छत्तीसगढ़: कोर्ट ने कहा- क़ैदी को तय सज़ा से अधिक समय ज़ेल में रखने पर मुआवज़ा दे सरकार

छत्तीसगढ़ में बलात्कार के एक आरोपी को ट्रायल कोर्ट ने 12 साल क़ैद की सज़ा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने घटाकर सात साल कर दिया था. इसके बावजूद अपराधी को 10 साल 3 महीने तक ज़ेल में रखा गया. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने पर जेल अधीक्षक ने हाईकोर्ट के फ़ैसले पर अनभिज्ञता ज़ाहिर की, जिस पर अदालत ने राज्य सरकार पर जुर्माना लगाते हुए उसे अपने अधिकारी के इस कृत्य के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर ज़िम्मेदार माना

/
(इलस्ट्रेशन: परिप्लब चक्रवर्ती/द वायर)

छत्तीसगढ़ में बलात्कार के एक आरोपी को ट्रायल कोर्ट ने 12 साल क़ैद की सज़ा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने घटाकर सात साल कर दिया था. इसके बावजूद अपराधी को 10 साल 3 महीने तक ज़ेल में रखा गया. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने पर जेल अधीक्षक ने हाईकोर्ट के फ़ैसले पर अनभिज्ञता ज़ाहिर की, जिस पर अदालत ने राज्य सरकार पर जुर्माना लगाते हुए उसे अपने अधिकारी के इस कृत्य के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर ज़िम्मेदार माना.

(इलस्ट्रेशन: परिप्लब चक्रवर्ती/द वायर)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया है कि वह सजा की अवधि पूरी होने के बावजूद जेल में रखे जाने पर बलात्कार के एक दोषी को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा दे.

जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार ने रेखांकित किया कि याचिकाकर्ता युवा है और उसे लंबे समय तक तथा गैरकानूनी तरीके से मौलिक अधिकारों से वंचित रखा गया. इसके अलावा उसने अतिरिक्त अवैध हिरासत की वजह से मानसिक पीड़ा सही.

मामले पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने पाया कि व्यक्ति को सुनाई गई सजा से अधिक अवधि तक जेल में रखा गया. याचिकाकर्ता को 10 साल तीन महीने और 16 दिनों तक कारावास में रखा गया था.

भोला कुमार द्वारा दायर स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि किसी अपराधी को उसकी रिहाई की तारीख के बाद भी – कानून की मंजूरी के बिना – हिरासत में रखना संविधान के अनुच्छेद 19(डी) और 21 का उल्लंघन है.

कुमार के हिरासत प्रमाण-पत्र के अनुसार, उन्हें सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 10 साल 3 महीने हिरासत में रखा गया.

लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने अपने मई के एक फैसले में कहा, ‘जब एक सक्षम अदालत दोष सिद्ध होने पर एक आरोपी को सजा सुनाती है और अपील लगाने पर सजा संशोधित कर दी जाती है और फिर वह अपीलीय आदेश अंतिम बन जाता है तो दोषी को केवल उसी अवधि तक हिरासत में रखा जा सकता है, जो कि अपीलीय आदेश में कानूनी तौर पर कही गई है.’

केस के तथ्य

भोला कुमार बलात्कार के दोषी पाए गए थे और ट्रायल कोर्ट द्वारा उन्हें 12 साल जेल और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी.

19 जुलाई 2018 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उनकी यचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी दोषसिद्धि को कायम रख उनकी जेल की सजा को कम करके सात साल कर दिया था और उन्हें पीड़ित को 15,000 रुपये मुआवजा देने के निर्देश भी दिए थे.

कुमार की स्पेशल लीव पिटीशन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस किया कि वे सजा की अवधि से अधिक समय तक कैद में रहे हैं. इस पर शीर्ष अदालत ने अंबिकापुर केंद्रीय जेल के अधीक्षक को मामले में एक हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए.

अक्षीक्षक की ओर से बताया गया कि कुमार कुल 8 साल 2 महीने हिरासत में रहे थे, जिसमें ‘रिमिशन की अवधि’ (क्षमा या माफी की अवधि) शामिल नहीं है, वहीं पीड़ित को 15,000 रुपये मुआवजा नहीं देने की स्थिति में उन्हें एक अतिरिक्त साल जेल में बिताना पड़ा.

इसके अलावा, हलफनामे में कहा गया कि कुमार की सजा को कम करने वाले 2018 के हाईकोर्ट के आदेश से जेल अधिकारियों को सूचित नहीं किया गया था और इस साल मई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में जानने पर तत्काल कार्रवाई की गई थी.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सवाल उठाते हुए पूछा कि याचिकाकर्ता की सजा कम करने के हाईकोर्ट के 19/07/2018 के फैसले के बारे में प्रतिवादी अनभिज्ञता का दिखावा कैसे कर सकता है?

अपीलकर्ता को मुआवजा देने का फैसला करते हुए अदालत ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि वह (अपराधी) एक युवा हैं और लंबे समय तक उन्हें अवैध तरीके से स्वतंत्र घूमने से रोकना, मानसिक पीड़ा और दर्द देगा.

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘हम सोचते हैं कि राज्य सरकार द्वारा 7.5 लाख रुपये का मुआवजा देना उचित होगा, यह ध्यान में रखते हुए कि वह अपने अधिकारियों द्वारा किए गए कृत्य के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर जिम्मेदार है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq