बुली बाई ऐप मामला: कम उम्र का हवाला देते हुए कोर्ट ने तीन आरोपियों को ज़मानत दी

बुली बाई ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की अनुमति के बिना उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें 'नीलामी' के लिए अपलोड करने के तीन आरोपियों- विशाल झा, श्वेता सिंह और मयंक अग्रवाल की ज़मानत मंजूर करते हुए मुंबई की एक अदालत ने कहा कि उनकी परीक्षाएं आने वाली हैं और यदि उन्हें जेल में रखा जाएगा तो इसका उनके भविष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा.

बुल्ली बाई प्लेटफॉर्म का स्क्रीनशॉट. (साभार: ट्विटर)

बुली बाई ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की अनुमति के बिना उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें ‘नीलामी’ के लिए अपलोड करने के तीन आरोपियों- विशाल झा, श्वेता सिंह और मयंक अग्रवाल की ज़मानत मंजूर करते हुए मुंबई की एक अदालत ने कहा कि उनकी परीक्षाएं आने वाली हैं और यदि उन्हें जेल में रखा जाएगा तो इसका उनके भविष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा.

बुल्ली बाई प्लेटफॉर्म का स्क्रीनशॉट. (साभार: ट्विटर)

मुंबई: मुंबई की एक अदालत ने बुली बाई ऐप मामले में तीन विद्यार्थियों की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि इन आरोपियों की ‘अपरिपक्व उम्र और नासमझी’ का दुरुपयोग ‘गहरी समझ रखने वाले’ अन्य आरोपी ने किया था.

बांद्रा अदालत के मजिस्ट्रेट केसी राजपूत ने विशाल कुमार झा, श्वेता सिंह और मयंक अग्रवाल को 12 अप्रैल को जमानत मंजूर की थी, वहीं आरोपियों ओंकारेश्वर ठाकुर और नीरज सिंह की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.

इस मामले में विस्तृत आदेश मंगलवार को उपलब्ध कराया गया.

अदालत ने जमानत पर रिहा किए गए आरोपियों के माता-पिताओं या अभिभावकों से कहा कि संभव हो तो वे अपने बच्चों को सोशल मीडिया पर व्यवहार सहित सामाजिक व्यवहार के मानकों की सीख देने के लिए ‘काउंसिलिंग’ कराएं.

इससे पहले मजिस्ट्रेट अदालत और सत्र अदालत ने इन सभी को जमानत देने से इनकार कर दिया था. आरोपियों ने इस मामले में पुलिस के आरोप-पत्र दायर करने के बाद नई याचिका दायर की थी.

अदालत ने कहा कि दस्तावेजों से यही निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि आरोपी नीरज बिश्नोई, ओंकारेश्वर ठाकुर और नीरज सिंह मुख्य रूप से ऐप के निर्माण और अपलोडिंग तथा सूचना के प्रसार से जुड़े व्यक्ति हैं.

अदालत ने कहा कि आरोपी विशाल कुमार झा, श्वेता सिंह और मयंक अग्रवाल ने उन अभियुक्तों का अनुसरण किया था और वे कुछ छोटी-मोटी गतिविधियों में शामिल थे.

अदालत ने कहा कि इस प्रकार विशाल, श्वेता और मयंक की भूमिका बिश्नोई, ठाकुर और नीरज सिंह की तुलना में ‘कम गंभीर’ प्रतीत होती है.

अदालत के अनुसार, बिश्नोई, ठाकुर और नीरज उम्र की दृष्टि से परिपक्व थे और उनमें समझ भी थी, इसके बावजूद उन्होंने कम उम्र के तीन आरोपियों की अपरिपक्वता और नासमझी का दुरुपयोग किया.

अदालत ने कहा कि विशाल, श्वेता और मयंक की परीक्षाएं आने वाली हैं और यदि उन्हें जेल में रखा जाएगा तो इसका उनके भविष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. इसलिए इन तीनों पर लगे आरोपों और उनकी आयु को ध्यान में रखते हुए वे जमानत पर रिहा किए जाने के हकदार हैं, क्योंकि उनकी भूमिका कम गंभीर है.’

गौरतलब है कि सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की अनुमति के बिना उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें ‘बुली बाई’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए अपलोड कर दिया गया था. बुली बाई ऐप का मामला इस साल जनवरी में सामने आया था.

मामले की जांच कर रहे मुंबई पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने मामले में उत्तराखंड से 19 वर्षीय युवती श्वेता सिंह, 21 वर्षीय इंजीनियरिंग के छात्र विशाल कुमार झा को बेंगलुरु से, उत्तराखंड से ही 21 वर्षीय अन्य युवक मयंक रावल को गिरफ्तार किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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