भ्रष्टाचार के आरोप में पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बर्ख़ास्त किया

स्वास्थ्य मंत्री रहे विजय सिंगला पर आरोप है कि टेंडर आवंटन और स्वास्थ्य विभाग से संबंधित सामानों की खरीद में 1 फ़ीसदी के कमीशन की मांग कर रहे थे. कैबिनेट से बर्ख़ात करने के तुरंत बाद उन्हें पंजाब पुलिस की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा ने गिरफ़्तार कर लिया है. इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2015 में भ्रष्टाचार के आरोप में अपने एक मंत्री को बर्ख़ास्त कर दिया था.

विजय सिंगला के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान. (फोटो साभार: फेसबुक)

स्वास्थ्य मंत्री रहे विजय सिंगला पर आरोप है कि टेंडर आवंटन और स्वास्थ्य विभाग से संबंधित सामानों की खरीद में 1 फ़ीसदी के कमीशन की मांग कर रहे थे. कैबिनेट से बर्ख़ात करने के तुरंत बाद उन्हें पंजाब पुलिस की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा ने गिरफ़्तार कर लिया है. इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2015 में भ्रष्टाचार के आरोप में अपने एक मंत्री को बर्ख़ास्त कर दिया था.

विजय सिंगला के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान. (फोटो साभार: फेसबुक)

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए मंगलवार को अपने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला को अपने कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया है. भ्रष्टाचार के आरोप में कथित तौर पर उनके खिलाफ ठोस सबूत मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने यह कार्रवाई की है.

सिंगला कथित तौर पर टेंडर आवंटन और स्वास्थ्य विभाग से संबंधित सामानों की खरीद में 1 फीसदी के कमीशन की मांग कर रहे थे. हटाने के तुरंत बाद उन्हें पंजाब पुलिस की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है.

समाचार वेबसाइट एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, महज 10 दिन पहले मंत्री के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह कदम उठाया. देश के इतिहास में यह दूसरा मौका है जब किसी मुख्यमंत्री ने अपने ही कैबिनेट सहयोगी के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई की है.

इससे पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2015 में भ्रष्टाचार के आरोप में अपने एक मंत्री को बर्खास्त कर दिया था.

एक सरकारी अधिकारी ने 10 दिन पहले मुख्यमंत्री कार्यालय में विजय सिंगला द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत की थी. मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से अधिकारी को आश्वासन दिया कि वह उनके साथ खड़े रहेंगे और उन्हें किसी मंत्री से डरने की जरूरत नहीं है.

इसके बाद अधिकारी की मदद से एक ऑपरेशन किया गया, जिससे साफ पता चला कि मंत्री और उनके करीबी एक प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे.

कॉल रिकॉर्डिंग और अन्य सबूत एकत्र किए जाने के बाद मुख्यमंत्री मान ने कार्रवाई की और अधिकारियों को चेतावनी भी दी कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

अरविंद केजरीवाल ने फैसले के लिए भगवंत मान की प्रशंसा की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘भगवंत पर गर्व है. आपकी कार्रवाई ने मेरी आंखों में आंसू ला दिए हैं. पूरे देश को आज आप पर गर्व है.’

मान ने ​ट्वीट किया, ‘आम आदमी पार्टी का जन्म ईमानदार सिस्टम कायम करने के लिए हुआ है. अरविंद केजरीवाल ने हमेशा कहा है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे चाहे कोई अपना हो या बेगाना. स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत मिलते ही तुरंत बर्खास्त किया. साथ ही एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.’

मान ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘एक प्रतिशत भी भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. लोगों ने बहुत उम्मीद के साथ आप सरकार को वोट दिया है, हमें उस पर खरा उतरना है. जब तक भारत मां के पास अरविंद केजरीवाल जैसा बेटा और भगवंत मान जैसा सिपाही है, भ्रष्टाचार के खिलाफ महायुद्ध जारी रहेगा.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, ‘मेरे संज्ञान में एक मामला लाया गया था कि मेरे मंत्रिमंडल में एक मंत्री अपने विभाग से संबंधित प्रत्येक टेंडर और खरीद के लिए एक प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे. इस मामले के बारे में सिर्फ मैं ही जानता था, न तो मीडिया को और न ही विपक्ष को इसकी जानकारी थी.’

उन्होंने आगे कहा, ‘अगर मैं चाहता तो मैं इसे छिपा लेता और अगर मैंने ऐसा किया होता तो मैं न केवल अपनी अंतरात्मा बल्कि उन लाखों लोगों को भी, जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया, निराश कर दिया होता. मैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा हूं. मैं उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर रहा हूं और पुलिस को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दे रहा हूं. उन्होंने यह जुर्म कबूल कर लिया है.’

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, ‘जैसा कि आप सभी जानते हैं, हम एक ईमानदार सरकार हैं. हम एक रुपये का भी भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे. मैं जब भी गांवों, कस्बों और शहरों में लोगों के पास जाता था तो उनकी आंखों में उम्मीद देखता था. मैंने देखा कि उन्हें उम्मीद थी कि कोई तो होगा जो उन्हें भ्रष्टाचार से बाहर निकालेगा.’

उन्होंने कहा, ‘जब मुझे मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाना था, तो पार्टी के क्रांतिकारी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह रिश्वत और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे. मैंने उनसे वादा किया था कि हम इसी तरह इस सरकार को चलाएंगे. मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि हम भ्रष्टाचार में लिप्त किसी को भी नहीं बख्शेंगे.’

मान ने आगे कहा कि सिंगला के भ्रष्टाचार के लिए आप सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति होगी. ऐसा देश में दूसरी बार हुआ है. 2015 में केजरीवाल ने अपने खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री को रिश्वत मांगने का एक वीडियो दिखाए जाने के बाद बर्खास्त कर दिया था.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं सभी को बताना चाहता हूं कि मैं 1 रुपये का भी भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करूंगा, तो सीधे हो जाओ. शहीद भगत सिंह के गांव खटकरकलां में हमने शपथ ली थी, वादा किया था कि भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलाएंगे. यह आप का ऐतिहासिक फैसला है.’

रिपोर्ट के अनुसार, इस कैबिनेट में मान के 10 मंत्री थे. सिंगला के निष्कासन के साथ उनके पास केवल नौ मंत्री रह गए हैं. नियमानुसार, पंजाब में मुख्यमंत्री सहित 18 मंत्री हो सकते हैं.

कैबिनेट से बर्खास्त किए गए सिंगला पंजाब के मानसा से विधायक हैं. वह पेशे से एक डेंटिस्ट हैं और शहर में डेंटल क्लीनिक भी चलाते हैं. सिंगला करीब सात साल पहले आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे.

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