शोभा यात्रा और धार्मिक जुलूस बिना विधिवत अनुमति के न निकाले जाएं: योगी आदित्यनाथ

बीते दिनों दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा और हाल ही में मध्य प्रदेश, झारखंड, गुजरात और पश्चिम बंगाल में रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए योगी आदित्यनाथ ने राज्य में किसी भी तरह का तनाव रोकने और सुदृढ़ क़ानून-व्यवस्था के इरादे से इस व्यवस्था को लागू करने पर ज़ोर दिया है.

योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/@MYogiAdityanath)

बीते दिनों दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा और हाल ही में मध्य प्रदेश, झारखंड, गुजरात और पश्चिम बंगाल में रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए योगी आदित्यनाथ ने राज्य में किसी भी तरह का तनाव रोकने और सुदृढ़ क़ानून-व्यवस्था के इरादे से इस व्यवस्था को लागू करने पर ज़ोर दिया है.

योगी आदित्यनाथ. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ईद के त्योहार और अक्षय तृतीया के एक ही दिन पड़ने और आने वाले दिनों में कई अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों को देखते हुए निर्देश दिया है कि शोभायात्रा/धार्मिक जुलूस बिना विधिवत अनुमति के न निकाला जाएं.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि उसकी आवाज उस परिसर से बाहर न जाए.

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अन्य लोगों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए और नए आयोजनों और नए स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति न दें.

मुख्यमंत्री ने सोमवार की शाम अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर जोन एवं रेंज स्तर के पुलिस अधिकारियों एवं मंडलायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कानून-व्यवस्था की समीक्षा के दौरान कहा कि अपनी धार्मिक विचारधारा के अनुसार सभी को अपनी उपासना पद्धति को मानने की स्वतंत्रता है.

उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि उसकी आवाज उस परिसर से बाहर न आए. उन्होंने कहा कि अन्य लोगों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए तथा नए स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति न दें.

योगी ने कहा कि शोभायात्रा/धार्मिक जुलूस बिना विधिवत अनुमति के न निकाला जाए. अनुमति देने से पूर्व आयोजक से शांति-सौहार्द कायम रखने के संबंध में शपथ पत्र लिया जाए. उन्होंने कहा कि अनुमति केवल उन्हीं धार्मिक जुलूसों को दी जाए, जो पारंपरिक हों, नए आयोजनों को अनावश्यक अनुमति न दी जाए.

शनिवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा और हाल ही में मध्य प्रदेश, झारखंड, गुजरात और पश्चिम बंगाल में रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए योगी ने राज्य में किसी भी तरह का तनाव रोकने और सुदृढ कानून-व्यवस्था के इरादे से इस व्यवस्था को लागू करने पर जोर दिया है.

आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि धार्मिक कार्यक्रम और पूजा केवल निर्धारित स्थानों पर ही आयोजित की जानी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई भी धार्मिक कार्यक्रम सड़कों या यातायात को बाधित करके न हो.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व-त्योहार हैं, रमजान का महीना चल रहा है और ईद का त्योहार और अक्षय तृतीया एक ही दिन होना संभावित है. ऐसे में वर्तमान परिवेश को देखते हुए पुलिस को अतिरिक्त संवेदनशील रहना होगा.

उन्होंने कहा कि थानाध्यक्ष से लेकर एडीजी तक अगले 24 घंटे के भीतर अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं, समाज के अन्य प्रतिष्ठित जनों के साथ सतत संवाद बनाएं.

मुख्यमंत्री ने सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की चार मई तक की छुट्टी रद्द कर दी. उन्होंने कहा कि थानाध्यक्ष, सीओ और पुलिस कप्तान से लेकर जिलाधिकारी, मंडलायुक्त तक सभी प्रशासनिक/पुलिस अधिकारियों का आगामी चार मई तक का अवकाश तत्काल प्रभाव से निरस्त होगा और जो वर्तमान में अवकाश पर हैं, अगले 24 घंटे के भीतर तैनाती स्थल पर वापस लौटें.

योगी ने कहा कि हालिया दिनों में विभिन्न धर्मों के कई पवित्र पर्वों का आयोजन हुआ. यह सुखद है कि पूरे प्रदेश में शांति और सौहार्द का माहौल बना रहा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर एक नागरिक की सुरक्षा हम सभी का प्राथमिक दायित्व है और हमें अपने इस दायित्व के प्रति सदैव सतर्क-सावधान रहना होगा.

योगी ने आने वाले त्योहारों के मद्देनजर सोमवार को शासन और प्रशासन के अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करते हुए पुलिस को अतिरिक्त तौर पर संवेदनशील रहने की हिदायत दी और दो टूक कहा कि माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए. उन्होंने कहा कि शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ कड़ाई से पेश आएं.

मुख्यमंत्री ने संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती करने, ड्रोन का उपयोग कर हर स्थिति पर नजर रखने और प्रतिदिन सायंकाल पुलिस बल को पैदल गश्त करने के निर्देश दिए.