जाति व्यवस्था को पूरी तरह से ख़त्म करने की नीति ज़रूरी: मीरा कुमार

राजस्थान में कथित रूप से पानी का मटका छूने को लेकर शिक्षक की पिटाई के बाद एक दलित छात्र की मौत को लेकर जारी आक्रोश के बीच कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार ने एक साक्षात्कार में जाति प्रथा को पूरी तरह से ख़त्म करने और पूर्वाग्रह के ख़िलाफ़ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने पर ज़ोर दिया.

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लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार. (फोटो: पीटीआई)

राजस्थान में कथित रूप से पानी का मटका छूने को लेकर शिक्षक की पिटाई के बाद एक दलित छात्र की मौत को लेकर जारी आक्रोश के बीच कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार ने एक साक्षात्कार में जाति प्रथा को पूरी तरह से ख़त्म करने और पूर्वाग्रह के ख़िलाफ़ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने पर ज़ोर दिया.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता मीरा कुमार. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राजस्थान में कथित रूप से पानी का मटका छूने को लेकर एक शिक्षक की पिटाई के बाद एक दलित छात्र की मौत को लेकर जारी आक्रोश के बीच कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार ने रविवार को जाति प्रथा को एक ‘बीमारी’ करार दिया.

उन्होंने जाति प्रथा को पूरी तरह से खत्म करने और पूर्वाग्रह के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने पर जोर दिया.

समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए साक्षात्कार में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि जाति आधारित अत्याचार की घटनाओं को लेकर इस बात में नहीं उलझना चाहिए कि यह किसके शासन में हुई या कौन-सा राजनीतिक दल इसके लिए जिम्मेदार है, क्योंकि इससे मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकता है कि जाति व्यवस्था समाप्त की जानी चाहिए.

मीरा कुमार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जाति प्रथा न तो कमजोर हुई है और न ही समाप्त हुई है. उनकी यह टिप्पणी 20 जुलाई को राजस्थान के जालौर जिले के एक स्कूल में कथित रूप से पानी का मटके छूने को लेकर एक शिक्षक द्वारा दलित छात्र इंद्र कुमार (9) की पिटाई किए जाने के कुछ दिनों बाद आई है.

बीते 13 अगस्त को अहमदाबाद के एक अस्पताल में इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई थी. आरोपी शिक्षक छैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है.

राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस दलित छात्र की मौत को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही है.

यह पूछे जाने पर कि क्या दलितों पर अत्याचार रोकने के मामले में कांग्रेस सरकार की तरफ से कोई कमी है, मीरा कुमार ने कहा, ‘मुझसे हर कोई इस बारे में पूछता है. ऐसा नहीं है कि मैं किसी का बचाव कर रही हूं या किसी पर आरोप लगा रही हूं. मैं सिर्फ इतना कहना चाहती हूं कि हां, राजनीतिक वर्ग कुछ हद तक जिम्मेदार है, लेकिन यह मुद्दा सामाजिक है और राजनीति समाज का प्रतिबिंब है.’

उन्होंने कहा, ‘यह कहना कि शासन विशेष या पार्टी विशेष इसके लिए जिम्मेदार है और यह इस राज्य में हुआ है, ये आंकड़े हैं, अन्य राज्यों में आंकड़े अलग हैं, क्योंकि वहां अलग पार्टी की हुकूमत है, हमें वास्तव में इस सब में नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि इससे मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकता है.’

मीरा कुमार ने कहा कि लोग जब राजनीतिक कोण के बारे में बात करना शुरू कर देते हैं तो इससे मुद्दे की अहमियत घट जाती है.

उन्होंने कहा कि हर बार जब कोई अत्याचार होता है तो वह इस बहस में उलझकर रह जाता है कि गलती किसकी है. जाति प्रथा के उन्मूलन पर आगे बढ़ने के तरीकों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि सामाजिक इच्छाशक्ति बेहद जरूरी है.

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘समाज को आगे आना चाहिए. धर्म इस समस्या की जड़ है तो धर्मगुरु क्या कह रहे हैं. युवा हमेशा बदलाव चाहते हैं, उन्हें आगे आना चाहिए. महिलाएं, जो मां हैं, बच्चे के जन्म के समय से ही उसके दृष्टिकोण को आकार देने में उनकी प्रमुख भूमिका होती है.’

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कुमार ने कहा कि जाति, धर्म, रंग, आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर पूर्वाग्रह को दूर करने की जरूरत है. उन्होंने हाल ही में ट्वीट कर याद किया था कि 100 साल पहले उनके पिता बाबू जगजीवन राम को सवर्ण हिंदुओं ने स्कूल में घड़े से पानी पीने से मना किया गया था.

मीरा कुमार ने कहा, ‘बहुत सारे पूर्वाग्रह हैं. बचपन से ही हमें शुरू करना चाहिए और ‘शून्य पूर्वाग्रह’ का नारा होना चाहिए जैसे कि आतंकवाद के लिए हमारे पास शून्य सहनशीलता (Zero Tolerence) है. मैंने किसी को यह कहते नहीं सुना है, ‘किसी भी तरह के पूर्वाग्रह के लिए शून्य सहनशीलता’ हो.’

उन्होंने कहा कि जाति से संबंधित अत्याचार अक्सर आत्मा को पंगु बना देते हैं. शारीरिक नुकसान की घटनाएं महज लक्षण हैं जबकि ‘बीमारी’ जाति व्यवस्था है.

उन्होंने कहा कि जाति व्यवस्था एक बीमारी है और जब तक यह खत्म नहीं होता, अत्याचार रुक नहीं सकते. उन्होंने कहा कि जाति व्यवस्था को पूरी तरह खत्म करने पर ध्यान देना होगा.

बिहार में जदयू के नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राज्य में महागठबंधन सरकार का गठन एक स्वागतयोग्य कदम और ‘सकारात्मक संकेत’ है.

बिहार के सासाराम से पूर्व सांसद ने मीरा कुमार कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि अन्य राज्यों में भी इसका पालन किया जाएगा.’

कुछ तबकों के सुझावों पर कि कांग्रेस ने बिहार सरकार में दो मंत्री पदों के साथ एक कच्चा सौदा किया है, उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें इसके सकारात्मक पहलुओं की जांच करनी चाहिए. इसके बारे में सकारात्मक रहें.’

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस को 2024 के आम चुनावों में भाजपा को टक्कर देने के लिए विपक्षी गठबंधन का आधार होना चाहिए, उन्होंने ‘हां’ में जवाब दिया.

उन्होंने केंद्र पर ‘प्रतिशोध की राजनीति’ करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं से पूछताछ की.

उन्होंने कहा, ‘जब आप विपक्ष में होते हैं, तो आपके खिलाफ इतने सारे आरोप होते हैं. इतने सारे लोग जिन्होंने अपनी वफादारी कांग्रेस से सत्ताधारी पार्टी में स्थानांतरित कर दी है, अचानक उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है. हमने ऐसा होते देखा है.’

(समाचार एजेसी भाषा से इनपुट के साथ)

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