राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: ‘सूरारई पोटरु’ सर्वश्रेष्ठ फिल्म, अजय और सूर्या सर्वश्रेष्ठ एक्टर

एयर डेक्कन के संस्थापक कैप्टन जीआर गोपीनाथ के जीवन से प्रेरित तमिल भाषा की फिल्म ‘सूरारई पोटरु’ के लिए अपर्णा बालमुरली को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. शालिनी उषा नायर और निर्देशक सुधा कोंगारा को सर्वश्रेष्ठ पटकथा का पुरस्कार मिला, जबकि सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन का पुरस्कार जीवी प्रकाश कुमार ने अपने नाम किया. सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय मनोरंजक फिल्म के अलावा ओम राउत की फिल्म ‘तान्हाजी’ के लिए नचिकेत बर्वे और महेश शेरला ने सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर का पुरस्कार भी जीता.

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सूरारई पोटरु और तान्हाजी फिल्म का पोस्टर. (फोटो साभारः फेसबुक)

एयर डेक्कन के संस्थापक कैप्टन जीआर गोपीनाथ के जीवन से प्रेरित तमिल भाषा की फिल्म ‘सूरारई पोटरु’ के लिए अपर्णा बालमुरली को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. शालिनी उषा नायर और निर्देशक सुधा कोंगारा को सर्वश्रेष्ठ पटकथा का पुरस्कार मिला, जबकि सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन का पुरस्कार जीवी प्रकाश कुमार ने अपने नाम किया. सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय मनोरंजक फिल्म के अलावा ओम राउत की फिल्म ‘तान्हाजी’ के लिए नचिकेत बर्वे और महेश शेरला ने सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर का पुरस्कार भी जीता.

सूरारई पोटरु और तान्हाजी फिल्म का पोस्टर. (फोटो साभारः फेसबुक)

नई दिल्ली: शुक्रवार को 2020 के लिए घोषित 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में तमिल भाषा की ‘सूरारई पोटरु’ ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, सर्वश्रेष्ठ पटकथा और सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए पांच पुरस्कार अपने नाम कर लिया.

एयर डेक्कन के संस्थापक कैप्टन जीआर गोपीनाथ के जीवन से प्रेरित इस फिल्म के लिए अपर्णा बालमुरली को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला. शालिनी उषा नायर और निर्देशक सुधा कोंगारा को सर्वश्रेष्ठ पटकथा का पुरस्कार मिला, जबकि सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन (बैकग्राउंड स्कोर) का पुरस्कार जीवी प्रकाश कुमार ने अपने नाम किया.

अजय देवगन की मुख्य भूमिका वाली ‘तान्हाजी: द अनसंग वारियर’ ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय मनोरंजक फिल्म का पुरस्कार जीता.

ओम राउत द्वारा निर्देशित ‘तान्हाजी’ छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना के सेनापति तानाजी मालुसारे के जीवन पर आधारित है. 17वीं शताब्दी पर आधारित फिल्म के लिए नचिकेत बर्वे और महेश शेरला ने सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइनर का पुरस्कार भी जीता.

देवगन ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार सूर्या के साथ साझा किया. सूर्या को ‘सूरारई पोटरु’ के लिए यह पुरस्कार दिया गया.

बॉलीवुड अभिनेता देवगन को इससे पहले ‘जख्म’ (1998) और ‘द लीजेंड ऑफ भगत सिंह’ (2002) में उनकी दमदार भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है. अभिनेता ने कहा कि वह तीसरी बार यह पुरस्कार मिलने से बेहद प्रसन्न हैं.

देवगन ने एक बयान में कहा, ‘मैं 68वें राष्ट्रीय पुरस्कार में सूर्या के साथ सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीतने को लेकर उत्साहित हूं. मैं सभी का शुक्रिया अदा करता हूं, विशेषकर अपनी रचनात्मक टीम, दर्शकों और अपने प्रशंसकों का. मैं अपने माता-पिता और ईश्वर के आशीर्वाद के लिए उनका भी आभार व्यक्त करता हूं. अन्य सभी विजेताओं को बधाई.’

