मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ, कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

नेशनल हेराल्ड अख़बार से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2013 में एक शिकायत दर्ज कराई थी. स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी एवं धन के गबन का आरोप लगाया था. राहुल गांधी से पूछताछ के विरोध में प्रदर्शन करने वाले कई कांग्रेस नेता हिरासत में लिए गए. पार्टी ने ‘अघोषित आपातकाल’ का आरोप लगाया. भाजपा ने कहा कि कांग्रेस का प्रदर्शन गांधी परिवार के 2,000 करोड़ रुपये बचाने के लिए है.

New Delhi: Congress leaders Rahul Gandhi and Priyanka Gandhi outside AICC office, after the former was summoned for questioning in the National Herald case, in New Delhi, Monday, June 13, 2022. (PTI Photo/Kamal Kishore)(PTI06 13 2022 000039B)

नेशनल हेराल्ड अख़बार से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2013 में एक शिकायत दर्ज कराई थी. स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी एवं धन के गबन का आरोप लगाया था. राहुल गांधी से पूछताछ के विरोध में प्रदर्शन करने वाले कई कांग्रेस नेता हिरासत में लिए गए. पार्टी ने ‘अघोषित आपातकाल’ का आरोप लगाया. भाजपा ने कहा कि कांग्रेस का प्रदर्शन गांधी परिवार के 2,000 करोड़ रुपये बचाने के लिए है.

नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी द्वारा पूछताछ में शामिल होने से पहले सोमवार को दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय के बाहर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए. जांच एजेंसी द्वारा उनसे पूछताछ जारी है.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार पत्र से जुड़े कथित धनशोधन मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से सोमवार को दस घंटे से अधिक समय तक उनसे पूछताछ की गई. ईडी ने राहुल से मंगलवार को दोबारा पेश होने के लिए कहा है.

अधिकारियों ने बताया कि राहुल गांधी सुबह करीब 11.10 बजे एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी के मुख्यालय पहुंचे और करीब 20 मिनट तक कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने और उनकी उपस्थिति दर्ज करने के बाद उनसे पूछताछ की गई.

राहुल गांधी को दोपहर करीब दो बजकर 10 मिनट पर भोजन के लिए ईडी मुख्यालय से बाहर जाने की इजाजत दी गई थी. भोजनावकाश के बाद वह दिन में करीब तीन बजकर 30 मिनट पर फिर ईडी के समक्ष पेश हुए. भोजनावकाश के दौरान उन्होंने गंगा राम अस्पताल में भर्ती अपनी मां सोनिया गांधी से मुलाकात की, पूछताछ के बाद राहुल देर रात करीब 11:10 बजे ईडी के दफ्तर से बाहर निकले.

समझा जाता है कि राहुल गांधी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून की धारा 50 के तहत अपना बयान लिखित रूप से दिया.

मनी लॉन्ड्रिंग जांच कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रवर्तित (Promoted) यंग इंडियन में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है, जिसके पास नेशनल हेराल्ड अखबार का स्वामित्व है. नेशनल हेराल्ड एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया गया है और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में है.

सुबह में पूछताछ के लिए राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय से ईडी दफ्तर पहुंचे. इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे और राहुल गांधी के प्रति अपना समर्थन जताया.

राहुल गांधी का काफिला जब ईडी मुख्यालय पहुंचा तो गाड़ी में उनके बगल में प्रियंका गांधी भी बैठी हुईं थीं.

इस दौरान पार्टी के कई शीर्ष नेताओं, सांसदों व पदाधिकारियों ने दिल्ली में ईडी के मुख्यालय तक विरोध मार्च निकाला और ‘सत्याग्रह’ का आयोजन किया.

कांग्रेस का लगभग पूरा शीर्ष नेतृत्व, पार्टी के दो मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत और भूपेश बघेल तथा उसके लोकसभा एवं राज्यसभा सांसदों ने कांग्रेस मुख्यालय से लेकर ईडी कार्यालय तक तख्तियां लिए और नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.

एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत राहुल गांधी का बयान दर्ज कर रही है.

अधिकारियों के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है, ताकि ‘यंग इंडियन’ और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) के हिस्सेदारी पैटर्न, वित्तीय लेन-देन और प्रवर्तकों की भूमिका को समझा जा सके. ‘यंग इंडियन’ के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं.

समझा जाता है कि मामले से जुड़े सहायक निदेशक स्तर के एक ईडी अधिकारी ने ‘यंग इंडियन’ की स्थापना, ‘नेशनल हेराल्ड’ के संचालन और धन के कथित हस्तांतरण को लेकर सवालों की सूची सामने रखी. ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितताएं भी जांच के दायरे में हैं.

