सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने ओडिशा में जातिगत अत्याचारों में आई कमी को अंतरजातीय विवाहों की संख्या में हुई वृद्धि से जोड़ते हुए कहा है कि ऐसे विवाहों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए और अधिक प्रयास करने की ज़रूरत है.
नई दिल्ली: सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने ओडिशा में जातिगत अत्याचार के मामलों में आई मामूली गिरावट को इसी अवधि में अंतरजातीय विवाहों में हुई वृद्धि से जोड़ा है.
द हिंदू के मुताबिक, इस संबंध में अठावले ने सोमवार को कहा, ‘समाज में समानता लाने के लिए अंतरजातीय विवाहों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने की जरूरत है.’
ओडिशा के भुवनेश्वर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि केंद्र और ओडिशा सरकार की अंतरजातीय विवाहों को प्रोत्साहन देने की योजनाएं हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर इसे बढ़ावा देने के लिए और भी अधिक प्रयास करने की जरूरत है.
मंत्रालय का डॉ. आंबेडकर फाउंडेशन पहले से ही विवाह करने वाले अंतरजातीय जोड़ों को 2.5 लाख रुपये प्रदान करता है और ओडिशा सरकार भी उनका समर्थन करने के लिए ऐसी ही एक योजना चलाती है.
मंत्रालय के एक बयान में अठावले के हवाले से कहा गया है, ‘2020-21 में ओडिशा में 1,847 अंतरजातीय विवाह पंजीकृत किए गए, जो 2021-22 में बढ़कर 2,428 हो गए. वहीं, इस दौरान 2020-21 में ओडिशा में अत्याचार के 2,828 मामले दर्ज हुए और 2021-22 में उससे कम 2,768 मामले दर्ज हुए.’
अठावले ने जोर देकर कहा, ‘अत्याचार के मामलों को रोकने के लिए केंद्र और राज्य को समन्वय बनाकर काम करने की जरूरत है.’
उन्होंने साथ ही सुझाव दिया कि प्रशासन अंतरजातीय विवाहों को प्रोत्साहित करने के लिए नौकरी योजना पेश कर सकता है.
संवाददाताओं से अठावले ने कहा, ‘मैं ओडिशा सरकार से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से संबंध रखने वाले लोगों पर होने वाले अत्याचार से निपटने के लिए कदम उठाने का आग्रह करता हूं.’
इस दौरान, उन्होंने सरकारी अधिकारियों के साथ हुई बैठक में राज्य में सामाजिक न्याय मंत्रालय की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)