‘तान्हाजी’ से निर्देशन में कदम रखने वाले राउत ने एक बयान में कहा, ‘एक फिल्म किसी एक व्यक्ति नहीं बल्कि इसकी पूरी टीम के प्रयासों का नतीजा होती है. यह पुरस्कार उस प्रत्येक व्यक्ति के लिए है, जिसने तान्हाजी के लिए काम किया. मुझे खुशी है कि हमारी फिल्म को व्यावसायिक सफलता और सराहना मिली.’

दिवंगत मलयालम फिल्मकार सच्चिदानंदन केआर को ‘एके अयप्पनम कोशियम’ के लिए मरणोपरांत सर्वश्रेष्ठ निर्देशक घोषित किया गया. फिल्म के लिए बीजू मेनन ने सर्वश्रेष्ठ सह कलाकार का पुरस्कार जीता.

इसी फिल्म को सर्वश्रेष्ठ एक्शन निर्देशन (स्टंट कोरियोग्राफी) का भी पुरस्कार दिया गया. साथ ही ननचम्मा को सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का पुरस्कार दिया गया.

मराठी फिल्म ‘मी वसंतराव’ के लिए राहुल देशपांडे को सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का पुरस्कार दिया गया.

तमिल फिल्म ‘शिवरंजनियम इन्नम सिला पेंगाल्लम’ के लिए तमिल कलाकार लक्ष्मी प्रिया चंद्रमौली को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया. इसी फिल्म के लिए श्रीकर प्रसाद को सर्वश्रेष्ठ संपादन का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया.

सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार मृदुल तुलसीदास द्वारा निर्देशित ‘तुलसीदास जूनियर’ को दिया गया. आशुतोष गोवारिकर के बैनर तले बनी इस फिल्म में दिवंगत कलाकार राजीव कपूर आखिरी बार पर्दे पर दिखे. इस फिल्म के लिए बाल कलाकार वरुण बुद्धदेव को ‘स्पेशल जूरी मेंशन’ पुरस्कार दिया गया.

संगीत श्रेणी में थमन एस. ने अल्लू अर्जुन की तेलुगू हिट ‘अला वैकुंठपुरमुलु’ के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन (गीत) का पुरस्कार जीता, जबकि हिंदी फिल्म ‘साइना’ के लिए मनोज मुंतशिर को सर्वश्रेष्ठ गीतकार का पुरस्कार दिया गया.

निर्देशक-संगीतकार विशाल भारद्वाज ने फिल्मकार विनोद कापड़ी की फिल्म ‘1232 किलोमीटर’ के गीत ‘मरेंगे तो वहीं जाकर’ के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन का पुरस्कार जीता. ‘1232 किलोमीटर’ एक वृत्तचित्र है, जो कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों के पलायन के बारे में है. कापड़ी ने कहा कि भारद्वाज और अनुभवी गीतकार गुलजार ‘फिल्म की आत्मा’ हैं.

तेलुगू फिल्म ‘नाट्यम’ ने सर्वश्रेष्ठ मेकअप कलाकार (टीवी रामबाबू) और सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी (संध्या राजू) का पुरस्कार जीता.

फिल्म निर्माता मैडोन अश्विन ने अपनी तमिल फिल्म ‘मंडेला’ के लिए एक निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार जीता. इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट डायलॉग राइटर का पुरस्कार भी दिया गया था.

बंगाली फिल्म अविजात्रिक के लिए सर्वश्रेष्ठ छायांकन का पुरस्कार सुप्रतिम भोल को दिया गया.

10 साल के शोध और सिनेमा आइकन देविका रानी द्वारा लिखे गए 400 पत्रों पर आधारित लेखक किश्वर देसाई की ‘द लॉन्गेस्ट किस’ को सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक का पुरस्कार मिला.

राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए 10 सदस्यीय जूरी की अध्यक्षता हिंदी फिल्मकार विपुल शाह ने की. जूरी के सदस्य धरम गुलाटी ने पुरस्कारों की घोषणा की.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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