भाजपा संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति से नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान बाहर

भाजपा का संसदीय बोर्ड पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई है, जबकि केंद्रीय चुनाव समिति की भूमिका चुनावों में टिकट बंटवारे की होती है. चुनाव समिति से केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज़ हुसैन को भी हटाया गया है.

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भाजपा का संसदीय बोर्ड पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई है, जबकि केंद्रीय चुनाव समिति की भूमिका चुनावों में टिकट बंटवारे की होती है. चुनाव समिति से केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज़ हुसैन को भी हटाया गया है.

(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को अपनी सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई संसदीय बोर्ड और चुनावी टिकटों के बंटवारे के लिहाज से सबसे अहम केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन किया और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इनसे हटा दिया.

संसदीय बोर्ड में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल सहित छह नए चेहरों को इसमें शामिल किया गया.

पार्टी की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, राज्यसभा सदस्य व पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, पूर्व सांसद सुधा यादव और वरिष्ठ दलित नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया को संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाया गया है.

पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संगठन महामंत्री बीएल संतोष पहले से ही संसदीय बोर्ड के सदस्य हैं. संतोष संसदीय बोर्ड के सचिव हैं.

चौहान एकमात्र मुख्यमंत्री हैं जो लंबे समय से संसदीय बोर्ड के सदस्य थे. शाह जब 2014 में भाजपा के अध्यक्ष बने थे तब उन्होंने चौहान को संसदीय बोर्ड में जगह दी थी. इसके बाद वह नड्डा की टीम में भी संसदीय बोर्ड के सदस्य बने रहे.

संसदीय बोर्ड के पुनर्गठन में भाजपा ने सामाजिक और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व का भी ध्यान रखा है. भाजपा संसदीय बोर्ड में जगह बनाने वाले लालपुरा पहले सिख नेता हैं. वह इसमें अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व करेंगे. सोनोवाल पूर्वोत्तर भारत से ताल्लुक रखने वाले पहले नेता हैं, जिन्हें भाजपा संसदीय बोर्ड में जगह दी गई है.

महिलाओं के प्रतिनिधि के तौर पर सुधा यादव को इसमें शामिल किया गया है जबकि के. लक्ष्मण ओबीसी समुदाय से आते हैं और वह तेलंगाना से ताल्लुक रखते हैं.

गौरतलब है कि भाजपा में संसदीय बोर्ड पार्टी की सर्वोच्च इकाई होती है और मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष व अन्य महत्वपूर्ण भूमिकाओं पर फैसला लेता है.

भाजपा ने केंद्रीय चुनाव समिति से जिन नेताओं को हटाया है उनमें गडकरी और चौहान के अलावा केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन शामिल हैं.

नई केंद्रीय चुनाव समिति में संसदीय बोर्ड के सभी 11 सदस्यों के अलावा केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ओम माथुर को जगह दी गई है.

पार्टी की महिला मोर्चा की अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन केंद्रीय चुनाव समिति की पदेन सदस्य बनी रहेंगी. इस तरह चुनाव समिति में कुल 15 सदस्य हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)