सीडीएस नियुक्ति: नियम संशोधित, लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस एडमिरल पात्र होंगे

संशोधित नियमों के अनुसार, नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति के लिए सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुखों के साथ अन्य अधिकारियों के नामों पर विचार किया जा सकता है. दिसंबर 2021 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से यह पद रिक्त है.

संशोधित नियमों के अनुसार, नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति के लिए सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुखों के साथ अन्य अधिकारियों के नामों पर विचार किया जा सकता है. दिसंबर 2021 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से यह पद रिक्त है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाओं के अनुसार 62 वर्ष से कम आयु के कोई भी सेवारत या सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस एडमिरल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद के लिए पात्र होंगे.

संशोधित नियमों के अनुसार, सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुखों के साथ इस शीर्ष पद के लिए अन्य अधिकारियों के नामों पर विचार किया जा सकता है.

गत आठ दिसंबर को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद सीडीएस का पद रिक्त है.

सरकार ने किसी भी सेवारत या सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल या वाइस एडमिरल को सीडीएस के रूप में नियुक्त करने के वास्ते प्रावधान करने के लिए वायु सेना अधिनियम, सेना अधिनियम और नौसेना अधिनियम के तहत सोमवार को अलग-अलग अधिसूचना जारी की थी.

वायु सेना अधिनियम-1950 के तहत जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘केंद्र सरकार, यदि आवश्यक हो, जनहित में, सीडीएस के रूप में एक ऐसे अधिकारी को नियुक्त कर सकती है, जो एयर मार्शल या एयर चीफ मार्शल के रूप में सेवा कर रहे हैं या एक अधिकारी जो एयर मार्शल या एयर चीफ मार्शल के पद से सेवानिवृत्त हो गए हैं, लेकिन नियुक्ति की तारीख को 62 वर्ष के नहीं हुए हैं.’

अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक सीडीएस की सेवा को इतनी अवधि के लिए बढ़ा सकती है जितनी वह आवश्यक समझे.

सेना अधिनियम-1950 और नौसेना अधिनियम-1957 के तहत इसी तरह की अधिसूचनाएं जारी की गईं हैं.

डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक, यह महत्वपूर्ण परिवर्तन सेना नियम-1954, वायु सेना विनियम-1964 और नौसेना शिष्टाचार, सेवा शर्तें व विविध नियम-1963 में संशोधन करके लाया गया है.

तीनों सेनाओं के प्रमुखों का कार्यकाल तीन साल की सेवा या 62 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तब तक होता है.

वास्तव में सेना, नौसेना और वायु सेना के सेवानिवृत्त प्रमुखों के सीडीएस के पद के लिए विचार किए जाने की संभावना नहीं है क्योंकि पद के लिए पात्रता आयु 62 वर्ष रखी गई है.

गौरतलब है कि जनरल रावत ने एक जनवरी 2020 को देश के समग्र सैन्य कौशल को बढ़ाने के लिए देश के पहले सीडीएस के रूप में कार्यभार संभाला था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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