत सरकार के पास रहेगा.’

सरकार ने एक आधिकारिक आदेश में कहा कि फिल्मी सामग्री के निर्माण से संबंधित गतिविधियों में शामिल फिल्म प्रभाग के कर्मचारियों को अगले आदेश तक अस्थायी व्यवस्था के रूप में एनएफडीसी के प्रोडक्शन विभाग के तहत शामिल किया जाएगा.

हालांकि, इस व्यवस्था का कर्मचारियों की किसी भी सेवा शर्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इसमें कहा गया है कि वे फिल्म डिवीजन के माध्यम से अपने वेतन-भत्ते आदि प्राप्त करना जारी रखेंगे.

आदेश के अनुसार, डॉक्यूमेंट्री के निर्माण का कार्य जो पहले फिल्म प्रभाग द्वारा किया जाता था, उसे पूरी तरह से एनएफडीसी को स्थानांतरित कर दिया गया है. फिल्म प्रभाग की विरासत और ब्रांड के नाम को आगे बढ़ाया जाएगा और एनएफडीसी में डॉक्यूमेंट्री निर्माण से जुड़े विभाग को ‘फिल्म प्रभाग’ नाम दिया जाएगा.

इसी तरह फिल्म समारोहों का आयोजन, जो फिल्म समारोह निदेशालय करता था, उसे एनएफडीसी को स्थानांतरित कर दिया गया है.

मंत्रालय ने कहा, ‘यह विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों के संगठन को एक छत के नीचे लाएगा, जिससे अधिक तालमेल और इन्हें एक केंद्रित अंतरराष्ट्रीय पहुंच मिल सकेगी. एनएफडीसी द्वारा आयोजित होने वाले कुछ प्रमुख आगामी फिल्म समारोहों में मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, गोवा में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और बाल फिल्म महोत्सव शामिल हैं.’

भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार द्वारा की जाने वाली फिल्म संरक्षण संबंधी गतिविधियों को भी एनएफडीसी को हस्तांतरित कर दिया गया है. फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री के डिजिटलीकरण और बहाली के उद्देश्य से राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन अब एनएफडीसी द्वारा लागू किया जाएगा.

मंत्रालय ने कहा, ‘अन्य देशों के साथ ऑडियो-विजुअल सह-निर्माण के लिए वित्तीय प्रोत्साहन और भारत में विदेशी फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था के ऑडियो-विजुअल सेवा क्षेत्र को और प्रोत्साहित करने और रचनात्मक और तकनीकी सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए भी मंजूरी दी गई है. इसका नेतृत्व एनएफडीसी द्वारा अपने फिल्म सुविधा कार्यालय के माध्यम से भी किया जाएगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)