ईद पर बच्चों को धार्मिक पोशाक पहनने के लिए कथित तौर से बाध्य करने पर प्रिंसिपल के ख़िलाफ़ केस

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर के न्याय नगर पब्लिक स्कूल का मामला. आरोप है कि बच्चों को प्रिंसिपल द्वारा ईद के त्योहार पर धार्मिक पोशाक पहनने के लिए मजबूर किया गया था. विश्व हिंदू परिषद के एक पदाधिकारी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि प्रिंसिपल बुशरा मुस्तफ़ा द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए जानबूझकर एक साज़िश के तहत हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की कोशिश की गई.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर के न्याय नगर पब्लिक स्कूल का मामला. आरोप है कि बच्चों को प्रिंसिपल द्वारा ईद के त्योहार पर धार्मिक पोशाक पहनने के लिए मजबूर किया गया था. विश्व हिंदू परिषद के एक पदाधिकारी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि प्रिंसिपल बुशरा मुस्तफ़ा द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए जानबूझकर एक साज़िश के तहत हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की कोशिश की गई.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

इलाहाबाद: ईद के मौके पर छात्रों को सलवार-कुर्ता और जालीदर टोपी व छात्राओं को सलवार-कुर्ता और दुपट्टा पहनकर हैप्पी ईद कहते हुए 20 सेकेंड का वीडियो बनाने के लिए कथित तौर पर बाध्य करने के आरोप में इलाहाबाद शहर के एक स्कूल की प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.

शहर के कीडगंज थाना में एफआईआर दर्ज कराने वाले विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री लाल मणि तिवारी का आरोप है कि झूंसी के न्याय नगर पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. बुशरा मुस्तफा द्वारा दो मई को छात्रों से सलवार-कुर्ता और जालीदार टोपी व छात्राओं से सलवार कुर्ता और दुपट्टा पहनकर हैप्पी ईद कहते हुए 20 सेकेंड का वीडियो बनाने को कहा गया.

लाल मणि तिवारी द्वारा दी गई तहरीर के मुताबिक, ‘बुशरा मुस्तफा एक सांप्रदायिक सोच की मुस्लिम महिला हैं और उनके द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए जान-बूझकर एक साजिश के तहत हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने, शिक्षा संस्थानों का माहौल खराब करने, बच्चों के बीच धार्मिक भेदभाव पैदा करने की कोशिश की गई.’

उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल की ओर से बच्चों को भेजे गए संदेश में ईद के त्योहार के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और दो मई को स्कूल में ईद के लिए आयोजित कार्यक्रम में नर्सरी से यूकेजी तक के बच्चों को ईद की पोशाक पहनकर वीडियो बनाने को कहा गया.

आरोप है कि कक्षा एक से तीन तक के बच्चों को ईद कार्ड बनाने, कक्षा चार और पांच के बच्चों को रंग-बिरंगे ईदी थैले बनाने और कक्षा छह से नौ तक के बच्चों को पेपर लालटेन बनाने को कहा गया था.

लाल मणि तिवारी का आरोप है कि नर्सरी से यूकेजी के अबोध बच्चों को ईद की पोशाक पहनने और वीडियो बनाने पर कुछ नंबर अधिक देने की बात करना किसी धर्म विशेष के प्रति इन बच्चों का आकर्षण बढ़ाने की कोशिश है, यह धर्म परिवर्तन की दिशा में उठाया गया कदम है.

तिवारी ने कहा कि तीन मई को ईद के साथ हिंदुओं का भी एक प्रमुख त्योहार अक्षय तृतीया और भगवान परशुराम जयंती थी, लेकिन प्रिंसिपल द्वारा इनसे संबंधित कोई गतिविधि विद्यार्थियों से नहीं कराई गई.

कीडगंज थाना प्रभारी राममूर्ति यादव ने बताया कि यह मामला झूंसी थाना अंतर्गत आता है, इसलिए इस मामले की जांच झूंसी थाना करेगा. अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस बीच, स्कूल प्रशासन ने प्रिंसिपल बुशरा मुस्तफा (47 वर्ष) का बचाव किया है और कहा है कि दिवाली, दशहरा और स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे अन्य हिंदू त्योहारों पर भी इस तरह की गतिविधियां आयोजित की जाती हैं.

पुलिस ने मुस्तफा के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295-ए (जान-बूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, जिसका उद्देश्य किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करना है) और आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मुस्तफा झूंसी थाना क्षेत्र के हवेलिया इलाके में स्थित सीबीएसई से मान्यता प्राप्त न्याय नगर पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल हैं. स्कूल में 1,200 से अधिक छात्र हैं.

इलाहाबाद के एसएसपी अजय कुमार ने कहा, ‘हम यह पता लगाने के लिए प्रिंसिपल का बयान दर्ज कर रहे हैं कि उनका इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने या भड़काने का था या नहीं. प्रिंसिपल ने कहा है कि उन्होंने समानता बनाए रखने के लिए ऐसा किया ताकि सभी धर्मों के छात्र एक-दूसरे के धर्मों के बारे में जान सकें.’

एफआईआर बीते चार मई को दर्ज की गई है और मामले की जांच जारी है.

द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, न्याय नगर पब्लिक स्कूल की सचिव सुचित्रा वर्मा ने कहा, ‘शिकायत कुछ लोगों द्वारा एक साजिश के तहत दर्ज की गई है, जो पास के एक स्कूल में काम करते हैं, जो प्रिंसिपल द्वारा किए गए उत्कृष्ट काम से ईर्ष्या करते हैं.’

वर्मा ने कहा, ‘प्रिंसिपल एक धर्मनिरपेक्ष सोच रखने वाली इंसान हैं. घटना को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है. पड़ोस में एक और स्कूल है, जो ये काम करता है. मुझे लगता है कि कुछ लोग हैं, जिन्होंने प्रिंसिपल को नीचे लाने के लिए ऐसा किया है, क्योंकि उनका रिकॉर्ड शानदार है.’

वर्मा ने कहा, ‘स्कूल में हम सभी धर्मों के त्योहार मनाते हैं ताकि छात्रों को उनके बारे में और जानने का मौका मिल सके. प्रिंसिपल ने नर्सरी और प्रारंभिक कक्षाओं के छात्रों के लिए ईद के लिए गतिविधि का आयोजन किया था. उन्होंने ईद के लिए सजे-धजे छात्रों की तस्वीरें मांगी थीं. ये तस्वीरें स्कूल की वेबसाइट पर डाली जाती हैं.’

वर्मा ने आगे कहा, ‘प्रिंसिपल ने किसी भी छात्र को नमाज़ अदा करने या किसी धार्मिक प्रथा का पालन करने के लिए नहीं कहा. हम दिवाली और दशहरा के लिए भी इसी तरह की गतिविधियां आयोजित करते हैं, जहां छात्र भगवान राम, हनुमान और अन्य हिंदू देवी-देवताओं के रूप में तैयार होते हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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