राष्ट्रपति चुनाव: झामुमो के बाद सपा सहयोगी सुभासपा ने राजग प्रत्याशी मुर्मू को समर्थन दिया

सपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर स्पष्ट किया कि सपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन बरक़रार है और वह गठबंधन से अलग नहीं हो रहे हैं. सपा विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रही है. सिन्हा की सात जुलाई की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा द्वारा उन्हें आमंत्रित नहीं करने पर राजभर ने निराशा भी व्यक्त की है.

Lucknow: Sacked Uttar Pradesh minister Om Prakash Rajbhar talks to the media at his residence in Lucknow, Monday, May 20, 2019. (PTI Photo/Nand Kumar) (PTI5_20_2019_000028B)
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर. (फोटो: पीटीआई)

सपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर स्पष्ट किया कि सपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन बरक़रार है और वह गठबंधन से अलग नहीं हो रहे हैं. सपा विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रही है. सिन्हा की सात जुलाई की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा द्वारा उन्हें आमंत्रित नहीं करने पर राजभर ने निराशा भी व्यक्त की है.

Lucknow: Sacked Uttar Pradesh minister Om Prakash Rajbhar talks to the media at his residence in Lucknow, Monday, May 20, 2019. (PTI Photo/Nand Kumar) (PTI5_20_2019_000028B)
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ/रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) द्वारा राष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा नेतृत्व वाले राजग की उम्मीदवार और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के एक दिन बाद शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने उनका समर्थन करने की घोषणा कर दी है.

राजभर ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा कि पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों के साथ चर्चा करने के बाद यह निर्णय लिया गया.

राजभर, जिनकी पार्टी सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन में शामिल है, ने कहा कि उनकी पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रपति चुनाव में राजग की उम्मीदवार मुर्मू तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपील पर उनका (मुर्मू का) समर्थन करने का फैसला किया है.

सुभासपा प्रमुख ने स्पष्ट किया कि सपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन बरकरार है और वह गठबंधन से अलग नहीं हो रहे हैं.

राजभर ने कहा, ‘मैं अभी भी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में हूं. राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रही है.’

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मुर्मू ने खुद मुझे बताया कि वह समाज के सबसे निचले तबके से आती हैं, और उन्होंने मेरा समर्थन मांगा. इस संबंध में इसी तरह की अपील मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी. मैंने उनसे कहा था कि इस विषय पर पार्टी के विधायकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद निर्णय लिया जाएगा तथा इसके लिए 12 जुलाई की तारीख तय की गई थी.’

हालांकि, सपा के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना यादव का निधन हो जाने के कारण बैठक स्थगित कर दी गई थी.

राजभर ने कहा, ‘इस बीच मुझे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का फोन आया और उन्होंने खुद आदित्यनाथ और मुर्मू द्वारा की गई अपील को भी दोहराया. उन्होंने मुझे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने और पार्टी के फैसले के बारे में सूचित करने के लिए भी कहा.’

राजभर ने बताया कि जब पार्टी की बैठक इस विषय को उठाया गया, तब पार्टी के सभी नेताओं ने एकमत से कहा कि 18 जुलाई के राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू का समर्थन किया जाना चाहिए.

राजभर ने कहा, ‘हमारी पार्टी के छह विधायक द्रौपदी मुर्मू को वोट देंगे.’

विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की सात जुलाई की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा द्वारा उन्हें आमंत्रित नहीं करने पर निराशा व्यक्त करते हुए राजभर ने कहा, ‘अखिलेश जी ने न तो मेरी और न ही हमारी पार्टी के वोट की जरूरत समझी, लेकिन इसके बावजूद मैंने इंतजार किया.’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि, मुझे उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, और यूपी के मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय गृह मंत्री से मिलने के बाद पार्टी ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया.’

राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी गठबंधन के सहयोगियों से अलग रुख अख्तियार कर भाजपा विरोधी खेमे में दरार पैदा कर दी है.

सपा ने हालिया उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जयंत चौधरी के रालोद, ओपी राजभर के सुभासपा, अपना दल (कमेरावादी), केशव देव मौर्य के महान दल और संजय चौहान की जनवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था.

महान दल और जनवादी पार्टी पहले ही सपा से नाता तोड़ चुके हैं. इसके अलावा पिछले सप्ताह शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया ने भी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया था.

उल्लेखनीय है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ थी और राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद सत्ता में शामिल भी हुई थी, लेकिन बाद में पार्टी (सुभासपा) सरकार से अलग हो गई थी.

राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा और वोटों की गिनती 21 जुलाई को की जाएगी.

झामुमो ने मुर्मू का समर्थन करने की घोषणा की, भाजपा ने स्वागत किया

इससे पहले बीते गुरुवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को होने वाले मतदान से सिर्फ चार दिन पहले राजग की उम्मीदवार और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देने की घोषणा करके हफ्तों से जारी अटकलों का अंत कर दिया. राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस फैसले का स्वागत किया है.

झामुमो के इस निर्णय का भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने तत्काल स्वागत किया. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर पहली बार एक जनजातीय महिला को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है, जिसका समर्थन कर झामुमो ने उचित कदम उठाया है.

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी एवं पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने भी झामुमो के इस निर्णय का स्वागत किया है.

झामुमो नेतृत्व वाली राज्य सरकार में शामिल झारखंड कांग्रेस ने इसके पहले कहा था कि हर पार्टी अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा था कि झारखंड में गठबंधन सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए बना है, किसी अन्य मुद्दे पर नहीं.

कांग्रेस विपक्ष के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को समर्थन दिया है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों की ओर से संयुक्त उम्मीदवार के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा गया है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने बृहस्पतिवार को जारी बयान में स्पष्ट किया कि झामुमो आगामी राष्ट्रपति चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगा.

झामुमो की इस घोषणा से निश्चित तौर पर कांग्रेस और राजद के साथ राज्य में गठबंधन सरकार चला रहे झामुमो को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.

अपने बयान में शिबू सोरेन ने कहा, ‘आगामी राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड की पूर्व राज्यपाल एवं आदिवासी महिला श्रीमती द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार हैं. आजादी के बाद पहली बार किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त होने वाला है.’

शिबू सोरेन ने इस निर्णय के साथ अपने सभी सांसदों-विधायकों को द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान करने का निर्देश भी दिया है.

मुर्मू और सोरेन दोनों आदिवासी नेता हैं और संथाल जनजातीय समूह से ताल्लुक रखते हैं, जिसकी झारखंड के साथ-साथ पड़ोसी ओडिशा में भी बड़ी आबादी है.

बीते 12 जुलाई को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी घोषणा की थी कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी.

बीते जून महीने में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा की थी. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन के समय बसपा को परामर्श से दूर रखने के लिए पार्टी अध्यक्ष मायावती ने विपक्षी दलों की आलोचना भी की थी. उन्होंने जोर देकर कहा था कि बसपा राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है.

बसपा के अलावा वाईएसआर कांग्रेस ने भी राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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