असम: कथित राष्ट्र विरोधी कविता लिखने पर गिरफ़्तार छात्रा की रिहाई की मांग

19 वर्षीय बर्षाश्री बुरागोहेन को सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी कविता पोस्ट करने के आरोप में बीते 18 मई को असम के गोलाघाट ज़िले से गिरफ़्तार किया गया था. छात्रा ने कथित तौर पर उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) से जुड़ने की भी इच्छा ज़ाहिर की थी. कांग्रेस समेत विपक्ष दलों ने उनकी गिरफ़्तारी को लेकर असम सरकार की आलोचना की है. कांग्रेस ने सवाल किया कि उल्फा से माफ़ी मांगने वाले मंत्री संजय किशन और गायक ज़ुबीन गर्ग के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

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असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो: पीटीआई)

19 वर्षीय बर्षाश्री बुरागोहेन को सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी कविता पोस्ट करने के आरोप में बीते 18 मई को असम के गोलाघाट ज़िले से गिरफ़्तार किया गया था. छात्रा ने कथित तौर पर उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) से जुड़ने की भी इच्छा ज़ाहिर की थी. कांग्रेस समेत विपक्ष दलों ने उनकी गिरफ़्तारी को लेकर असम सरकार की आलोचना की है. कांग्रेस ने सवाल किया कि उल्फा से माफ़ी मांगने वाले मंत्री संजय किशन और गायक ज़ुबीन गर्ग के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो: पीटीआई)

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि कॉलेज की छात्रा बर्षाश्री बुरागोहेन को कथित तौर पर उल्फा (आई) में शामिल होने की इच्छा रखने के लिए गिरफ्तार किया गया है, न कि ‘राष्ट्र-विरोधी’ कविता लिखने के लिए. उनकी यह टिप्पणी छात्रा की रिहाई के लिए लोगों के विरोध के बीच आई है.

शर्मा ने कहा कि अगर उसके माता-पिता यह जिम्मेदारी लेते हैं कि वह आतंकवादी समूह में शामिल नहीं होगी, तो उसे रिहा कर दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘छात्रा ने एक राष्ट्रविरोधी कविता लिखी. मैंने आज सुबह भी लोगों को उससे बात करने के लिए भेजा. अगर उसके माता-पिता या कोई यह जिम्मेदारी लेता है कि वह उल्फा में शामिल नहीं होगी, तो उसे छोड़ दिया जाएगा.’

उन्होंने दावा किया कि अगर वह उल्फा (आई) में शामिल हो जाती है, तो वह ‘मानव बम’ के तौर पर लौटेगी और राज्य के आम लोगों की जान लेगी.

शर्मा ने कहा, ‘वह हमारी बेटी है. हम उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं. हम अब भी उससे बात कर रहे हैं. उसे परीक्षा देने दें और साक्षात्कार में शामिल होने दें. उल्फा में 42 युवकों की मौत हो चुकी है. अगर कोई उसे उल्फा में मौत की सजा दे तो क्या होगा?’

शर्मा ने कहा कि उसकी काउंसलिंग चल रही है, लेकिन ‘कुछ बुद्धिजीवी’ पूरे घटनाक्रम को एक अलग रंग देने की कोशिश कर रहे हैं.

19 वर्षीय बुरागोहेन को सोशल मीडिया पर ‘अकोउ कोरिम राष्ट्र द्रोह’ (राष्ट्र के खिलाफ फिर विद्रोह करेंगे) शीर्षक से एक कविता पोस्ट करने के आरोप में बीते 18 मई को गोलाघाट जिले के उरियामघाट से गिरफ्तार किया गया था.

कांग्रेस ने सवाल किया कि उल्फा के बारे में सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने वाले मंत्री संजय किशन और गायक जुबीन गर्ग के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

कांग्रेस विधायक ​शिवमणि बोरा ने संवाददाताओं से कहा, ‘क्या अलग-अलग लोगों के लिए कानून अलग है? मंत्री संजय किशन ने उल्फा से माफी मांगी थी. गायक जुबीन गर्ग ने कहा था कि अगर सीएए बनाया जाता है तो वह उल्फा में शामिल हो जाएंगे. उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?’

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, राज्यसभा सांसद अजीत कुमार भुइयां ने कहा कि बुरागोहेन की गिरफ्तारी फासीवाद का नतीजा है. आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) प्रमुख भुइयां ने कहा, ‘उन्हें सिर्फ एक कविता लिखने के लिए गिरफ्तार किया गया. यह दर्शाता है कि कोई लोकतंत्र नहीं है, असम में केवल निरंकुशता चल रही है.’

रायजोर दल के कार्यकारी अध्यक्ष कबिंद्र चेतिया फुकन ने बुरागोहेन के माता-पिता से मुलाकात की और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की.

प्रभावशाली ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने भी छात्रा की रिहाई की मांग की और दावा किया कि उसकी गिरफ्तारी को सही ठहराने के लिए एक ‘मनगढ़ंत कहानी’ सुनाई जा रही है.

आसू अध्यक्ष दीपंका कुमार नाथ ने कहा, ‘हम उसकी गिरफ्तारी को स्वीकार नहीं कर सकते. आजादी से पहले से लोग क्रांतिकारी विचार व्यक्त कर रहे हैं. यह एक सार्वजनिक पोस्ट थी, सिर्फ एक फेसबुक कविता थी. उसे देशद्रोही कैसे कहा जा सकता है?’

कृषक मुक्ति संग्राम समिति और जीपल कृषक श्रमिक संघ उन कई संगठनों में शामिल हैं, जिन्होंने छात्रा की रिहाई की मांग की है.

इस बीच, गोलाघाट जिला सत्र न्यायालय ने बुरागोहेन को उनकी सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए उपस्थित होने की अनुमति दे दी, जो 16 जुलाई से शुरू हो रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)