मणिपुर: एनआईए पर संपादक का उत्पीड़न करने का आरोप, पत्रकारों ने विरोध जताया

आरोप है कि एनआईए ने सांध्य दैनिक ‘कांगलीपक्की मीरा’ के प्रधान संपादक डब्ल्यू. श्यामजई को दो अगस्त को अपने कार्यालय में तलब किया था. दोपहर तक बिना बातचीत किए उन्हें एक छोटे से कमरे में रखा गया और फिर उनसे भूमिगत समूहों के बारे में ‘अनर्गल’ सवाल किए गए.

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पत्रकारों ने एनआईए पर वरिष्ठ संपादक डब्ल्यू श्यामजई का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और काम बंद रखा. (फोटो साभारा: ट्विटर/@iju_india)

आरोप है कि एनआईए ने सांध्य दैनिक ‘कांगलीपक्की मीरा’ के प्रधान संपादक डब्ल्यू. श्यामजई को दो अगस्त को अपने कार्यालय में तलब किया था. दोपहर तक बिना बातचीत किए उन्हें एक छोटे से कमरे में रखा गया और फिर उनसे भूमिगत समूहों के बारे में ‘अनर्गल’ सवाल किए गए.

पत्रकारों ने एनआईए पर वरिष्ठ संपादक डब्ल्यू. श्यामजई का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और काम बंद रखा. (फोटो साभारा: ट्विटर/@iju_india)

इंफाल: मणिपुर की राजधानी इंफाल में बृहस्पतिवार को पत्रकारों ने राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) पर वरिष्ठ संपादक डब्ल्यू. श्यामजई का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और काम बंद रखा.

ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (एएमडब्ल्यूजेयू), एडिटर्स गिल्ड मणिपुर (ईजीएम) और मणिपुर हिल जर्नलिस्ट्स यूनियन (एमएचजेयू) के सदस्यों ने सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक केसम्पत इलाके में धरना दिया.

इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन (आईजेयू) ने कहा कि सांध्य दैनिक ‘कांगलीपक्की मीरा’ के प्रधान संपादक श्यामजई को एनआईए ने दो अगस्त को सुबह 10 बजे अपने कार्यालय में तलब किया था.

आईजेयू ने अपने बयान में आरोप लगाया कि एएमडब्ल्यूजेयू के अध्यक्ष श्यामजई को दोपहर तक बिना बातचीत किए एक छोटे से कमरे में रखा गया और फिर उनसे भूमिगत समूहों के बारे में ‘अनर्गल’ सवाल किए गए.

बयान में यह भी कहा गया कि पूछताछ शाम पांच बजे तक चली और श्यामजई के अनुसार उन्हें अगले दिन एनआईए अधिकारियों ने फिर धमकाया.

‘उत्पीड़न’ के विरोध में प्रदर्शन करते हुए प्रेस संगठनों ने राज्यपाल ला गणेशन और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को एक ज्ञापन सौंपा. उन्होंने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि पत्रकारों को और परेशान न किया जाए.

अरुणाचल टाइम्स के मुताबिक, ज्ञापन में पत्रकार पर कार्रवाई की निंदा की और मांग की कि मीडिया को तब तक परेशान नहीं किया जाए, जब तक कि किसी भी संलिप्तता का सबूत न हो.

आईजेयू ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘श्यामजई को आश्चर्य हुआ कि एक छोटे से कमरे में बिना किसी बातचीत के उन्हें रखा गया. एक अधिकारी द्वारा दोपहर के आसपास उनसे पूछताछ शुरू नहीं की गई. भूमिगत समूहों के संबंध में एक दूसरे कमरे में उनसे असहज प्रश्न किए गए. पूछताछ शाम 5 बजे तक चली और श्यामजई के अनुसार, अगले दिन एनआईए के अधिकारियों ने उन्हें धमकाया था.’

एक बयान में, आईजेयू के अध्यक्ष गीतार्थ पाठक और महासचिव सबीना इंद्रजीत ने कहा कि एएमडब्ल्यूजेयू के अध्यक्ष का ऐसा उत्पीड़न किसी भी लोकतांत्रिक समाज में अस्वीकार्य है.

मीडिया संगठनों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए आईजेयू ने कहा कि एनआईए की कार्रवाई मीडिया के कामकाज और इसकी स्वतंत्रता के लिए एक बड़ी चुनौती है. हमने मणिपुर के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से इस मामले को देखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करने का आग्रह किया है कि भविष्य में एनआईए या किसी अन्य जांच एजेंसी द्वारा मीडिया को और परेशान न किया जाए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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