दिल्ली में मंकीपॉक्स का मामला सामने आया, भारत में रोगियों की संख्या चार हुई

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बीते 23 जुलाई को मंकीपॉक्स को चिंताजनक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था. वैश्विक स्तर पर 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और इसके कारण अभी तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है.

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(फोटो: रॉयटर्स)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बीते 23 जुलाई को मंकीपॉक्स को चिंताजनक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था. वैश्विक स्तर पर 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और इसके कारण अभी तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है.

(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: दिल्ली में एक 34 वर्षीय व्यक्ति के मंकीपॉक्स से संक्रमित पाए जाने के बाद भारत में इसके रोगियों की कुल संख्या बढ़कर चार हो गई. सरकार ने रविवार को यह जानकारी दी.

इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है, स्थिति नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि मरीज की हालत स्थिर है और वह ठीक हो रहा है.

इससे पहले केरल में मंकीपॉक्स के तीन मामले सामने आए थे.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संक्रमित पाए गए व्यक्ति ने हाल में हिमाचल प्रदेश के मनाली में एक पार्टी में हिस्सा लिया था.

पश्चिमी दिल्ली के रहने वाले इस व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद उसे करीब तीन दिन पहले यहां लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में क्वारंटीन (पृथक) कर दिया गया था.

अधिकारियों के अनुसार, अब तक रोगियों के संपर्क में आए उसके परिवार के सदस्यों सहित नौ लोगों को क्वारंटीन किया जा चुका है और उनकी निगरानी की जा रही है. फिलहाल उनमें संक्रमण के लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि उसके नमूने शनिवार (23 जुलाई) को राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) पुणे भेजे गए थे और उनमें संक्रमण की पुष्टि हुई.

उन्होंने कहा, ‘रोगी का फिलहाल लोक नायक अस्पताल के निर्धारित क्वारंटीन सेंटर में इलाज किया जा रहा है. रोगी के संपर्क में आए लोगों की पहचान कर ली गई है और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार उन्हें क्वारंटीन किया गया है.’

अधिकारियों ने कहा, ‘संक्रमण के स्रोत को जानने, रोगी के संपर्क में आए लोगों का तेजी से पता लगाने, जांच को लेकर संवेदनशीलता पैदा करने जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों पर काम किया जा रहा है.’

इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल (एलएनजेपी) में मंकीपॉक्स से पीड़ित मरीजों के लिए क्वारंटीन वार्ड बनाया गया है.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘मरीज की हालत स्थिर है और वह ठीक हो रहा है. घबराने की जरूरत नहीं है. स्थिति नियंत्रण में है. हमने एलएनजेपी में एक क्वारंटीन वार्ड बनाया है. हमारी सबसे अच्छी टीम इस संक्रमण को फैलने से रोकने और दिल्लीवासियों की सुरक्षा में जुटी है.’

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बीते 23 जुलाई को मंकीपॉक्स को चिंताजनक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था.

वैश्विक स्तर पर 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और इसके कारण अभी तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है.

डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में भारत के अलावा थाईलैंड में एक मामला सामने आया है.

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) अतुल गोयल ने रविवार को देश में मंकीपॉक्स की स्थिति की समीक्षा की और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र को मामलों की विस्तृत महामारी विज्ञान जांच करने का निर्देश दिया.

बैठक में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) ने पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों जैसे उच्च जोखिम वाले समूहों पर नजर रखने की आवश्यकता का जिक्र किया.

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि चूंकि एनएसीओ एक नोडल एजेंसी है जो एचआईवी के प्रसार को रोकने और यौन संचारित रोगों व प्रजनन अंगों के संक्रमण को नियंत्रित करने की दिशा में काम करती है, इसलिए इसे मंकीपॉक्स के उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दिया गया है.

बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि स्वास्थ्य केंद्र उन लोगों पर नजर रखें, जिन्होंने चकत्ते होने की शिकायत की है. इसके अलावा उन लोगों की निगरानी करने को भी कहा गया है, जिन्होंने बीते 21 दिन में उस देश की यात्रा की है, जहां मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि हुई है या इसके संदिग्ध मामले सामने आए हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले सप्ताह देश में वायरस के मामले सामने आने के बाद भारत आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया की समीक्षा की थी.