कांग्रेस का कहना है कि उसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं तथा ईडी की कार्रवाई प्रतिशोध की राजनीति के तहत की जा रही है. उसने यह भी कहा है कि वह एवं उसका नेतृत्व झुकने वाले नहीं है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगे आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा, ‘कांग्रेस एक राजनीतिक दल है और एक राजनीतिक दल किसी कंपनी में हिस्सेदारी नहीं खरीद सकता. इसलिए, ‘यंग इंडियन’ के नाम से एक गैर-लाभकारी कंपनी (नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी) को ‘नेशनल हेराल्ड’ एवं एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के शेयर दिए गए, ताकि 90 करोड़ रुपये का कर्ज खत्म हो सके.’

उन्होंने कहा, ‘इस 90 करोड़ रुपये में से 67 करोड़ रुपये कर्मचारियों के वेतन एवं वीआरएस के लिए दिए गए तथा बाकी सरकार का बकाया, बिजली के बिल तथा भवन के लिए भुगतान हुआ. यह अपराध कैसे हो सकता है? यह तो कर्तव्य का बोध है. हमने मोदी सरकार की तरह देश की संपत्ति अपने उद्योगपति मित्रों को नहीं बेच डाली.’

सुरजेवाला के अनुसार, ‘नेशनल हेराल्ड’ के स्वामित्व वाले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के पास आज भी सारी संपत्ति हूबहू सुरक्षित है.

दिल्ली की एक निचली अदालत द्वारा ‘यंग इंडियन’ के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिए जाने के बाद एजेंसी ने पीएमएलए के आपराधिक प्रावधानों के तहत एक नया मामला दर्ज किया था. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस संबंध में 2013 में एक शिकायत दर्ज कराई थी.

स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी की साजिश रचने एवं धन के गबन का आरोप लगाया था और कहा था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जो एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड पर कांग्रेस का बकाया था.

कांग्रेस के कई नेता हिरासत में लिए गए, पार्टी ने ‘अघोषित आपातकाल’ का आरोप लगाया

राहुल गांधी की ईडी के समक्ष पेशी को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि उसने जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके देश में आतंक फैला दिया है.

मुख्य विपक्षी दल ने यह दावा भी किया कि राहुल गांधी की ईडी के समक्ष पेशी पर पार्टी के ‘सत्याग्रह’ को रोकने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नई दिल्ली इलाके में ‘अघोषित आपातकाल’ लगा दिया.

पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के समर्थन में मार्च निकाला, जिसके बाद पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया.

कांग्रेस के मार्च और ‘सत्याग्रह’ को देखते हुए पुलिस ने ‘24 अकबर रोड’ (कांग्रेस मुख्यालय) जाने वाले कई रास्तों पर अवरोधक लगा दिए थे और इलाके में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी थी. इसको लेकर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यालय के निकट सिर्फ बुलडोजर नहीं दिख रहा है.

एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी मुख्यालय तक जाने के लिए राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय से पैदल निकले और इस मौके पर उनके साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता भी थे.

पुलिस ने मार्च शुरू होने के कुछ देर बाद कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को रोक लिया और उन्हें हिरासत में ले लिया. बाद में राहुल गांधी गाड़ी में सवार होकर ईडी मुख्यालय पहुंचे.

कांग्रेस के अनुसार गहलोत, पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, वरिष्ठ नेता हरीश रावत, जयराम रमेश और कई अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. बाद में प्रियंका गांधी ने तुगलक रोड थाने पहुंचकर हिरासत में लिए गए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की.

पार्टी सूत्रों का कहना है कि पुलिस के साथ हुई धक्कामुक्की के चलते वेणुगोपाल की तबियत बिगड़ गई थी और उन्हें सांस लेने में थोड़ी दिक्कत होने लगी थी, हालांकि बाद में उनकी सेहत में सुधार हुआ.

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि हिरासत में लिए गए नेताओं को पुलिस ने छोड़ दिया.

राहुल गांधी से पूछताछ के दौरान ही अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ईडी कार्यालय के बाहर संवाददाताओ से बातचीत में सरकार पर तीखा हमला बोला और सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाया.

गहलोत ने कहा, ‘राहुल गांधी जी को सुबह से बैठाकर रखा है, उन्होंने क्या गलत किया है? उन्होंने सिर्फ अखबार को कर्ज दिया, इसमें कुछ भी गलत नहीं है. इस कंपनी (यंग इंडियन) से सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी एक रुपया नहीं ले सकते. इसमें कोई लाभ नहीं ले सकता. यह सब प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और एजेंसियों को अच्छी तरह मालमू है.’

उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘सत्ता में बैठे लोगों के लिए देश में प्रतिपक्ष नहीं है. सोनिया गांधी जी समेत 13 दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री से अपील की थी कि वह अहिंसा का माहौल बनाने की अपील करें, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. आज देश में दंगे हो रहे हैं, बुल्डोजर चलाने का नाटक हो रहा है.’

