महाराष्ट्र संकट: शिंदे का 46 विधायकों के समर्थन का दावा, ठाकरे मुख्यमंत्री पद छोड़ने तैयार

महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे असम के गुवाहाटी में समर्थक विधायकों के साथ एक होटल में ठहरे हैं. उनका दावा है कि उन्हें 46 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि खबरों के मुताबिक 34 विधायकों ने प्रस्ताव पारित करके उन्हें शिवसेना विधानसभा दल का नेता नियुक्त किया है. इस बीच, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अगर बाग़ी विधायक मेरे सामने आकर कह दें कि मैं मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष के पदों को संभालने में सक्षम नहीं हूं तो तत्काल इस्तीफा दे दूंगा.

Surat: Maharashtras MPs and MLAs board a bus bound for Guwahati, at Le Meridien Hotel in Surat, Tuesday, June 21, 2022.

महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे असम के गुवाहाटी में समर्थक विधायकों के साथ एक होटल में ठहरे हैं. उनका दावा है कि उन्हें 46 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि खबरों के मुताबिक 34 विधायकों ने प्रस्ताव पारित करके उन्हें शिवसेना विधानसभा दल का नेता नियुक्त किया है. इस बीच, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अगर बाग़ी विधायक मेरे सामने आकर कह दें कि मैं मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष के पदों को संभालने में सक्षम नहीं हूं तो तत्काल इस्तीफा दे दूंगा.

सूरत के ले मेरिडियन होटल से गुवाहाटी के लिए निकलते महाराष्ट्र के विधायक. (फोटो: पीटीआई)

मुंबई/गुवाहाटी: अपने वरिष्ठ सदस्य और महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे के विद्रोह के कारण सरकार पर आए संकट पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि अगर बागी विधायक उनसे यह कहते हैं कि वह उन्हें (ठाकरे) मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते तो वह अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं.

इससे पहले पार्टी ने विधानसभा को भंग करने का संकेत दिया. वहीं, महाराष्ट्र के हाईवोल्टेज सियासी उठापठक का केंद्र फिलहाल गुजरात के सूरत से असम के गुवाहाटी स्थानांतरित हो गया है जहां बागी नेता और उनके समर्थक विधायक अभी डेरा जमाए हुए हैं.

अपने साथ 46 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे शिंदे ने बगावती सुर में किसी तरह की नरमी न लाने के स्पष्ट संकेत दिए जिससे प्रदेश में शिवसेना के नेतृत्व वाली ढाई साल पुरानी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

ठाकरे के आज ही कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.

उन्होंने 17 मिनट लंबे वेबकास्ट में कहा कि अगर शिव सैनिकों को लगता है कि वह (ठाकरे) पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम नहीं हैं तो वह शिवसेना पार्टी के अध्यक्ष का पद भी छोड़ने के लिए तैयार हैं.

ठाकरे ने कहा, ‘सूरत और अन्य जगहों से बयान क्यों दे रहे हैं? मेरे सामने आकर मुझसे कह दें कि मैं मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष के पदों को संभालने में सक्षम नहीं हूं. मैं तत्काल इस्तीफा दे दूंगा. मैं अपना इस्तीफा तैयार रखूंगा और आप आकर उसे राजभवन ले जा सकते हैं.’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर किसी शिव सैनिक को अपना उत्तराधिकारी देखकर उन्हें खुशी होगी.

ठाकरे ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के सुझाव पर अपनी अनुभवहीनता के बावजूद मुख्यमंत्री का पद संभाला था.

इससे पहले पार्टी सांसद संजय राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में मौजूदा सियासी घटनाक्रम के चलते विधानसभा को भंग किया जा सकता है.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी राउत ने ट्वीट किया था, ‘महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम राज्य विधानसभा को भंग करने की ओर ले जा रहा है.’

बाद में ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता राउत ने कहा, ‘जब कभी किसी भी राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो मैंने देखा है कि विधानसभा को भंग कर दिया जाता है.’

उधर शिंदे ने कहा है कि उनके समर्थन में 46 विधायक हैं.

उन्होंने एक मराठी टेलीविजन चैनल से कहा, ‘मेरे पास दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किए बिना विधानसभा में एक अलग समूह बनाने के लिए शिवसेना विधायकों की आवश्यकता से अधिक संख्या है.’

महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के 55 सदस्य हैं.

वहीं, इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बागी गुट के 34 शिवसेना विधायकों ने एक प्रस्ताव पारित करके एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधानसभा दल का नेता नियुक्त कर दिया है. प्रस्ताव में उन्होंने उल्लेख किया कि पार्टी कैडर में भारी असंतोष है, क्योंकि शिवसेना ने वैचारिक तौर पर अपने विरोधी एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकारी बना ली.

शिंदे के बगावती तेवरों से दो फाड़ हुई शिवसेना में शिंदे गुट की मांग है कि शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ, वर्तमान गठबंधन तोड़कर अपनी पूर्व सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन करे. शिंदे की इस मांग को बुधवार को शिवसेना के और भी विधायकों का समर्थन मिला है.

इससे पहले, शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र के बागी विधायकों को बुधवार सुबह विमान से गुवाहाटी ले जाया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें शहर के बाहरी इलाके में एक लग्जरी होटल में ठहराया गया है. हवाई अड्डे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद पल्लब लोचन दास और सुशांत बोरगोहेन ने इन बागी विधायकों का स्वागत किया. विधायकों को असम राज्य परिवहन निगम की तीन बसों में होटल ले जाया गया.

इससे पहले विधायकों को मंगलवार को मुंबई से सूरत ले जाया गया था.