हवाई अड्डे तथा बंदरगाह स्वास्थ्य अधिकारियों और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालयों के निदेशकों को देश में मंकीपॉक्स के मामलों के जोखिम को कम करने के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कड़ी जांच सुनिश्चित करने की सलाह दी गई थी.

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स एक पशु जनित वायरल है, जो पशुओं से मनुष्यों में फैलता है. इसमें चेचक के समान लक्षण दिखाई देते हैं. यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है.

मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, दाने आदि के साथ प्रकट होता है और कई प्रकार की चिकित्सा जटिलताओं को जन्म दे सकता है. इसके लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक दिखाई देते हैं.

विशेषज्ञों ने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह कम संक्रामक है और इससे मौत की आशंका बेहद कम होती है.

मंकीपॉक्स संक्रमित जानवर के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आने से मनुष्यों में फैलता हैं. एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में यह संक्रमण संक्रमित की त्वचा और श्वास छोड़ते समय नाक या मुंह से निकलने वाली छोटी बूंदों के संपर्क में आने से फैलता है.

विशेषज्ञों के अनुसार, मंकीपॉक्स को कड़ी निगरानी के जरिये प्रभावी रूप से रोका जा सकता है. संक्रमित व्यक्तियों को क्वारंटीन करके और उनके संपर्क में आए लोगों को अलग करके संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाई जा सकती है. साथ ही उन्होंने रेखांकित किया कि कमजोर रोग प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों की अधिक देखभाल करने की जरूरत है.

पुणे में स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआई‍वी) की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा यादव ने कहा कि मंकीपॉक्स वायरस दोहरे डीएनए स्वरूप वाला वायरस है, जिसमें दो अलग-अलग आनुवंशिक स्वरूप होते हैं. इनमें से एक स्वरूप मध्य अफ्रीकी (कांगो बेसिन) है और एक पश्चिम अफ्रीकी है.

उन्होंने कहा, ‘हाल में जिस प्रकोप ने कई देशों को प्रभावित कर चिंता में डाल दिया है, उसके पीछे पश्चिमी स्वरूप है, जिसे पहले सामने आए कांगो स्वरूप से कम गंभीर बताया जा रहा है.’

इस बीच केंद्र ने दिल्ली के 34 वर्षीय व्यक्ति के संक्रमित पाए जाने के बाद रविवार को एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. उक्त व्यक्ति का विदेश यात्रा का कोई इतिहास नहीं है.

सूत्रों ने कहा कि बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने की और इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

मंकीपॉक्स को लेकर जनस्वास्थ्य से जुड़े कदम, सतर्कता बढ़ाएं: डब्ल्यूएचओ

दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक ने सदस्य देशों से मंकीपॉक्स से निपटने के लिए सतर्कता बढ़ाने और जन स्वास्थ्य से जुड़े कदमों को मजबूत करने का रविवार को आह्वान किया.

क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि मंकीपॉक्स तेजी से और कई ऐसे देशों में फैल रहा है, जहां पहले इसके मामले सामने नहीं आए थे, जो बड़ी चिंता का कारण है.

उन्होंने कहा, ‘संक्रमण के मामले ज्यादातर उन पुरुषों में पाए गए हैं, जिन्होंने पुरुषों के साथ संबंध बनाए. ऐसे में उस आबादी पर केंद्रित प्रयास करके बीमारी को और फैलने से रोका जा सकता है, जिनमें संक्रमण का खतरा अधिक है.’

क्षेत्रीय निदेशक ने कहा, ‘महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे प्रयास और कदम संवेदनशील तथा भेदभाव रहित होने चाहिए.’

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ए. घेब्रेयसस ने शनिवार को कहा कि 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रसार होना एक ‘असाधारण’ हालात है और यह अब वैश्विक आपात स्थिति है.

डॉ सिंह ने कहा, ‘हालांकि वैश्विक स्तर पर और क्षेत्र में मंकीपॉक्स का जोखिम मध्यम है, लेकिन इसके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलने का खतरा वास्तविक है. इसके अलावा वायरस के बारे में अब भी कई बातों का पता नहीं चल पाया है. हमें मंकीपॉक्स को और फैलने से रोकने के लिए सतर्क रहने और तेजी से कदम उठाने को तैयार रहने की जरूरत है.’

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