गहलोत ने आरोप लगाया, ‘इस सरकार ने पूरे देश में आतंक मचा रखा है. कई अधिकारी कहते हैं कि हमारी मजबूरी है.’’

बघेल ने कहा, ‘विपक्ष के नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का लगातार दुरुपयोग किया जा रहा है. पिछले आठ वर्षों में भाजपा और उसके समर्थक दलों के नेताओं के खिलाफ एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है.’

उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है. जब विपक्ष का नेता भाजपा में शामिल हो जाता है तो उसके खिलाफ मामला रफादफा कर दिया जाता है.’

सुरजेवाला ने दावा किया कि पुलिस ने मार्च से पहले ही कांग्रेस के बहुत सारे कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था और कई नेताओं को नजरबंद कर दिया था.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने कल रात से ही धर-पकड़ शुरू कर दी थी. दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया गया. हजारों कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया और हमारे कई नेताओं को नजरबंद किया गया. मोदी सरकार ने नयी दिल्ली इलाके में अघोषित आपतकाल लगा दिया.’

सुरजेवाला ने कहा, ‘मोदी जी जान लें, सत्याग्रह को कोई नहीं रोक सकता. हम झुकने वाले नहीं हैं, हम डरने वाले नहीं हैं. यह सत्य के लिए लड़ाई है. यह लड़ाई जारी रहेगी.’

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उन्हें दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय की ओर मार्च करते हुए गिरफ्तार किया है. हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया

गहलोत ने कहा कि दिल्ली पुलिस मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, दिग्विजय सिंह, दीपेंद्र हुड्डा, पवन खेड़ा, पीएल पूनिया, गौरव गोगोई और मीनाक्षी नटराजन सहित अन्य कांग्रेस नेताओं को एक बस में मध्य दिल्ली ले गई.

प्रदर्शनकारियों को पुलिस बसों में ले जाने के बाद रैपिड एक्शन फोर्स को ईडी कार्यालय के पास तैनात कर दिया गया है.

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राहुल गांधी को समन जारी करने वाले प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय तक सोमवार को कांग्रेस के मार्च से पहले दिल्ली पुलिस ने नई दिल्ली जिले और सीमाओं पर कई बसों और वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित करते हुए विशेष व्यवस्था की थी. पुलिस ने कुछ इलाकों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा भी लगा दी थी.

गुजरात में कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी से पूछताछ के विरूद्ध प्रदर्शन किया

कांग्रेस की गुजरात इकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा वरिष्ठ पार्टी नेता राहुल गांधी से पूछताछ किए जाने के विरूद्ध सोमवार को अहमदाबाद में प्रदर्शन किया.

अहमदाबाद में प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर समेत वरिष्ठ कांग्रेस नेता जीएमडीसी ग्राउंड में एकत्रित हुए और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार के विरूद्ध नारेबाजी की.

उन्होंने यहां ईडी कार्यालय तक मार्च निकालने की योजना बनायी थी, लेकिन वहां जाने से उन्हें रोकने के लिए भारी तादाद में पुलिसकर्मी तैनात किये गये थे.

कांग्रेस ने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निर्भीकता से सवाल पूछने को लेकर ‘राजनीतिक बदले की भावना’ से समन जारी किये गये.

हरियाणा, पंजाब के कांग्रेस नेताओं का प्रदर्शन, हिरासत में लिए गए

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा तलब किएजाने के विरोध में पार्टी की हरियाणा और पंजाब इकाई के नेताओं ने सोमवार को प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र विपक्ष को ‘दबाने’ के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहा है.

कांग्रेस की हरियाणा इकाई के नेताओं ने दिल्ली में जांच एजेंसी के सामने पेश हुए अपने नेता राहुल गांधी के समर्थन में यहां ईडी कार्यालय तक विरोध मार्च निकालने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस ने कांग्रेस के कई विधायकों और कार्यकर्ताओं को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया.

पार्टी की पंजाब इकाई ने अपने प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नेतृत्व में जालंधर में ईडी कार्यालय के पास विरोध प्रदर्शन किया.

वडिंग ने कहा कि कांग्रेस भाजपा की ‘तानाशाही और बदले की राजनीति’ के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी.

कांग्रेस की हरियाणा इकाई के प्रमुख उदय भान के नेतृत्व में रघुवीर सिंह कादियान, गीता भुक्कल, वरुण चौधरी, जगबीर मलिक, आफताब अहमद सहित पार्टी के विधायक सेक्टर-9 में पार्टी के हरियाणा मुख्यालय से मार्च निकालने के लिए एकत्र हुए.

