नोटबंदी-जीएसटी से धीमी हुई अर्थव्यवस्था में तेज़ी लाने के लिए 9 लाख करोड़ का पैकेज

ढांचागत परियोजनाओं में 6.92 लाख करोड़ ख़र्च होंगे और 2.11 लाख करोड़ रुपये एनपीए के बोझ से दबे सरकारी बैंकों का आधार मजबूत करने के लिए होंगे.

/
PTI10_24_2017_000196B

ढांचागत परियोजनाओं में 6.92 लाख करोड़ ख़र्च होंगे और 2.11 लाख करोड़ रुपये एनपीए के बोझ से दबे सरकारी बैंकों का आधार मजबूत करने के लिए होंगे.

New Delhi : Union Minister for Finance and Corporate Affairs, Arun Jaitley addresses a Press Conference in National Media Centre in New Delhi on Tuesday.PTI Photo by Subhav Shukla (PTI10_24_2017_000196B)
नई दिल्ली में मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते वित्त मंत्री अरुण जेटली. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: नोटबंदी और जीएसटी से अर्थव्यवस्था की धीमी पड़ी चाल को तेज करने के लिए सरकार ने मंगलवार को नौ लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की. इस पैकेज में करीब सात लाख करोड़ रुपये ढांचागत क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं में खर्च के लिए हैं जबकि दो लाख करोड़ रुपये से कुछ अधिक राशि बैंकों में नई पूंजी डालने के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंत्रालय के सचिवों और मुख्य आर्थिक सलाहकार की उपस्थिति में तमाम आर्थिक संकेतकों को हवाला देते हुए सरकार के इस दावे को सही ठहराया कि आर्थिक वृद्धि में आया धीमापन अब समाप्त हो चला है और अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से बढ़ने लगी है.

आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए उन्होंने ढांचागत क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं में 6.92 लाख करोड़ रुपये खर्च करने और एनपीए के बोझ तले दबे सरकारी क्षेत्र के बैंकों का पूंजी आधार मजबूत बनाने के लिए उनमें दो साल में 2.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की है.

रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों की कोष तक और बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के साथ साथ मुद्रा ऋण योजना को उनकी जरूरत के अनुरूप और बेहतर करना शामिल है.

वित्त मंत्रालय के संवाददाता सम्मेलन में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एक प्रस्तुतीकरण दिया गया जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था के तेज गति पर पहुंचने के बारे में बताया गया. इसमें कहा गया कि भारतीय जनता पार्टी के 2014 में केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद पिछले तीन साल के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत सालाना वृद्धि दर्ज की गई है.

इसमें कहा गया कि पिछले तीन साल के दौरान भारत दुनिया की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था रहा है. जेटली ने कहा, और हमारी मंशा है कि भारत जो आज उच्च आर्थिक वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है, हम उस स्थिति को बरकरार रखें.

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 5.7 प्रतिशत रह गई थी. वर्ष 2014 के बाद से अब तक आर्थिक वृद्धि का सबसे कम आंकड़ा था. इस स्थिति के लिए नोटबंदी और जीएसटी प्रणाली को लागू करने को वजह माना जा रहा है. जीएसटी को इस साल एक जुलाई से लागू किया गया. माना जा रहा है कि लघु और मझोले उद्यमों पर इसका बुरा असर पड़ा है.

संवाददाता सम्मेलन में दिए गए वक्तव्य में कहा गया है, नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के दौरान अर्थव्यवस्था पर पिछली दो तिमाहियों के दौरान अस्थाई सुस्ती देखी गई. यह प्रभाव अब समाप्त हो चला है. यह अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी संकेतकों में दिखाई दे रहा है. औद्योगिक उत्पादन हो या फिर बुनियादी उद्योगों की चाल, आटोमोबाइल और उपभोक्ता खर्च सभी क्षेत्रों के संकेतक अर्थव्यवस्था में मजबूत वृद्धि की तरफ इशारा कर रहे हैं. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से अर्थव्यवसथा में अच्छी वृद्धि की उम्मीद है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq