पिछले तीन वर्ष में 3.92 लाख भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी: सरकार

केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 से 2021 के दौरान नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या 3,92,643 थी. इसमें वर्ष 2019 में 1,44,017 भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी, जबकि 2020 में 85,256 और वर्ष 2021 में 1,63,370 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी थी.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 से 2021 के दौरान नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या 3,92,643 थी. इसमें वर्ष 2019 में 1,44,017 भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी, जबकि 2020 में 85,256 और वर्ष 2021 में 1,63,370 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी थी.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि पिछले तीन वर्ष में 3,92,643 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी तथा सबसे अधिक भारतीयों को अमेरिका ने नागरिकता दी.

लोकसभा में हाजी फजलुर रहमान के प्रश्न के लिखित उत्तर के साथ गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. सदस्य ने वर्ष 2019 से चालू वर्ष के दौरान नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों के बारे में जानकारी मांगी थी.

राय द्वारा निचले सदन में पेश आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 से 2021 के दौरान नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या 3,92,643 थी. इसमें वर्ष 2019 में 1,44,017 भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी, जबकि 2020 में 85,256 भारतीयों और वर्ष 2021 में 1,63,370 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 से 2021 के बीच 1,70,795 भारतीयों को अमेरिका ने नागरिकता दी. इसमें वर्ष 2019 में 61,683 भारतीयों, वर्ष 2020 में 30,828 भारतीयों तथा वर्ष 2021 में 78,284 भारतीयों को अमेरिका ने नागरिकता दी.

इसमें बताया गया है कि ऑस्ट्रेलिया में पिछले तीन वर्षों में 58,391 भारतीयों, कनाडा में 64,071 भारतीयों, ब्रिटेन में 35,435 भारतीयों, जर्मनी में 6,690 भारतीयों, इटली में 12,131 भारतीयों, न्यूजीलैंड में 8,882 भारतीयों तथा पाकिस्तान में 48 भारतीयों को नागरिकता मिली.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, वास्तव में केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2015 से सितंबर 2021 तक 9 लाख से अधिक लोगों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है.

2021 में अपनी नागरिकता छोड़ने वाले 1.63 लाख लोगों में से 78,284 अमेरिका गए, जबकि 2020 में 30,828 और 2019 में ये संख्या 61,683 थी.

कनाडा ने 21,000 से अधिक भारतीयों को नागरिकता दी. ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया भी शीर्ष 5 गंतव्यों में शामिल हैं, जिसमें 23,533 भारतीयों ने ऑस्ट्रेलिया को चुना और 14,637 ने ब्रिटेन को चुना.

2021 में अन्य शीर्ष गंतव्य इटली (5,987), न्यूजीलैंड (2,643) और सिंगापुर (2,516) थे.

इस बीच, स्पेन में लगभग 1,600 भारतीयों ने आवेदन किया और नागरिकता हासिल की. वहीं, पड़ोसी पुर्तगाल ने 700 से अधिक भारतीयों को नागरिकता दी.

यहां तक ​​कि एनआरआई भी अपना भारतीय पासपोर्ट छोड़ रहे हैं. पाकिस्तान में स्थित 41 भारतीय नागरिकों ने 2021 में अपनी नागरिकता छोड़ दी, 2020 में ऐसे लोगों की संख्या सिर्फ 7 थी. वहीं, संयुक्त अरब अमीरात यूएई में रहने वाले 326 लोगों ने अपने भारतीय नागरिकता त्याग दी.

कुल मिलाकर, 9,32,276 भारतीयों ने 2015 और 2021 के बीच अन्य देशों के पक्ष में अपनी नागरिकता का त्याग किया. 2015 में 1,31,489, साल 2016 में 1,41,603, 2017 में 1,33,049 और 2018 में 1,34,561 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी थी.

अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ने वालों ने अपने गृह देश को छोड़ने के लिए व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया. भारतीय कानून दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देते हैं.

वहीं, 2016 और 2020 के बीच भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले 10,645 विदेशी नागरिकों में से – पाकिस्तान से 7,782 और अफगानिस्तान से 795 थे. इनमें से 4,177 लोगों को सरकार द्वारा भारतीय नागरिकता प्रदान की गई.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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