हालांकि, पुलिस ने कांग्रेस कार्यालय के पास कई जगह अवरोधक लगा दिए थे और सेक्टर-18 में ईडी कार्यालय की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे कांग्रेस नेताओं को दो बसों में बैठा दिया. उन्हें सेक्टर- 3 थाना ले जाया गया और कुछ देर हिरासत में रखने के बाद छोड़ दिया गया.

कांग्रेस का इंदौर में ईडी दफ्तर के पास मौन प्रदर्शन

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को पूछताछ के लिए सोमवार को तलब किए जाने के विरोध में इंदौर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस इस केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय के पास मौन प्रदर्शन किया.

चश्मदीदों ने बताया कि कांग्रेस के प्रदर्शनकारी कार्यकर्ता शहर के एमटीएच कंपाउंड की बहुमंजिला इमारत पालिका प्लाजा पहुंचे जिसकी दूसरी मंजिल पर ईडी का उप-क्षेत्रीय कार्यालय है, लेकिन वहां पहले से तैनात पुलिस बल ने उन्हें इस दफ्तर तक पहुंचने से रोक दिया.

चश्मदीदों के मुताबिक, बाद में ईडी का एक अधिकारी नीचे आया जिसे गांधी को ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में तलब किए जाने के विरोध में प्रदर्शनकारियों द्वारा ज्ञापन सौंपा गया.

कांग्रेस का मार्च गांधी परिवार के ‘2,000 करोड़ रुपये बचाने’ के लिए: भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) के समक्ष सोमवार को पेशी के दौरान पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा मार्च निकालने और ‘सत्याग्रह’ किए जाने को जांच एजेंसी पर खुलेआम दबाव डालने की ‘रणनीति’ करार दिया.

दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय पर सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्मृति ईरानी. (फोटो: पीटीआई)

इसके साथ ही भाजपा ने आरोप लगाया, ‘भ्रष्टाचार के समर्थन में किए गए इस आयोजन का उद्देश्य गांधी परिवार की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को बचाना है.’

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी कहा, ‘कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. यहां तक कि राहुल गांधी भी नहीं.’

स्मृति ईरानी ने कहा, ‘एक जांच एजेंसी पर खुलेआम दबाव डालने वाली कांग्रेस की इस रणनीति को आप क्या नाम देंगे? भ्रष्टाचार के मुद्दों पर राहुल गांधी को तलब किया गया है.’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक जांच एजेंसी पर दबाव डालने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों के वरिष्ठ नेताओं को विशेष रूप से दिल्ली आमंत्रित किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार के समर्थन में आज कांग्रेस पार्टी मैदान में उतरी है. जो खुद जमानत पर बाहर हैं, उन्होंने घोषणा की है कि आओ दिल्ली को घेरो, क्योंकि हमारा भ्रष्टाचार पकड़ा गया है.’

उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी के बुलावे पर आज जो गतिरोध कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता पैदा कर रहे हैं, मैं देश को बताना चाहूंगी कि यह लोकतंत्र को बचाने का प्रयास नहीं है. यह राहुल गांधी और गांधी खानदान के दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को बचाने का प्रयास है. इस प्रकार का दबाव डालना कहां तक लोकतंत्र और संविधान का सम्मान है, इसका जवाब गांधी परिवार को देना चाहिए.’

ईरानी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजीएल) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने के लिए यंग इंडियन कंपनी बनाई.

उन्होंने दावा किया कि 5,000 से ज्यादा स्वतंत्रता सेनानी उस अखबार में अंशधारक थे, जब उसकी शुरुआत की गई थी, जिस पर अब ‘गांधी परिवार का कब्जा’ है.

उन्होंने कहा कि आधिकारिक तौर पर यंग इंडियन की स्थापना 2010 में परोपकार के उद्देश्य से की गई थी लेकिन उसने 2016 में यह स्वीकार किया कि उसने छह वर्षों में परोपकार का कोई भी काम नहीं किया है.

उन्होंने कहा, ‘प्रश्न यह उठता है कि कंपनी बनाई जाती है समाज सेवा के लिए लेकिन समाज की सेवा नहीं मात्र गांधी खानदान की सेवा करने तक वह सीमित हो जाती है.’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2019 में अपने एक फैसले में उल्लेख किया था कि एजीएल के ऊपर राहुल और सोनिया गांधी का मालिकाना हक गैरकानूनी तौर पर संपत्ति पर अधिकार जमाने का एक प्रयास है.

गांधी परिवार पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के पति रॉबर्ट वाद्रा ही परिवार के एकमात्र सदस्य नहीं है, जिनकी जमीन संबंधी कारोबार में दिलचस्पी है.

ईरानी ने कहा कि कांग्रेस के सदस्यों को राहुल गांधी से पूछना चाहिए कि उनके परिवार का डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के साथ क्या संबंध है, जो हवाला कारोबार करती है और जिसके बारे में वित्तीय खुफिया इकाई ने भी चिंता जताई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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