अल्पसंख्यक कट्टरवाद की तुलना में बहुसंख्यक कट्टरवाद अधिक ख़तरनाक: केरल के मंत्री

केरल में पिछले हफ़्ते हुईं दो राजनीतिक हत्याओं पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के स्थानीय स्वशासन और उत्पाद शुल्क मंत्री एमवी गोविंदन ने कहा कि अल्पसंख्यक कट्टरवाद और बहुसंख्यक कट्टरवाद को एक चश्मे से नहीं देख सकते. बहुसंख्यक कट्टरवाद अधिक ख़तरनाक है, वह हिंदू राष्ट्र के निर्माण की दिशा में काम कर रहा है. अल्पसंख्यक कट्टरवाद, बहुसंख्यक कट्टरवाद का विरोध करने के लिए पनपता है.

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केरल में पिछले हफ़्ते हुईं दो राजनीतिक हत्याओं पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के स्थानीय स्वशासन और उत्पाद शुल्क मंत्री एमवी गोविंदन ने कहा कि अल्पसंख्यक कट्टरवाद और बहुसंख्यक कट्टरवाद को एक चश्मे से नहीं देख सकते. बहुसंख्यक कट्टरवाद अधिक ख़तरनाक है, वह हिंदू राष्ट्र के निर्माण की दिशा में काम कर रहा है. अल्पसंख्यक कट्टरवाद, बहुसंख्यक कट्टरवाद का विरोध करने के लिए पनपता है.

केरल के स्थानीय स्वाशासन और उत्पाद शुल्क मंत्री एमवी गोविंदन. (फोटो साभार: फेसबुक)

तिरुवनंतपुरम: कट्टरवाद के प्रति माकपा के रुख पर एक नई बहस छेड़ते हुए पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य और केरल सरकार में मंत्री एमवी गोविंदन ने सोमवार को कहा कि बहुसंख्यक कट्टरवाद, अल्पसंख्यक कट्टरवाद से ज्यादा खतरनाक है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पिछले हफ्ते राज्य में हुईं दो राजनीतिक हत्याओं और उनमें कथित तौर पर आरएसएस व पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को शामिल करते हुए स्थानीय स्वशासन और उत्पाद शुल्क मंत्री गोविंदन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘अल्पसंख्यक कट्टरवाद और बहुसंख्यक कट्टरवाद को एक चश्मे से या समान रूप से नहीं देख सकते. बहुसंख्यक कट्टरवाद अधिक ख़तरनाक है. बहुसंख्यक कट्टरवाद हिंदू राष्ट्र के निर्माण की दिशा में काम कर रहा है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘अल्पसंख्यकों के प्रति नफरत हिंदू राष्ट्र बनाने के उस प्रयास का हिस्सा है. अल्पसंख्यक कट्टरवाद, बहुसंख्यक कट्टरवाद का विरोध करने के लिए उभरता है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह बहुसंख्यक कट्टरवाद है जो अल्पसंख्यक कट्टरवाद के विकास का नेतृत्व कर रहा है.’

मंत्री ने कहा कि पिछले हफ्ते पीएफआई के एक स्थानीय नेता और एक आरएसएस प्रचारक की हत्याओं का मकसद सांप्रदायिक अशांति का माहौल खड़ा करना था.

उन्होंने कहा, ‘इन घटनाओं के पीछे एक सांप्रदायिक एजेंडा है. दोनों ही पक्ष इस तरह की हिंसा में शामिल होकर अपनी ताकत बढ़ाना चाहते हैं और पुलिस इसे रोक नहीं सकती है.’

कट्टरवाद पर गोविंदन की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि अल्पसंख्यक कट्टरवाद पर माकपा का रुख केरल को कश्मीर में बदल देगा.

उन्होंने कहा, ‘मंत्री की टिप्पणी पीएफआई के लिए खुले समर्थन का संकेत देती है. जब पीएफआई देश में शांतिपूर्ण जीवन के लिए खतरा बन चुका है, तब अल्पसंख्यक कट्टरवाद के लिए सीपीएम का मौन समर्थन चिंता का विषय है. माकपा का सांप्रदायिक ताकतों से गठजोड़ है. यह उस पीएफआई को निर्दोष ठहरा रही है, जो अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आतंकवाद की एक भारतीय एजेंसी है. माकपा चरमपंथी ताकतों का समर्थन कर रही है.’

विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन सोशल इंजीनियरिंग की आड़ में सभी सांप्रदायिक ताकतों को खुश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि माकपा पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान आरएसएस और पीएफआई, दोनों के साथ सौदेबाजी में शामिल थी, इसलिए सरकार सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं कर सकती है.

2021 के विधानसभा चुनावों के बाद से, सत्तारूढ़ सीपीएम को इस आरोप का सामना करना पड़ा है कि पार्टी अल्पसंख्यक कट्टरवाद के साथ-साथ बहुसंख्यक कट्टरवाद के प्रति भी नरम रही है.