असम पुलिस ने एक ट्वीट के सिलसिले में गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवाणी को गिरफ़्तार किया

जिग्नेश मेवाणी गुजरात के बनासकांठा ज़िले की वडगाम सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए थे. वह हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं. गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मेवाणी की गिरफ़्तारी को ‘अलोकतांत्रिक और अवैध’ बताया है. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने सिर्फ एक दृष्टिकोण रखा है कि प्रधानमंत्री शांति की अपील कर सकते हैं. अगर प्रधानमंत्री दुनिया में कहीं और इसकी अपील कर रहे हैं, तो वह अपने देश के लिए ऐसा क्यों नहीं कर सकते?

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जिग्नेश मेवाणी. (फोटो: पीटीआई)

जिग्नेश मेवाणी गुजरात के बनासकांठा ज़िले की वडगाम सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए थे. वह हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं. गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मेवाणी की गिरफ़्तारी को ‘अलोकतांत्रिक और अवैध’ बताया है. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने सिर्फ एक दृष्टिकोण रखा है कि प्रधानमंत्री शांति की अपील कर सकते हैं. अगर प्रधानमंत्री दुनिया में कहीं और इसकी अपील कर रहे हैं, तो वह अपने देश के लिए ऐसा क्यों नहीं कर सकते?

जिग्नेश मेवाणी. (फोटो: पीटीआई)

अहमदाबाद: असम पुलिस ने एक ट्वीट के सिलसिले में गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को राज्य (गुजरात) के बनासकांठा जिले के पालनपुर शहर से बुधवार देर रात गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि मेवाणी को बृहस्पतिवार तड़के हवाई मार्ग से असम ले जाया गया.

मेवाणी के सहयोगी सुरेश जाट ने बताया कि गुजरात के प्रमुख दलित नेता मेवाणी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-153ए के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया, जो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित अपराधों से जुड़ी हुई है. यह प्राथमिकी असम के कोकराझार थाने में दर्ज कराई गई थी.

जाट ने कहा, ‘असम पुलिस के अधिकारियों द्वारा साझा किए गए एक दस्तावेज के अनुसार, मेवाणी के कुछ दिन पुराने एक ट्वीट के आधार पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. हालांकि, इस ट्वीट को ट्विटर ने हटा दिया है.’

उन्होंने बताया कि यह ट्वीट नाथूराम गोडसे के बारे में था.

जाट के मुताबिक, मेवाणी को पहले सड़क मार्ग से पालनपुर से अहमदाबाद लाया गया और फिर बृहस्पतिवार सुबह हवाई मार्ग से असम ले जाया गया.

मेवाणी बनासकांठा की वडगाम सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए थे. वह हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं.

मेवाणी के कार्यालय ने एक बयान जारी कर बताया कि असम पुलिस ने उन्हें पालनपुर सर्किट हाउस से बुधवार रात 11:30 बजे गिरफ्तार किया.

गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर और अन्य कांग्रेसी नेता उनकी गिरफ्तारी की खबर मिलने के बाद अहमदाबाद हवाई अड्डे पहुंचे और भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुूसार, मेवाणी की​ गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाना ने कहा, ‘हमारे पास ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन (असम पुलिस की एक टीम) ने उन्हें आईटी अधिनियम और संबद्ध आरोपों के तहत दर्ज अपराध के लिए गिरफ्तार किया है. एफआईआर असम में दर्ज की गई है और हमारे पास इसकी प्रति नहीं है. स्थानीय पुलिस के रूप में हमें अभी-अभी असम पुलिस ने सूचित किया कि उन्होंने मेवाणी को गिरफ्तार कर लिया है.’

बनासकांठा एसपी के अनुसार, जिन प्रावधानों के तहत मेवाणी को गिरफ्तार किया गया है, उनमें आईटी अधिनियम की धारा 66 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (दंगा करने के इरादे से उकसाना या दंगा करना) शामिल हैं.

असम के कोकराझार जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने भी मेवाणी की गिरफ्तारी की पुष्टि की. उन्होंने कहा, ‘उन्हें कल बुधवार देर रात गुजरात से गिरफ्तार किया गया था.’ उन्होंने कहा कि वह जांच के बारे में ‘अधिक जानकारी का खुलासा’ नहीं कर सकते.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, असम के डीजीपी और स्पेशल डीजीपी (कानून और व्यवस्था) को इस संबंध में किए गए कॉल का कोई जवाब नहीं मिला.

मेवाणी का प्रतिनिधित्व करने वाले गुजरात हाईकोर्ट के वकील आनंद याज्ञनिक ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, वह असम हाईकोर्ट के समक्ष एक आवेदन दायर करेंगे, जिसमें एफआईआर को रद्द करने और विधायक के लिए जमानत की मांग की जाएगी.

याज्ञनिक ने कहा कि 18 अप्रैल को उनके द्वारा किए गए ट्वीट के संबंध में असम के कोकराझार पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई थी.

मेवाणी के ट्विटर अकाउंट से पता चलता है कि उनके कुछ हालिया ट्वीट्स ‘भारत में रोक दिए गए हैं.’

गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जीपीसीसी) के प्रवक्ता मनीष दोशी ने मेवाणी की गिरफ्तारी को ‘अलोकतांत्रिक और अवैध’ बताया है.

दोशी ने कहा, ‘वह (मेवाणी) एक विधायक हैं और उन्होंने सिर्फ एक दृष्टिकोण रखा है कि प्रधानमंत्री शांति की अपील कर सकते हैं. अगर प्रधानमंत्री दुनिया में कहीं और इसी तरह की अपील कर रहे हैं, तो वह अपने देश के लिए ऐसा क्यों नहीं कर सकते?’

उन्होंने आगे कहा, ‘यह असहमति की आवाज को दबाने की कोशिश है और यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है. मेवाणी को ऐसे उठाया गया जैसे वह आतंकवादी या हिस्ट्रीशीटर हों, सिर्फ इसलिए कि वह विपक्ष से हैं और यह तब हुआ है जब प्रधानमंत्री गुजरात के दौरे पर थे.’

जीपीसीसी के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर, जो सुबह करीब 3:30 बजे हवाई अड्डे पर गए थे, जब मेवाणी को असम ले जाया जा रहा था, उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘हमें जल्द ही मेवाणी के लिए न्याय मिलेगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)