गुवाहाटी के उस होटल के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी जिसमें महाराष्ट्र के विधायक रुके हुए हैं. (फोटो: पीटीआई)

आंतरिक संकट से जूझ रही शिवसेना ने असंतुष्ट नेता एकनाथ शिंदे का साथ दे रहे बागी नेताओं समेत अपने सभी विधायकों को बुधवार शाम पांच बजे विधायक दल की बैठक में भाग लेने या दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई का सामना करने को कहा.

इस पर शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा कि शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु द्वारा जारी आदेश ‘कानूनी रूप से अमान्य’ हैं क्योंकि विधायक भरत गोगावाले को पार्टी का मुख्य सचेतक नियुक्त किया जा रहा है.

प्रभु ने गृह राज्य मंत्री शंभुराज देसाई सहित शिवसेना के कुछ मंत्रियों को एक पत्र जारी किया. देसाई अभी शिंदे के साथ गुवाहाटी में हैं.

पत्र में कहा गया है, ‘शिवसेना ने आज शाम वर्षा बंगले (मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास) में तत्काल एक बैठक बुलाई है क्योंकि गठबंधन सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया गया है. बैठक के बारे में विवरण सभी सदस्यों (विधायकों) के साथ उनके पंजीकृत ई-मेल, वॉट्सऐप और एसएमएस के माध्यम से पर साझा किया गया है.’

पत्र में कहा गया है, ‘आप कोई वैध और पर्याप्त कारण बताए बिना बैठक से अनुपस्थित नहीं रह सकते हैं. यदि आप बैठक में शामिल नहीं होते हैं तो यह माना जाएगा कि आपका स्पष्ट इरादा पार्टी छोड़ने का है. इसलिए, आपके खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के प्रावधान के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.’

शिंदे ने ट्वीट किया, ‘शिवसेना विधायक भरत गोगावाले को विधानसभा में शिवसेना का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है. विधायकों की बैठक के बारे में सुनील प्रभु द्वारा जारी आदेश कानूनी रूप से अमान्य हैं.’

एक दिन पहले शिवसेना ने शिंदे को विधानसभा में अपने दल के नेता के पद से हटा दिया था.

चार बार विधायक और कैबिनेट मंत्री रहे शिंदे (58) सोमवार की रात बड़ी संख्या में विधायकों के साथ मुंबई से रवाना हुए और गुजरात के सूरत पहुंचे, जहां से आज उन्हें गुवाहाटी ले जाया गया.

शिंदे को बुधवार को दो और विधायकों का समर्थन मिल गया और दोनों नेता दोपहर में सूरत पहुंच गए जहां से उन्हें गुवाहाटी ले जाया जाएगा. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

शिंदे और विधायकों के समूह को गुवाहाटी भेजे जाने के कुछ घंटे बाद निर्दलीय विधायक, मंजुला गावित और शिवसेना विधायक योगेश कदम दोपहर में सूरत पहुंचे. गावित सकरी से विधायक हैं जबकि योगेश कदम दापोली विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.

सूत्रों ने दावा किया कि शिवसेना के एक और विधायक शिंदे के नेतृत्व वाले बागी विधायकों के समूह में शामिल होंगे और आज सूरत पहुंचेंगे.

अब भी राजनीतिक संकट को खत्म करने के लिए शिंदे के साथ किसी समझौते की उम्मीद करते हुए, शिवसेना सांसद राउत ने कहा कि वह विद्रोही नेता के साथ चर्चा कर रहे हैं और बातचीत ‘सकारात्मक’ है.

मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा कि शिंदे ने पार्टी के सामने कोई शर्त नहीं रखी है और शिंदे के साथ शिवसेना के अन्य नेताओं के साथ भी बातचीत चल रही है.

राउत ने भरोसा व्यक्त किया कि शिंदे और अन्य बागी विधायक वापस आ जाएंगे और कहा कि उनकी गलतफहमियों को दूर किया जाएगा.

शिंदे के साथ सूरत गए शिवसेना विधायक नितिन देशमुख ने दावा किया कि कुछ लोगों ने उन्हें गुजरात शहर के एक अस्पताल में जबरन भर्ती कराया था और उन्हें इंजेक्शन दिए गए, हालांकि उन्हें दिल का दौरा कभी पड़ा ही नहीं.

नागपुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए, अकोला विधायक ने कहा कि वह किसी तरह सूरत से सुरक्षित महाराष्ट्र लौटने में कामयाब रहे और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के प्रति वफादारी का वादा किया.

उधर, शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गुवाहाटी गए पार्टी के बागी विधायकों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हुए महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया.

औरंगाबाद जिले के कम से कम पांच विधायक शिंदे के साथ गुवाहाटी में हैं. शिवसेना के प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य अंबादास दानवे ने कहा कि लोगों को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर भरोसा है.

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य विधानसभा को भंग करने की सिफारिश करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.

पटोले की टिप्पणी उन खबरों की पृष्ठभूमि में आई है कि राज्य में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम से विधानसभा भंग हो सकती है.

पटोले ने ठाकरे के हवाले से कहा, ‘हम सरकार प्रभावी तरीके से चलाएंगे.’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के मद्देनजर मुंबई में हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की है, क्योंकि शिवसेना प्रमुख कोरोना वायरस से संक्रमित हैं.

पटोले ने संवाददाताओं से कहा कि ठाकरे ने जोर देकर कहा है कि प्रदेश में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन मौजूदा संकट से निपट लेगा.

इस बीच, महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि (राज्य में पार्टी के कुल 44 में से) 41 विधायक बुधवार को मुंबई में हुई विधायक दल की बैठक में शामिल हुए.

उन्होंने कहा कि तीन अन्य विधायक भी राज्य की राजधानी पहुंच रहे हैं. थोराट ने कहा, ‘कांग्रेस एकजुट है और सभी 44 विधायक एक साथ हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq