ऑल्ट न्यूज़ वेबसाइट के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया

ऑल्ट न्यूज़ के एक अन्य सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने कहा कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मोहम्मद ज़ुबैर को 2020 में दर्ज एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन शाम को बताया गया कि उन्हें एक अन्य मामले में ​दर्ज एफ़आईआर के तहत गिरफ़्तार कर लिया गया है. सूत्रों ने बताया कि गिरफ़्तारी हिंदू धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से आहत करने के मामले में हुई है.

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ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर. (फोटो साभार: Twitter@zoo_bear)

ऑल्ट न्यूज़ के एक अन्य सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने कहा कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मोहम्मद ज़ुबैर को 2020 में दर्ज एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन शाम को बताया गया कि उन्हें एक अन्य मामले में ​दर्ज एफ़आईआर के तहत गिरफ़्तार कर लिया गया है. सूत्रों ने बताया कि गिरफ़्तारी हिंदू धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से आहत करने के मामले में हुई है.

ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर. (फोटो साभार: Twitter@zoo_bear)

नई दिल्ली: फैक्ट-चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ (AltNews) के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को सोमवार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तारी हिंदू धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से आहत करने के मामले में हुई है.

डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने गिरफ्तारी की पुष्टि की.

उन्होंने कहा, ‘आज पीएस-स्पेशल सेल में धारा 153ए/295ए आईपीसी के तहत दर्ज मामले की जांच के दौरान रिकॉर्ड पर पर्याप्त सबूत होने के बाद मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार कर लिया गया. मामले की जांच के उद्देश्य से उन्हें और रिमांड पर लेने के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जा रहा है.’

ऑल्ट न्यूज़ के एक अन्य सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आज सुबह मोहम्मद जुबैर को 2020 में दर्ज एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था. इस मामले में उन्हें हाईकोर्ट से पहले ही गिरफ्तारी से संरक्षण मिला हुआ था.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हालांकि शाम 6:45 बजे हमें बताया गया कि उन्हें एक अन्य एफआईआर के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसके लिए कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था, जो कि उन धाराओं के ​तहत जरूरी है, जिनके तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया है. इतना ही नहीं बार-बार आग्रह के बाद भी हमें एफआईआर कॉपी नहीं दी गई है.’

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान मामला ट्विटर पर हनुमान भक्त @balajikijaiin हैंडल द्वारा एक पोस्ट के आधार पर दर्ज किया गया है, जिसमें मोहम्मद जुबैर के एक ट्वीट को लेकर आपत्ति जताई गई है. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था, ‘2014 से पहले: हनीमून होटल और 2014 के बाद: हनुमान होटल.’

दिल्ली पुलिस के अनुसार, (ट्वीट में) एक तस्वीर दिखाई गई थी, जिसमें ‘हनीमून होटल’ के साइनबोर्ड को बदलकर ‘हनुमान होटल’ किया गया है. हनुमान भक्त @balajikijaiin ने ट्वीट किया, ‘हमारे भगवान हनुमान जी को हनीमून से जोड़ना हिंदुओं का सीधा अपमान है, क्योंकि वह ब्रह्मचारी हैं. कृपया इस आदमी के खिलाफ कार्रवाई करें.’

दिल्ली पुलिस ने कहा कि एक धार्मिक समुदाय के खिलाफ तस्वीर और शब्द वाला मोहम्मद जुबैर का यह पोस्ट अत्यधिक भड़काऊ है और जान-बूझकर कर किया गया है. यह लोगों के बीच नफरत को भड़काने के लिए पर्याप्त है और सार्वजनिक शांति बनाए रखने खिलाफ हो सकता है.

दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि मोहम्मद जुबैर के उस पोस्ट के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया है.

अधिकारी ने बताया कि जब दिल्ली पुलिस को एक ट्विटर हैंडल से सतर्क किया गया कि मोहम्मद जुबैर ने पहले भी आपत्तिजनक ट्वीट किए हैं और उनके समर्थक/सोशल मीडिया संस्थाओं ने बहसों/नफरत फैलाने वालों की एक पूरी शृंखला बना ली थी, तो उनकी जांच की गई और उनकी भूमिका को आपत्तिजनक पाया गया.

उन्होंने कहा कि मोहम्मद जुबैर सवालों से बचते रहे. न तो जांच के लिए जरूरी तकनीकी उपकरण मुहैया कराया और न ही जांच में सहयोग किया. जांच के दौरान, उनका आचरण संदिग्ध पाया गया. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें पुलिस रिमांड पर लेने के लिए अदालत के समक्ष पेश किया जा रहा है.

मालूम हो कि कुछ दिन पहले मोहम्मद जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के खैराबाद के एक पुलिस थाने में भी एक एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर उनके द्वारा किए गए उस ट्वीट के बाद दर्ज की गई है, जिसमें उन्होंने यति नरसिंहानंद, महंत बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को ‘घृणा फैलाने वाला’ कहा था.

रिपोर्ट के अनुसार, स्वयं को राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना का जिला प्रमुख बताने वाले भगवान शरण की सीतापुर के खैराबाद थाने में दी गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने जुबैर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए (किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए किया गया जान-बूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना) के तहत मामला दर्ज किया है.

27 मई को जुबैर ने लगातार कई ट्वीट करते हुए भारतीय समाचार टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाली प्राइम टाइम की बहस पर निशाना साधा था, जिनमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जारी विवाद के संबंध में कहा, ‘यह (टीवी समाचार चैनल) नफरत फैलाने वालों के लिए अन्य धर्मों के बारे में दूषित भाषा बोलने का मंच बन गया है.’